कोपागंज मऊ में मरहूम नोहा खावन महदी हसन पुत्र मरहूम इब्न फरयाद हुसैन, महल्ला फुलेल पुरा, ज़व्वार अली मरहूम इब्न अब्दुल मजीद करबलाई मरहूम और उनकी पत्नी रिजवाना खातून मरहूम बिंत गुलाम हुसैन महल्ला बाजिद पुरा के ईसाले सवाब के लिए दो दिवसीय मजलिसो का आयोजन किया गया।
कोपागंज मऊ में मरहूम नोहा खावन महदी हसन पुत्र मरहूम इब्न फरयाद हुसैन, महल्ला फुलेल पुरा, ज़व्वार अली मरहूम इब्न अब्दुल मजीद करबलाई मरहूम और उनकी पत्नी रिजवाना खातून मरहूम बिंत गुलाम हुसैन महल्ला बाजिद पुरा के ईसाले सवाब के लिए दो दिवसीय मजलिसो का आयोजन किया गया। जिसमें बड़ी संख्या में विद्वानों और आस्तिक लोगों ने भाग लिया।
मौलाना वसी हसन खान ने कहा कि मोमिन अहले-बैत (अ.स.) के पदचिन्हों पर चलता हैं। मजलिस की शुरुआत सोज़ ख़ानी के साथ हुई। मजलिस को मौलाना वसी हसन खान, साहिब किबला फैजाबाद ने संबोधित किया। मौलाना वसी हसन खान ने कुरान और हदीस की रोशनी में अहले-बैत (अ) की खूबियों का वर्णन करते हुए मोमिन लोगों को उनके पदचिन्हों पर चलने और अपना जीवन जीने की सलाह दी। अंत में उन्होंने आले मुहम्मद (अ) के मसाइब का वर्णन किया और मरहूमीन की रूहो की शांति के लिए फातेहा पढ़ी तथा देश और आस्तिक लोगों के स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए दुआ की। एक आस्तिक अहलुल बैत (एएस), मौलाना वसी हसन खान के नक्शेकदम पर चलता है।
इन मजलिसो में मौलाना जहूर अल-मुस्तफा, मौलाना शमशेर अली, मौलाना मुहम्मद तकी, मौलाना नाजिम अली, मौलाना हसन रजा, मौलाना अम्मार नकी, मौलाना अंसार अली, मौलाना हैदर अब्बास, मौलाना नफीसुल हसन, मौलाना मुजफ्फर अली, मौलाना शमसुल हसन, मौलाना अली रजा, मौलाना मुहम्मद जहीरुल हसन, मौलाना मुंतजर मेहदी, मौलाना कर्रार हुसैन, मास्टर जाफर अली समेत बड़ी संख्या में अकीदतमंद शामिल हुए।