
رضوی
दूसरों के अंदर न ऐब तलाश करो न दूसरों का मज़ाक़ उड़ाओ
प्रसिद्ध ईरानी शायर मौलवी अपने शेरों और पैग़म्बरे इस्लाम की हदीस को बयान करते हुए कहते हैं कि कुछ लोग दूसरों की कमियों व ऐबों से पर्दा उठाते और दूसरों से बयान करते हैं परंतु अपनी कमियों और ऐबों के संबंध में अंधे होते हैं।
महान ईश्वर पवित्र क़ुरआन के सूरे हुजरात की 11वीं आयत यानी पवित्र क़ुरआन के 49वें सूरे में कहता है हे ईमान लाने वालों! एक गुट दूसरे गुट का मज़ाक़ न उड़ायें शायद जिस गुट का मज़ाक़ उड़ाया जा रहा है वह मज़ाक़ उड़ाने वाले गुट से बेहतर हो और महिलाओं को दूसरी महिलाओं का मज़ाक़ नहीं उड़ाना चाहिये। शायद जिनका मज़ाक़ उड़ाया जा रहा है वह मज़ाक़ उड़ानी वाली महिलाओं से बेहतर हों और एक दूसरे के ऐब और कमी की तलाश में मत रहो और एक दूसरे को बुरे नामों से मत बुलाओ यह बुरी बात है कि ईमान के बाद एक दूसरे को बुरे नामों व उपाधियों से बुलाओ जो इस बुरी चीज़ पर ध्यान नहीं देता है वह ज़ालिम व अत्याचारी है।
इंसानों और समाजों में रहने वाले कुछ लोगों की एक बुरी आदत यह है कि कुछ लोग एक दूसरे का मज़ाक़ उड़ाते हैं चाहे एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति का या एक जाति दूसरी जाति का। इस प्रकार के लोग आमतौर से अपने ऐब व कमी पर ध्यान नहीं देते हैं और दूसरों की कमियों को देखते हैं।
जानबूझकर या अनजाने में अपनी कमियों को छिपाते और दूसरे की कमियों को बयान व उजागर करते हैं या शायद दूसरे के बारे में एसी चीज़ कहते हैं जो मूलतः कमी नहीं होती है और उसे वे अपमानजक अंदाज़ में बयान करते हैं। इस आधार पर महान ईश्वर इंसानों की प्रशिक्षा और जीवन को शांतिपूर्ण बनाने के उद्देश्य से आदेश देता है कि कभी भी न तो एक दूसरे का मज़ाक़ उड़ायें और न ही एक दूसरे को गिरी हुई नज़र से देखें विशेषकर इसलिए कि शायद दूसरा बेहतर हो।
दूसरे का मज़ाक़ उड़ाना बुरा भला कहने से बदतर है। क्योंकि जब एक इंसान दूसरे को बुरा भला कहता है तो वह केवल उन सिफ़तों व विशेषताओं को बयान करता है जो अवांछित व अच्छी नहीं होती हैं मगर जब इंसान किसी का मज़ाक़ उड़ाता है तो उसके पूरे वुजूद व अस्तित्व को खिलौना बना देता है।
महान ईश्वर कहता है कि एक दूसरे की टोह में मत रहो। पैग़म्बरे इस्लाम ने फ़रमाया है भाग्यशाली व ख़ुशनसीब वह इंसान है जिसकी कमियां उसे दूसरों की टोह में रहने से रोकती हैं।
प्रसिद्ध ईरानी शायर मौलवी अपने शेरों और पैग़म्बरे इस्लाम की हदीस को बयान करते हुए कहते हैं
कुछ लोग दूसरों की कमियों व ऐबों से पर्दा हटाते और दूसरों से बयान करते हैं परंतु अपनी कमियों और ऐबों के संबंध में अंधे होते हैं।
एक अन्य ईरानी शायर नेज़ामी भी इस संबंध में सिफ़ारिश करते हैं कि जितना हो सके दूसरों में अच्छाइयां ढ़ूंढ़ो ताकि अच्छाई हासिल हो और महान ईश्वर इस आयत में आदेश देता है कि एक दूसरे का न तो बुरा नाम रखो और न एक दूसरे को बुरे नाम से बुलाओ। क्योंकि यह कितना बुरा है कि अल्लाह का बंदा कहने या होने के बाद उसे बुरे नाम से पुकारा जाये।
