जूलानी शासन से जुड़े तत्वों द्वारा सीरिया में नागरिकों की सामूहिक हत्या के संबंध में अंतरराष्ट्रीय संस्थानों की चुप्पी ने एक बार फिर इन संस्थानों के दोहरे मानकों व मापदंडों को साबित कर दिया है।
जबकि जोलानी शासन से जुड़े तत्वों ने कल रात इस देश में नागरिकों की सामूहिक हत्याएं कीं और अंतरराष्ट्रीय संस्थानों, विशेष रूप से सुरक्षा परिषद ने इन घटनाओं पर कोई प्रतिक्रिया तक नहीं दी।
कल रात, सीरिया की सत्तारूढ़ सरकार के प्रमुख अबू मोहम्मद अल-जूलानी ने उत्तरी क्षेत्रों में अपनी सेना के खिलाफ आम नागरिकों के विरोध के जवाब में कहा: हम आंतरिक शांति को भंग नहीं होने देंगे।
उन्होंने दावा किया कि सीरिया में बश्शार अल-असद के शासन से जुड़ी ताकतें इस देश में अराजकता फैलाने की योजना बना रही हैं।
अल-जूलानी ने यह दावा तब किया है जब कुर्दिश सीरियन डेमोक्रेटिक फोर्सेज (एसडीएफ़) के कमांडर मजलूम अब्दी ने घोषणा की कि बश्शार अल-असद शासन से जुड़ी कोई भी सेना, सीरिया के उत्तरी और पूर्वी क्षेत्रों में मौजूद नहीं है।
अल-मयादीन चैनल ने यह भी बताया कि सीरियन ऑब्ज़र्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स ने घोषणा की कि सीरिया के तटीय इलाकों में पांच अलग-अलग नरसंहार हुए, जिसके दौरान महिलाओं और बच्चों सहित लगभग 1 हज़ार से अधिक लोग मारे गये हैं।
इस संबंध में सीरिया में इस्लामिक काउंसिल ऑफ एलविस ने एक बयान जारी कर इस देश में संघर्षों का दायरा बढ़ने और नागरिकों की हत्याओं की बाबत चेतावनी दी है।
इस परिषद ने सुरक्षा परिषद से इस देश के समुद्री तट पर सीरियाई जनता का समर्थन करने के लिए हस्तक्षेप करने की अपील की है।
यह ऐसी हालत में है कि सुरक्षा परिषद और अंतरराष्ट्रीय संगठन, सीरिया के घटनाक्रम और इस देश में नागरिकों की हत्या के संबंध में पूरी तरह से चुप्पी साधे हुए हैं।