इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने कहा है कि शत्रु द्वारा ईरान पर प्रतिबंध लगाने का वास्तविक लक्ष्य उसे उसके वास्तविक स्थान तक पहुंचने से रोकना है।
आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने शनिवार की शाम को पूरे ईरान के हज़ारों शिक्षकों और विश्व विद्यालयों के प्रोफ़ेसरों से मुलाक़ात में एक प्रयत्नशील पीढ़ी की शिक्षा व प्रशिक्षण में शिक्षकों की भूमिका को अनुदाहरणीय बताया और शैक्षणिक वातावरण को अनुचित बातों से दूर रखे जाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि देश की वैज्ञानिक प्रगति की रफ़्तार में किसी भी स्थिति में कमी नहीं आनी चाहिए। उन्होंने ईरान द्वारा विश्व स्तर पर विज्ञान में सोलहवां स्थान प्राप्त किए जाने को पिछले दस पंद्रह वर्षों में ईरान के विश्व विद्यालयों और वैज्ञानिक केंद्रों के निरंतर प्रयासों का परिणाम बताया और कहा कि देश के अधिकारियों को दोगुना प्रयास करके वैज्ञानिक प्रगति की रफ़्तार को धीमा नहीं होने देना चाहिए।
इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने शत्रुओं के षड्यंत्रों के मुक़ाबले में देश के शिक्षकों और वैज्ञानिक तंत्र की भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि प्रतिबंधों के पीछे शत्रुओं का वास्तविक लक्ष्य परमाणु मामला या आतंकवाद व मानवाधिकार जैसे विषय नहीं हैं क्योंकि वे स्वयं आतंकवाद के पालन पोषण या मानवाधिकार के विरोध के केंद्र हैं बल्कि उनका वास्तविक लक्ष्य ईरानी राष्ट्र को उसके सही सभ्य स्थान तक पहुंचने देने से रोकना है और आवश्यक है कि हम अपने सही स्थान को पहचान कर देश की गौरवपूर्ण रफ़्तार को जारी रखें और इस मामले में शिक्षकों और वैज्ञानिक केंद्रों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है।