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ईरान की राजधानी तेहरान में आज सुबह 19 सितंबर 2024 को 38वीं अंतर्राष्ट्रीय वहदत इस्लामी कॉन्फ्रेंस का आग़ाज़ हो गया है।

एक रिपोर्ट के अनुसार, ईरान की राजधानी तेहरान में फिलिस्तीन के मुद्दे पर केंद्रित 38वीं अंतर्राष्ट्रीय वहदत ए इस्लामी सम्मेलन का आज सुबह, 19 सितंबर 2024 को उद्घाटन हुआ है।

रिपोर्ट के मुताबिक, इस अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में 2500 देशी और विदेशी मेहमान, विद्वान, उलमा-ए-कराम और महत्वपूर्ण शख्सियतें भाग ले रही हैं।

इस सम्मेलन में शामिल मेहमान रहबर-ए-इंकलाब इस्लामी हज़रत आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनई से भी मुलाकात करेंगे।

यह उल्लेखनीय है कि इस अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में एकता और वहदत, सभ्यता और संस्कृति, वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों, मुसलमानों को दरपेश समस्याओं और इस्लामी जगत के खिलाफ होने वाली साज़िशों, खासतौर पर फिलिस्तीन के मुद्दे पर व्यापक चर्चा की जाएगी।

यह भी स्पष्ट किया गया है कि 38वीं अंतर्राष्ट्रीय वहदत इस्लामी सम्मेलन 19 से 21 सितंबर 2024 तक तेहरान में आयोजित की जाएगी।

 

इस्राईल के पूर्व सैन्याधिकारी ने नेतन्याहू की युद्धोन्मादी नीतियों का विरोध करते हुए कहा कि इस्राईल किसी भी युद्ध की अवस्था में हिज़्बुल्लाह पर विजय नहीं पा सकता।

हारेत्ज़ अखबार ने पूर्व ज़ायोनी सैन्य जनरल इसहाक बर्क के हवाले से एक लेख प्रकाशित किया है जिसका शीर्षक है "इस्राईली सेना जो हमास को नष्ट करने में विफल रही हिज़्बुल्लाह को नहीं हरा सकती"।

ज़ायोनी सेना के इस पूर्व अधिकारी ने कहा कि हालांकि गैलेंट और प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और ज़ायोनी सेना के चीफ ऑफ स्टाफ हरजी हलेवी ने ग़ज़्ज़ा युद्ध के लिए निर्धारित किसी भी लक्ष्य को हासिल नहीं किया है,

लेकिन वह फिर भी इस निर्विवाद तथ्य को नजरअंदाज कर रहे हैं कि जो सेना हमास को हराने में विफल रही है वह हिज़्बुल्लाह को कभी भी नष्ट नहीं कर पाएगी, जो हमास से सैकड़ों गुना अधिक मजबूत है।

 

 

सऊदी अरब ने इस्राईल के साथ दोस्ती को हरी झंडी दिखाते हुए कहा है कि अगर इस्राईल हमारी एक शर्त को मान लेता है तो हम इस्राईल से दोस्ती करने के लिए तैयार है।

ग़ज़्ज़ा में इस्राईल की ओर से जारी जनसंहार के बीच सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने इस्राईल और सऊदी दोस्ती को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि सऊदी अरब एक आजाद फिलिस्तीनी देश के बिना इस्राईल को देश के रूप में मान्यता नहीं देगा।

क्राउन प्रिंस ने कहा कि सऊदी साम्राज्य पूर्वी यरुशलम को अपनी राजधानी बनाकर एक स्वतंत्र फिलिस्तीन देश की स्थापना होने तक अपने प्रयासों को नहीं रोकेगा। उन्होंने कहा कि हम भरोसा दिलाते हैं कि सऊदी अरब इसके बिना इस्राईल के साथ संबंध स्थापित नहीं करेगा।

फिलिस्तीन पर इस्राईल के ग़ैर क़ानूनी क़ब्ज़े के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र की जनरल असेंबली में हुए मतदान में 124 देशों ने इस्राईल के खिलाफ मतदान किया जबकि इस अवैध राष्ट्र के समर्थन में केवल 13 देश सामने आए जबकि भारत समेत 40 से अधिक देशों ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया।

प्राप्त जानकारी के अनुसार फिलिस्तीन के क्षेत्र से ज़ायोनी लॉबी के गैरकानूनी कब्जे को खत्म करने को लेकर एक प्रस्ताव रखा गया था, जिस पर वोटिंग हुई। 124 देशों ने इस्राईल के खिलाफ वोटिंग की जबकि 13 देशों ने ज़ायोनी राष्ट्र का समर्थन किया. भारत समेत 43 देशों ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया। 

 

1403 हिजरी शम्सी वर्ष के पहले पांच महीनों में, ईरान के रेलवे विभाग को ट्रांज़िट के क्षेत्र में महत्वपूर्ण वृद्धि का सामना रहा है।

सन 1403 हिजरी शम्सी के पहले पांच महीनों में ईरान के रेलवे विभाग का प्रदर्शन, पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में रेल ट्रांज़िट में 47 प्रतिशत की वृद्धि ज़ाहिर करता है।