आयत के अंत में महान ईश्वर अपनी रहमत व दया की ओर संकेत करता और कहता है कि हे ईमान वालों यह काम न करो और अगर यह ग़लती कर दिये तो अल्लाह ने अब तुम्हें इस काम की बुराई से अवगत कर दिया, तो तौबा करो वरना ज़ालिमों से हो जाओगे और ज़ुल्म व अत्याचार वह गुनाह है कि अगर उस पर आग्रह करोगे तो इंसान को ईमान के ज़ेवर से निर्वस्त्र कर देगा और कहा जा सकता है कि ज़ुल्म वही कुफ्र है। पवित्र कुरआन के सूरे बक़रा की आयत नंबर 254 में महान ईश्वर कहता है कि काफ़िर वही ज़ालिम हैं।
आज लोगों के मध्य जो जोक और चुटकुले प्रचलित हैं उनमें अधिकांश में एक दूसरे का मज़ाक़ उड़ाया गया होता है। इन चुटकुलों में देशी और विदेशी विभिन्न क़ौमों का मज़ाक़ उड़ाया गया होता है। विशेषकर जब किसी व्यक्ति या क़ौम को उस सिफ़त या बात से जोड़ा जाये जो अच्छी न हो और उसमें वह बात या सिफ़त पायी भी न जाती हो। यह अच्छी बात नहीं है। इस प्रकार के कार्यों से महान ईश्वर ने मना किया है। यद्यपि इस प्रकार के जोक और चुटकुले कुछ क्षणों के लिए लोगों की ख़ुशी का कारण बनते हैं परंतु साथ ही बहुत अधिक द्वेष, दुश्मनी और कीने का कारण भी बनते हैं।
इस बात को जानना और समझना चाहिये कि अगर महान ईश्वर किसी व्यक्ति या क़ौम को उसकी ग़लती की वजह से मलामत व भर्त्सना करता है तो किसी का मज़ाक नहीं उड़ा रहा है बल्कि दूसरों को सीख देने के लिए एसा कह रहा है ताकि लोग इस कमी व एब से दूर हो जायें।
हार्वर्ड विश्वविद्यालय के छात्र फ़िलिस्तीन के साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए स्नातक समारोह से बाहर चले गए
फ़िलिस्तीन के साथ एकजुटता दिखाने के लिए हार्वर्ड के छात्र स्नातक समारोह से बाहर चले गए।
विदेशी मीडिया के मुताबिक, प्रशासन ने फ़िलिस्तीनियों के विरोध में हार्वर्ड विश्वविद्यालय में विरोध शिविर स्थापित करने वाले 13 छात्रों को स्नातक समारोह में भाग लेने से रोक दिया।
आइवी लीग स्कूल के छात्र स्नातक समारोह के दौरान खड़े हुए और "फ्री फ़िलिस्तीन" के नारे लगाए। दूसरी ओर, जर्मनी में पुलिस हिंसा और गिरफ़्तारियों के बावजूद फ़िलिस्तीन के पक्ष में छात्रों का विरोध प्रदर्शन नहीं रुका और बड़ी संख्या में छात्र सड़कों पर उतरे और फ़िलिस्तीन के प्रति एकजुटता व्यक्त की।
शहीद इब्राहिम रायसी और ईरानी विदेश मंत्री पाकिस्तान के सच्चे दोस्त थे: पाकिस्तानी सेना प्रमुख
सेना प्रमुख जनरल सैयद असीम मुनीर और ईरानी सशस्त्र बलों के जनरल स्टाफ के प्रमुख के बीच टेलीफोन पर बातचीत हुई जिसमें जनरल असीम मुनीर ने 19 मई के हेलीकॉप्टर दुर्घटना पर गहरा दुख और अफसोस व्यक्त किया।
पाकिस्तानी सेना (आईएसपीआर) के जनसंपर्क विभाग के अनुसार, सेनाध्यक्ष ने टेलीफोन पर बातचीत में ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी और ईरानी विदेश मंत्री अमीर अब्दुल्लाहियन की शहादत पर शोक व्यक्त किया और शुभकामनाएं व्यक्त कीं शोक संतप्त परिवारों को क्या किया
