رضوی

رضوی

हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन सैयद शफक़त हुसैन शिराज़ी ने कहां,फिलिस्तीन की आज़ादी सभी मुसलमानों का एक धार्मिक और नैतिक कर्तव्य है और यह बात हमसे इस महत्वपूर्ण उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए एकजुट होने की मांग करती है।

मजलिस ए वहदत मुस्लिमीन पाकिस्तान के विदेश मामलों के सचिव डॉ. सैयद शफ़क़त हुसैन शिराज़ी ने 38वें इस्लामिक कॉन्फ्रेंस के 9वें वेबिनार में इसके महासचिव और वहदत सम्मेलन के अन्य प्रतिभागियों के प्रयासों पर श्रद्धांजलि अर्पित की उन्होंने उनसे कहा: फिलिस्तीन मुद्दा इस्लामी राष्ट्र के पवित्र मुद्दों में से एक है।

उन्होंने कहा,सबसे बड़े ज़ालिम और क़ाबिज़ यहूदी ताकत के मुकाबले में अकेले खड़े फिलिस्तीन के मज़लूम लोग सिर्फ अपनी क़ौम का मसला नहीं बल्कि पूरी इस्लामी उम्मत का मसला है।

एम डब्ल्यू एम के विदेश मामलों के सचिव ने कहा,फिलिस्तीनी क़ौम लंबे समय से इस्राइली ज़ुल्म, कब्ज़ा, क़त्ल और बेघर होने का सामना कर रही है लेकिन इसके बावजूद वह पीछे नहीं हट रही है।

उन्होंने कहा,फिलिस्तीनी प्रतिरोध और संघर्ष पूरी दुनिया के लिए एक मिसाल है और दुनिया भर के स्वतंत्र लोगों के लिए यह सम्मान और दृढ़ता का प्रतीक बन गया है।

एक बयान में, लेबनान के इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन हिज़्बुल्लाह ने इस बात पर ज़ोर दिया कि ज़ायोनी शासन का अपराध, जिहाद के लिए प्रतिरोधकर्ता बलों के मज़बूत इरादों को दोगुना कर देगा। उनका कहना था कि अतिग्रहणकारी ज़ायोनी शासन को इस अपराध के लिए भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।

कल, मंगलवार, 17 सितम्बर, 2024 को ज़ायोनी शासन ने एक आतंकवादी कृत्य में और संभवतः पेजर निर्माण कंपनी के सहयोग से लेबनान में कई पेजर सिस्टम्ज़ को उड़ा दिया, जिसके परिणामस्वरूप कई लेबनानी शहीद और घायल हो गए।

लेबनान के स्वास्थ्य मंत्री फेरास अल-अबयज़ द्वारा घोषित आंकड़ों के अनुसार, इस अपराध के परिणामस्वरूप 11 लोग शहीद हो गए जबकि लेबनानी अस्पतालों में 3 हज़ार से अधिक घायल इलाज के लिए भर्ती हैं।

इस अपराध के बाद, लेबनान के इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन हिज़बुल्लाह ने एक बयान में इस बात पर जोर दिया कि ज़ायोनी शासन का अपराध, जिहाद के लिए प्रतिरोधकर्ता बलों के मज़बूत इरादों को दोगुना कर देगा। उनका कहना था कि अतिग्रहणकारी ज़ायोनी शासन को इस अपराध के लिए भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। हिजबुल्लाह ने इस बयान में कहा गया है: यह अपराध जिहाद की राह पर क़दम बढ़ाने के हमारे संकल्प को दोगुना कर देगा।

अल-अहद वेबसाइट ने यह भी घोषणा की कि लेबनान में हिज़्बुल्लाह के महासचिव सैयद हसन नसरुल्लाह, क्षेत्र और इस देश के ताज़ा हालात के संबंध में स्थानीय समयानुसार कल शाम 5 बजे भाषण देंगे।