प्रकाशित आंकड़ों के अनुसार, रेल विभाग द्वारा ट्रांज़िट कार्गो की मात्रा 773 हज़ार टन तक पहुंच गई है जो पिछले वर्ष की समान अवधि में यानी (526 हज़ार टन) की तुलना में 47 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाती है।

यात्री परिवहन के क्षेत्र में, हिजरी शम्सी वर्ष 1403 के पहले पांच महीनों में रेलवे विभाग का क्रियाकलाप ज़ाहिर करता है कि इस अवधि के दौरान 12.8 मिलियन लोगों ने ट्रेन से यात्रा की है। माल ढुलाई क्षेत्र में, 17 मिलियन टन माल रेल नेटवर्क द्वारा ले जाया गया है।

लेबनान के स्वास्थ्य मंत्री फेरास अलअबीज़ ने आज बुधवार को ताज़ा आंकड़े जारी करते हुए कहा कि कल लेबनान में हुए विस्फोटों के परिणामस्वरूप शहीद होने वालों की संख्या 12 तक पहुंच गई है जिनमें दो बच्चे और चार स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े लोग शामिल हैं।

एक रिपोर्ट के अनुसार,  ने आज बुधवार को ताज़ा आंकड़े जारी करते हुए कहा कि कल लेबनान में हुए विस्फोटों के परिणामस्वरूप शहीद होने वालों की संख्या 12 तक पहुंच गई है जिनमें दो बच्चे और चार स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े लोग शामिल हैं।

उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पुष्टि की कल शाम सिर्फ आधे घंटे के अंदर विभिन्न अस्पतालों में 2750 से 2800 घायलों को भर्ती कराया गया जिनमें से अधिकतर की आंखें और चेहरे प्रभावित हुई है अब तक 460 आंखों की सर्जरी की जा चुकी है, और 1800 घायलों को अस्पताल में भर्ती करना पड़ा, जिनमें से 10% की हालत गंभीर थी।

फेरास अलअबीज़ ने आगे कहा कि इस त्रासदी के दौरान लेबनान के स्वास्थ्य क्षेत्र की प्रतिक्रिया राष्ट्रीय एकता के तहत बहुत तेज़ और प्रभावी रही और घायलों को आवश्यक चिकित्सा सहायता प्रदान की गई।

उन्होंने यह भी बताया कि बेरूत और इसके आस पास के क्षेत्रों में 1850 लोग घायल हुए, जिनमें से 750 दक्षिण से और 150 अलबेक़ा से थे।

लेबनान के स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि इराक, ईरान, मिस्र, तुर्की और जॉर्डन से चिकित्सा सहायता लेबनान पहुंच चुकी है जबकि अलबेक़ा के कुछ घायलों को सीरिया और कुछ को ईरान भेजा गया है।

उन्होंने मीडिया से अपील की कि मौजूदा स्थिति में अफवाहें फैलाने से बचें और समाचार रिपोर्टिंग में सावधानी बरतें।

इससे पहले, रॉयटर्स ने स्वास्थ्य मंत्री के हवाले से बताया था कि विस्फोटों में 11 लोग शहीद और 4000 घायल हुए थे जिनमें से 400 की हालत गंभीर थी हालांकि, स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस बयान का खंडन किया था।

ईरान की राजधानी तेहरान में पैग़ंबरे इस्लाम की विलादत के अवसर पर देश विदेश खास कर इस्लामी देशों के प्रतिनिधि दलों की मौजूदगी में 35वीं इस्लामिक यूनिटी कांफ्रेंस का ओजन किया गया।

इस कांफ्रेंस में अपने संबोधन में ईरान के राष्ट्रपति मसऊद पीजिश्कियान ने एकता की ज़रूरत पर बल देते हुए कहा कि अगर हमारे बीच इत्तेहाद और एकता नहीं है तो ऐसी नमाज़ से क्या हासिल ? नमाज़ का एक उद्देश्य यह भी है कि हम एकजुट रहें और दुश्मन हम पर अत्याचार करते हुए हमारे संसाधनों को न लूट सके।

उन्होंने कहा कि अगर हम खुद को रसूले इस्लाम का अनुयायी बताते हैं तो देखना होगा कि क्या हमारा आचरण भी उन्ही के समान है या नहीं। हम आज भी एक दूसरे के विरोधी और दुश्मन बने हुए हैं क्या यही इस्लाम और हमारा इमान है ?