ईरानी सशस्त्र बलों के चीफ ऑफ जनरल स्टाफ, मेजर जनरल मोहम्मद बकेरी के साथ बातचीत में, सैयद असीम मुनीर ने कहा कि शहीद राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी और ईरानी विदेश मंत्री पाकिस्तान के सच्चे दोस्त थे, रैंक शहीदों के इनाम के लिए प्रार्थना कर रहे हैं।
पाकिस्तान के सेना प्रमुख ने स्पष्ट किया कि ईरान के साथ पाकिस्तान के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और भाईचारे के संबंध हैं, पाकिस्तान और ईरान की सेनाएं हर मौके पर एक साथ खड़ी हैं।
ईरान के चीफ ऑफ जनरल स्टाफ जनरल बाकेरी ने दुख की इस घड़ी में उनका साथ देने के लिए पाकिस्तान के सेना प्रमुख को धन्यवाद दिया.
ग़ज़ा पर बर्बर बमबारी में कई फ़िलिस्तीनी शहीद और घायल हुए
ज़ायोनी सैनिकों ने ग़ज़ा पर क्रूर बमबारी की है, जिसमें कई फ़िलिस्तीनी मारे गए और घायल हुए हैं।
फ़िलिस्तीन की शिहाब न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, ज़ायोनी सरकार के युद्धक विमानों ने पूर्वी रफ़ा के ख़ुर्बा अल-अदस इलाके में एक आवासीय घर पर हमला किया, जिसमें छह लोग शहीद हो गए.
इसी तरह, ज़ायोनी सरकार के युद्धक विमानों ने गाजा पट्टी के यात लाहिया में एक आवासीय घर पर बमबारी की।
उधर, मीडिया सूत्रों ने शनिवार रात दक्षिण लेबनान के कुछ इलाकों में बमबारी की खबर दी है.
अल-मनार टीवी की रिपोर्ट के अनुसार, ज़ायोनी सरकार के युद्धक विमानों ने कब्जे वाली फ़िलिस्तीनी सीमा के पास स्थित ऐता लाशाब और अल-खय्याम कॉलोनियों को निशाना बनाया।
इससे पहले ज़ायोनी सरकार ने दक्षिणी लेबनान की आइट्रोन कॉलोनी में हिज़्बुल्लाह की एक सैन्य इमारत पर हमले का दावा किया था।
उधर, हिजबुल्लाह लेबनान ने दक्षिण लेबनान की तब्नैन कॉलोनी में अपने एक मुजाहिद हुसैन नबियाह फवाज के शहीद होने की खबर दी है।
ग़ज़ा की जनता के लिए इटली के लोगों का भरपूर समर्थन
फ़िलिस्तीन की मज़लूम जनता के लिए इटली का समर्थन, इतालवी सरकार के क़र्ज़ के बारे में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की चेतावनी, फ़िलिस्तीन का समर्थन करने की वजह से फ़्रांस की एक मस्जिद के इमाम को नौकरी से निकालना, फ़्रांस की एक अदालत में तीन सीरियाई अधिकारियों को आजीवन कारावास की सज़ा और एक ईरानी कवि की कविताओं के अनुवाद का प्रकाशन, पिछले कुछ घंटों में इन दो यूरोपीय देशों की कुछ चुनिंदा ख़बरों में रहा है।
फ़िलिस्तीनी जनता के लिए इटली का समर्थन
ईरान की यंग जर्नलिस्ट्स क्लब की समाचार एजेंसी के अनुसार, इटली के पूर्व सांसद "स्टेफ़ानो अपुज़ो" ने "ग़ज़ा में नरसंहार बंद करो" और अपनी बालकनी में फ़िलिस्तीनी झंडा लगाकर मज़लूम फ़िलिस्तीनी जनता के लिए अपने समर्थन का एलान किया।
इटली की एक अभिनेत्री "यास्मीन ट्रिंका" ने फ्रांस में 77वें कान्स फ़िल्म फ़ेस्टिवल में अपने कॉलर पर फ़िलिस्तीनी झंडे वाला ब्रोच पहनकर फ़िलिस्तीनी जनता से अपने समर्थन और एकजुटता का एलान किया।
