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अमेरिकी कांग्रेस की महिला सदस्य ने अपने देश को ग़ज़ा पट्टी पर हमलों का विस्तार करने की ज़ायोनी शासन की योजना में भागीदार माना है।

मंगलवार की शाम को डेमोक्रेटिक कांग्रेस सदस्य रशीदा तलीब ने सोशल नेटवर्क एक्स पर एक संदेश पोस्ट किया, जिसमें ज़ायोनी शासन की नीतियों और वाशिंगटन सरकार द्वारा उसके समर्थन की आलोचना की गई।

रशीदा तलीब ने लिखा: अमेरिका ग़ज़ा पट्टी के विनाश में भागीदार है और फिलिस्तीनियों के नरसंहार में ज़ायोनियों के साथ मिला हुआ है।

अमेरिकी कांग्रेस की महिला सदस्य ने इस बात पर जोर दिया कि ज़ायोनी 64 दिनों से मानवीय सहायता को ग़ज़ा पट्टी में जाने से रोक रहे हैं। उन्होंने कहा: नेतन्याहू ने जो एक युद्ध अपराधी हैं, पूरे फिलिस्तीनी लोगों को निर्वासित करने, जातीय सफाया करने और ग़ज़ा पट्टी को पूरी तरह से नष्ट करने और उस पर कब्ज़ा करने की अपनी योजना की घोषणा की है।

अमेरिकी कांग्रेस की इस महिला सदस्य ने इस बात पर भी जोर दिया कि यह शुरू से ही ज़ायोनी शासन का लक्ष्य रहा है। उनका कहना था: अमेरिका इस नरसंहार में भागीदार है।

एक यमनी अधिकारी ने अमेरिका की यमन में विफलता की ओर इशारा करते हुए कहा कि अमेरिका ने इज़राइल के समर्थन से पीछे हटने का फ़ैसला किया है।

नस्रुद्दीन आमिर, जो कि अंसारुल्लाह यमन के सूचना विभाग के उपप्रमुख हैं ने क़तर के अलजज़ीरा चैनल से बात करते हुए और यमनियों तथा अमेरिका के बीच हुए युद्धविराम समझौते की प्रतिक्रिया में कहा,वाशिंगटन यमन के ख़िलाफ़ युद्ध में हार गया है और अब उसने इज़राइल का समर्थन छोड़ने का फ़ैसला किया है।

उन्होंने आगे कहा,ट्रंप ने निर्णय लिया कि वह लाल सागर में इज़राइली जहाज़ों की सुरक्षा से पीछे हटेंगे लेकिन हम कभी भी ग़ाज़ा के समर्थन से पीछे नहीं हटेंगे।

आमिर ने यह भी कहा,हमारी रणनीति स्पष्ट है हमने अपने हथियारों को इस तरह विकसित किया कि हम क़ब्ज़ा जमाने वालों को जवाबदेह बना सकें और तेल अवीव को ग़ाज़ा पर हमले रोकने पर मजबूर किया।

उन्होंने ज़ोर देकर कहा,हम किसी भी इज़राइली जहाज़ को लाल सागर से गुज़रने की इजाज़त नहीं देंगे।अमेरिका और अंसारुल्लाह के बीच हुए संघर्षविराम के संदर्भ में उन्होंने बताया,यही अमेरिका के राष्ट्रपति थे जिन्होंने हमें संदेश भेजा था।

इस्लामी क्रांति के नेता आयतुल्लाह खामेनेई ने आज सुबह हज आयोजकों और ईरानी तीर्थयात्रियों के एक समूह के साथ बैठक में कहा कि हज के लक्ष्यों और विभिन्न पहलुओं के बारे में जानकारी और पहचान, पवित्र घर के तीर्थयात्रियों के लिए इस महान कर्तव्य की सही पूर्ति का आधार है।

