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इजराइल ने आज फिर गाजा पर हमला कर दिया
ज़ायोनी शासन के युद्धक विमानों ने सोमवार को गाजा के विभिन्न क्षेत्रों पर हमले और गोलाबारी जारी रखी, जिसमें दसियों फ़िलिस्तीनी मारे गए और घायल हुए।
ज़ायोनी शासन के युद्धक विमानों ने गाजा में लोगों के घरों, शरणार्थी बस्तियों और सड़कों पर हमला किया और दसियों फ़िलिस्तीनियों को मार डाला और घायल कर दिया।
ज़ायोनी शासन के युद्धक विमानों ने दक्षिण-पूर्वी खान यूनिस की अल-खफ़ारी कॉलोनी में एक घर को निशाना बनाया, इज़रायली सैनिकों ने उत्तरी नुसीरत और एरीज़ अल-मुफ़्ती क्षेत्रों और उत्तर-पश्चिम में अल-जदीद शिविर के मध्य भाग पर गोलाबारी की।
ज़ायोनी सैनिकों ने दक्षिणपूर्वी खान यूनिस के अल-मनारा पड़ोस में एक कृषि भूमि पर हमला किया और पांच फिलिस्तीनियों को घायल कर दिया। ज़ायोनी सरकार ने भारी गोलाबारी के साथ दक्षिणपूर्वी गाजा को भी निशाना बनाया है।
कब्ज़ा करने वाली ज़ायोनी सेना के युद्धक विमानों ने मध्य गाजा में अल-नुसीरत शिविर के पास एक वाणिज्यिक केंद्र पर हमला किया है। आंकड़ों के मुताबिक 7 अक्टूबर से अब तक गाजा पर ज़ायोनी सरकार के हमलों में 203,729 फ़िलिस्तीनी शहीद हो चुके हैं, जबकि 76,371 लोग घायल हुए हैं। कई पीड़ित अभी भी मलबे में दबे हुए हैं.
इज़राइल के ख़िलाफ़ ईरानी हमले पर फ़िलिस्तीनी समूहों की ओर से बधाई संदेश
फिलिस्तीनी मुजाहिदीन आंदोलन और प्रतिरोध समितियों ने दमिश्क में ईरानी दूतावास के कांसुलर अनुभाग पर नरसंहार इजरायली शासन के हमले के जवाब में अपने शक्तिशाली मिसाइल और ड्रोन हमले के लिए इस्लामी गणराज्य ईरान को बधाई दी है।
फिलिस्तीनी प्रतिरोध समितियों ने एक बयान में घोषणा की है कि दमिश्क में ज़ायोनीवादियों के अपराधों पर ईरान की प्रतिक्रिया एक नई वास्तविकता और एक गौरवशाली ऐतिहासिक क्षण का संकेत है, जिसका स्रोत अल-अक्सा तूफ़ान की लड़ाई थी .
फिलिस्तीन के मुजाहिदीन आंदोलन ने भी एक बयान जारी किया है और घोषणा की है कि अल-अक्सा तूफान ऑपरेशन इस्लाम राष्ट्र के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ है और ज़ायोनी अमेरिकी प्रभुत्व से इस्लामी देशों की मुक्ति की शुरुआत करता है।
ईरान के वे 9 मिसाइल जिन्होंने ज़ायोनियों को दहला रखा है
ईरान की मिसाइल क्षमता, इस्राईल के लिए डरावना ख़्वाब बन चुकी है।
दमिश्क़ में ईरान के काउंसलेट की इमारत पर ज़ायोनियों की ओर से किये गए हमले के बाद ईरान की जवाबी धमकी से पूरे इस्राईल में डर ही लहर फैल गई है।
अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर किसी भी डिप्लोमैटिक संस्थान पर हमला, सामने वाले पक्ष को क़ानूनी हिसाब से बदले की कार्यवाही जैसे काम को वैध बना देता है। इसी आधार पर इस्लामी गणतंत्र ईरान के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा है कि वे ऐसा जवाब देंगे जो सख़्त होने के साथ ही पछतावे पर विवश करने वाला होगा।
