शरीके हयात के सपोर्ट के बिना कोई भी मर्द अहम कारनामे अंजाम नहीं दे सकता

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शरीके हयात के सपोर्ट के बिना कोई भी मर्द अहम कारनामे अंजाम नहीं दे सकता

जो लोग हकीकी मायने में अपने लिए नहीं बल्कि दीन,समाज और इंसानियत के लिए ज़िंदगी गुजारते हैं उनके लिए सब से बड़ा सपोर्ट उनकी शरीके हयात का होता है जिसका इंकार करना ना मुमकिन है।

जो लोग हकीकी मायने में अपने लिए नहीं बल्कि दीन,समाज और इंसानियत के लिए ज़िंदगी गुजारते हैं उनके लिए सब से बड़ा सपोर्ट उनकी शरीके हयात का होता है जिसका इंकार करना ना मुमकिन है।

आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्यद अली हुसैनी सिस्तानी दाम ज़िल्लुह की अहलिया मरहूमा के इंतेक़ाल पर हम सिस्तानी साहब की ख़िदमत में ताज़ियत पेश करते हैं।

ये वो अहम खातून थी जो अज़ीम मरजा व फक़ीह मीर्ज़ा मुहम्मद हसन शिराजी जैसे इंकलाबी की पोती थीं। आप 6 बेटियों और दो बेटों की मां थीं आप के दोनों बेटे मुजतहिद हैं जो नजफ अशरफ में दर्स ख़ारिज पढ़ाते हैं।

तालिब इल्मी के वक्त से ही सीस्तानी साहब का साथ देने वाली सीस्तानी साहब की शरीके हयात ने बदतरीन से बदतरीन दौर में भी सीस्तानी साहब का ऐसा ख्याल रखा की मरजईयत जैसे अज़ीम मंसब तक पहुंचने और इस अहेम ज़िम्मेदारी की अदायेगी मे उन्हें कोई दुश्वारी नहीं हुई सद्दाम जैसे मलऊन के ज़ुल्म के ज़माने में सीस्तानी साहब के साथ आपकी अहलिया ने भी तकलीफें उठाई और अपने शौहर के साथ पूरी तरह से खड़ी रहीं 8 बच्चों की परवरिश,शौहर का हर मोड़ पर साथ सादगी से ज़िंदगी गुज़ारने वाली बेशुमार खुसूसियात की मालिक सिस्तानी साहब की जिंदगी का अज़ीम हिस्सा थीं।

आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्यद अली हुसैनी सिस्तानी दाम ज़िल्लुह की अहलिया मरहूमा के इंतेक़ाल पर हम आयतुल्लाहिल-उज़्मा सय्यद अली हुसैनी सिस्तानी दाम ज़िल्लुह और उनके बेटों आयतुल्लाह सैयद मुहम्मद रज़ा सीस्तानी, आयतुल्लाह सैयद मुहम्मद बाक़िर सीस्तानी और बेटियों की ख़िदमत में ता'ज़ियत पेश करते  हैं।

हम दुआगो हैं कि,अल्लाह ताला! मरहूमा व मग़फूरा को हज़रत फ़ातिमा ज़हरा अलैहस्सलाम के जवार में बुलन्द दर्ज़ात अता फरमाए।

शौकत भारती

 

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