वेटिकन में शहीद रईसी को श्रद्धांजलि
इर्ना की रिपोर्ट के अनुसार ईरान में हेलीकाप्टर दुर्घटना और इस दुर्घटना की वजह से ईरानी राष्ट्रपति और उनके साथियों को श्रद्धांजलि पेश करने के लिए वेटिकन में ईरानी दूतावास के अल-मेहदी इस्लामी सेंटर में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था।
इटली में आयोजित इस कार्यक्रम में ईरान के राजदूत मुहम्मद रज़ा सबूरी ने कहा: ईरान के स्वर्गीय राष्ट्रपति सैयद रईसी और विदेशमंत्री "हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियान, राष्ट्रपति पद और विदेश नीति के कार्यकारी प्रबंधक के रूप में, सर्वोच्च नेता के दिशानिर्देशों का पालन करते हुए सम्मान, दूरदर्शिता, मसलेहत और समझबूझ के सिद्धांतों पर चलते रहे इस्लामी, जेहादी और राष्ट्रीय संप्रभुता को मज़बूती प्रदान करते हुए क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इस्लामी गणतंत्र ईरान की पोज़ीशन में सुधार करने और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग विकसित करने में सक्षम रहे।
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने इटली सरकार के कर्ज़ पर चेतावनी दी
तस्नीम समाचार एजेंसी के मुताबिक, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने इटली सरकार के क़र्ज़ को लेकर चेतावनी दी है।
इस बयान में इस देश की सरकार के कर्ज़ों से निपटने के लिए त्वरित और निर्णायक वित्तीय सुधारों की आवश्यकता पर बल दिया गया है।
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष का अनुमान है कि 2024 में इटली का सार्वजनिक ऋण सकल घरेलू उत्पाद का 140 प्रतिशत तक पहुंच जाएगा।
फ़िलिस्तीन का समर्थन करने पर फ़्रांस में एक मस्जिद के इमाम को निकाल दिया गया
इक़ना समाचार एजेन्सी के अनुसार, फ्रांसीसी अधिकारियों ने इस्राईल का समर्थन करने के लिए बोर्डो शहर की अल-फ़ारूक़ मस्जिद के इमाम अब्दुलर्रहमान रिज़वान को निकाल दिया है।
इमामे जुमा पर लगाए गए आरोपों में फ़िलिस्तीनी जनता का समर्थन करना और तथाकथित इस्राईल विरोधी कार्यवाहियों में शामिल होना है।
फ्रांस की एक अदालत से तीन सीरियाई अधिकारियों को उम्रक़ैद की सज़ा
एएफ़पी के मुताबिक, पेरिस की एक अदालत ने शुक्रवार को तीन सीरियाई अधिकारियों को उम्रक़ैद की सजा सुनाई।
इस अदालत ने सीरियाई बास पार्टी के राष्ट्रीय सुरक्षा विभाग के पूर्व प्रमुख अली ममलूक, वायु सेना खुफिया कार्यालय के पूर्व प्रमुख जमील हसन और वायु सेना के वरिष्ठ ख़ुफ़िया अधिकारी अब्दुल सलाम महमूद पर युद्ध अपराध का आरोप लगाया है।
क्षेत्र में आतंकवादी गुटों और उपद्रवियों का मुक़ाबला करने में सीरियाई सेना की सफलताओं के बाद पेरिस और उसके पश्चिमी घटकों ने दमिश्क़ पर दबाव बढ़ाने के प्रयास तेज़ कर दिए हैं।
फ़्रांस में "मोहम्मद शम्स लैंगरूदी" की कविताओं का प्रकाशन
