ज़ायोनी शासन द्वारा फ़िलिस्तीनियों के नरसंहार को रोकने के लिए सैन्य और कूटनीतिक प्रयासों पर एक नज़र

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ज़ायोनी शासन द्वारा फ़िलिस्तीनियों के नरसंहार को रोकने के लिए सैन्य और कूटनीतिक प्रयासों पर एक नज़र

हमास के राजनीतिक कार्यालय के प्रमुख इस्माईल हनिया ने कहा है कि वार्ता बंद होने के बारे में जो कुछ कहा जा रहा है, वह ग़लत है और हमास प्रतिरोध द्वारा निर्धारित की गई शर्तों के साथ युद्ध रोकने के लिए प्रयास करता रहेगा।

लेबनान

इस्राईली मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक़, हिज़्बुल्लाह द्वारा फ़ायर किए गए दसियों रॉकेटों के कारण, सेटलर्स के लिए पिछली रात जहन्नुम की रात की तरह गुज़री है। मीडिया ने तीन चरणों में किए गए हिज़्बुल्लाह के हमलों में आने वाली तेज़ी पर आश्चर्य जताया है। पार्सटुडे की रिपोर्ट के मुताबिक़, मंगलवार की रात हिज़्बुल्लाह ने कम से कम 80 रॉकेट फ़ायर किए और नहारिया और मैरून जैसे इलाक़ों को निशाना बनाया।

बुधवार को हिज़्बुल्लाह प्रमुख सैयद हसन नसरुल्लाह ने इमाम हुसैन की शहादत की याद में आयोजित एक मजलिस को संबोधित करते हुए युद्ध का दायरा फैलाने के लेकर ज़ायोनियों को चेतावनी देते हुए कहा थाः ज़ायोनी दुश्मन से हम कहते हैं कि अगर तुम्हारे टैंक लेबनान और दक्षिणी इलाक़े में घुसे तो तुम्हारा फिर कोई टैंक बाक़ी नहीं बचेगा।

हिज़्बुल्लाह महासचिव ने कहाः जब तक ज़ायोनी शासन आम नागरिकों को निशाना बनाता रहेगा, प्रतिरोध ज़ायोनियों को निशाना बनाकर रॉकेट फ़ायर करता रहेगा।

अल-जज़ीरा की रिपोर्ट के मुताबिक़, लेबनान के विदेश मंत्री अब्दुललाह बू हबीब ने एक बार फिर युद्ध का विरोध करते हुए क्षेत्र को बड़े धमाके की ओर ले जाने के लिए चेतावनी दी और पूर्ण रूप से युद्ध विराम पर बल दिया।

यमन

यमनी मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक़, अमरीका और ब्रिटिश लड़ाकू विमानों ने अल-हुसैदा एयरपोर्ट पर बमबारी की है।

रेड सी में जहाज़रानी की सुरक्षा के बहाने अमरीका और ब्रिटेन अब तक कई बार यमनी सेना और अंसारुल्लाह के ठिकानों को निशाना बना चुके हैं।

फ़िलिस्तीन

फ़िलिस्तीनी मीडिया ने गुरुवार को रिपोर्ट दी कि ग़ज़ा के केंद्र में अल-ज़वैदा और अल-नुसैरत शिविर पर ज़ायोनी सेना ने भीषण हमले किए हैं, जिसमें कम से कम 7 फ़िलिस्तीनी शहीद हो गए और कई अन्य घायल हो गए।

फ़िलिस्तीनी समाचार एजेंसी समा की रिपोर्ट के मुताबिक़, ग़ज़ा पट्टी में 72 दिन पहले ज़ायोनी सेना द्वारा रफ़ाह क्रॉसिंग पर क़ब्ज़ा कर लेने के बाद से युद्ध में घायल होने वाले 292 फ़िलिस्तीनी शहीद हो चुके हैं, क्योंकि उन्हें इलाज के लिए विदेश जाने से रोक दिया गया था।

दूसरी ओर, अमरीकी सेना का दावा है कि 230 मिलियन डॉलर के बजट से ग़ज़ा के तट पर बनने वाली जेट्टी के निर्माण को रोक दिया गया है।

रॉयटर्स के मुताबिक, यूएस सेंट्रल कमांड (CENTCOM) के डिप्टी डायरेक्टर ब्रैड कूपर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहाः डॉक का मिशन पूरा हो गया है, इसलिए अब डॉक का इस्तेमाल करने की कोई ज़रूरत नहीं है।

इस बीच, फ़िलिस्तीनी इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन (हमास) ने बुधवार रात एक बयान में एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय समुदाय से ज़ायोनी शासन के अपराधों के ख़िलाफ़ अपनी चुप्पी तोड़ने और अत्याचारी ज़ायोनी शासन को रोकने का आहवान किया है।

7 अक्टूबर, 2023 के बाद से ज़ायोनी सेना ग़ज़ा पट्टी में अब तक 38 हज़ार 794 लोगों का नरसंहार कर चुकी है, जिसमें अधिकांश संख्या बच्चों और महिलाओं की है।

ज़ायोनी शासन

तस्नीम न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक़, इस्राईली अख़बार मारियो ने एक सर्वेक्षण कराया है, जिसके परिणामों के मुताबिक़, ज़ायोनी प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतनयाहू का विरोध अपने चरम पर है।

दूसरी ओर, ज़ायोनी जासूसी एजेंसी मोसाद के प्रमुख डेविड बार्निया ने बुधवार रात कहाः नेतनयाहू की नई शर्तों पर ज़ोर देने से हमास के साथ बातचीत का समझौता विफल हो जाएगा। बार्निया ने जल्द से जल्द प्रतिरोध आंदोलन के साथ क़ैदियों की आदान-प्रदान की मांग की।

इराक़

इराक़ के इस्लामी प्रतिरोध ने फ़िलिस्तीन के क़ब्ज़े वाले क्षेत्र के दक्षिण में स्थित बंदरगाह पर हमले के बारे में एक बयान में कहा है कि यह ड्रोन हमला, फ़िलिस्तीनी राष्ट्र की मदद के लिए और ज़ायोनी अपराधों के जवाब में किया गया है।

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