इस्लामी क्रांति के नेता आयतुल्लाह खामेनेई ने आज सुबह हज आयोजकों और ईरानी तीर्थयात्रियों के एक समूह के साथ बैठक में कहा कि हज के लक्ष्यों और विभिन्न पहलुओं के बारे में जानकारी और पहचान, पवित्र घर के तीर्थयात्रियों के लिए इस महान कर्तव्य की सही पूर्ति का आधार है। उन्होंने कहा कि हज से संबंधित कई आयतों में "नास" (लोग) शब्द का उपयोग यह दर्शाता है कि अल्लाह तआला ने यह फ़रीज़ा केवल मुसलमानों के लिए नहीं बल्कि सभी मनुष्यों के मामलों को विनियमित करने के लिए नियुक्त किया है। इसलिए हज का सही आयोजन वास्तव में समस्त मानवता की सेवा है।

उन्होंने हज के राजनीतिक पहलू को स्पष्ट करते हुए इसे एकमात्र ऐसा दायित्व बताया जिसकी संरचना और संयोजन पूरी तरह से राजनीतिक है, क्योंकि यह हर साल एक ही समय और स्थान पर लोगों को एक विशिष्ट उद्देश्य के लिए एक साथ लाता है और यह कार्य अपने आप में इसकी राजनीतिक प्रकृति को प्रकट करता है।

आयतुल्लाह खामेनेई ने कहा कि हज की राजनीतिक संरचना, साथ ही इसके सभी घटकों की विषय-वस्तु पूरी तरह से आध्यात्मिक और पूजा-पाठ है और प्रत्येक कार्य मानवता को जीवन के विभिन्न मुद्दों और जरूरतों के बारे में प्रतीकात्मक और शिक्षाप्रद सुराग प्रदान करता है।

उन्होंने तवाफ़ को तौहीद की धुरी पर घूमने की आवश्यकता का पाठ बताया और कहा कि यह मानवता को सिखाता है कि तौहीद को सरकार, अर्थव्यवस्था, परिवार और जीवन के सभी मामलों का केंद्र होना चाहिए। अगर ऐसा हो तो उत्पीड़न, शिशुहत्या और शोषण जैसी घटनाएं समाप्त हो जाएंगी और दुनिया फूलों का बगीचा बन जाएगी।

उन्होंने सफा और मरवा पहाड़ों के बीच सई को कठिनाइयों का सामना करते हुए निरंतर प्रयास का प्रतीक बताया और कहा कि व्यक्ति को कभी रुकना, धीमा नहीं होना चाहिए और न ही भटकना चाहिए।

उन्होंने अरफात, मशअर और मीना की ओर जाने वाले आंदोलन को निरंतर आगे बढ़ने और ठहराव से बचने का सबक बताया।

कुर्बानी के बारे में उन्होंने कहा कि यह इस बात का प्रतीक है कि कभी-कभी व्यक्ति को अपने सबसे प्रिय लोगों की कुर्बानी देनी पड़ती है, या खुद को कुर्बान करना पड़ता है।

उन्होंने जमारात को पत्थर मारने को शैतान को पहचानने और हर जगह से उसे दूर भगाने पर जोर देने के रूप में वर्णित किया।

उन्होंने एहराम को अल्लाह के सामने विनम्रता और इंसानों की समानता का प्रतीक बताया और कहा कि ये सभी कार्य मानवता के जीवन को सही दिशा देने के लिए हैं।

पवित्र कुरान की एक आयत की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि हज सभा का उद्देश्य मानवीय लाभ प्राप्त करना है और आज इस्लामी उम्माह के लिए एकता से बड़ा कोई लाभ नहीं है। अगर उम्माह एकजुट होती, तो गाजा, फिलिस्तीन और यमन में अत्याचार नहीं होते। उन्होंने कहा कि उम्माह का विभाजन औपनिवेशिक शक्तियों, अमेरिका, ज़ायोनी सरकार और अन्य शोषकों के लिए एक अवसर प्रदान करता है। इस्लामी देशों की एकता शांति, प्रगति और आपसी सहयोग की गारंटी है और हज के अवसर को इसी दृष्टिकोण से देखा जाना चाहिए।

