हज़रत फ़ातेमा स.ल. का जीवन हर पहलू कामयाब जिंदगी का राज़ है

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हज़रत फ़ातेमा स.ल. का जीवन हर पहलू कामयाब जिंदगी का राज़ है

हज़रत मुहम्मद मुस्तफ़ा सल्लल्लाहो अलैहे व आलेही वसल्लम की सुपुत्री हज़रत फ़ातेमा ज़हरा के शुभ जन्म दिवस के अवसर पूरे ईरान में कार्यक्रमों का सिलसिला जारी हैं।

20  जमादिउस्सानी सन 1447 हिजरी क़मरी को हज़रत फ़ातेमा ज़हरा सलामुल्ला अलैहा का शुभ जन्म दिवस है।वह पूरी दुनिया की महिलाओं के लिए आदर्श हैं।

ईरान में पैग़म्बरे इस्लाम (स.ल.) की सुपुत्री हज़रत फ़ातेमा ज़हरा के शुभ जन्म दिवस को महिला दिवस और मदर डे के रूप में मनाया जाता है। बुधवार की रात अर्थात कल रात से ही ईरान में हज़रत फ़ातेमा ज़हरा के शुभ जन्म दिवस से संबन्धित कार्यक्रम आरंभ हो चुके हैं।

बहुत से स्थानों पर मस्जिदों और इमामबाड़ों को सजाया गया है। बहुत से लोग अपने घरों पर उनके जन्म दिवस से संबन्धित कार्यक्रम कर रहे हैं। ईरान के सभी नगरों में हज़रत फ़ातेमा ज़हेरा का शुभ जन्म दिवस मनाया जा रहा है।

आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई हज़रत फ़ातेमा ज़हरा सलामुल्लाह अलैहा की महानता के बारे में कहते हैं कि उनका जीवन हर पहलू से एक मनुष्य के प्रयास, परिपूर्णता और आत्मिक उत्थान से भरा एक जीवन है।वह हमेशा मोर्चों पर और युद्ध के मैदानों में है लेकिन कठिनाइयों और समस्याओं के बावजूद हज़रत फ़ातेमा का घर और उनका जीवन आम लोगों और मुसलमानों की समस्याओं के समाधान के केंद्र की तरह है।

वह पैग़म्बरे इस्लाम की बेटी हैं और इन परिस्थितियों में भी जीवन को बड़े गौरवपूर्ण तरीक़े से आगे बढ़ाती हैं। इमाम हसन, इमाम हुसैन और हज़रत ज़ैनब जैसे बच्चों का प्रशिक्षण करती हैं, अली जैसे पति का ध्यान रखती हैं और पैग़म्बरे इस्लाम जैसे पिता को प्रसन्न रखती हैं।

युद्धों में इस्लाम की विजय का मार्ग खुल जाता है और बड़ी मात्रा में धन आने लगता है लेकिन पैग़म्बर की सुपुत्री सांसारिक आनंदों, ऐश्वर्य और दुनिया की चकाचौंध को तनिक भी अपने जीवन में आने नहीं देतीं। हज़रत फ़ातेमा सलामुल्लाह अलैहा की उपासना एक आदर्श उपासना है।

 

 

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