सीरिया पर हमला अपराध, अमरीका के राष्ट्रपति, फ़्रांस के राष्ट्रपति तथा ब्रिटेन की प्रधानमंत्री अपराधी हैं
इस्लामी क्रान्ति के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़्मा ख़ामेनई ने कहा कि सीरिया पर होने वाला हमला एक अपरध है और मैं साफ़ तौर पर कहता हूं कि अमरीका के राष्ट्रपति, फ़्रांस के राष्ट्रपति तथा ब्रिटेन की प्रधानमंत्री अपराधी हैं।
पैग़म्बरे इस्लाम की पैग़म्बरी की घोषणा की वर्षगांठ के उपलक्ष्य में देश के वरिष्ठ अधिकारियों, तेहरान में तैनात इस्लामी देशों के राजदूतों तथा जनता के विभिन्न वर्गों से मुलाक़ात में इस्लामी क्रान्ति के वरिष्ठ नेता ने कहा कि इस हमले से कुछ भी होने वाला नहीं है और इन हमलों का कोई फ़ायदा नहीं है, इन देशों ने बीते वर्षों में इराक़, सीरिया और अफ़ग़ानिस्तान में प्रवेश करके इसी प्रकार के अपराध किए लेकिन उन्हें कोई फ़ायदा नहीं मिल पाया।
इस्लामी क्रान्ति के वरिष्ठ नेता ने आगे कहा कि कुछ ही दिन पहले अमरीका के राष्ट्रपति ने कहा कि हमने पश्चिमी एशिया के इलाक़े में और अमरीकी राष्ट्रपति के शब्दों में मध्यपूर्व के इलाक़े में 7 ट्रिलियन डालर ख़र्च कर दिए जबकि हमें कुछ हासिल नहीं हुआ, वह सही कह रहे हैं उनहें कुछ भी हाथ नहीं आया है। अमरीका को याद रखना चाहिए कि वह कितना ही पैसा ख़र्च कर ले और कितनी ही कोशिश कर ले इस इलाक़े में उसे कुछ भी हासिल होने वाला नहीं है।
इस्लामी क्रान्ति के वरिष्ठ नेता ने शनिवार को इस मुलाक़ात में कहा कि जो लोग कल तक खुलकर या गुप्त रूप से दाइश का समर्थन करते थे आज दावा कर रहे हैं कि वह दाइश के ख़िलाफ़ लड़ाई में शामिल थे और उन्होंने दाइश को पराजित किया है, यह भी सरासर झूठ है, एसा कुछ नहीं हुआ, इसमें उनकी कोई भूमिका नहीं रही।
आयतुल्लाहिल उज़्मा ख़ामेनई ने कहा कि कुछ घंटे पहले अमरीका के राष्ट्रपति ने कहा कि हम सीरिया में दाइश को पराजित करने में कामयाब हुए, यह सरासर झूठ है।
इस्लामी क्रान्ति के वरिष्ठ नेता ने कहा कि उन्होंने जहां ज़रूरी समझा दाइश की मदद की, जब दाइशी आतंकी घेरे में आए तो उन्होंने हस्तक्षेप करके उन्हें बचाया और इससे पहले दाइश के गठन में उनकी भूमिका रही। इस्लामी क्रान्ति के वरिष्ठ नेता ने कहा कि अमरीकियों ने सऊदी अरब तथा उसके जैसे कुछ अन्य देशों के पैसों से इस दुष्ट संगठन को बनाया और सीरिया व इराक़ की जनता को इस मुसीबत में डाल दिया लेकिन अमरीका तथा उसके एजेंटों के मुक़ाबले में किया जाने वाला प्रतिरोध इन दोनों देशों को मुक्ति दिलाने में सफल रहा और भविष्य में भी यह सिलसिला जारी रहेगा।