उन्होंने इस्लामी सरकारों, विशेष रूप से मेजबान सरकार से हज की वास्तविकताओं और उद्देश्यों को समझाने का आग्रह किया। विद्वानों, बुद्धिजीवियों, लेखकों और जनमत को प्रभावित करने वालों की भी जिम्मेदारी है कि वे लोगों को हज की सच्ची शिक्षाओं के बारे में बताएं।

उन्होंने बंदर अब्बास में हुई दुखद घटना में जान गंवाने वालों के परिवारों के साथ अपनी सहानुभूति व्यक्त की और धैर्य रखने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि अल्लाह सर्वशक्तिमान उन लोगों को बेशुमार इनाम देता है जो विपत्ति में धैर्य रखते हैं। उन्होंने कहा कि संस्थानों को हुए नुकसान की भरपाई की जा सकती है, लेकिन जो चीज वास्तव में दिलों को जलाती है, वह वे परिवार हैं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया है और यह घटना हम सभी के लिए एक बड़ी त्रासदी है।

इस्लामी क्रान्ति के नेता के समक्ष, हज और तीर्थयात्रा के लिए सर्वोच्च नेता के प्रतिनिधि, अयातुल्ला सैय्यद अब्दुल फतह नवाब ने इस वर्ष के हज के नारे के तहत तीर्थयात्रियों के लिए आयोजित कार्यक्रमों का विवरण प्रस्तुत किया: "हज: कुरानिक आचरण, इस्लामी एकजुटता और उत्पीड़ित फिलिस्तीन के लिए समर्थन।"

हमास और इस्लामिक जिहाद संगठ नामक दो आंदोलनों ने ज़ायोनी शासन द्वारा सीरिया पर किए गए व्यापक और अभूतपूर्व हमलों की अलग अलग बयानों में कड़ी निंदा की है।

हमास और इस्लामिक जिहाद संगठ नामक दो आंदोलनों ने ज़ायोनी शासन द्वारा सीरिया पर किए गए व्यापक और अभूतपूर्व हमलों की अलग अलग बयानों में कड़ी निंदा की है।

फ़िलिस्तीनी आंदोलनों हमास और इस्लामिक जिहाद ने इज़राइल के इन बर्बर और बड़े पैमाने पर किए गए हमलों की कड़ी आलोचना की है।

हमास के बयान में कहा गया है हम सीरिया और लेबनान पर ज़ायोनी शासन के बर्बर हमलों की निंदा करते हैं। यह हमले अंतरराष्ट्रीय प्रस्तावों की खुली अवहेलना और इन दोनों देशों की संप्रभुता का उल्लंघन हैं।

हम इस आक्रामक और हिंसक नेतन्याहू सरकार और ज़ायोनी शासन का मुकाबला करने के लिए प्रयासों के एकजुट होने की आवश्यकता पर बल देते हैं। हम सीरिया की क्षेत्रीय अखंडता के समर्थन और सीरिया, लेबनान तथा अन्य सभी अरब भाई देशों की सुरक्षा और स्थिरता बनाए रखने पर ज़ोर देते हैं।

इस्लामिक जिहाद संगठन के बयान में कहा गया है,हम सीरियाई ज़मीन पर ज़ायोनी शासन के लगातार हमलों की कड़ी निंदा करते हैं। ये हमले ज़ायोनी शासन की शत्रुतापूर्ण और विस्तारवादी योजनाओं को दर्शाते हैं, जिनका उद्देश्य पूरे अरब और इस्लामी क्षेत्र को तोड़ना और विभाजित करना है।

उन्होंने आगे कहा,सीरिया पर ज़ायोनी शासन का यह हमला सभी अरब और इस्लामी राष्ट्रों पर एक प्रत्यक्ष हमला है। अरब क्षेत्र इस आक्रामकता और उसके दुष्परिणामों से सुरक्षित नहीं रहेगा।

ज्ञात हो कि सीरियाई मीडिया ने कल रात बताया कि ज़ायोनी शासन के लड़ाकू विमानों ने सीरिया के विभिन्न इलाकों पर भारी और अभूतपूर्व बमबारी की है।

