सोशल मीडिया "एक्स" के उपयोगकर्ताओं ने यमनी सशस्त्र बलों द्वारा हइफ़ा बंदरगाह पर समुद्री घेराबंदी की योजना को लागू करने की कार्रवाई की सराहना की है।
यमनी सशस्त्र बलों ने एक बयान में घोषणा की है कि उन्होंने हइफ़ा बंदरगाह पर समुद्री घेराबंदी की योजना को लागू करना शुरू कर दिया है। यमनी सशस्त्र बलों द्वारा जारी किए गए इस बयान में कहा गया हैः हइफ़ा बंदरगाह की घेराबंदी की योजना, इस्राईली शासन के बर्बर हमलों में तेज़ी और ग़ज़ा की जनता पर जारी घेराबंदी व भूख की नीति के जवाब में है।"
यमनी सशस्त्र बलों ने चेतावनी दी है कि बयान जारी होने के समय से हइफ़ा बंदरगाह को औपचारिक रूप से यमन के सैन्य लक्ष्यों की सूची में शामिल कर लिया गया है।
एक्स के उपयोगकर्ताओं ने यमन के इस क़दम को ग़ज़ा के लोगों के समर्थन में उठाया गया एक साहसिक क़दम बताया है।
इसी संदर्भ में पूरहुसैन नामक एक सक्रिय उपयोगकर्ता ने एक्स पर लिखा: यमन ने इस्राईली अर्थव्यवस्था को पहले इलात बंदरगाह और बेन गुरियन हवाई अड्डा को पंगु बनाकर तहस-नहस कर दिया और अब वह हाइफ़ा बंदरगाह की ओर बढ़ा है, ताकि इस्राईल और उसके साझेदारों को एक अच्छा सबक सिखाया जा सके। यमन ने साबित कर दिया है कि अन्य अरब शासकों के विपरीत, उसमें ग़ैरत है और वह इस्लाम की शान व इज़्ज़त का कारण है।
मुजतबा ने, जो एक्स के एक अन्य उपयोगकर्ता हैं, लिखा है
"यमनी लोगों ने इस्राईल के सभी हवाई अड्डों को अपने लक्ष्यों में शामिल कर लिया है ताकि घेराबंदी की पकड़ और मजबूत हो जाए, लेकिन आज यमनियों ने इस अपराधी गिरोह की घेराबंदी के अंतिम चरण की घोषणा कर दी। हइफ़ा पर हमले का अर्थ इस्राईली शासन के समुद्री मार्गों से होने वाले सभी लेन-देन को ठप कर देना।
एक अन्य उपयोगकर्ता "खुशनाम" का कहना है:
यदि यमन हइफ़ा, तेल अवीव और इलात बंदरगाह को व्यापक रूप से निशाना बनाता है, तो इंशा अल्लाह ग़ज़ा की घेराबंदी ख़त्म हो जाएगी।
एक्स के एक अन्य सक्रिय उपयोगकर्ता असदी का मानना है कि यमन इस्राईल पर ईश्वर का प्रकोप बरसा रहा है, ऐसा शासन जो अब यमन के बहादुर देश से दिन-रात गंभीर चोटें खा रहा है!
अबू हाशिम ज़ुबारा ने, जो कि एक यमनी उपयोगकर्ता हैं, लिखा है कि दुनिया सुन ले, यमन ग़ज़ा में अपने भाइयों की रक्षा और समर्थन के लिए पूरी दुनिया से टकराने के लिए तैयार है और वह किसी भी परिणाम की परवाह नहीं करता, चाहे वह कितना भी बड़ा क्यों न हो या कहीं तक भी क्यों न पहुँच जाए। हम ग़ज़ा को कभी नहीं छोड़ेंगे।
अलमुर्तज़ा अल-मरूनी ने जो एक अन्य यमनी उपयोगकर्ता हैं, एक्स पर लिखा कि हमने ईश्वर पर भरोसा करते हुए और उसके आदेशों का पालन करते हुए, जो हमें अत्याचार के विरुद्ध खड़े होने और पीड़ितों का साथ देने का निर्देश देता है, यह निर्णय लिया कि हम हइफ़ा बंदरगाह में अपराधी दुश्मन की घेराबंदी करें। हमारे रुख़ वही हैं जो यह मानते हैं कि वास्तविक शक्ति केवल ईश्वर से आती हैऔर जीत उन्हीं लोगों की होती है जो अपने वादों पर कायम रहते हैं और सच्चाई की राह पर चलते हैं।
अबू ताहा अल-मुखलफ़ी ने भी यमनी सेना के बयान की प्रशंसा करते हुए लिखा कि अगर अरब लीग की स्थापना से लेकर आज तक के सभी सम्मेलनों के बयानों को इकट्ठा कर लिया जाए और उनकी तुलना यमनी सशस्त्र बलों के इस एक बयान से की जाए, जो हइफ़ा की घेराबंदी से संबंधित है, तब यह स्पष्ट हो जाएगा कि यमन का यह ठोस और निर्णायक रुख़, अरब लीग के सभी बयानों पर भारी पड़ता है।