ईरान के इमाम-ए जुमआ की पॉलिसी निर्माण परिषद के प्रमुख ने हौज़ा न्यूज़ के साथ बातचीत में इस्लामी क्रांति के रहबर, आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई के उस संदेश को अत्यंत व्यापक, गहन और रणनीतिक बताया, जो हौज़ा-ए इल्मिया क़ुम की स्थापना के 100 वर्ष पूरे होने पर जारी किया गया था।
ईरान के इमाम-ए जुमा की पॉलिसी निर्माण परिषद के प्रमुख ने हौज़ा न्यूज़ के साथ बातचीत में इस्लामी क्रांति के रहबर, आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई के उस संदेश को अत्यंत व्यापक, गहन और रणनीतिक बताया, जो हौज़ा-ए इल्मिया क़ुम की स्थापना के 100 वर्ष पूरे होने पर जारी किया गया था उन्होंने कहा कि यह संदेश एक सभ्यतागत घोषणापत्र है, जिसे सतही नज़रिए से नहीं, बल्कि गहन अध्ययन और विश्लेषण की आवश्यकता है।
हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन मोहम्मद जवाद हाज अली अकबरी ने ज़ोर देकर कहा कि इस संदेश में उल्लिखित बिंदुओं को विशेषज्ञ समितियों द्वारा विभिन्न वैचारिक, शैक्षणिक और कार्यान्वयन पहलुओं से विश्लेषित, व्याख्यायित और लागू किया जाना चाहिए।
उनके अनुसार, इस संदेश के आधार पर हौज़ा-ए इल्मिया की भविष्य की रणनीति तय की जा सकती है।यह संदेश केवल एक सामान्य भाषण नहीं, बल्कि इस्लामी सभ्यता के पुनर्निर्माण और उम्मत-साज़ी का एक प्रस्ताव है।
इमाम-ए जुमा को चाहिए कि वे इस संदेश के विभिन्न पहलुओं को जनता तक पहुँचाने में सक्रिय भूमिका निभाएँ, क्योंकि वे हौज़ा और आम जनता के बीच बौद्धिक एवं धार्मिक कड़ी हैं। जुमा के ख़ुतबे को इस संदेश से प्रेरित होकर सामाजिक मार्गदर्शन का माध्यम बनाना चाहिए।
इस संदेश से युवाओं की बौद्धिक,आध्यात्मिक और धार्मिक शिक्षा के लिए महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश प्राप्त होते हैं।सभी धार्मिक, क्रांतिकारी और सांस्कृतिक संस्थानों को चाहिए कि वे इस संदेश को केवल विश्लेषण या चर्चा तक सीमित न रखें, बल्कि इसे व्यवहार में लाने के लिए विद्वतापूर्ण और सक्रिय कदम उठाएँ।
हुज्जतुल इस्लाम हाज अली अकबरी ने हौज़ा न्यूज़ एजेंसी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मीडिया इस संदेश की व्याख्या और प्रसार में जो भूमिका निभा रहा है, वह हैज़ा-ए इल्मिया के वैश्विक और सभ्यतागत मिशन को पुनर्जीवित करने में महत्वपूर्ण योगदान देगा।