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ईरान की इस्लामी क्रान्ति ने क्षेत्र के राष्ट्रों को उनकी पहिचान का आभास कराया
तेहरान की केन्द्रीय नमाज़े जुमा के इमाम हुज्जतुल इस्लाम सैयद मुहम्मद हसन अबू तुराबी फ़र्द ने कहा कि ईरान की क्षेत्रीय शक्ति इस्लाम की शक्ति तथा क़ुरआन की शिक्षाओं से प्राप्त की गई है और इस शक्ति ने फ़िलिस्तीन, यमन, सीरिया, लेबनान तथा इराक़ के राष्ट्रों को भी उनकी पहिचान का आभास कराया है।
हुज्जतुल इस्लाम सैयद मुहम्मद हसन अबू तुराबी फ़र्द ने नमाज़े जुमा के ख़ुतबों में कहा कि ईरानी राष्ट्र की राजनैतिक स्वाधीनता एक मूल्यवान ख़ज़ाना है, अमरीका के राष्ट्रपति कहते हैं कि ईरान की क्षेत्रीय शक्ति अमरीका के लिए चिंता का विषय है, जबकि यह शक्ति इस्लाम तथा क़ुरआन की शिक्षाओं से प्राप्त की गई है और इसने क्षेत्र के राष्ट्रों तथा प्रतिरोध को पहिचान प्रदान की है।
तेहरान की केन्द्रीय नमाज़े जुमा के इमाम ने कहा कि ईरान की प्रतिष्ठा इस देश के न्यायप्रेमी और संस्कारी नेताओं की देन है, इस्लामी क्रान्ति ने जो कुछ प्राप्त किया है वह अपने नेता और जनता से प्राप्त किया है तथा इस्लामी गणतंत्र व्यवस्था की पूरी शक्ति इन्हीं दो मूल्यवान रत्नों से मिली ह।
हुज्जतुल इस्लाम सैयद मुहम्मद हसन अबू तुराबी फ़र्द कहा कि आज अमरीका के विस्तारवादी मोर्चे के मुक़ाबले में जो क्षेत्र और दुनिया के स्तर पर ग़ैर क़ानूनों लक्ष्यों के लिए प्रयासरत है, इस्लामी प्रतिरोधक मोर्चा नेता और जनता के मज़बूत संबंधों की वहज से डटा हुआ है।
तेहरान की केन्द्रीय नमाज़े जुमा के इमाम ने कहा कि इस्लामी क्रान्ति के वरिष्ठ नेता ने नए हिजरी शम्सी साल 1397 को ईरानी उत्पाद के समर्थन का साल घोषित किया है, उन्होंने ईरानी उत्पाद का समर्थन किए जाने पर ज़ोर देते हुए कहा कि ईरानी उत्पाद उत्तम क्वालिटी के साथ और कम ख़र्च पर तैयार होना चाहिए।
इस क्षेत्र में अमरीकी की इच्छा कभी पूरी नहीं होगी , वरिष्ठ फ़ोटो
इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने कहा है कि चालीस वर्ष बीत जाने के बाद आज ईरान की इस्लामी क्रांति न केवल यह कि बूढ़ी नहीं हुई बल्कि यह उसके यौवन का काल है।
वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनई ने बुधवार को पवित्र नगर मशहद में पैगम्बरे इस्लाम के पौत्र इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम के रोज़े पर श्रद्धालुओं के मध्य अपने एक भाषण में ईरान की इस्लामी क्रांति के मूल सिद्धान्तों, स्वाधीनता, आज़ादी , प्रजातंत्र, आत्मविश्वास, न्याय और सब से महत्वपूर्ण इस्लामी शिक्षाओं के पालन पर बल दिया और कहा कि यह सारे सिद्धान्त और नारे पूरी ताज़गी के साथ सुरक्षित हैं।
वरिष्ठ नेता ने कहा कि ईरान पर 200 वर्षों तक विदेशियों का वर्चस्व था इस लिए देश की जनता की सब से बड़ी इच्छा, स्वाधीनता थी और आज हम यह कह सकते हैं कि आज दुनिया के किसी राष्ट्र के पास, ईरानी राष्ट्र की तरह स्वाधीनता नहीं है।
इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने ईरान के बारे में विश्व बैंक की ओर से जारी किये गये कुछ आंकड़े पेश करते हुए, ईरान में क्रांति की सफलता के बाद होने वाली प्रगति का उल्लेख किया और सामाजिक न्याय के क्षेत्र में देश में किये गये कामों का उल्लेख करते हुए कहा कि इस्लामी गणतंत्र ईरान ने बेहद दबाव के बावजूद सामाजिक न्याय स्थापना के क्षेत्र में बड़े काम किये हैं और अच्छी तरक़्क़ी है लेकिन हमें जिस की आशा है वह वर्तमान स्थिति से अधिक है।
वरिष्ठ नेता ने ईरानी नववर्ष के नारे " ईरानी उत्पाद का समर्थन " का उल्लेख करते हुए इस नारे के विभिन्न आयामों को स्पष्ट किया।
वरिष्ठ नेता ने क्षेत्रीय परिवर्तनों का उल्लेख करते हुए कहा कि पिछले वर्ष इस्लामी गणतंत्र ईरान ने ईरानी राष्ट्र की ताक़त की पताका क्षेत्र में लहरायी और तकफीरी आतंकवाद की कमर तोड़ने में मुख्य भूमिका निभाई ।
नौरोज़ के अवसर पर वरिष्ठ नेता का पूरा संदेश पढ़ने के लिए क्लिक करेंः नौरोज़ के अवसर पर इस्लामी क्रान्ति के वरिष्ठ नेता का संबोधन, नए साल का नारा 'ईरानी उत्पाद का समर्थन'
वरिष्ठ नेता ने कहा कि इस्लामी गणतंत्र ईरान इलाक़े में अमरीकी साज़िशों को नाकाम बनाने में सफल रहा है जो दाशइ को अस्तित्व में लाकर ज़ायोनी शासन से लोगों का ध्यान हटाना और इलाक़े के लोगों को एक दूसरे से भिड़ाने का प्रयास कर रहा था।
वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनई ने कहा कि हम ने इलाक़े की जो भी मदद की है वह तार्किक कारणों और सूझ बूझ पर आधारित थी और किसी भी रूप में भावनात्मक नहीं थी, हमें कामयाबी मिली लेकिन हमारा इरादा किसी भी देश में दखल देने का नहीं था, हम जहां भी गये उस देश की सरकार की इच्छा के अनुसार गये।
वरिष्ठ नेता ने कहा कि इस क्षेत्र में अमरीका की इच्छा कभी पूरी नहीं होगी और हमारे उद्देश्य ज़रूर पूरे होंगे।
तेहरान के इमामे जुमा ने कहा है कि दुश्मन इस्लामी व्यवस्था को नुक़सान पहुंचाने की साज़िश रच रहा है
तेहरान के इमामे जुमा ने जुमे की नमाज़ के ख़ुतबों में कहा है कि दुश्मन, राजनीतिक, सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से इस्लामी व्यवस्था को नुक़सान पहुंचाने की साज़िश रच रहा है।
आयतुल्लाह मोहम्मद इमामी काशानी का कहना था कि इस्लामी व्यवस्था के दुश्मन, न्यायपालिका, संसद और सुरक्षा बलों को नुक़सान पहुंचाना चाहता है, इसलिए पूरे राष्ट्र को चाहिए कि मिलकर इस साज़िश का मुक़ाबला करे।
आयतुल्लाह काशाना ने कहा, आध्यात्मिकता में शांति व ईश्वर की इबादत शामिल है और यह ईश्वर की महत्वपूर्ण अनुकंपा है।
उन्होंने कहा कि अधिकारियों को चाहिए कि वे लोगों की आर्थिक समस्याओं का समाधान निकालें।
ईरान के एक वरिष्ठ धर्मगुरु, ग़ुलाम रज़ा मिसबाही मुक़द्दम ने जुमे की नमाज़ से पहले अपने भाषण में कहा, कुछ क्षेत्रीय देश हर वर्ष विश्व की बड़ी शक्तियों से अरबों डॉलर के हथियार ख़रीदते हैं, इसके बावजूद, ईरानी सेना और आईआरजीसी ने रक्षा क्षेत्र में असामान्य प्रगति की है और विश्व की बड़ी शक्तियों को हैरान कर दिया है।
अमरीकी व ज़ायोनी धावे के मुक़ाबले में ईरानी राष्ट्र की दृढ़ता का राज़ वरिष्ठ नेता की नज़र में ...
