अगर अमरीका और इज़राईल ने कोई दुष्टता की तो निश्चित तौर पर उन्हें मुंहतोड़ जवाब मिलेगा

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अगर अमरीका और इज़राईल ने कोई दुष्टता की तो निश्चित तौर पर उन्हें मुंहतोड़ जवाब मिलेगा

हज़रत आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने सोवमार की सुबह तेहरान के इमाम ख़ुमैनी र.ह. धार्मिक-सांस्कृतिक काम्पलेक्स में इस्लामी ईरान के मोमिन अवाम की भव्य मौजूदगी में ईदुल फ़ित्र की नमाज़ पढ़ाई।

हज़रत आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने सोवमार की सुबह तेहरान के इमाम ख़ुमैनी र.ह. धार्मिक-सांस्कृतिक काम्पलेक्स में इस्लामी ईरान के मोमिन अवाम की भव्य मौजूदगी में ईदुल फ़ित्र की नमाज़ पढ़ाई।

आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने नमाज़ पढ़ाने के बाद, नमाज़ के पहले ख़ुतबे में ईरानी क़ौम और इस्लामी जगत को ईदुल फ़ित्र की बधाई दी और इस साल के रमज़ान महीने को क़ौम के दिली और आध्यात्मिक विकास के साथ साथ राजनैतिक प्रयासों और ईमानी सरगर्मियों का महीना बताया।

उन्होंने रमज़ान मुबारक को अल्लाह की सबसे बड़ी नेमत, तौहीद का प्रतीक और अल्लाह की ओर से बंदों को तक़वा और उसकी निकटता हासिल करने के लिए दिया गया मौक़ा बताया। इसी तरह उन्होंने रमज़ान मुबारक को रूह और जान की पाकीज़गी और अध्यात्मिक जीवन में जान डालने वाला महीना बताया और कहा कि रोज़ा, क़ुरआन की तिलावत, शबे क़द्र, दुआएं, इबादत और अल्लाह के सामने गिड़गिड़ाना रमज़ान के मुबारक महीने में इंसान के आत्म निर्माण का मूल्यवान मौक़ा है।

इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने रमज़ान मुबारक के आख़िरी जुमे को विश्व क़ुद्स दिवस पर क़ौम की शानदार रैली की सराहना में कहा कि क़ौम के इस अज़ीम क़दम का दुनिया में उन लोगों के लिए जिन्हें ईरानी क़ौम को समझने और पहचानने की ज़रूरत है, मुख़्तलिफ़ संदेश उनके कानों तक पहुंचा।

इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने ईदुल फ़ित्र के दूसरे ख़ुतबे में, ग़ज़ा और लेबनान में ज़ायोनी शासन के हाथों जातीय सफ़ाए और बच्चों के नरसंहार को, रमज़ान मुबारक में इस्लामी जगत को दुख देने वाली घटना बताया और कहा कि ये अपराध फ़िलिस्तीन पर क़ाबिज़ विनाशकारी गैंग के हाथों अमरीका की मदद और सपोर्ट के साए तले अंजाम दिए गए।

उन्होंने ज़ायोनी शासन को क्षेत्र में साम्राज्यवादियों की प्रॉक्सी फ़ोर्स बताया और कहा कि पश्चिमी ताक़तें क्षेत्र की बहादुर और ग़ैरतमंद क़ौमों पर प्रॉक्सी होने का इल्ज़ाम लगाते है जबकि यह बात पूरी तरह ज़ाहिर है कि क्षेत्र में सिर्फ़ भ्रष्ट ज़ायोनी रेजीम ही एकमात्र प्रॉक्सी फ़ोर्स है जो जंग भड़का रही है, जातीय सफ़ाया कर रही है और दुसरे देशों के ख़िलाफ़ हमला कर रही है और उन मुल्कों की साज़िश को पूरा कर रही है जो विश्व युद्ध के बाद इस क्षेत्र पर टूट पड़े।

आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने साम्राज्यवादियों के आतंकवाद विरोधी दावों की ओर इशारा करते हुए, जो पैसे और मीडिया के सहारे दुनिया पर शासन कर रहे हैं, कहा कि वे लोग जो अपनी बातों में क़ौमों की अपने अधिकारों और अपनी सरज़मीन की रक्षा को आतंकवाद और अपराध कहते हैं, ज़ायोनियों के हाथों जातीय सफ़ाए और आतंकवादी करतूतों पर या तो आँखें बंद कर लेते हैं या फिर इस तरह के कृत्यों में मदद भी करते हैं।

इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने अबू जेहाद, फ़तही शक़ाक़ी, अहमद यासीन और एमाद मुग़्निया जैसी हस्तियों की मुख़्तलिफ़ मुल्कों में ज़ायोनी रेजीम के हाथों हत्या और इस रेजीम के हाथों अनेक इराक़ी वैज्ञानिकों की हत्या की ओर इशारा करते हुए कहा कि अमरीका और कुछ पश्चिमी मुल्क इस खुले आतंकी करतूत का सपोर्ट करते हैं और बाक़ी दुनिया सिर्फ़ तमाशा देख रही है।

उन्होंने 2 साल से कम मुद्दत में 20 हज़ार फ़िलिस्तीनी बच्चों की शहादत पर मानवाधिकार की रक्षा का दावा करने वालों के संवेदनहीन रवैए की निंदा करते हुए कहा कि योरोप और अमरीका सहित दुनिया की क़ौमों को जिस हद तक इन अपराधों की सूचना मिलती है, ज़ायोनियों और अमरीका के ख़िलाफ़ प्रदर्शन करती हैं।

आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने आगे कहा कि इस दुष्ट, विनाशकारी और अपराधी गिरोह को फ़िलिस्तीन से उखाड़ फेंकना चाहिए और अल्लाह की मर्ज़ी से ऐसा होकर रहेगा और इस संबंध में कोशिश सभी का धार्मिक, नैतिक और मानवीय फ़रीज़ा है।

उन्होंने क्षेत्र के बारे में इस्लामी रिपब्लिक ईरान के ठोस स्टैंड की ओर इशारा करते हुए कहा कि हमारा स्टैंड अतीत की तरह अडिग है और अमरीका तथा ज़ायोनी रेजीम की दुश्मनी भी विगत की तरह है।

इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने दूसरे ख़ुतबे के अंत में अमरीका के धमकी भरे हालिया स्टैंड के बारे में कहा कि पहली बात तो यह है कि अगर कोई दुष्टता बाहर से हुयी कि जिसकी संभावना ज़्यादा नहीं है, तो निश्चित तौर पर मुंहतोड़ जवाब मिलेगा और दूसरे यह कि अगर दुश्मन ने पिछले बरसों की तरह, देश के भीतर फ़ितना पैदा करने की कोशिश की तो क़ौम उन बरसों की तरह फ़ितना करने वालों को मुंहतोड़ जवाब देगी

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