इस्ना के अनुसार, समकालीन ईरानी कवि "मोहम्मद शम्स लंगरूदी" की कविताओं के दीवान का फ्रांसीसी अनुवाद फ्रांस में प्रकाशित हुआ था।
इस दीवान में आया है: "शम्स लंगरूदी" समकालीन ईरानी साहित्य की सबसे महत्वपूर्ण हस्तियों में हैं।
उनका जन्म कैस्पियन सागर के किनारे स्थित एक शहर में हुआ था और वर्तमान समय में वे तेहरान में रहते हैं। अब तक उनकी कविताओं और शेरों के 22 दीवान, दो उपन्यास और कई शोध पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं।
ईरान के राष्ट्रपति की याद में शोक सभा व कैंडल मार्च का आयोजन
उत्तर प्रदेश के जिला बहराइच में ईरान के राष्ट्रपति आयतुल्लाह सय्यद इब्राहीम रईसी और उनके साथियों की शहादत पर मौलाना सैयद शमशी राज़ा साहब क़िबला के नेतृत्व में मजलिस आयोजित की गई और मजलिस के बाद कैंडल मार्च भी निकाला गया।
हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , उत्तर प्रदेश, 25 मई 2024 को मस्जिद ए इमामिया अकबरपुरा, बहराइच में ईरान में हेलिकॉप्टर क्रैश में शहीद हुए अयातुल्लाह इब्राहिम रईसी (र) विदेश मंत्री अमीर अबदुल्लाहियान व उनके साथ शहीद हुए दीगर साथियों की याद में शोक सभा (ताज़ियती जलसा) व मजलिस ए अज़ा का आयोजन किया गया जिसे मौलाना सैयद शमशी राज़ा साहब क़िबला ने ख़िताब किया
इसके इलावा शहर के दीगर दानिश्वर हज़रात ने भी इस सभा को संबोधित किया जिसमे श्री सग़ीर आबिद रिज़वी, श्री शफ़ात अली, श्री मोहम्मद शफ़ीक़ बाग़बान, श्री हसन अब्बास, श्री अली जाँबाज़, श्री मज़हर सईद व श्री नौशाद अली ने शोहादा की ज़िन्दगी पर रोशनी डाली और उनको याद किया इस सभा का संचालन श्री फ़ौक बहराइची ने किया।
इस दुर्घटना पर २१ मई को भारत में १ दिवसइये शोक दिवस मनाया गया जिसके बाद भारत के महामहिम उप राष्ट्रपति श्री जगदीप धनगड़ जी ने ईरान की यात्रा करके शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस जलसे के बाद कैंडल मार्च भी निकाला गया जिसे शहर के प्रसिद्ध सुमय्या मॉल के सामने समाप्त किया गया हम इस दुख की घड़ी में अपने दोस्त मुल्क ईरान के साथ खड़े है।
आंदोलन के समर्थन में ईरान की रणनीति लोगों के बदलाव से प्रभावित नहीं होगी
ईरान के अंतरिम राष्ट्रपति मोहम्मद मोखबर ने फ़िलिस्तीनी लोगों के प्रतिरोध और अविभाज्य अधिकार के समर्थन को ईरान के राष्ट्रपति और विदेश मंत्री की प्राथमिकताओं में से एक बताया और स्पष्ट किया कि विशेष रूप से इस्लामी गणतंत्र ईरान की मूल रणनीति फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध समूहों का व्यावहारिक समर्थन, ईरानी सरकार है। अधिकारियों के परिवर्तन से यह प्रभावित नहीं होगा।
फिलिस्तीन के इस्लामिक जिहाद मूवमेंट के महासचिव ज़ियाद नखला ने ईरान के अंतरिम राष्ट्रपति के साथ टेलीफोन पर बातचीत में शहीद राष्ट्रपति और विदेश मंत्री की शहादत पर ईरान की सरकार और लोगों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की। मोहम्मद मोखबर, शनिवार की शाम।
