मिस्र और सऊदी अरब ने गाज़ा के निवासियों के जबरन विस्थापन का विरोध किया

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मिस्र और सऊदी अरब ने गाज़ा के निवासियों के जबरन विस्थापन का विरोध किया

मिस्र और सऊदी अरब की राजनीतिक सलाहकार समिति ने मंगलवार शाम एक बयान जारी कर फिलिस्तीनियों के किसी भी प्रकार के जबरन विस्थापन का विरोध और दो राज्य समाधान के समर्थन की घोषणा की हैं।

मिस्र और सऊदी अरब की राजनीतिक सलाहकार समिति ने मंगलवार शाम एक बयान जारी कर फिलिस्तीनियों के किसी भी प्रकार के जबरन विस्थापन का विरोध और दो-राज्य समाधान के समर्थन की घोषणा की है। 

बयान में कहा गया,मिस्र और सऊदी अरब दो-राज्य समाधान के महत्व पर जोर देते हैं और गाजा या वेस्ट बैंक, जिसमें पूर्वी यरुशलम भी शामिल है, से फिलिस्तीनियों को विस्थापित करने की सभी कोशिशों का सख्ती से विरोध करते हैं, चाहे वह अस्थायी हो या स्थायी, जबरन हो या स्वैच्छिक।

दोनों देशों ने अरब-इस्लामी योजना के समर्थन की पुनरावृत्ति की, जिसका उद्देश्य गाजा की तत्काल बहाली और पुनर्निर्माण है। इस संदर्भ में काहिरा में दोनों देशों के मंत्रियों की एक सम्मेलन भी आयोजित होगी। 

समिति ने बयान के एक अन्य भाग में स्पष्ट किया,दोनों पक्षों ने सीरिया की एकता, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की सुरक्षा, व्यापक राजनीतिक प्रक्रिया के महत्व, सभी प्रकार के आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई, सीरिया के मामलों में विदेशी हस्तक्षेप का विरोध और इजरायली हमलों की निंदा पर जोर दिया है।

बयान में आगे कहा गया,काहिरा और रियाद ने लीबिया की संप्रभुता, एकता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान, देश के मामलों में किसी भी विदेशी हस्तक्षेप का विरोध सभी विदेशी सैनिकों, भाड़े के सैनिकों और विदेशी लड़ाकों की वापसी, और राष्ट्रपति और संसदीय चुनावों के एक साथ आयोजन के महत्व पर भी जोर दिया हैं।

 

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