दूसरी ओर, लेबनानी संसद के स्पीकर नबीह बिर्री के नेतृत्व में अमल आंदोलन ने ज़ायोनी शासन को धमकी दी कि यह अपराध, लेबनानी जनता को इजराइली शासन की साज़िशों के ख़िलाफ़ विरोध करने और अपनी भूमि की रक्षा करने से कभी नहीं रोक सकेगा।

फ़िलिस्तीन के इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन (हमास) ने भी लेबनान में ज़ायोनी शासन के नए अपराध के बारे में कहा है कि : अमेरिका के संरक्षण में क्षेत्र के ख़िलाफ़ ज़ायोनी दुश्मन के व्यापक हमलों की परिधि में आतंकवादी ऑपरेशन को अंजाम दिया गया है।

फ़िलिस्तीन मुक्ति आंदोलन ने भी घोषणा की है कि: लेबनान की संप्रभुता के ख़िलाफ यह भयानक अपराध, नेतन्याहू और उसके चरमपंथी मंत्रिमंडल के समर्थन से आगे बढ़ने और लड़ाई को उत्तरी मोर्चे (लेबनान के साथ) में स्थानांतरित करने के लिए डराने और धमकाने का ही सिलसिला है।

दूसरी ओर, फिलिस्तीन के जेहादे इस्लामी आंदोलन ने एक बयान में इजराइल की इस कार्रवाई की निंदा की और घोषणा की: दुश्मन का इस विकल्प का सहारा लेना, निराशा के उस स्तर और सीमित विकल्पों को दर्शाता है जो फ़िलिस्तीनी जनता का समर्थन करने वाले मोर्चे से मुक़ाबले में  इस शासन को हमलों के बाद मिले हैं।

लेबनान में ज़ायोनी शासन द्वारा इस बड़े आतंकवादी कृत्य के जवाब में, इराक़ी हिज़्बुल्लाह ने अपने बयान में कहा: लेबनानियों के ख़िलाफ़ अपराध ने प्रतिरोध का समर्थन करने वालों और इस्राईल से नाराज़ रहने वाले को एकजुट कर दिया है जबकि हमारे भाई और साथी हिज़्बुल्लाह और अधिक शक्तिशाली हो जाएंगे और हम उनके साथ अंतिम चरण तक यानी (ज़ायोनियों के खिलाफ लड़ाई) में जाने के लिए भी तैयार हैं।

लेबनान में पेजर्स के विस्फोट के संबंध में एक बयान में, इराक़ के इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन नोजबा ने अरब देशों की स्वतंत्रता का पूरा समर्थन करते हुए, ज़ायोनियों, अमेरिकियों और उनके सहयोगियों का सामना करने में हिज़्बुल्लाह के समर्थन पर जोर दिया और कहा: ये आतंकवादी हमले, प्रतिरोध के जियालों के हौसलों को बुलंद करने का मात्र एक ज़रिया है।

यमन के अंसारुल्लाह आंदोलन के आधिकारिक प्रवक्ता मुहम्मद अब्दुस्सलाम ने यह भी कहा: लेबनान के शक्तिशाली प्रतिरोध में इज़राइल को रोकने और लेबनान के ख़िलाफ़ तनाव फैलाने में किसी भी संभावित वृद्धि को रोकने की भी क्षमता पायी जाती है,  यह तेल अवीव को भारी क़ीमत चुकाने पर मजबूर कर देगा।

यमन के जमीअत उलेमा ने भी इस अपराध की निंदा की और कहा: ज़ायोनी शासन के हमले, अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए एक कायरतापूर्ण काम है।

इस संबंध में, लेबनान में संयुक्त राष्ट्र संघ के विशेष दूत जीनीन हेनिस प्लास्चार्ट, मिस्र के विदेशमंत्री बद्र अहमद अब्दुल आती, इराक़ के प्रधान मंत्री मुहम्मद शीयाअ अल-सुदानी, सीरिया के विदेश मंत्रालय, यमन की परिवर्तन और निर्माण सरकार के प्रवक्ता हाशिम शरफ़ुद्दीन, जॉर्डन के उप प्रधानमंत्री और विदेशमंत्री अयमन अल-सफ़दी ने लेबनान में नागरिकों के खिलाफ इजराइल के हमलों की कड़ी निंदा की है।