 

अंजुमन ए शरई शियाने जम्मू कश्मीर के अध्यक्ष आग़ा हसन मूसवी अलसफ़वी ने लेबनान में ग़ासिब इसराइल द्वारा किए गए बम धमाकों की कड़ी शब्दों में निंदा की है।

अंजुमन ए शरई शियाने जम्मू कश्मीर के अध्यक्ष आग़ा हसन मूसवी अलसफ़वी ने लेबनान में ग़ासिब इसराइल द्वारा किए गए बम धमाकों की कड़ी शब्दों में निंदा करते हुए कहा कि यह एक यहूदी साज़िश है, जो हमेशा हमले के लिए मौके की तलाश में रहता हैं क्योंकि उनका मूल सिद्धांत ही आतंकवादी हमले करना है।

आगा हसन ने कहा कि जो भी फ़िलिस्तीन और ग़ाज़ा के समर्थन में बोलता है वह ग़ासिब यहूदियों की नज़रों में बड़ा दुश्मन होता है और आज लेबनान को भी इसी वजह से निशाना बनाया गया है।

जम्मू-कश्मीर अंजुमन-ए-शरई के अध्यक्ष ने कहा कि लेबनान में संचार उपकरण के माध्यम से किए गए धमाके, इसराइल और उसके समर्थकों द्वारा युद्ध नैतिकता और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानूनों का खुला उल्लंघन है जिसकी जितनी निंदा की जाए कम है।

उन्होंने शहीदों की मग़फिरत और मुक्ति और घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ के लिए भी दुआ की।

 फिलिस्तीनी सूत्रों ने कहा कि गाज़ा शहर के पूर्व में विस्थापित एक स्कूल पर इजरायली हमले में कम से कम आठ फिलिस्तीनी मारे गए हैं।

फिलिस्तीनी सूत्रों ने कहा कि गाज़ा शहर के पूर्व में विस्थापित एक स्कूल पर इजरायली हमले में कम से कम आठ फिलिस्तीनी मारे गए हैं।

समाचार एजेंसी ने फ़िलिस्तीनी सुरक्षा सूत्रों के हवाले से बताया कि इज़रायली विमानों ने बुधवार को शुजैय्या पड़ोस में विस्थापित लोगों के आवास 'इब्न अल-हेथम' स्कूल पर बमबारी की है।

गाजा सिविल डिफेंस ने एक प्रेस बयान में कहा हमारी टीमों ने इजरायली हवाई हमले के परिणामस्वरूप पांच बच्चों और दो महिलाओं सहित आठ पीड़ितों के शव बरामद किए है।

स्थानीय सूत्रों और प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि हवाई हमले से स्कूल प्रांगण और कक्षाओं को काफी नुकसान हुआ है।

7 अक्टूबर, 2023 को दक्षिणी इजरायली सीमा के माध्यम से हमास के उत्पात का जवाब देने के लिए इजरायल गाजा पट्टी में हमास के खिलाफ बड़े पैमाने पर हमला कर रहा है जिसके दौरान लगभग 1,200 लोग मारे गए और लगभग 250 को बंधक बना लिया गया।

गाजा स्थित स्वास्थ्य अधिकारियों ने बुधवार को एक बयान में कहा कि गाजा में चल रहे इजरायली हमलों से फिलीस्तीनी मरने वालों की संख्या बढ़कर 41,272 हो गई है।

 

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) के अनुसार, सूडान में पांच साल से कम उम्र के अनुमानित 3.4 मिलियन बच्चों को घातक महामारी भुखमरी संबंधी बीमारियों का खतरा है।

सूडान में यूनिसेफ के प्रतिनिधि शेल्डन येट ने कहा कि देश में भारी बारिश और बाढ़ के कारण हैजा, मलेरिया, डेंगू बुखार, खसरा और रूबेला जैसी बीमारियाँ "अधिक तेजी से फैल सकती हैं और प्रभावित राज्यों और उसके बाहर के बच्चों के लिए स्थिति गंभीर रूप से खराब हो सकती हैं।" मंगलवार को एक बयान में कहा गया।

उन्होंने कहा कि यह संकट टीकाकरण दरों में महत्वपूर्ण गिरावट और चल रहे आंतरिक संघर्ष के कारण स्वास्थ्य, पानी, स्वच्छता और स्वच्छता के बुनियादी ढांचे के विनाश से उत्पन्न हुआ है, उन्होंने कहा कि सूडान में कई बच्चों की बिगड़ती पोषण स्थिति उन्हें और भी अधिक जोखिम में डालती है।

सिन्हुआ समाचार एजेंसी ने बताया कि यूनिसेफ ने 9 सितंबर को सूडान को ओरल हैजा वैक्सीन की 4,04,000 खुराकें दीं है।

यूनिसेफ के अनुसार, सूडान में टीकाकरण कवरेज आंतरिक संघर्ष से पहले के 85 प्रतिशत से घटकर लगभग 50 प्रतिशत रह गया है।

इसमें कहा गया है कि संघर्ष प्रभावित क्षेत्रों में 70 प्रतिशत से अधिक अस्पताल काम नहीं कर रहे हैं और अग्रिम पंक्ति के स्वास्थ्य कर्मियों को महीनों से भुगतान नहीं किया गया है।

अप्रैल 2023 में सूडानी सशस्त्र बलों और रैपिड सपोर्ट फोर्सेज के बीच लड़ाई शुरू होने के बाद से, हैजा, मलेरिया, खसरा और डेंगू बुखार जैसी महामारी संबंधी बीमारियाँ फैल गई हैं, जिससे सैकड़ों लोगों की मौत हो गई। संघर्ष के परिणामस्वरूप कम से कम 16,650 मौतें हुईं और लाखों लोग विस्थापित हुए।