इसी संदर्भ में इमामा ख़ामेनेई ने बुधवार को ईद की नमाज़ के ख़ुत्बे में दमिश्क़ में ईरान की काउंसलेट की इमारत पर ज़ायोनी शासन के हमले की ओर संकेत करते हुए बल देकर कहा है कि अन्तर्राष्ट्रीय संबन्धों के हिसाब से किसी भी देश के दूतावास या उसके काउन्सलेट पर हमला, उस देश की धरती पर हमले जैसा माना जाता है। सिर से लेकर पैर तक अपराधों में डूबे हुए दुष्ट ज़ायोनी शासन को इस अपराध के लिए दंडित किया जाएगा।
ईरान के लंबी दूरी की मारक क्षमता वाले बैलिस्टिक मिसाइल, हालिया वर्षों में ज़ायोनी अधिकारियों के लिए बड़ी बेचैनी और संकट का कारण बने हुए हैं। वर्तमान परिस्थतियों में इनको, दमिश्क़ पर हमले की प्रतिक्रिया में बहुत ही महत्वपूर्ण विकल्पों में से एक के रूप में देखा जा रहा है।
अमरीकी रक्षामंत्रालय ने अपनी रिपोर्ट में ईरान की मिसाइल क्षमता को मध्यपूर्व में सबसे बड़ी मिसाइल शक्ति के रूप में बताया है। यह वह क्षमता है जो विभिन्न प्रकार के मिसाइलों के आधार पर है।
यहां पर हम ईरान द्वारा बनाए गए इस्राईल तक की मारक क्षमता रखने वाले 9 मिसाइलों के बारे में बताने जा रहे हैं।
1-ख़ुर्रमशहर-4 (ख़ैबर) मिसाइल
ख़ुर्रमशहर-4 ख़ैबर मिसाइल
ख़ुर्रमशहर-4 मिसाइल की विशेषताएं
मारक क्षमता- 2000 किलोमीटर
लंबाई- 13 मीटर
व्यास- 1-5 मीटर
वज़न- 30 टन
वारडेट का वज़न- 1500 किलोग्राम
गति या स्पीड- वायुमण्डल के बाहर 16-मैक/ वायुमण्डल के भीतर 8-मैक
2- हाज क़ासिम मिसाइल
हाज क़ासिम मिसाइल
मारक क्षमता- 1400 किलोमीटर
लंबाई- 11 मीटर
व्यास- 85 से 95 सेंटीमीटर
वज़न- 7 टन
वारहेड का वज़न- 500 किलोग्राम
स्पीड या गति- 5-मैक
3- ख़ैबरशिकन मिसाइल
ख़ैबरशिकन मिसाइल
मारक क्षमता- 1450 किलोमीटर
लंबाई- 10-5 मीटर
व्यास- 800 मिलीमीटर
वज़न- 4500 किलोग्राम
वारहेड का वज़न- 500 किलोग्राम
स्पीड- 5000 प्रतिकिलोमीटर से भी अधिक
4- सिज्जील मिसाइल
सिज्जील मिसाइल
मारक क्षमता- 2000 से 2500 किलोमीटर
लंबाई- 17.57 मीटर
व्यास- 1.25 मीटर
वज़न- 23 टन
वारहेड का वज़न- 500 किलोग्राम से अधिक
स्पीड- 12 से 14-मैक
5- पावे मिसाइल
पावे मिसाइल
मारक क्षमता- 1650 किलोमीटर
उड़ान की ऊंचाई 50 मीटर से कम
स्पीड- 600 से 900 किलोमीटर प्रतिघंटा
6- फ़त्ताह-2 मिसाइल
फ़त्ताह-2 मिसाइल
मारक क्षमता- 1400 किलोमीटर से अधिक
लंबाई- 12 मीटर
व्यास- पहला भाग-80 सेंटीमीटर/दूसरा भाग-50 सेंटीमीटर
वज़न- 3500 किलोग्राम से 4100 किलोग्राम
वारहेड का वज़न- 500 किलोग्राम
स्पीड- 5-मैक
7- क़द्र मिसाइल त्रिपक्षीय
क़द्र मिसाइल
मारक क्षमता- 1950 किलोमीटर तक
लंबाई- 15.5 से 16.5 मीटर
व्यास- 1.25 मीटर
वज़न- 17480 किलोग्राम
वारहेड का वज़न- 700 से 1000 किलोग्राम
स्पीड- लगभग 9-मैक
8- एमाद मिसाइल