उत्तर पश्चिमी राज्य कडुना में अलग अलग आतंकवाद विरोधी छापों के दौरान नाइजीरियाई सैनिकों द्वारा कम से कम 6 आतंकवादीयों तो मार गिराया और 20 बंधकों को बचाया गया।

उत्तर पश्चिमी राज्य कडुना में अलग अलग आतंकवाद विरोधी छापों के दौरान नाइजीरियाई सैनिकों द्वारा कम से कम 6 आतंकवादीयों तो मार गिराया और 20 बंधकों को बचाया गया।

कडुना में आंतरिक सुरक्षा और गृह मामलों के आयुक्त सैमुअल अरुवान के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि मंगलवार को "सफल अभियान" को अंजाम देने के लिए सैनिकों ने बिरनिन ग्वारी और गिवा स्थानीय सरकारी क्षेत्र में कुछ आतंकवादीयों के छिपे होने के संदेह में घनी झाड़ियों की तलाशी ली।

उन्होंने कहा कि बलों ने आतंकवादीयों के पास से दो एके-47 राइफलें, तीन मोटरसाइकिलें, तीन मैगजीन और एक रेडियो बरामद किया है।

उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि सैनिकों ने क्वागा के आसपास आतंकवादीयों को देखा, और पीछा करने के बाद बलों ने उनमें से दो को मार गिराया।

ऑपरेशन से पहले सेना द्वारा विश्वसनीय खुफिया जानकारी का हवाला देते हुए, अधिकारी ने कहा कि एक स्थान पर विशेष निकासी छापेमारी की गई थी और दूसरे स्थान पर डाकुओं के वापसी मार्ग पर घात लगाकर हमला किया गया था।

उन्होंने कहा कि अपहरण के बचाए गए पीड़ितों को उनके परिवारों से दोबारा मिलवाया गया है।

 

 

 

 

दिल्ली के शास्त्री पार्क क्षेत्र में मौजूद जैन मंदिर में भड़काऊ भाषण के मामले ने टूल पकड़ लिया जिसके स्थानीय लोगों खास कर मुस्लिम समुदाय ने पुलिस स्टेशन का घेराव कर लिया।

कहा जा रहा है कि इस इलाके में जैन मंदिर के अंदर विकास उर्फ बंटी ने एक खास समुदाय को लेकर भड़काऊ भाषण दिया गया। जिसके विरोध में सैकड़ों की तादाद में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने शास्त्री पार्क इलाके के थाने का घेराव कर लिया और अपराधी पर कार्रवाई की मांग की।

घंटो चले विरोध प्रदर्शन के बाद पुलिस ने विकास के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है और इसके बाद लोग शांत होकर अपने घर लौटे. प्रदर्शन में स्थानीय आम आदमी पार्टी के मौजूदा विधायक अब्दुल रहमान, कांग्रेस के पूर्व विधायक चौधरी मतीन अहमद और पूर्व मनोनीत पार्षद हसीबुल हसन भी शामिल हुए

 

एक बार फिर दुनिया भर में कोरोना का संकट भय फैला है। कोरोना वायरस का नया वेरिएंट XEC अमेरिका समेत 27 देशों में खौफ फैला रहा है। जून में जर्मनी में पाए गए XEC वेरिएंट के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक आने वाले कुछ हफ्तों या महीनों में यह वेरिएंट कोरोना वायरस की नई लहर पैदा कर सकता है।

स्क्रिप्स रिसर्च के आउटब्रेक डॉट इन्फो पेज पर 5 सितंबर को दी गई जानकारी के मुताबिक अमेरिका के 12 राज्यों और 15 देशों में इस वेरिएंट के 95 मरीज पाए गए हैं।

ऑस्ट्रेलिया के डाटा इंटिग्रेशन स्पेशलिस्ट माइक हनी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर जानकारी दी है कि यूरोप, नॉर्थ अमेरिका और एशिया के करीब 27 देशों में इस नए वेरिएंट के 100 से ज्यादा मरीजों की पहचान की जा चुकी है।

