हमास की नेतृत्व परिषद के प्रमुख और सदस्यों ने इस्लामी इंक़ेलाब के नेता से शनिवार 8 फ़रवरी 2025 को सुबह तेहरान में मुलाक़ात की।
हमास की नेतृत्व परिषद के प्रमुख और सदस्यों ने इस्लामी इंक़ेलाब के नेता से शनिवार 8 फ़रवरी 2025 को सुबह तेहरान में मुलाक़ात की।
इस मुलाक़ात के आग़ाज़ में हमास की नेतृत्व परिषद के प्रमुख मोहम्मद इस्माईल दरवीश ने ग़ज़ा में रेज़िस्टेंस की बड़ी जीत की बधाई देते हुए इस्लामी इंक़ेलाब के नेता से कहा, "हम इस्लामी इंक़ेलाब की कामयाबी के दिनों में ग़ाज़ा में रेज़िस्टेंस को मिलने वाली कामयाबी को अच्छे शगून के तौर पर देखते हैं और हमें उम्मीद है कि यह घटना क़ुद्स और मस्जिदुल अक़्सा की आज़ादी की भूमिका बनेगी।
हमास के पोलित ब्यूरो के उपप्रमुख ख़लील अलहय्या ने भी इस मुलाक़ात के आग़ाज़ में ग़ज़ा में रेज़िस्टेंस की कामयाबी की बधाई देते हुए इस्लामी इंक़ेलाब के नेता से कहा, "आज हम ऐसी हालत में आप से मुलाक़ात के लिए आए हैं कि हम सब कामयाब हुए हैं और यह बड़ी कामयाबी हमारी और इस्लामी गणराज्य की संयुक्त कामयाबी है।"
आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने भी इस मुलाक़ात में ग़ज़ा के शहीदों, शहीद कमांडरों और ख़ास तौर पर शहीद इस्माईल हनीया के प्रति आदरभाव प्रकट करते हुए हमास के नेताओं से कहा, "अल्लाह ने आपको और ग़ज़ा के अवाम को इज़्ज़त और कामयाबी दी और ग़ज़ा इस आयत की मिसाल क़रार पाया जिसमें वह कहता, "ख़ुदा के हुक्म से कई छोटी जमाअतें बड़ी जमाअतों पर ग़ालिब आ जाती हैं..." इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने बल दिया कि आप ज़ायोनी शासन पर हावी हो गए बल्कि हक़ीक़त में आप अमरीका पर हावी हो गए और अल्लाह की कृपा से वे अपने किसी भी लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाए।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने पिछले डेढ़ साल से ग़ज़ा के अवाम की मुसीबतों की ओर इशारा करते हुए, कहा कि इन सभी तकलीफ़ों और मुसीबतों का नतीजा अंत में बातिल पर हक़ की जीत थी और ग़ज़ा के अवाम उन सभी लोगों के लिए जो दिल से रेज़िस्टेंस के साथ हैं, आदर्श हो गए।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने हमास के वार्ताकारों की सराहना करते हुए, समझौते से हासिल हुयी उपलब्धि को बहुत अहम बताया और कहा कि आज पूरे इस्लामी जगत और रेज़िस्टेंस का सपोर्ट करने वाले सभी लोगों का यह फ़रीज़ा है कि ग़ज़ा के अवाम की उनकी तकलीफ़ों और दुखों को कम करने के लिए मदद करें।
आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने सांस्कृतिक कामों और मौजूदा मार्ग को जारी रखने के लिए सैन्य मामलों के साथ साथ प्रचारिक कामों को जारी रखने और ग़ज़ा के पुनर्निर्माण पर ज़ोर दिया और कहा, "रेज़िस्टेंस फ़ोर्सेज़ और हमास ने प्रचारिक और मीडिया के क्षेत्र में अच्छा काम किया और इसी स्ट्रैटेजी को जारी रखना चाहिए।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने ईमान को दुश्मन के मुक़ाबले में रेज़िस्टेंस मोर्चे का मुख्य तत्व और असमान हथियार बताया और कहा कि इसी ईमान की वजह से इस्लामी गणराज्य और रेज़िस्टेंस मोर्चा दुश्मनों के मुक़ाबले में कमज़ोरी महसूस नहीं करता।
आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने इस्लामी गणराज्य और ईरानी अवाम को अमरीका की हालिया धमकियों की ओर इशारा करते हुए बल दिया कि इस तरह की धमकियों से हमारी क़ौम, हमारे अधिकारी, जवान नस्ल और मुल्क के लोग तनिक भी प्रभावित नहीं होते। उन्होंने कहा कि फ़िलिस्तीन की रक्षा और फ़िलिस्तीन के अवाम के प्रति सपोर्ट के मसले में भी ईरानी अवाम के मन में किसी तरह का कोई सवाल नहीं है और यह एक तयशुद मसला है।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने कहा कि फ़िलिस्तीन का मसला हमारे लिए मुख्य मसला और फ़िलिस्तीन की फ़तह हमारे लिए एक यक़ीनी हक़ीक़त है। उन्होंने इस बात पर बल देते हुए कि आख़िरकार निश्चित फ़तह फ़िलिस्तीनी अवाम की ही होगी, कहा कि वाक़यात और उतार चढ़ाव, संदेह का सबब न बनने पाएं बल्कि ईमान और उम्मीद की ताक़त के साथ आगे बढ़ना चाहिए और अल्लाह की मदद की ओर से आशावान रहना चाहिए।
उन्होंने आख़िर में हमास के नेताओं से कहा कि अल्लाह की कृपा से वह दिन ज़रूर आएगा जब आप फ़ख़्र के साथ इस्लामी जगत के लिए क़ुद्स के मसले को हल कर चुके होंगे और वह दिन निश्चित तौर पर आएगा।
इस मुलाक़ात में हमास की नेतृत्व परिषद के प्रमुख मोहम्मद इस्माईल दरवीश, हमास के पोलित ब्यूरो के उपप्रमुख ख़लील अलहय्या और वेस्ट बैंक में हमास के प्रमुख ज़ाहिर जब्बारीन ने रेज़िस्टेंस के शहीद नेताओं ख़ास तौर पर इस्माईल हनीया, शहीद हसन नसरुल्लाह, शहीद यहया सिनवार और शहीद सालेह अलआरूरी को श्रद्धांजलि पेश की और वेस्ट बैंक और इसी तरह हासिल होने वाली जीत और कामयाबियों और मौजूदा हालात के बारे में एक रिपोर्ट पेश की और इस्लामी गणराज्य ईरान और ईरानी अवाम की ओर से हमेशा से जारी सपोर्ट का शुक्रिया अदा किया।