मुबल्लीग़े दीन का व्यवहार उसकी तकरीर से अधिक प्रभावशाली होती है

Rate this item
(0 votes)
मुबल्लीग़े दीन का व्यवहार उसकी तकरीर से अधिक प्रभावशाली होती है

हौज़ा ए इल्मिया चहार महाल बख़्तियारी के प्रबंधक ने कहा, एक धर्म प्रचारक का व्यवहार उसके भाषण से अधिक प्रभाव रखता है। प्रचार तभी प्रभावी साबित होता है जब दीन प्रचारक बच्चों और युवाओं की भाषा में उनसे संवाद करने से परिचित हों और वर्तमान पीढ़ी की वास्तविक आवश्यकताओं को समझकर उनसे प्रभावी संपर्क स्थापित करें।

ईरान के प्रांत चहार महाल व बख़्तियारी में हौज़ा ए इल्मिया के प्रबंधक हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन इसहाक सईदी ने अपनी बातचीत के दौरान मदरसों और बच्चों, युवाओं के बीच प्रचार और शैक्षणिक गतिविधियों में लगे उलेमा और प्रचारकों तथा सांस्कृतिक जिम्मेदारों के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा,याद रखें कि एक मुबल्लीग़े दीन का व्यवहार उसके भाषण से अधिक प्रभावशाली होता है।

उन्होंने हाल के वर्षों में जटिल सॉफ्ट वॉर का उल्लेख करते हुए कहा, आज दुश्मन ने युवाओं को निशाना बना लिया है और उनके ईमान और उम्मीदों पर हमला कर रहा है। अगर युवा का ईमान और उम्मीद छीन लिया जाए तो बाकी सभी मंसूबे खुद युवाओं के हाथों पूरे करा लिए जाते हैं।

हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन सईदी ने कहा, आज असली युद्ध न तो मिसाइल का है और न ही ड्रोन का, बल्कि असली युद्ध दिमागों और मनोविज्ञान का युद्ध है। दुश्मन दिमागों पर कब्ज़ा कर रहा है और उनके साथ खेल रहा है, इसलिए हमें इस हमले का मुकाबला करना होगा।

उन्होंने कहा,हमें समाज के साझा मूल्यों पर काम करना चाहिए, जैसे माता-पिता का सम्मान, सच्चाई, दयालुता, दोस्तों की मदद, शिष्टाचार, शिक्षक का सम्मान जैसे मामले जो हमारी आने वाली पीढ़ी की मजबूत शिक्षा की नींव हैं।

Read 3 times