फ़िलिस्तीनी प्रशासन के प्रमुख के बयान की व्यापक आलोचना

Rate this item
(0 votes)
फ़िलिस्तीनी प्रशासन के प्रमुख के बयान की व्यापक आलोचना

फिलिस्तीनी नेताओं ने फ़िलिस्तीन की केंद्रीय परिषद की बैठक में फिलिस्तीनी प्रशासन के प्रमुख के बयानों को फ़िलिस्तीन के राष्ट्रीय हितों के विपरीत तथा आंतरिक विभाजन को बढ़ाने वाला क़रार दिया है।

बुधवार को फ़िलिस्तीन की केंद्रीय परिषद की बैठक में फिलिस्तीनी प्रशासन के प्रमुख महमूद अब्बास ने ग़ज़ा पट्टी पर ज़ायोनी शासन के निरंतर हमलों के लिए फिलिस्तीन के इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन (हमास) को ज़िम्मेदार ठहराया।

महमूद अब्बास ने हमास आंदोलन से ज़ायोनी कैदियों को सौंपने, ग़ज़ा पट्टी पर अपना नियंत्रण समाप्त करने, अपने हथियार फ़िलिस्तीनी प्रशासन को सौंपने और एक राजनीतिक पार्टी बनने का आह्वान किया।

फिलिस्तीनी प्रशासन के प्रमुख के बयान की वजह से फ़िलिस्तीन के आंतरिक हलकों में तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं, विशेष रूप से तब जब ग़ज़ा पट्टी पर इज़राइल द्वारा भारी बमबारी जारी हैं और युद्ध विराम के प्रयास की लगातार किए जा रहे हैं।

फ़िलिस्तीनी नेशनल असेंबली के सदस्य तैसिर अल-अली ने कुद्स टीवी से एक इन्टरव्यू में एलान किया कि केंद्रीय परिषद में महमूद अब्बास की टिप्पणी उन लोगों का अपमान है, जिन्होंने इन टिप्पणियों के बाद उनसे उम्मीद खो दी थी।

तैसरी अल-अली ने कहा: महमूद अब्बास के शब्द राष्ट्रीय एकता बनाने में बाधा बन गए हैं, क्योंकि कोई भी उन लोगों के साथ एकजुट नहीं हो सकता है जिन पर राष्ट्र विरोधी होने का आरोप लगाया जाता है और जिन्हें फिलिस्तीनी जनता के नुकसान के लिए जिम्मेदार माना जाता है, जबकि इन नुकसानों का कारण क़ब्ज़ा करने वाले लोग हैं।

विदेश में फिलिस्तीनी पीपुल्स कांग्रेस के प्रथम डिप्टी माजिद अल-ज़ैर का भी कहना है: वर्तमान परिस्थितियों में, फिलिस्तीनी राष्ट्र को क़ब्ज़े को खत्म करने की दिशा में एकता और आंदोलन की आवश्यकता है और मतभेद को बढ़ाने वाली कोई भी आवाज़ क़ब्ज़ाधारियों के हितों के अनुरूप है और पूरी तरह से अस्वीकार्य है।

अल-ज़ैर ने कहा: केन्द्रीय परिषद की बैठक, जो फ़िलिस्तीनी जनता का प्रतिनिधित्व करने वाली है, एकता का प्रतीक होनी चाहिए, न कि मतभेदों को बढ़ाने वाली होनी चाहिए, और यही वह बात है जिसकी पिछले डेढ़ साल से फिलिस्तीन के साथ एकजुटता में खड़े राष्ट्र अपेक्षा करते हैं।

14वीं पीपुल्स कांग्रेस के सचिव उमर अस्साफ़ ने भी कुद्स टीवी से एक इन्टरव्यू में घोषणा की कि केन्द्रीय और राष्ट्रीय परिषद तथा मुक्ति संगठन और सभी स्वतंत्रता प्रेमी संगठन के सभी प्रतिनिधिमंडल ग़ज़ा में ज़ायोनी शासन के नरसंहार युद्ध के डेढ़ साल के दौरान पूरी तरह से अनुपस्थित थे, और राष्ट्रीय परिषद के बयान प्रतिरोध पर हमले तक ही सीमित थे और यह बैठक फिलिस्तीनियों के हितों के लिए नहीं, बल्कि विदेशी दबाव के जवाब में आयोजित की जा रही है।

फिलिस्तीनी राष्ट्रीय पहल समिति के महासचिव मुस्तफ़ा बरगूसी ने भी इस बात पर ज़ोर दिया कि फिलिस्तीनी केंद्रीय परिषद की बैठक में जो कुछ हुआ वह अस्वीकार्य है और बैठक के दौरान सुनाई देने वाले अनुचित बयान किसी भी तरह से फिलिस्तीनी दलों और पार्टियों की एकता में योगदान नहीं देते हैं, बल्कि आंतरिक विभाजन को बढ़ावा देते हैं।

प्रतिरोध को हथियार सौंपने के अब्बास के बयानों के जवाब में, श्री बरग़ूसी ने कहा कि स्वाभाविक रूप से, यह केवल एक ही तरीके से हो सकता है, और वह है एक स्वतंत्र फ़िलिस्तीनी स्टेट का अस्तित्व, जबकि फ़िलिस्तीनी प्रशासन के प्रमुख के पास कोई शक्ति नहीं है और इज़राइल द्वारा इसे पूरी तरह से बांट दिया गया है।

पॉपुलर फ्रंट की केंद्रीय समिति के सदस्य ओसामा अल-हाज अहमद ने भी अल-कुद्स टीवी से बात करते हुए कहा: वर्तमान प्राथमिकता एक नई राष्ट्रीय परिषद का गठन करना और फिलिस्तीनी समूहों के महासचिवों की बैठक आयोजित करना, साथ ही एक राष्ट्रीय एकता सरकार का गठन करना है। 

Read 7 times