हिज़बुल्लाह के प्रमुख शेख नईम क़ासिम ने कहा है कि लेबनान, इस्राइल के साथ हुए युद्ध के दौरान ईरान और इराक द्वारा दिये गये समर्थन को कभी नहीं भूलेगा। उन्होंने कहा इन देशों द्वारा दी गई सामग्री, सैन्य और राजनीतिक सहायता का आभार व्यक्त किया, जिसने लेबनान की प्रतिरोध और रक्षा प्रयासों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
ईरान की भूमिका
ईरान, जो हज़बुल्लाह का लंबे समय से साथी है, ने वित्तीय सहायता, उन्नत हथियारों और रणनीतिक मार्गदर्शन प्रदान किया।शेख नईम क़ासिम ने यह स्पष्ट किया कि अगर ईरान का समर्थन न होता, तो लेबनान के लिए इस्राइली आक्रमण का मुकाबला करना बहुत मुश्किल हो जाता।
इराक़ का योगदान
शेख नईम ने इराकी समूहों और नेताओं का भी उल्लेख किया, जिन्होंने अपनी आंतरिक चुनौतियों के बावजूद लेबनान को युद्ध के संकटपूर्ण क्षणों में अपना समर्थन दिया।
उन्होंने क्षेत्रीय चुनौतियों का सामना करने में एकजुटता और गठबंधनों की महत्वपूर्णता पर जोर दिया। नईम क़ासिम का बयान उस समय आया है जब मध्य पूर्व में तनाव बढ़ा हुआ है, और उनका यह संदेश हिज़बुल्लाह, ईरान और इराक के बीच गहरे रिश्तों को दर्शाता है।