एक विश्वविद्यालय के प्रोफेसर और एक्स सोशल नेटवर्क एक्टिविस्ट ने लेबनान में पेजर्स के विस्फोट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए लिखा: पश्चिमी कंपनियों के उत्पादों का इस्तेमाल आपके, आपके परिवारों और आपके आस-पास के लोगों के ख़िलाफ़ हथियार के रूप में किया जा सकता है।

मंगलवार शाम को मीडिया ने लेबनान के कई इलाकों में कई कम्युनिकेशन सिस्टम्स में विस्फोट की ख़बर दी थी। लेबनान के स्वास्थ्य मंत्रालय के एलान के अनुसार, इस आतंकवादी कार्रवाई में 2750 लोग घायल हुए और 11 लोग शहीद हुए।

विश्वविद्यालय के प्रोफेसर और एक्स सोशल नेटवर्क के एक यूज़र सैयद मुहम्मद मरंदी ने लिखा: सभी पश्चिमी, ताइवानी, कोरियाई और जापानी कंपनियां जो अपनी आपूर्ति श्रृंखला के साथ इलेक्ट्रॉनिक सामान या बैटरी का उत्पादन करती हैं, पूरी तरह से अविश्वसनीय हैं।

उनके उत्पाद आपके, आपके परिवार और आपके आस-पास के लोगों के खिलाफ हथियार बन सकते हैं, उनका सामान मत खरीदो।

 

मलेशिया के प्रधान मंत्री अनवर इब्राहीम ने कुरान हिफ़्ज़ करने वाले संस्थानों के छात्रों को इस्लामोफोबिया और इस्लाम के खिलाफ नफरत से निपटने के लिए सही इस्लामी शिक्षाओं को फैलाने का संदेश दिया हैं।

मलेशिया के प्रधान मंत्री अनवर इब्राहीम ने कुरान हिफ़्ज़ करने वाले संस्थानों के छात्रों को इस्लामोफोबिया और इस्लाम के खिलाफ नफरत से निपटने के लिए सही इस्लामी शिक्षाओं को फैलाने का संदेश दिया हैं।

एक रिपोर्ट के अनुसार, जिन समूहों ने इसकी पवित्रता को चुनौती दी है उनके कारण इस्लाम की स्थिति एक चौराहे पर है।

अनवर इब्राहिम ने कहा इसलिए कुरान के लोगों को अपनी गतिविधियाँ जारी रखनी चाहिए और मुझे यकीन है कि उनका भविष्य उज्ज्वल है इस तथ्य का पालन करें कि इस्लाम का संदेश;सत्य, न्याय, एकता, दया और प्रेम हमें इसी का बचाव करना चाहिए।

उन्होंने जोर दिया,हम गैर मुसलमानों के अधिकारों का सम्मान करते हैं, लेकिन उन्हें इस्लाम के खिलाफ शत्रुतापूर्ण पश्चिमी राय नहीं चुननी चाहिए उन्हें इस्लाम के खिलाफ बोलने का कोई अधिकार नहीं है इसलिए हमें इन पार्टियों के खिलाफ खड़ा होना चाहिए।

हाल के वर्षों में मलेशिया में इस्लामोफोबिक बयान और इस्लामी आंदोलन का सामना करने के प्रयास तेज हो गए हैं।

इनमें से अधिकतर बयानों को पश्चिमी देशों के साथ-साथ इस्लामी दुनिया में उनके सहयोगियों द्वारा भी समर्थन प्राप्त है।

यह इस तथ्य के बावजूद है कि मलेशिया में इस्लामवादियों की ज़िम्मेदारी के दौर में इस देश ने आर्थिक चमत्कार देखा है और इसकी अर्थव्यवस्था कई क्षेत्रों में तरक्की याफ़्ता अर्थव्यवस्था बन गई है।

 

