पैग़म्बर (स) ने एक हदीस में अपने परिवार के साथ बैठने के महत्व का ज़िक्र किया है।
निम्नलिखित रिवायत "मीज़ान उल हिक्मा" पुस्तक ली गई है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
قال رسول الله صلیاللهعلیهوآله:
جُلوسُ المَرءِ عِندَ عِیالِهِ أحَبُّ اِلَی اللهِ تَعالی مِنِ اعتِکافٍ فی مَسجِدی هذا.
पैग़म्बर (स) ने फ़रमाया:
"एक व्यक्ति का अपने परिवार के साथ बैठना अल्लाह को मेरी इस मस्जिद में एकांतवास से ज़्यादा प्रिय है।"
मीज़ान उल हिक्मा, भाग 4, पेज 287