यमन की सेना द्वारा कब्जे वाले ज़ायोनी शासन के खिलाफ़ सफल ऑपरेशन के बाद कब्जे वाले फ़िलिस्तीन के लिए अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के रद्द होने की लहर बढ़ गई है।

कब्जे वाले ज़ायोनी शासन के खिलाफ़ यमन की सेना द्वारा सफल ऑपरेशन के बाद कब्जे वाले फ़िलिस्तीन के लिए अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के रद्द होने की लहर बढ़ गई है।

कब्जे वाले इज़राइली 12 टीवी चैनल ने बताया है कि जर्मन एयरलाइन लुफ्थांसा आज तेल अवीव के लिए अपनी उड़ानें रद्द कर देगी।

हिब्रू मीडिया ने भी माना कि तेल अवीव के लिए उड़ानों का रद्द होना जारी है।

रिपोर्ट के अनुसार, स्विटज़रलैंड और ऑस्ट्रिया ने भी कब्जे वाले क्षेत्रों के लिए अपनी उड़ानें रद्द कर दी हैं।

इससे पहले, यह बताया गया था कि एक भारतीय विमान ने बेन गुरियन एयरपोर्ट पर उतरने से पहले अपना मार्ग बदल दिया था।

ध्यान रहे कि यह स्थिति यमन द्वारा बेन गुरियन एयरपोर्ट पर सफल मिसाइल हमले के बाद सामने आई है।

एक इन्टरव्यू में रूस के राष्ट्रपति ने यूक्रेन से सुलह को निश्चित क़रार दिया और कहा: यह सिर्फ़ समय की बात है।

रूस के राष्ट्रपति विलादीमीर पुतिन ने शनिवार को रूसी पत्रकार पावेल ज़ारुबिन से एक इन्टरव्यू में कहा कि रूस को यूक्रेन में अपने सैन्य अभियान के दौरान परमाणु हथियारों का उपयोग करने की आवश्यकता नहीं थी।

उन्होंने कहा कि रूस को कीव के साथ युद्ध के दौरान परमाणु हथियारों का उपयोग करने की आवश्यकता नहीं थी और हम आशा करते हैं कि भविष्य में ऐसी आवश्यकता पैदा नहीं होगी।

पुतिन ने इस बात पर जोर दिया कि परमाणु हथियारों के बिना भी रूस के पास विशेष अभियान पूरा करने के लिए पर्याप्त ताक़त और संसाधन हैं।

रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि यूक्रेन में सैन्य अभियान के दौरान रूस शांत है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया: मास्को को भड़काने का प्रयास, पूरी तरह से ग़लत साबित हुआ।

पुतिन ने कहा कि यूक्रेन के साथ रूस का मेल-मिलाप और समझौता "अपरिहार्य" है और यह सिर्फ़ पर निर्भर है।

ईरान की चुनी हुई फ्री स्टाइल कुश्ती की टीम के पहलवानों ने तुर्किये में होने वाले विश्व कप मुक़ाबले में 9 नौ पदक जीता।

फ्री स्टाइल कुश्ती का पहला मुक़ाबला तुर्किये के अंतालिया शहर में आयोजित हुआ।

 पहले दिन की समाप्ति पर फ्री स्टाइल कुश्ती में ईरानी टीम के चुने हुए नौजवान पहलवानों ने तीन स्वर्ण पदक, दो रजत पदक और चार कांस्य पदक प्राप्त किया।

 फ्री स्टाइल कुश्ती का दूसरा दिन तुर्किये में शनिवार को आयोजित होगा।

अवैध अधिकृत फ़िलिस्तीन में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय ने बताया है कि ग़ज़ा पट्टी के ख़िलाफ़ ज़ायोनी सरकार के युद्ध के आरंभ से अब तक इस क्षेत्र में 211 पत्रकार मारे जा चुके हैं।