प्राप्त ताज़ा सूचनायें इस बात की सूचक हैं कि ज़ायोनी सरकार ने ग़ज़ा पट्टी में अपने अपराधों के अलावा अब तक पश्चिमी किनारे के भी हज़ारों फ़िलिस्तीनियों को गिरफ़्तार किया है।

फ़िलिस्तीनी क़ैदियों से संबंधित सूत्रों ने एलान किया है कि ज़ायोनी सरकार ने पिछले सात अक्तूबर से अब तक 10 हज़ार 700 फ़िलिस्तीनियों को पश्चिमी किनारे से गिरफ़्तार किया है।

ज़ायोनी सरकार ने इस अवधि में हज़ारों फ़िलिस्तीनियों को ग़ज़ा पट्टी में भी गिरफ़्तार किया है। इस रिपोर्ट के आधार पर ज़ायोनी सरकार ने जब से पश्चिमी किनारे पर नया हमला आरंभ किया है उस समय से लेकर अब तक 50 फ़िलिस्तीनी इस क्षेत्र में शहीद हो चुके हैं।

ज़ायोनी सरकार ने पश्चिमी देशों के व्यापक समर्थन से 7 अक्तूबर 2023 से ग़ज़ा पट्टी और पश्चिमी किनारे पर फ़िलिस्तीन के मज़लूम लोगों के ख़िलाफ़ व्यापक युद्ध आरंभ कर दिया है परंतु अब तक घोषित लक्ष्यों में से किसी भी एक लक्ष्य को वह हासिल नहीं कर सकी है।

इसके मुक़ाबले में ग़ज़ा में फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध और लेबनान, इराक़, यमन और सीरिया के प्रतिरोधकों गुटों ने एलान कर रखा है कि वे अतिग्रहणकारी इस्राईल के अपराधों का बदला लेकर रहेंगे।

प्राप्त अंतिम रिपोर्टों के अनुसार ज़ायोनी सरकार के पाश्विक हमलों में अब तक 41 हज़ार से अधिक फ़िलिस्तीनी शहीद और 95 हज़ार से अधिक घायल हो चुके हैं।

ज्ञात रहे कि ब्रिटेन की साम्राज्यवादी नीति के तहत ज़ायोनी सरकार का ढांचा वर्ष 1917 में ही तैयार हो गया था और विश्व के विभिन्न देशों व क्षेत्रों से यहूदियों व ज़ायोनियों को लाकर फ़िलिस्तीनियों की मातृभूमि में बसा दिया गया और वर्ष 1948 में ज़ायोनी सरकार ने अपने अवैध अस्तित्व की घोषणा कर दी। उस समय से लेकर आजतक विभिन्न बहानों से फ़िलिस्तीनियों की हत्या, नरसंहार और उनकी ज़मीनों पर क़ब्ज़ा यथावत जारी है।

इस्लामी गणतंत्र ईरान सहित कुछ देश इस्राईल की साम्राज्यवादी सरकार के भंग व अंत किये जाने और इसी प्रकार इस बात के इच्छुक हैं कि जो यहूदी व ज़ायोनी जहां से आये हैं वहीं वापस चले जायें।

हज़रत आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने मंगलवार 17 सितम्बर 2024 की सुबह पेरिस ओलंपिक और पैरालिंपिक 2024 में भाग लेने वाले ईरानी दस्ते के सदस्यों से मुलाक़ात में ईरानी क़ौम की सलाहियतों के भरपूर प्रदर्शन और उसके राष्ट्रीय, राजनैतिक और धार्मिक पहचान के प्रदर्शन को इस ओलंपिक में ईरानी खिलाड़ियों की शिरकत का सबसे नुमायां नतीजा बताया हैं।

हज़रत आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने मंगलवार 17 सितम्बर 2024 की सुबह पेरिस ओलंपिक और पैरालिंपिक 2024 में भाग लेने वाले ईरानी दस्ते के सदस्यों से मुलाक़ात में ईरानी क़ौम की सलाहियतों के भरपूर प्रदर्शन और उसके राष्ट्रीय, राजनैतिक और धार्मिक पहचान के प्रदर्शन को इस ओलंपिक में ईरानी खिलाड़ियों की शिरकत का सबसे नुमायां नतीजा बताया। 