उन्होंने कहा कि हमारा मानना है कि इस नुकसान की गंभीरता के बावजूद, इस्लामी गणतंत्र ईरान सक्षम नेताओं, अधिकारियों और क्रांतिकारी विचारों वाले ईरानी लोगों के आशीर्वाद से इन कठिनाइयों पर काबू पा लेगा।
फिलिस्तीन के इस्लामिक जिहाद आंदोलन के महासचिव ने कहा कि शहीद रायसी और शहीद अमीर अब्दुल्लाहियां हमेशा ईरानी राष्ट्र के हितों की रक्षा और प्रतिरोध आंदोलन का समर्थन करने में लगे हुए थे।
ज़ियाद नखला ने मोहम्मद मोखबर के नेतृत्व कौशल की प्रशंसा की और उन्हें एक शक्तिशाली व्यक्तित्व बताया जो वर्तमान स्थिति में ईरान के शहीद राष्ट्रपति की बहुमूल्य भूमिका की कमी को पूरा करने में सक्षम है।
मोहम्मद मोखबर ने ईरान की सरकार और लोगों के साथ फिलिस्तीन के इस्लामिक जिहाद आंदोलन के महासचिव की सहानुभूति की सराहना की, फिलिस्तीनी लोगों के प्रतिरोध और अपरिहार्य अधिकार के लिए अपना गंभीर समर्थन जारी रखने का दृढ़ संकल्प व्यक्त किया और स्पष्ट किया कि आंदोलन का मूल प्रतिरोध, विशेष रूप से फिलिस्तीनी प्रतिरोध समूहों का समर्थन करने में ईरान के इस्लामी गणराज्य की रणनीति, लोगों के परिवर्तन से प्रभावित नहीं होगी।
अंतरिम राष्ट्रपति ने प्रतिरोध की रणनीति को ज़ायोनी शासन के अपराधों और आक्रामकता से निपटने का सबसे प्रभावी तरीका बताया और कहा कि ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस प्रतिरोध आंदोलन के परिणामों में से एक है जिसने अमेरिका और ज़ायोनी शासन के आधिपत्य को तोड़ दिया।
अली इस्लामिक मिशन टोरंटो कनाडा में शहीदों की याद में शोक सभा
अली इस्लामिक मिशन टोरंटो कनाडा ने ईरानी राष्ट्रपति आयतुल्लाह सैय्यद इब्राहिम रईसी और उनके साथियों की दुखद शहादत के अवसर पर एक शोक सभा का आयोजन किया, जिसमें बड़ी संख्या में विश्वासियों ने भाग लिया।
अली इस्लामिक मिशन टोरंटो कनाडा के तहत ईरानी राष्ट्रपति अयातुल्ला सैय्यद इब्राहिम रायसी और उनके साथियों की दुखद शहादत के अवसर पर एक शोक सभा आयोजित की गई, जिसमें बड़ी संख्या में विश्वासियों ने भाग लिया
विवरण के अनुसार, इस्लामी गणतंत्र ईरान में जो दर्दनाक त्रासदी हुई और जिसके परिणामस्वरूप देश के राष्ट्रपति हज़रत आयतुल्लाह इब्राहिम रईसी और उनके साथ आयतुल्लाह अली अल हाशिम और डॉ. अमीर हुसैन अब्दुल्लाहियन और श्री मलिक रहमती सहित कई दूसरे लोगो का हेलीकॉप्टर दुर्घटना के कारण क्षतिग्रस्त हो गया था और उन सभी का निधन हो गया था, अली इस्लामिक मिशन टोरंटो कनाडा ने तुरंत इस संबंध में एक शोक सभा बुलाई।
शोक सन्दर्भ में भाग लेने वाले विद्वानों ने कहा कि इस खबर से न केवल ईरान राज्य के लिए बहुत दुख और सदमा पहुंचा, बल्कि दुनिया भर में मुहम्मद (सल्ल.) के चाहने वालों को भी बड़ा झटका लगा।
कनाडा में आयोजित शोक सभा की अध्यक्षता अली इस्लामिक मिशन हुजतौल इस्लाम के प्रमुख सैयद अहमद रजा हुसैनी ने की, जिसमें बड़ी संख्या में अकीदतमंदों ने हिस्सा लिया और शहीद राष्ट्रपति और उनके साथियों के लिए फातिहा पढ़ा गया.