अवैध अधिकृत फ़िलिस्तीन में राष्ट्रसंघ मानवाधिकार कार्यालय ने शुक्रवार और समाचार पत्रों की स्वतंत्रता के अंतरराष्ट्रीय दिवस के अवसर पर एक बयान जारी करके एलान किया है कि सात अक्तूबर 2023 से अब तक कम से कम 211 पत्रकार इस्राईली हमलों में ग़ज़ा में मारे गये हैं जिनमें 28 पत्रकार महिला भी शामिल हैं। यूनिस्को की घोषणा के अनुसार 47 पत्रकारों को डियूटी अंजाम देने के दौरान मारा गया। इस रिपोर्ट के अनुसार 49 पत्रकार इस समय ज़ायोनी सरकार की जेलों में बंद हैं। 

 इराक़चीः हम एक न्यायपूर्ण समझौता करने का पक्का इरादा रखते हैं

ईरान के विदेशमंत्री सय्यद अब्बास इराक़ची ने सोशल साइट X पर अभी हाल ही में लिखा है कि हमने ओमानी और अमेरिकी पक्षों के साथ वार्ता के चौथे चरण को तकनीकी कारणों से विलंबित करने का फ़ैसला किया है।

उन्होंने आगे लिखा कि हम हर समय से एक न्यायपूर्ण व संतुलित समझौते को हासिल करने का पक्का फ़ैसला किया है।

 उन्होंने लिखा कि हम ऐसा समझौता चाहते हैं जो प्रतिबंधों की समाप्ति की गैरेन्टी दे और इस संबंध में विश्वास बहाली करे कि ईरान का शांतिपूर्ण परमाणु कार्यक्रम बाक़ी रहेगा। साथ ही इस बात की भी गैरेन्टी दी जाये कि ईरान के अधिकारों का पूरी तरह से ध्यान रखा जायेगा।

 अमेरिकी सरकार पर जापानियों का विश्वास व भरोसा कम हो गया है

जापानी समाचार पत्र आसाही के हालिया सर्वे परिणाम इस बात के सूचक हैं कि डोनाल्ड ट्रम्प के शासन काल में अमेरिकी सरकार के प्रति जापानियों के भरोसे में बहुत कमी हो गयी है। इस सर्वे परिणामों के आधार पर अमेरिकी सरकार के प्रति जापानियों के अविश्वास में वृद्धि हो रही है इस प्रकार से कि 77 प्रतिशत से अधिक जापानी नागरिकों का मानना है कि सैनिक संकट आने की स्थिति में अमेरिका उनकी मदद नहीं करेगा।

जॉर्डन के एक विश्लेषक ने कहा है कि इस्राईल ने ईरान के परमाणु खतरे के बारे में जो दावा किया है उसका लक्ष्य इस शासन द्वारा अरबों के ख़िलाफ़ किये जा रहे अपराधों से आमजनमत का ध्यान हटाना है।

जॉर्डन के एक विश्लेषक "इब्राहीम क़बीलात" ने जॉर्डन के समाचार पत्र निसान में एक लेख में लिखा कि इस्राइल, ईरान जैसे अपने काल्पनिक दुश्मनों के माध्यम से क्षेत्रीय शक्तियों को निष्क्रिय करने की कोशिश कर रहा है ताकि वह अपनी दादागीरी व वर्चस्व बना सके।

 क़बीलात ने इस्राइली सरकार के वित्त मंत्री "बेज़ालेल स्मोट्रिच" की उन बयानों की ओर संकेत किया जिसमें उन्होंने कहा था कि ग़ज़ा युद्ध की समाप्ति के लिए सीरिया और अरबों का विभाजन ज़रूरी है।

 इस राजनीतिक विश्लेषक ने कहा कि इस्राईल सीरिया में दुरूज़ियों के समर्थन" के बहाने इस देश को रणक्षेत्र बनाए रखना चाहता है ताकि सीरिया में एकता को रोक सके। ग़ाज़ा में भी, फिलिस्तीनी शरणार्थियों का मुद्दा न केवल हमास से प्रतिशोध है, बल्कि प्रतिरोध को समाप्त करने का बहाना है।