एमाद मिसाइल
मारक क्षमता- लगभग 1700 किलोमीटर
लंबाई- 15.5 मीटर
व्यास- 2.18 मीटर
वज़न- 1750 किलोग्राम
9- शहाब-3 मिसाइल
शहाब-3 मिसाइल
मारक क्षमता- लगभग 2000 किलोमीटर
लंबाई- लगभग 16 मीटर
व्यास- 1.2 मीटर
वज़न- 1780 किलोग्राम
ज़ायोनियों के ख़िलाफ़ ईरान के सैनिक आप्रेशन "सच्चा वादा" के 12 संदेश
इस्राईल के ख़िलाफ़ शनिवार की रात ईरान की सैनिक कार्यवाही के बाद फ़िलिस्तीनी झंडा लिए ख़ुशी मनाता एक ईरानी बच्चा
ईरान के सैन्य स्तंभों में से एक, आईआरजीसी या सिपाहे पासदारान ने 14 अप्रैल 2024 को तड़के अवैध इस्राईली शासन के भीतर मिसाइलों और ड्रोन विमानों से वहां के महत्वपूर्ण स्ट्रैटेजिक लक्ष्यों को टारगेट किया।
इस ऐतिहासिक कार्यवाही के संदर्भ में बहुत कुछ कहा जा रहा है जिनमें से कुछ बिंदुओं का यहां पर हम उल्लेख कर रहे हैं।
1- ईरान का सच
इस आपरेशन का नाम "सच्चा वादा" रखा गया है। यह नाम इसलिए रखा गया है कि दोस्त और दुश्मन दोनों ही यह जान लें कि इस्लामी गणराज्य ईरान जो कहता है उसको कर दिखाता है। यह आप्रेशन साबित करता है कि इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता के यह कथन तार्किक और सही थे कि "एक मारोगे तो दस खाओगे या फिर "मारो और भाग जाओ" का ज़माना ख़त्म हो गया।
2- क़ानूनी सेल्फ़ डिफ़ेंस
इस्लामी गणतंत्र ईरान की कार्यवाही, संयुक्त राष्ट्रसंघ के चार्टर के अनुरूप है जिसको सेल्फ़ डिफ़ेंस के आधार पर अंजाम दिया गया है। "सच्चा वादा" नामक कार्यवाही ज़ायोनियों के विभिन्न हिंसक हमलों का जवाब है जिसमें दमिश्क़ में ईरानी काउन्सलेट पर ज़ायोनियों का हमला भी शामिल है। इस हमले में सीरिया में मौजूद ईरान के कई सैन्य सलाहकार शहीद हो गए थे।
3- राष्ट्रीय सुरक्षा के मामले में ईरान कोई ढील नहीं बरतता
वर्तमान परिस्थतियों में यह कार्यवाही, दुश्मनों की धमकियों के मुक़ाबले में राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से ईरानी राष्ट्र के लिए बहुत ज़रूरी थी।
4- ईरान की ताक़त की एक छोटी सी झलक
"सच्चा वादा" नामक सैनिक आप्रेशन के माध्यम से ईरानी राष्ट्र की सैन्य क्षमता की एक छोटी सी झलक पेश की गई है। दुश्मनों को इसी बिंदु के आधार पर पहले की सबकुछ सोच-समझ लेना चाहिए ताकि इसके बाद से कभी भी वे ईरानी राष्ट्र के संबन्ध में अपने अनुमानों में कोई ग़लती न कर बैठें।
5- आयरन डोम का मिथ
"सच्चा वादा" नामक कार्यवाही ने आयरन डोम की अक्षमता को पूरी तरह बेनक़ाब कर दिया। इस सैन्य कार्यवाही के दौरान प्रयोग किये गए आधे से अधिक मिसाइल और ड्रोन, लंबा सफर तय करने के बाद आयरन डोन को पार करते हुए अपने लक्ष्यों तक पहुंचने में सफल रहे।
6- इस्राईल को आइंदा हमले न करने की चेतावनी
इस्लामी गणराज्य ईरान ने यह बात स्पष्ट कर दी है कि ज़ायोनी शासन की किसी भी प्रतिक्रिया को वह हमला मानते हुए बहुत ही कड़ा जवाब देगा।
