यहूदी त्यौहार पासओवर की पूर्व संध्या पर, यरूशलम मामलों के एक विशेषज्ञ ने मस्जिदुल अक़्सा के बग़ल में स्थित डोम ऑफ द रॉक मस्जिद या मस्जिदे क़ुब्बतुस्सख़रा में ज़ायोनी चरमपंथियों की गतिविधियों के बारे में चेतावनी देते हुए कहा कि इस पवित्र स्थल पर यहूदीकरण का योजनाबद्ध हमला हो रहा है।
फ़ख़्री अबू दय्याब ने पसह के त्योहार और ज़ायोनी गतिविधियों के निकट आने पर मस्जिदुल अक़्सा के खिलाफ ज़ायोनी शासन की कार्रवाई में अभूतपूर्व वृद्धि के बारे में चेतावनी दी।
उन्होंने कहा: चरमपंथी गुटों ने मस्जिदुल अक़्सा के परिसर पर व्यापक हमलों का दायरा बढ़ा दिया है जिसमें खुलेआम तल्मूदिक समारोह आयोजित करना और डोम ऑफ द रॉक मस्जिद के पास बलि के लिए भेड़ को मस्जिद में लाने का प्रयास करना शामिल है जो एक भड़काऊ कदम है और मस्जिदुल अक़्सा को यहूदी रंग देने की दिशा में सबसे ख़तरनाक कदमों में शुमार होता है।
यरूशलम मुद्दों के इस विशेषज्ञ ने कहा: ये आंदोलन क़ब्ज़े वाली पुलिस के पूर्ण समर्थन और चरमपंथी कैबिनेट के राजनीतिक समर्थन से चलाए जा रहे हैं और वे यरूशलम और मस्जिदुल अक़्सा के लिए आने वाले कठिन दिनों की गवाही देते हैं, खासकर तब जब अरब और मुस्लिम दुनिया चुप्पी साधे हुए है, और यह निष्क्रिय प्रतिक्रिया इन ग्रुप्स को कार्रवाई करने के लिए प्रोत्साहित करती है।
अबू दय्याब ने जोर देकर कहा: मस्जिदुल अक़्सा योजनाबद्ध तरीक़े से यहूदीकरण के हमले की चपेट में है, और वहां निरंतर उपस्थिति इन आंदोलनों को पराजित करेगी।
उन्होंने ज़ायोनी कार्रवाइयों को रोकने के लिए तत्काल जन-आंदोलन का आह्वान किया तथा अरब और मुस्लिम दुनिया से आने वाले दिनों में मस्जिदुल अक़्सा के खिलाफ़ कब्ज़ा करने वालों की योजनाओं के कार्यान्वयन को रोकने के लिए व्यावहारिक और प्रभावी कदम उठाने की अपील की है।
इस वर्ष का पसह उत्सव 12 अप्रैल की शाम से शुरू हुआ तथा एक सप्ताह तक चलेगा। इस बीच, "टेंपल ग्रुप" के नाम से जाने जाने वाले चरमपंथी यहूदी समूहों ने मस्जिदुल अक़्सा के परिसर में प्रवेश करने और वहां बलि का कार्यक्रम करने के लिए बड़े पैमाने पर प्रयास शुरू कर दिये हैं।