 क़बीलात ने अमेरिका की भूमिका को इन जघन्य अपराधों के साथ सहयोग के रूप में बताया और कहा कि इस्राइल आर्थिक संकट पैदा करके और अंदरूनी विवादों को बढ़ाकर अरबों को कमज़ोर कर रहा है।

 इस जॉर्डन के विश्लेषक ने बल देकर कहा कि अरबों की एकता एक ऐसा हथियार है जिससे इस्राईल डरता है और इस्राईल से मुक़ाबला उसके षडयंत्रों की जानकारी और अरबों की एकता से आरंभ होता है न कि आंतरिक लड़ाई व विवाद से। 

इस्लामी गणराज्य ईरान के विदेश मंत्रालय ने यमन की जनता के आत्मरक्षा में साहसिक कार्यों और फिलिस्तीनी लोगों के समर्थन को ईरान से जोड़ने के आधारहीन दावों को इस शक्तिशाली और पीड़ित राष्ट्र का अपमान बताया है।

इस्लामी गणराज्य ईरान के विदेश मंत्रालय ने रविवार की शाम को एक बयान जारी करके यमन के संबंध में तेहरान पर लगाए गए आरोपों की निंदा की।

 इस बयान में कहा गया है कि निः संदेह यमनी लोगों द्वारा फिलिस्तीनी लोगों का समर्थन करने का कदम एक स्वतंत्र निर्णय और फिलिस्तीनी भाइयों और बहनों के प्रति उनकी मानवीय और इस्लामी एकजुटता की भावना का परिणाम है और इसे ईरान से जोड़ना गुमराह करने वाला है और इसका लक्ष्य फ़िलिस्तीन में ज़ायोनी सरकार के अपराधों से ध्यान हटाना, उस पर पर्दा डालना, अपनी नाकामियों को छुपाना और पश्चिमी एशिया के क्षेत्र को और अधिक अस्थिर व अशांत बनाने का बहाने देना है।

ईरान के विदेश मंत्रालय ने इस बयान में अपने सिद्धांतिक रुख पर ज़ोर देते हुए अमेरिका के यमन में सैन्य हमलों को संयुक्त राष्ट्र संघ के चार्टर और अंतरराष्ट्रीय कानूनों के बुनियादी नियमों का घोर उल्लंघन करार दिया और इसकी भर्त्सना की।

 इसी प्रकार विदेशमंत्रालय के प्रवक्ता के बयान में देशों की क्षेत्रीय अखंडता और राष्ट्रीय संप्रभुता का सम्मान करने की आवश्यकता पर बल दिया गया है। बयान में याद दिलाया गया है कि यह अमेरिकी सेना है जो जनसंहार करने वाले इस्राईल के समर्थन में यमन की जनता के खिलाफ युद्ध में शामिल हुई है और इस देश के विभिन्न शहरों में बुनियादी ढांचे और असैन्य लक्ष्यों पर हमले करके युद्ध अपराध कर रही है।

 ईरान के विदेश मंत्रालय ने इस बयान में पश्चिम एशिया और लाल सागर के क्षेत्र में सुरक्षा और स्थिरता पर इन हमलों के लगातार प्रभावों और ख़तरनाक परिणामों की याद दिलाते हुए अतिग्रहित फ़िलिस्तीन में नरसंहार और हत्या को समाप्त करने की मांग की है जो पूरे क्षेत्र में असुरक्षा के निरंतर बने रहने का मुख्य कारण है।

 इस्लामी गणतंत्र ईरान के विदेशमंत्रालय के बयान में आया है कि ईरानी सपूत व जवान हर प्रकार की दुष्टता और ईरान की राष्ट्रीय सुरक्षा और हितों के खिलाफ हर प्रकार की अवैध कार्रवाई का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार हैं। इसी प्रकार बयान में अमेरिका और ज़ायोनी शासन की हालिया धमकियों की निंदा की गयी है और कहा गया है कि इसके परिणामों और प्रभावों की ज़िम्मेदारी अमेरिकी सरकार और ज़ायोनी सरकार पर है।