7- अमेरिका को चेतावनी
अमेरिका को चाहिये कि वह ईरान के संदेश को गंभीरता से ले और ईरान के ख़िलाफ़ किसी भी प्रकार की संभावित कार्यवाही में इस्राईल का साथ देने से दूर रहे। अमेरिकी बहुत अच्छी तरह जानते हैं कि आंकलन में ग़लती करने और अपराधी जायोनी सरकार का साथ देने की स्थिति में क्षेत्र और क्षेत्र से बाहर उनके समस्त ठिकानों को गम्भीर क्षति पहुंचेगी।
8- क्षेत्र की सुरक्षा में पड़ोसियों के सहयोग का महत्व
इस्लामी गणतंत्र ईरान ने बार बार एलान किया है कि वह क्षेत्र के समस्त देशों विशेषकर पड़ोसियों के साथ सद्भावना और संयुक्त हितों के आधार पर संबंधों को मज़बूत बनाये जाने का इच्छुक है परंतु साथ ही उसने स्पष्ट शब्दों में क्षेत्र और पड़ोसी देशों को यह संदेश भी दिया है कि अगर उन्होंने अपनी ज़मीन और स्पेस को ईरानी राष्ट्र के दुश्मनों के अधिकार में दिया तो वह देश ईरान का वैध लक्ष्य हो जायेगा।
9- ईरान का राष्ट्रीय संकल्प
ईरान की सिपाहे पासदारान फ़ोर्स आईआरजीसी ने जायोनी सरकार के विभिन्न अपराधों का जो करारा जवाब दिया है उस पर ईरान में मनाये जाने वाले जश्न और ईरानी अवाम के समर्थन की घोषणा इस बात की सूचक है कि यह कार्यवाही आमजनमत की मांग थी और राष्ट्रीय संकल्प के आधार पर इसे अंजाम दिया गया है।
10- ईरान का हमला क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वैध व क़ानूनी
ईरान ने इस्राईल के खिलाफ जो जवाबी हमला किया है उस पर क्षेत्र और क्षेत्र से बाहर खुशी मनाई जा रही है और यह खुशी ईरानी हमले की वैधता की सूचक है।
11- ईरान की सही रक्षा नीति, पूरी दुनिया के लिए आदर्श
ईरान का यह जवाबी हमला पूरी तरह आत्म रक्षा और जायोनी सरकार के अपराधों के जवाब में किया गया है और इस जवाबी हमले ने दर्शा दिया कि इस्लामी गणतंत्र ईरान की नीति और इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता की दूरगामी सोच और पिछले कुछ दशकों के दौरान रक्षा आधारों और मिसाइल शक्ति को मज़बूत करने की उनकी नीति बिल्कुल दुरुस्त, दूरगामी और सटीक रही है। यह चीज़ दुनिया के दूसरे देशों और राष्ट्रों के लिए आदर्श हो सकती है।
12- ईरान की सही क़ुरआनी आइडियालोजी
एक महत्वपूर्ण और शिक्षाप्रद बिन्दु यह है कि ईरानी राष्ट्र और ईरान की आर्म्ड
फ़ोर्सेज़ का नज़रिया है कि आख़िरकार सत्य की असत्य पर जीत होगी और इस बात में कोई संदेह नहीं है कि अगर जायोनी सरकार किसी प्रकार की नीति अपनाये और कोई कार्यवाही करे तो इससे वह केवल अपने अवैध व अत्याचारी अस्तित्व को मिटाने की पक्रिया तेज़ करेगी
अगर जवाब देने की कोशिश की गई तो अगला हमला और भी कड़ा होगा, जनरल हुसैन सलामी
इस्लामिक रिवोल्यूशन गार्ड्स कॉर्प्स के कमांडर-इन-चीफ जनरल हुसैन सलामी ने एक बयान में कहा है कि अगर दुश्मन ने जवाब देने की कोशिश की तो हमारा अगला जवाब और भी सख्त होगा.
इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स के कमांडर-इन-चीफ जनरल होसैन सलामी ने कहा है कि अगर ज़ायोनी सरकार किसी भी स्थान से हमारे हितों, हमारे व्यक्तित्वों और नागरिकों पर हमला करती है, तो हम उन पर भारी हमला करेंगे। उन्होंने दावा किया कि हमारी मिसाइलें और ड्रोन ज़ायोनी हवाई सुरक्षा को बायपास करने में सक्षम थे।
जनरल सलामी के मुताबिक, इजराइल के खिलाफ ईरान की कार्रवाई बेहद सटीक थी और मिसाइलें और ड्रोन अपने तय लक्ष्य को भेदने में सक्षम हैं.
अमेरिका को आवश्यक चेतावनी दी गई है: विदेश मंत्री अमीर अब्दुल्लाहियांन
ईरान के विदेश मंत्री ने नीदरलैंड, बेल्जियम और साइप्रस के विदेश मंत्रियों के साथ टेलीफोन पर हुई बातचीत का जिक्र किया और कहा कि इस बातचीत में हाल ही में इजरायली सरकार के हमले के बाद इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान की स्थिति स्पष्ट करने के साथ-साथ संयुक्त राज्य अमेरिका को चेतावनी दी गई है-
कुछ यूरोपीय देशों के विदेश मंत्रियों की ईरान के विदेश मंत्री होसैन अमीर अब्दुल्लाहियांन के साथ टेलीफोन पर बातचीत के साथ ही रूस, बेल्जियम, हॉलैंड और साइप्रस के विदेश मंत्रियों की भी अमीर अब्दुल्लाहियांन के साथ टेलीफोन पर बातचीत हुई. इस संबंध में, ईरान के विदेश मंत्री ने एक्स सोशल नेटवर्क पर लिखा कि उन्हें नीदरलैंड, बेल्जियम और साइप्रस में अपने समकक्षों से एक फोन आया, जिसमें दमिश्क में इजरायली सरकार और इस्लामिक स्टेट द्वारा हाल ही में किए गए आतंकवादी हमले पर चर्चा की गई ईरान गणराज्य के दूतावास और अंतरराष्ट्रीय कानूनों और वियना कन्वेंशन के उल्लंघन पर चिंता व्यक्त की गई और ईरान की स्थिति भी बताई गई।
ईरान के विदेश मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि इन फोन कॉल्स में संयुक्त राज्य अमेरिका को आवश्यक चेतावनी दी गई थी - ईरान के विदेश मंत्री ने रूसी विदेश मंत्री के साथ टेलीफोन पर हुई बातचीत का जिक्र किया और कहा कि रूसी विदेश मंत्री की बातचीत में नवीनतम अंतरराष्ट्रीय, क्षेत्रीय और गाजा स्थिति की जानकारी दी गई. चर्चा की गई. ज़ायोनी सरकार और अमेरिका से संबद्ध मीडिया इसराइल पर ईरान के हमले से हुए विनाश और क्षति की सीमा को कम करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन प्राप्त छवियों से पता चलता है कि मिसाइलों और ड्रोनों ने प्रमुख इज़रायली बलों को निशाना बनाया है।
इजराइल के अंदर ईरान का जवाबी हमला, इजराइल के हवाई क्षेत्र में ईरानी ड्रोन का साम्राज्य
ईरान ने इजराइल के खिलाफ जवाबी हमले शुरू कर दिए हैं.
इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स ने अधिकृत फ़िलिस्तीन में इज़रायली प्रतिष्ठानों पर नियमित और व्यापक ड्रोन हमले शुरू कर दिए हैं, और ज़ायोनी रेडियो और टेलीविज़न ने इज़रायली और अमेरिकी अधिकारियों का हवाला देते हुए इज़रायल पर ईरानी ड्रोन हमलों की शुरुआत की पुष्टि की है
दमिश्क में ईरान के राजनयिक केंद्र पर कब्ज़ा करने वाले ज़ायोनी शासन के आक्रमण के बाद ईरान ने स्पष्ट रूप से कहा था कि इज़राइल को उसके किए की सज़ा मिलेगी।
इजराइल के खिलाफ कार्रवाई में हासिल किए गए लक्ष्य, मेजर जनरल बकेरी
ईरान के सशस्त्र बलों के चीफ ऑफ स्टाफ, मेजर जनरल मोहम्मद बकेरी ने एक बयान में कहा कि कल रात के ऑपरेशन में बड़ी संख्या में ड्रोन, क्रूज और बैलिस्टिक मिसाइलों का इस्तेमाल किया गया था।
ईरान के सशस्त्र बलों के चीफ ऑफ स्टाफ मेजर जनरल मोहम्मद बघेरी ने एक बयान में कहा है कि इजरायल पर ईरान का हमला अच्छी रणनीति और उचित योजना के साथ किया गया था, जिसके परिणामस्वरूप न तो ज़ायोनीवादियों का आयरन डोम और न ही कोई महत्वपूर्ण नुकसान हुआ। न ही उनकी मिसाइल रक्षा प्रणाली प्रतिस्पर्धा कर सकी।
उनके मुताबिक कार्रवाई के तहत उद्देश्यों को हासिल किया गया.
इज़राइल पर ईरान का पलटवार एक स्वाभाविक अधिकार है: हमास
फ़िलिस्तीन के इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन (हमास) ने कहा है कि इस्लामिक रिवोल्यूशन गार्ड्स कॉर्प्स ने ज़ायोनी सरकार के हमले का पूरी तरह से जवाब दिया है।
आईआरएनए के अनुसार, फिलिस्तीनी इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन हमास ने एक बयान में कहा है कि ज़ायोनी सरकार के खिलाफ ईरान की सैन्य कार्रवाई एक प्राकृतिक अधिकार है और दमिश्क में ईरानी दूतावास के कांसुलर अनुभाग पर हमले की पूर्ण प्रतिक्रिया है। .
हमास ने ज़ायोनी शासन की आक्रामकता के खिलाफ अपनी रक्षा करने के देशों और क्षेत्र के लोगों के प्राकृतिक अधिकार पर जोर दिया और अरब और इस्लामी देशों और दुनिया के स्वतंत्रता-प्रेमी लोगों और प्रतिरोध बलों से फिलिस्तीनी लोगों का समर्थन जारी रखने का आह्वान किया।
ईरान अपने हितों की रक्षा करने में संकोच नहीं करेगा: विदेश मंत्री
ईरान के विदेश मंत्री ने कहा है कि इस्लामी गणतंत्र ईरान किसी भी नए आक्रमण के खिलाफ अपने वैध हितों की रक्षा करने में संकोच नहीं करेगा।
ईरान के विदेश मंत्री होसैन अमीराब्दुल्लाहियान ने ज़ायोनी सरकार के ख़िलाफ़ ईरान की जवाबी कार्रवाई के बारे में कहा है कि आत्मरक्षा के अधिकार का प्रयोग क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के प्रति ईरान के जिम्मेदार दृष्टिकोण को दर्शाता है।
ईरान के विदेश मंत्री ने कहा कि अब इस्लामी गणतंत्र ईरान का अपने रक्षात्मक अभियान जारी रखने का कोई इरादा नहीं है, लेकिन यदि आवश्यक हुआ तो वह किसी भी नए आक्रमण के खिलाफ अपने वैध हितों की रक्षा करने में संकोच नहीं करेगा।
संयुक्त राष्ट्र में इस्लामी गणतंत्र ईरान के प्रतिनिधि ने यह भी कहा है कि दमिश्क में ईरानी दूतावास के कांसुलर अनुभाग पर ज़ायोनी सरकार की आक्रामकता के खिलाफ जवाबी कार्रवाई आत्मरक्षा पर संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुच्छेद 51 पर आधारित है।