इस्राईल के ख़ुफ़िया विभाग का एक पूर्व अफ़सर और ईरानी मामलों का विश्लेषक व विशेषज्ञ ने स्वीकार किया है कि ईरान का यहूदी समाज अपने सांस्कृतिक और राष्ट्रीय पहचान पर गर्व करता है।
यद्यपि पश्चिमी संचार माध्यमों ने विस्तृत व बड़े पैमाने पर इस्लामी गणतंत्र ईरान पर प्रचारिक हमला कर रखा है और वे इस प्रकार की ख़बरें प्रकाशित करते हैं कि ईरानी यहूदियों के साथ बुरा व्यवहार किया जाता है परंतु वास्तविकता कुछ और है और ईरानी यहूदी दूसरे ईरानियों के साथ घुलकर शांतिपूर्ण ढंग से ज़िन्दगी गुज़ार रहे हैं और वे अपनी धरोहरों पर गर्व करते हैं।
यहूदियों के संचार माध्यम JNS ने यहूदियों और इस्लामी गणतंत्र ईरान के साथ उनके संबंधों के बारे में लिखा है कि पश्चिमी संचार माध्यम ईरान में रहने वाले यहूदी समाज के बारे में नकारात्मक ख़बरें प्रकाशित करते- रहते हैं परंतु ईरान में रहने वाले यहूदी समाज में किसी प्रकार का कोई तनाव नहीं है।
पार्सटुडे ने ऑनलाइन न्यूज़ एजेन्सी के हवाले से बताया है कि एक यहूदी विश्लेषक और इस्राईली खुफ़िया सेवा का एक पूर्व अफ़सर डेविड नीसान कहता है कि इस विषय को समझना बहुत महत्वपूर्ण है कि ईरानी यहूदियों की पहचान ईरान से जुड़ी हुई है।
ज्ञात रहे कि डेविड नीसान नामक यहूदी का जन्म तेहरान में हुआ है और वह तेहरान ही में पला-बढ़ा है और उसने गत 16 महीनों के दौरान ईरान में रहने वाले यहूदी समाज के हालात पर नज़र डाली है।
वह ईरान में रहने वाले यहूदी समाज के बारे में लिखता है कि वर्ष 1979 में ईरान में इस्लामी क्रांति की सफ़लता से लेकर अब तक काफ़ी यहूदी ईरान से जा चुके हैं परंतु उसके बावजूद ईरान में रहने वाला यहूदी समाज पूरी तरह यहूदी शैली को सुरक्षित किये हुए है और सरकार की ओर से उनके ख़िलाफ़ किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की जाती है।
ईरान में यहूदियों के 30 उपासना स्थल और स्कूल व शिक्षाकेन्द्र हैं और उन्हें किसी प्रकार से कष्ट का सामना नहीं है और उन्हें किसी प्रकार के हस्तक्षेप के बिना अपनी शैली में ज़िन्दगी करने का पूरा अधिकार है। ईरानी संविधान में उनके मौलिक व बुनियादी अधिकार सुरक्षित हैं और ईरानी संसद में उनका प्रतिनिधि भी है।
लंबा व पुराना इतिहासः ईरान का यहूदी समाज दुनिया का एक प्राचीनतम समाज है और उसके इतिहास का संबंध 2500 साल से अधिक है। ईरान में रहने वाले यहूदी विभिन्न ईरानी सरकारों में ईरानी समाज के महत्वपूर्ण भाग व हिस्सा रहे हैं और उनमें से बहुत से यहूदियों का सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टि से विशेष स्थान था।
2- धार्मिक आज़ादीः लगभग समस्त कालों और सरकारों में ईरान के यहूदियों को धार्मिक अल्पसंख्यक के रूप में पहचाना जाता था परंतु उनकी धार्मिक आज़ादी पूरी तरह सुरक्षित थी।
3- सांस्कृतिक और आर्थिक विकासः ईरानी यहूदी दूसरी संस्कृतियों और समाजों के साथ लेनदेन के कारण आर्थिक, सांस्कृतिक और शैक्षिक क्षेत्रों सहित विभिन्न भागों व क्षेत्रों में सक्रिय रहे हैं और आज भी वे ईरानी समाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
4- धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान की सुरक्षाः ईरानी यहूदी अब भी अपने धार्मिक मूल्यों व परम्पराओं के प्रति कटिबद्ध हैं और ईरान के बहुत से शहरों और गांवों में यहूदी समाज मौजूद है और यहूदियों ने अपनी परम्पराओं को सुरक्षित कर रखा है।
5- सामाजिक और राजनीतिक स्थितिः बहुत से यहूदी ईरान की सामाजिक और राजनीतिक स्थिति के उचित व अच्छी होने की वजह से ईरान से पलायन के इच्छुक नहीं हैं।
सारांश यह कि ईरानी यहूदी समाज किसी प्रकार की चुनौती के बिना देश में शांतिपूर्ण ढंग से रह रहा है और उसे ईरानी इतिहास और संस्कृति का एक भाग समझा जाता है