उन्होंने बड़ा कारनामा करने वाले मुल्क के सबसे अज़ीज़ सपूतों से मुलाक़ात पर अत्यधिक ख़ुशी का इज़हार करते हुए कहा कि आपने अपने मेडलों और अमल से क़ौम का दिल ख़ुश कर दिया। मैं दिल की गहराई से आपका, आपके कोचों का और सभी संबंधित लोगों का शुक्रिया अदा करता हूं। 

इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने स्पोर्टस की अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं को शारीरिक ताक़त और खेल की महारत के साथ ही क़ौमों के मनोवैज्ञानिक बल और आत्म विश्वास के प्रदर्शन का प्लेटफ़ार्म बताया और कहा कि आपने पेशेवराना और खेल की सलाहियत के प्रदर्शन के साथ ही फ़िलिस्तीन और ग़ज़ा के बच्चों के नाम मेडल करने, हेजाब और सज्जनता, ओलंपिक जाने वाले खिलाड़ियों के कारवां के नाम इमामों के नाम पर रखने और फ़िलिस्तीन के परचम के साथ सेल्फ़ी लेने जैसे अर्थपूर्ण कामों से अपनी आध्यात्मिक सलाहियतों और क़ौमी, इस्लामी और आस्था की पहचान को पेश किया और उसका मान सम्मान बढ़ाया। 

उन्होंने ईरानी क़ौम की पहचान, हक़ीक़त और आस्था को बदलने के लिए दुश्मनों की मुसलसल कोशिशों की ओर इशारा करते हुए कहा कि वे कहते हैं कि ईरान में धार्मिक भावना कमज़ोर हो गयी है, लेकिन जब हमारा चैंपियन करोड़ों लोगों की नज़रों के सामने क़ुरआन को चूमता है और शुक्र का सजदा करता है तो ईरानी क़ौम की हक़ीक़त और पहचान, उसकी ओर से आस्था की पाबंदी और ईरानी क़ौम की महानता के लिए कोशिश नुमायां हो जाती है और आपके प्रदर्शन में आँखों को ठंडक पहुंचाने वाली इस तरह की निशानियां स्पष्ट थीं। 

आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने समाज में उम्मीद पैदा होने को स्पोर्ट्स के चैंपियनों की ओर से मेडल हासिल किए जाने का एक नतीजा बताया और कहा कि कुछ लोग छोटे से शारीरिक हादसे में निराशा का शिकार हो जाते हैं लेकिन जब हमारा जवान खिलाड़ी पैरालिंपिक में व्हील चेयर पर अपनी ताक़त का प्रदर्शन करता है तो दिल, उम्मीदों से भर जाते हैं। 

उन्होंने इस साल के ओलंपिक और पैरालिंपिक के मुक़ाबलों में विश्व स्पोर्टस पर कुछ मुल्कों की छायी हुयी दोहरी व द्वेषपूर्ण नीतियों को पूरी तरह स्पष्ट बताया और कहा कि एक मुल्क को जंग की वजह से मुक़ाबलों में भाग लेने से रोक देते हैं जबकि ज़ायोनी शासन को, जिसने लगभग एक साल के दौरान हज़ारों बच्चों सहित 41 हज़ार इंसानों का क़त्ल किया है, स्पोर्ट्स के मुक़ाबलों में भाग लेने से रोका नहीं जाता। 

इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने कहा कि जैसा कि हमने बारंबार कहा है कि इन दोहरी व द्वेषपूर्ण नीतियों से ज़ाहिर हो जाता है कि स्पोर्ट्स के राजनैतिक न होने के दावे के विपरीत सबसे ज़्यादा राजनैतिक दुश्मनी स्पोर्ट्स में ही निकाली जाती है। 

