फ़िलिस्तीनी राष्ट्र को ईरान की बधाई

Rate this item
(0 votes)
फ़िलिस्तीनी राष्ट्र को ईरान की बधाई

इस्लामी गणतंत्र ईरान के विदेशमंत्रालय ने एक बयान जारी करके ग़ाज़ा में हासिल होने वाले युद्ध विराम के समझौते को प्रतिरोध, शूरवीरता, बहादुरी, साहस और फ़िलिस्तीन के महान लोगों के अद्वितीय धैर्य का परिणाम बताया और फ़िलिस्तीन के धैर्यवान लोगों, फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध और क्षेत्र एवं विश्व में प्रतिरोध के समर्थकों और दोस्तों को मुबारकबाद दी।

इस्लामी गणतंत्र ईरान के विदेशमंत्रालय ने ग़ाज़ा में होने वाले सीज़फ़ायर की प्रतिक्रिया में एक बयान जारी किया। समझौते का टैक्स्ट इस प्रकार है। "بسم‌الله الرحمن الرحیم

فَاصْبِرْ إِنَّ وَعْدَ اللَّهِ حَقٌّ ۖ وَلَا یَسْتَخِفَّنَّکَ الَّذِینَ لَا یُوقِنُونَ

इस्लामी गणतंत्र ईरान के विदेशमंत्रालय ने ग़ाज़ा में होने वाले युद्धविराम को ग़ाज़ा में हासिल होने वाले युद्ध विराम के समझौते को प्रतिरोध, शूरवीरता, बहादुरी, साहस और फ़िलिस्तीन के महान लोगों के अद्वितीय धैर्य व सब्र का परिणाम बताया और फ़िलिस्तीन के धैर्यवान लोगों, फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध क्षेत्र एवं विश्व में प्रतिरोध के समर्थकों और दोस्तों को मुबारकबाद दी। इसी प्रकार विदेशमंत्रालय की ओर से जारी होने वाले बयान में इस समझौते को फ़िलिस्तीनी राष्ट्र को मिलने वाली एतिहासिक विजय का नाम दिया गया है।

अतिग्रहणकारी और नस्ली सफ़ाया करने वाली ज़ायोनी सरकार ने 15 महीनों तक खुल्लम- खुल्ला अंतरराष्ट्रीय क़ानूनों, मानवाधिकार के क़ानूनों और मानवता प्रेमी का क़ानूनों का हनन किया और मानवता के ख़िलाफ़ जघन्य अपराधों को अंजाम दिया और ज़ायोनी सरकार ने फ़िलिस्तीनी राष्ट्र को ख़त्म करने व मिटाने की दिशा में किसी भी कार्यवाही में संकोच से काम नहीं लिया और उसकी यह साम्राज्यवादी कार्यवाही आठ दशक पहले से बड़ी साम्राज्यवादी शक्तियों के समर्थन या उनके मौन के साथ आरंभ हुई है।

इसी प्रकार विदेशमंत्रालय की ओर से जारी बयान में आया है कि ज़ायोनी सरकार ने समस्त क़ानूनी रेड लाइनों को पार करके फ़िलिस्तीनी लोगों के ख़िलाफ़ अपराधों को अंजाम दिया। पागलों की तरह इंसानों विशेषकर महिलाओं और बच्चों की हत्या की, मकानों को तबाह किया, जीवन की आधारभूत सेवाओं को नष्ट किया, अस्पतालों, स्कूलों, बेघर लोगों के शिविरों, पत्रकारों, चिकित्सकों और नर्सों पर हमला किया और ये वे अपराध हैं जिन्हें ज़ायोनी सरकार ने हालिया 15 महीनों के दौरान अंजाम दिया है और उसके इन कृत्यों का लक्ष्य फ़िलिस्तीनी राष्ट्र को मिटाना और प्रतिरोध की उसकी भावना को तोड़ना व ख़त्म करना था।

इन 15 महीनों के दौरान जिस चीज़ ने ज़ायोनी सरकार को नस्ली सफ़ाया करने और अपराधों को अंजाम देने के लिए दुस्साहसी बनाया वह अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी और कुछ दूसरे पश्चिमी देशों का माली, राजनीतिक और व्यापक सैन्य समर्थन था और इन देशों ने राष्ट्रसंघ की ओर से युद्ध बंद कराने के लिए ज़ायोनी सरकार के ख़िलाफ़ कोई प्रभावी कार्यवाही नहीं होने दिया। इसी प्रकार इन देशों के नेताओं ने ज़ायोनी सरकार को दंडित करने के लिए The International Court of Justice and the International Criminal Court की ओर से जो प्रयास किये गये उसमें विघ्न उत्पन्न कर दिया और इस बात में कोई संदेह नहीं है कि ये देश ज़ायोनी सरकार के अपराधों में भागीदार हैं और उन्हें इसका जवाब देना चाहिये।

विदेशमंत्रालय की ओर से जारी बयान में आशा जताई गयी है कि विश्व समुदाय के सहयोग और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रभावी ज़िम्मेदार लोगों की भूमिका व योगदान से युद्धविराम के समझौते को पूरी तरह से लागू किये जाने और अतिग्रहणकारियों के ग़ाज़ा से निकलने, पूरी ग़ाज़ा के लोगों को तुरंत सहायता पहुंचाये जाने, ग़ाज़ा के तुरंत पुनर्निर्माण और ग़ाज़ा के धैर्यवान लोगों के दुःखों व पीड़ाओं के कम होने  के हम साक्षी होंगे।

विदेशमंत्रालय की ओर से जारी बयान में आया है कि ग़ाज़ा में नस्ली सफ़ाये के रुक जाने के साथ विश्व समुदाय को चाहिये कि वह पूरी सूक्ष्मता और ज़िम्मेदारी के साथ ज़ायोनी सरकार ने जो खुल्लम- खुल्ला अंतरराष्ट्रीय क़ानूनों, मानवताप्रेमी अधिकारों व क़ानूनों का उल्लंघन किया और पश्चिमी किनारे और मस्जिदुल अक़्सा के ख़िलाफ़ वह जो कार्यवाहियां करता रहता है उन पर ध्यान दे और अत्याचारी ज़ायोनी सरकार से मुक़ाबला करे और क्रूरतम और जघन्य अपराध करने के कारण ज़ायोनी सरकार के अपराधी व दोषी अधिकारियों व नेताओं की गिरफ्तारी और उन्हें दंडित करने की भूमि प्रशस्त करे।

इसी प्रकार इस्लामी गणतंत्र ईरान के विदेशमंत्रालय की ओर से जारी बयान में ज़ायोनी सरकार द्वारा प्रतिरोध के महानायकों व प्रतिष्ठित हस्तियों और शहीदों विशेषकर इस्माईल हनिया, यहिया सिन्वार, सैय्यद हसन नस्रुल्लाह, सैय्यद हाशिम सफ़ीयुद्दीन और हज़ारों फ़िलिस्तीनी, लेबनानी, इराक़ी, यमनी और ईरानी मुजाहिदों पर सलाम भेजा गया है और उनके वैध व सत्य के मार्ग को जारी रखने पर बल दिया गया है।

 

 

Read 5 times