भारत में ईरान की इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर हज़रत आयतुल्लाह ख़ामेनेई के प्रतिनिधि आयतुल्लाह महदी महदवी पूर ने कहा कि 40 मिलियन भारतीय शिया मशहद की यात्रा के लिए लालायित हैं, और उनके लिए इमाम रज़ा अ.स. के रौज़े की तरफ से प्लानिंग करना बेहद आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि भारतीय मुसलमानों के ज्ञान और जानकारी में इज़ाफ़े की आवश्यकता है जिस से इंकार नहीं किया जा सकता उन्होंने सुझाव दिया कि हर साल हिंदुस्तान के अलग अलग शहरों में इमाम रज़ा (अ.स.) के हवाले से कॉंफ्रेंस और बैठकें आयोजित की जानी चाहिए।
भारत में, मासूम इमामों (अस) के लिए इश्क़ और अक़ीदत का जूनून है। भारतीय उपमहाद्वीप के मुसलमान अल्लाह उसके दीन और आखिरी नबी की तालीम और सिद्धांतों से लाभ उठाने के लिए तैयार हैं।
उन्होंने कहा कि हिन्दुस्तान में शिया समाज की 20 हज़ार से ज़्यादा मस्जिदें हैं जहाँ 860 से ज़्यादा इमामे जुमा दीन की तब्लीग़ में मसरूफ हैं वहीँ 45000 से अधिक इमाम बारगाहें हैं जो इस देश की जनता की इमाम हुसैन से अक़ीदत को बताने के लिये काफी है।