उन्होंने इसी तरह अधिकारियों पर बल दिया कि ऐसे खिलाड़ियों की ओर से ग़ाफ़िल न रहें जो अपने राष्ट्रीय या धार्मिक जज़्बे की वजह से ज़ायोनी प्रतियोगी से मुक़ाबला नहीं करते और व्यवहारिक तौर पर उन्हें इसकी क़ीमत चुकानी पड़ती है इसलिए ऐसे खिलाड़यों पर ध्यान देना, स्पोर्ट्स के अधिकारियों की अहम ज़िम्मेदारियों में से एक है। 

इस मुलाक़ात के आग़ाज़ में स्पोर्ट्स और जवानों के मामलों के मंत्री जनाब दुनिया माली ने पेरिस ओलंपिक और पैरालिंपिक में ईरानी खिलाड़ियों के गौरवपूर्ण प्रदर्शन के बारे में एक रिपोर्ट पेश की और कहा कि इन मुक़ाबलों में कुल मिलाकर 37 बार प्रतियोगिता की जगह पर ईरान का प्यारा परचम लहराया गया। 

इस मुलाक़ात में, कई बार पैरालिंपिक में तीरअंदाज़ी में गोल्ड मेडल जीतने वाली मोहतरमा सारा जवानमर्दी, टाइकवान्डो में ओलंपिक का गोल्ड मेडल जीतने वाले जनाब आर्यन सलीमी और पैरालिंपिक में भारोत्तोलन में गोल्ड मेडल जीतने वाले जनाब रूहुल्लाह रुस्तमी ने खिलाड़ियों की ओर से इस्लामी इंक़ेलाब के नेता की दुआओं, मुबारकबाद के पैग़ामों और सपोर्ट का शुक्रिया अदा किया।

 

 

 

ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कम्युनिकेशन सिस्टम्स को धमाके से उड़ाकर लेबनानी नागरिकों को निशाना बनाने की ज़ायोनी शासन की आतंकवादी कार्रवाई को सामूहिक हत्या का नमूना क़रार दिया है।

ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नासिर कनआनी ने कहा: लेबनान में आतंकवादी ऑप्रेशन, ज़ायोनी शासन और उसके भाड़े के एजेंटों के संयुक्त आप्रेशन्ज़ के तहत अंजाम दिए गए थे, और यह सभी नैतिक और मानवीय सिद्धांतों और अंतर्राष्ट्रीय कानून के विपरीत हैं और अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक क़ानून के तहत,परीक्षण और सज़ा का हकदार है।

 कनआनी ने कहा: यह संयुक्त आतंकवादी कृत्य, जो वास्तव में एक प्रकार की सामूहिक हत्या है, एक बार फिर स्पष्ट रूप से साबित करता है कि ज़ायोनी शासन, फ़िलिस्तीनी जनता के ख़िलाफ युद्ध अपराध और नरसंहार करने के अलावा, क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक गंभीर ख़तरा पैदा कर रहा है।

उन्होंने कहा: इसीलिए ज़ायोनी शासन के खिलाफ आतंकवादी कृत्यों और इसके कारण होने वाले ख़तरों का मुकाबला करना, एक स्पष्ट आवश्यकता बन गयी है और अपराधी ज़ायोनी अधिकारियों की सज़ा से मुक्ति का मुकाबला करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के लिए शीघ्र कार्रवाई करना ज़रूरी हो गया है।

इस दौरान, संयुक्त राष्ट्र संघ में ईरान के राजदूत और स्थायी प्रतिनिधि अमीर सईद एरवानी ने लेबनान में इज़राइल के साइबर आतंकवादी कृत्य की निंदा की और कहा: इजराइली शासन को इस जघन्य अपराध और हमलों के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।

मंगलवार शाम को मीडिया ने लेबनान के कई इलाकों में कई कम्युनिकेशन सिस्टम्स में विस्फोट की ख़बर दी थी।

लेबनान के स्वास्थ्य मंत्रालय के एलान के अनुसार, इस आतंकवादी कार्रवाई में 2750 लोग घायल हुए और 11 लोग शहीद हुए।