सऊदी अरब: फिलिस्तीनी देश के गठन पर हमारा रुख़ नहीं बदलेगा

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सऊदी अरब: फिलिस्तीनी देश के गठन पर हमारा रुख़ नहीं बदलेगा

सऊदी अरब ने एक बार फिर यह साफ किया है कि फिलिस्तीन के एक आज़ाद और संप्रभु देश के गठन पर उसकी नीति में कोई बदलाव नहीं आया है। सऊदी अधिकारियों ने ज़ोर देकर कहा कि फिलिस्तीनियों के अधिकार और उनकी आज़ादी सुनिश्चित किए बिना किसी भी समझौते को स्वीकार नहीं किया जा सकता।

सऊदी अरब का रुख़ क्या है?

सऊदी अरब शुरू से इस बात पर क़ायम है कि फिलिस्तीन को एक मुकम्मल आज़ाद देश के रूप में मान्यता दी जाए, जिसकी राजधानी पूर्वी यरुशलम हो। रियाद ने कई बार अंतरराष्ट्रीय मंचों पर टू-स्टेट सॉल्यूशन (दो राष्ट्र सिद्धांत) का समर्थन किया है, जिसके तहत इसराइल और फिलिस्तीन को दो अलग-अलग आज़ाद देशों के रूप में स्थापित किया जाए।

 क्या सऊदी अरब इसराइल को मान्यता देगा?

हाल ही में इसराइल और सऊदी अरब के रिश्तों को सामान्य करने की बातचीत हो रही थी, लेकिन सऊदी नेतृत्व ने साफ कर दिया कि जब तक फिलिस्तीन को उसका हक़ नहीं मिलता और उसे न्याय नहीं दिया जाता, तब तक इसराइल को मान्यता देने का कोई सवाल ही नहीं उठता।

क्या सऊदी अरब पर दबाव है?

विश्लेषकों का मानना है कि अमेरिका और कुछ अन्य देश सऊदी अरब और इसराइल के बीच संबंध बेहतर बनाने के लिए दबाव बना रहे हैं, लेकिन रियाद अब तक अपने रुख़ पर क़ायम है।

फिलिस्तीन को कितना समर्थन मिलेगा?

सऊदी अरब ने हाल ही में ग़ज़ा और वेस्ट बैंक में इंसानी मदद भेजने का ऐलान किया है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की है कि फिलिस्तीनी जनता के अधिकारों की रक्षा के लिए आगे आएं।

 यह और बात है कि सऊदी अरब ने आजतक खुल कर फ़िलिस्तीन की मदद नहीं की है।

 

 

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