शोक संदर्भ में, सर्वोच्च नेता के स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए प्रार्थना की गई और समय के इमाम के प्रति संवेदना व्यक्त की गई, अल्लाह उन्हें आशीर्वाद दे और उन्हें, सर्वोच्च नेता और शहीदों के परिवार को शांति प्रदान करे।
अमीर अब्दुल्लाहियान कूटनीतिक क्षेत्र में एक बहादुर और निडर व्यक्ति थे
ईरान में यमन के राजदूत ने शहीद अमीर अब्दुल्लाहियान की याद में आयोजित समारोह मे कहा: शहीद अब्दुल्लाहियान ने कूटनीति के क्षेत्र मे मुजाहिद के रूप मे काम किया।
हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, यमन के राजदूत "इब्राहीम मुहम्मद अल-दैलामी" ने शहीद अमीर अब्दुल्लाहियान की याद में आयोजित समारोह मे आयतुल्लाह रईसी, अमीर अब्दुल्लाहियान और उनके अन्य साथियों की शहादत पर शोक व्यक्त किया और कहा: मै गवाही देता हूं कि श्री अमीर अब्दुल्लाहयान ने कूटनीति के क्षेत्र में मुजाहिद के रूप मे काम किया।
उन्होंने कहा: अमीर अब्दुल्लाहियान उन लोगो मे से थे जो काफिरो के खिलाफ लड़ते हुए पवित्र पथ पर शहीद हो गए थे।
यमनी राजदूत ने कहा: जब अमीर अब्दुल्लाहियान ने विदेश मंत्री का पद संभाला, तो उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए जो असाधारण उपलब्धि हासिल की, वह वैश्विक अहंकार के खिलाफ एक राजनयिक युद्ध था। वह कूटनीतिक क्षेत्र मे एक बहादुर और निडर व्यक्ति थे।
उन्होंने आगे कहा: शहीद रईसी और शहीद अब्दुल्लाहियान इस्राईली शासन के साथ संबंधों को सामान्य बनाने के प्रयासो को अवरुद्ध करने मे सफल रहे और उन्हें अपने लक्ष्य को प्राप्त करने की अनुमति नहीं दी।
इब्राहिम मोहम्मद अल-दैलमी ने कहा: मैंने व्यक्तिगत रूप से एक प्रिय मित्र को खो दिया है, लेकिन मेरा मानना है कि, ईश्वर की इच्छा से, ईरान का संघर्ष और प्रतिरोध का मार्ग जारी रहेगा।
आयतुल्लाह इब्राहीम रईसी और उनके सहयोगियों की शहदत पर मजलिस मे सुप्रीम लीडर की शिरकत
ख़िदमत गुज़ार शहीदों की याद में मजलिस का आयोजन किया गया जिसमें हज़रत आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई सिविल और फ़ौजी अधिकारी, देशी व विदेशी मेहमान और मुख़्तलिफ़ अवामी लोग शरीक हुए।
हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,ख़िदमत गुज़ार शहीदों की याद में मजलिस का आयोजन किया गया जिसमें हज़रत आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई सिविल और फ़ौजी अधिकारी, देशी व विदेशी मेहमान और मुख़्तलिफ़ अवामी लोग शरीक हुए।
ख़िदमत गुज़ार शहीदों मरहूम राष्ट्रपति हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन सैयद इब्राहीम रईसी, मरहूम विदेश मंत्री जनाब डॉक्टर हुसैन अमीर अबुल्लाहियान, तबरीज़ के इमामे जुमा हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन मरहूम आले हाशिम, पूर्वी आज़रबाइजान प्रांत के गवर्नर मरहूम डॉक्टर मालिक रहमती की याद में मजलिस हुई।