हज़रत फ़ातिमा ज़हरा (सला मुल्ला अलैहा) पैग़म्बर (सल्लल्लाहो अलैहे वा आलेहि व सल्लम) की प्यारी, जन्नत की शहज़ादी की शहादत के मौके पर अमरोहा शहर में बड़े पैमाने पर मजलिसो का आयोजन किया गया।
हज़रत फ़ातिमा ज़हरा (सला मुल्ला अलैहा) पैग़म्बर (सल्लल्लाहो अलैहे वा आलेहि व सल्लम) की प्यारी, जन्नत की शहज़ादी की शहादत के मौके पर अमरोहा शहर में बड़े पैमाने पर मजलिसो का आयोजन किया गया। इस मौके पर शहर का माहौल गमगीन था।
मौलाना सैयद शाहवर हुसैन नक़वी ने अज़ाखाना वज़ीर-ए-निसा मोहल्ला अल-मजनामीन, अज़ाखाना हक्कानी और अज़ाखाना मोहल्ला मजापुटा में मजलिसो को संबोधित किया।
उन्होंने सैयदा की सीरत के अलग-अलग पहलुओं पर विस्तार से रोशनी डाली और कहा कि अगर फातिमा ज़हरा (सला मुल्ला अलैहा) की सीरत को सही तरीके से माना जाए, तो हमारे घरों में कोई मतभेद नहीं हो सकता।
उन्होंने आगे कहा कि अय्याम ए फातिमा मनाने का मकसद इस पवित्र जीवन की खूबियों को दुनिया के सामने पेश करना है, ताकि लोग इस जीवन से फायदा उठा सकें और इसे प्रैक्टिकल जीवन में अपना सकें।
उन्होंने आगे कहा कि अगर हमारे घरों और समाज में फातिमी सिस्टम कायम हो जाए, तो हमारा समाज जन्नत जैसा बन सकता है।
मौलाना सैयद यूसुफ अहमद ने अज़ाखाना मोहल्ला जाफरी में पांच जलसों को संबोधित करते हुए राजकुमारी की खूबियों और गुणों पर रोशनी डाली।
इन पांच मजलिसो को सैयद अख्तर अब्बास अपो ने आयोजित किया













