सैयद बाकिर अलमूसवी के इंतकाल पूरे शिया समुदाय के लिए एक भारी क्षति

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सैयद बाकिर अलमूसवी के इंतकाल पूरे शिया समुदाय के लिए एक भारी क्षति

मरहूम व मग़फ़ूर विनम्र स्वभाव और अत्यंत सादगी के साथ अपना जीवन दीन-ए-मुबीन की सेवा मकतब-ए-अहलेबैत अ.स. के प्रचार-प्रसार, समाज के सुधार और किताबें लिखने में व्यतीत किया उनका अस्तित्व ज्ञान, सहनशीलता और निष्ठा का एक सुंदर संगम था।

आयतुल्लाहिल उज़्मा सैयद अली हुसैनी सिस्तानी के प्रतिनिधि हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन मौलाना सैयद अशरफ अली ग़रवी का शोक संदेश

बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम

इन्ना लिल्लाहि व इन्ना इलाही राजी'उन

बेहद दुख और गहरे मातम के साथ यह खबर मिली कि अमल करने वाले आलिम, हुज्जतुल इस्लाम वाल मुस्लिमीन जनाब सैयद बाकिर अलमूसवी इस दुनिया से परलोक की ओर चले गए।

 

मरहूम बेहद विनम्र स्वभाव, मधुर भाषी और अत्यंत सादगी भरी ज़िंदगी जीने वाले थे। उन्होंने अपना पूरा जीवन दीन-ए-मुबीन की सेवा, मकतब-ए-अहलेबैत (अ.स.) के प्रचार-प्रसार, समाज की सुधार और किताबें लिखने में बिताया।उनका अस्तित्व इल्म, तक़्वा, हिल्म (सहनशीलता) और इख़्लास (ईमानदारी) का एक सुंदर मिश्रण था।

मिम्बर-ए-हुसैनी पर उनकी गरजती आवाज़, मजलिस-ए-अज़ा में उनके प्रभावशाली भाषण और अहलेबैत (अ.स.) के इल्म को फैलाने वाली उनकी लेखनी हमेशा याद रखी जाएगी। उनके रहन-सहन से नजफ के उलेमा की खुशबू महसूस होती थी।

हुज्जतुल इस्लाम वाल मुस्लिमीन आलिमा आक़ा सैयद बाकिर अल-मूसवी (रहमतुल्लाह अलैह) की रिहलत न सिर्फ खानवादा-ए-इल्म बल्कि पूरी मिल्लत-ए-शिया के लिए एक बड़ा नुकसान है।

हम अल्लाह तआला से दुआ करते हैं कि वह मरहूम को मासूमीन अ.स. की सोहबत में बुलंद मकाम अता करे और उनके परिवार, शागिर्दों, मुरीदों व चाहने वालों को सब्र-ए-जमील व अज्र-ए-जज़ील अता फरमाए।

सैयद अशरफ अली अल ग़रवी

बाब-ए-नजफ, सज्जाद बाग कॉलोनी, लखनऊ

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