जन्नतुल बक़ी में पैग़म्बर-ए-इस्लाम के परिवार के अलावा 10 हजार सहाबी भी दफ़न

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जन्नतुल बक़ी में पैग़म्बर-ए-इस्लाम के परिवार के अलावा 10 हजार सहाबी भी दफ़न

यौम ए इन्हेदाम जन्नतुल बक़ी की मुनासिबत से फातमिया एजुकेशनल कॉम्प्लेक्स मुज़फ़्फराबाद में एक बड़ी मजलिस-ए-अज़ा का आयोजन किया गया जिसमें मोमिनात ने बड़ी संख्या में हिस्सा लिया।

जन्नतुल बक़ी से जुड़ी एक बड़ी मजलिस-ए-अज़ा मुज़फ़्फ़राबाद में आयोजित की गई। यह मजलिस जन्नतुल बक़ी के ध्वस्त किए जाने की याद में रखी गई थी जिसमें बड़ी संख्या में महिलाओं ने हिस्सा लिया।

मजलिस को ख़्वाहर शहर बानो काज़मी ने संबोधित किया उन्होंने बताया कि जन्नतुल बक़ी वह जगह है जहाँ पैग़म्बर-ए-इस्लाम हज़रत मोहम्मद (स.) के परिवार के अलावा उनके लगभग 10,000 साथी सहाबा भी दफ़न हैं।

उन्होंने कहा कि जन्नतुल बक़ी की अहमियत बहुत ज़्यादा है। खुद पैग़म्बर-ए-इस्लाम (स.ल.व.व.) इस जगह का नाम रख कर वहाँ जाया करते थे रोते थे और दुआ करते थे।

उन्होंने बताया कि 8 शवाल इस्लामी इतिहास का सबसे दुखद दिन है जब सऊदी शासकों ने जन्नतुल बक़ी को 'शिर्क' और 'बिदअत' कहकर तोड़ डाला। यहाँ पैग़म्बर मोहम्मद (स.ल.व.) की बेटी हज़रत फातिमा (स.), उनके पोते इमाम हसन (अ.), इमाम ज़ैनुल आबिदीन (अ.), इमाम मोहम्मद बाकर (अ.), और इमाम जाफ़र सादिक़ (अ.) की क़ब्रें मौजूद थीं।

इसके अलावा पैग़म्बर (स.) की पत्नियाँ, बेटे इब्राहीम और फूफी आतिका भी यहाँ दफ़न हैं।यह बहुत ही पवित्र और सम्मानित जगह थी, लेकिन सऊदी शासकों ने इसका बिल्कुल भी सम्मान नहीं किया और इसे पूरी तरह से तबाह कर दिया।

 

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