हज़रत अली अ.स. की शिक्षाओं से परिचय का सर्वोत्तम माध्यम नहजुल-बलाग़ा हैं

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हज़रत अली अ.स. की शिक्षाओं से परिचय का सर्वोत्तम माध्यम नहजुल-बलाग़ा हैं

कुरआन-ए-मजीद के बाद सबसे महान पुस्तक नहजुल-बलाग़ा को माना जाता है, जिसे सय्यद रज़ी ने हज़रत अली अ.स.के अमूल्य उपदेशों को संकलित कर प्रस्तुत किया है। आज के दौर में व्यक्तिगत और सामाजिक समस्याओं का समाधान नहजुल बलाग़ा की शिक्षाओं में तलाश किया जा सकता है।

कुरआन-ए-मजीद के बाद सबसे महान पुस्तक नहजुल-बलाग़ा को माना जाता है, जिसे सय्यद रज़ी ने हज़रत अली (अ.स.) के अमूल्य उपदेशों को संकलित कर प्रस्तुत किया है। आज के दौर में व्यक्तिगत और सामाजिक समस्याओं का समाधान नहजुल-बलाग़ा की शिक्षाओं में तलाश किया जा सकता है।

किताबख़ाना ‘इल्म ओ दानिश’, लखनऊ की लगातार कोशिश है कि नहजुल-बलाग़ा घर-घर तक पहुँचे। इसी उद्देश्य से पिछले वर्ष लखनऊ में कॉन्फ़्रेंस का आयोजन किया गया था और इस वर्ष अकबरपुर तथा आसपास के मोमिनीन को इस बहुमूल्य आध्यात्मिक विरासत से परिचित कराने के लिए 11 जनवरी 2026 दिन रविवार को शहर के मीरानपुर स्थित ऐतिहासिक इमामबाड़े में एक भव्य नहजुल-बलाग़ा कॉन्फ़्रेंस आयोजित की जा रही है।

किताबख़ाना ‘इल्म ओ दानिश’ के निदेशक मौलाना सैयद हैदर अब्बास रिज़वी ने हमारे संवाददाता से बातचीत में बताया कि किताबख़ाना तथा मोमिनीन-ए-अकबरपुर अंबेडकरनगर इस कॉन्फ़्रेंस को दो सत्रों में आयोजन कर रहे हैं।

पहला सत्र सुबह 9 बजे से 12 बजे तक और दूसरा सत्र दोपहर 2 बजे से 5 बजे तक चलेगा। इन सत्रों में विभिन्न उलमा, क़ौमी विद्वान,कवियों तथा बच्चों द्वारा नहजुल-बलाग़ा के बारे में बताया जाएगा।

मौलाना ने सभी सत्य-प्रेमियों और मौला-ए-कायनात की शिक्षाओं से लाभान्वित होने की इच्छा रखने वालों से, धर्म और मज़हब से ऊपर उठकर، बड़ी तादाद में इस कॉन्फ़्रेंस में भाग लेने की अपील की है।

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