हौज़ा ए इल्मिया की शोधकर्ता और शिक्षका ने कहा: 22 बहमन की रैली में पूरे राष्ट्र की व्यापक भागीदारी इस्लामी क्रांति के सभी महान शहीदों से नये सिरे से वचनबद्धता का प्रतीक है।
नरजिस शकरज़ादे ने ख़बरगुज़ारी हौज़ा के संवाददाता से बातचीत में कहा कि ईरानी जनता कल की रैली में एक बार फिर यह साबित करेगी कि वह अपने देश की उन्नति और इस्लामी क्रांति की सच्चाई की रक्षा के मार्ग पर पूरी ताकत के साथ डटी हुई है।
उन्होंने कहा, 22 बहमन की रैली में जनता विशेष रूप से युवाओं की व्यापक भागीदारी इस बात का संकेत है कि हम अपनी क्रांति के साथ खड़े हैं और अमेरिका तथा पश्चिमी ताकतों की धमकियों व प्रतिबंधों से प्रभावित नहीं होते।
उन्होंने आगे कहा कि हालांकि कुछ प्रशासनिक अव्यवस्थाओं के कारण आर्थिक हालात ने जनता पर दबाव बढ़ाया है फिर भी लोग यह समझते हैं कि अमेरिका से वार्ता और समझौता देश की समस्याओं का हल नहीं है। समस्याओं का समाधान सही योजनाओं, उचित प्रबंधन और देशी संसाधनों के उचित उपयोग में निहित है।
शकरज़ादे ने जोर देकर कहा कि 22 बहमन की रैली में भाग लेना इस्लामी क्रांति के सभी शहीदों से नये सिरे से वचनबद्धता का प्रतीक है।उन्होंने कहा 22 बहमन जनता के लिए अपने दुश्मनों के खिलाफ संघर्ष के मैदान में उतरने का सही अवसर है क्योंकि यह ऐतिहासिक रैली वस्तुत दुश्मनों के खिलाफ एक "सॉफ़्ट वॉर" का मोर्चा है।
इस दिन जनता क्रांति की सफलता का जश्न मनाते हुए विशेष रूप से इमाम ख़ुमैनी र.ह.और महान शहीदों के आदर्शों के प्रति अपनी निष्ठा दोहराती है और सर्वोच्च नेता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दुनिया के सामने प्रस्तुत करती है।