इस्लामी क्रान्ति के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्यद अली ख़ामेनई ने ईश्वर पर आस्था और उससे डर को अमरीकी और ज़ायोनी धावे से मुक़ाबले में ईरानी राष्ट्र की दृढ़ता का राज़ बताया।
गुरुवार को इस्लामी क्रान्ति के वरिष्ठ नेता का चयन करने वाली असेंब्ली के अध्यक्ष व सदस्यों ने तेहरान में आयतुल्लाहिल उज़्मा ख़ामेनई से मुलाक़ात की जिसमें वरिष्ठ नेता ने अमरीका और ज़ायोनीवाद के सांस्कृतिक, राजनैतिक, वित्तीय, सैन्य व सुरक्षा की दृष्टि से बड़े मोर्चे से निपटने में ईरान की दृढ़ता का स्रोत ईरानी जनता व जवान नस्ल में ईश्वर पर आस्था और उसका डर बताया।
उन्होंने सत्य के मोर्चे के प्रति ईश्वर के साथ को निश्चित वादा और इसी वादे को सत्य के मोर्चे के लिए ख़ुशी की वजह बताते हुए बल दिया कि ईश्वर के इस निश्चित वादे के पूरा होने की शर्त यह है कि धर्मगुरु, व्यवस्था के अधिकारी और शिक्षा व प्रचार तंत्र ईश्वर पर आस्था रखने वाले समाज के प्रशिक्षण के अपने कर्तव्य को निभाए और वह ख़ुद भी ईश्वर पर आस्था को अपने व्यवहार से साबित करे, मेहनत करे, दृढ़ता दिखाए और रईसाना ज़िन्दगी से दूरे रहे।
आयतुल्लाहिल उज़्मा ख़ामेनई ने दुश्मन के चौतरफ़ा धावे के मद्देनज़र ईरान के सामने राजनैतिक, आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक व सुरक्षा की नज़र से संघर्ष को सख़्त बताते हुए कहा कि एकेश्वरवाद, सामाजिक न्याय, अत्याचार से संघर्ष, पीड़ितों का समर्थन सहित इस्लामी व्यवस्था की आकांक्षाएं और इस्लामी गणतंत्र के वजूद के कारण धर्म के दुश्मन धावा बोलते हैं और ऐसा पूरे इतिहास में हमेशा से होता आया है कि सत्य के मोर्चे के मुक़ाबले में असत्य का मोर्चा होता है और पवित्र क़ुरआन की अनेक आयतों में भी इसका वर्णन है।
वरिष्ठ नेता ने सत्य-असत्य के बीच निरंतर मुक़ाबले में सत्य की जीत के ईश्वर के निश्चित वादे का उल्लेख करते हुए कहा कि इस वादे के पूरा होने के लिए शर्त यह है कि ईश्वर पर आस्था रखने वाले सच्ची नियत, धैर्य, जागरुकता, साहस और दृढ़ता का परिचय दें कि इन शर्तों के पालन से इस वादे का पूरा होना अटल ईश्वरीय परंपरा है।
अफ़ग़ानिस्तान, अमरीकी हवाई हमले में कई छात्र हताहत
पूर्वी अफ़ग़ानिस्तान के कुन्नड़ प्रांत में अमरीकी ड्रोन हमले में तीन छात्र मारे गये।
तसनीम न्यूज़ एजेन्सी की रिपोर्ट के अनुसार एेसी हालत में अमरीकी अधिकारी दावा कर रहे हैं कि शुक्रवार को कुन्नड़ प्रांत के मानूगी शहर में होने वाले ड्रोन हमले में आतंकवादी गुट दाइश के सदस्यों को निशाना बनाया गया है, इस प्रांत के गवर्नर के प्रवक्ता ग़नी मुसम्मम ने इस हमले में तीन छात्रों के मारे जाने की पुष्टि की है।
कुन्नड़ प्रांत की शिक्षण और प्रशिक्षण संस्था के एक कर्मी एहसानुल्लाह ज़ुहैर ने फ़ेसबुक पर लिखा कि मानूगी शहर पर होने वाले अमरीकी ड्रोन हमले में मारे गये छात्र थे।
ज्ञात रहे कि अमरीका के ड्रोन हमलों में अधिकतर आम नागरिक ही मारे जाते हैं। अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प द्वारा अफ़ग़ानिस्तान के बारे में नई रणनीति की घोषणा के बाद से इस देश में अमरीकी ड्रोन हमलों में वृद्धि हुई है।
वर्ष 2001 से अफ़ग़ानिस्तान पर अमरीका की चढ़ाई के समय से अब तक इस युद्धग्रस्त देश में एक लाख 11 हज़ार से अधिक लोग मारे जा चुके हैं।
ईरान को तेल की क़ीमत का भुगतान यूरो में किया जाएगाः भारत
ईरान में भारत के वाणिज्य राजदूत ने कहा है कि ईरान को तेल की क़ीमत का भुगतान करने में भारत को कोई समस्या नहीं है और यह भुगतान यूरो के रूप में किया जाएगा।
देवेश उत्तम ने तेहरान में भारत की विशेष प्रदर्शनी के उद्घाटन समारोह के अवसर पर पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि भारत ने ईरान पर प्रतिबंध के काल के अपने सभी क़र्ज़े चुका दिए हैं और अब ईरान को भुगतान के लिए उसके पास कई मार्ग हैं जिनमें से एक यूको बैंक है। उन्होंने कहा कि भारत के यूको बैंक के साथ ईरानी बैंकों के दो देशों में ज्वाइंट अकाउंट हैं और इस माध्यम से ईरान व भारत के बीच व्यापारिक लेन-देन के भुगतान में कोई समस्या नहीं आएगी।
तेहरान में भारत के वाणिज्य राजदूत ने इस बात का उल्लेख करते हुए कि इस समय भारत और ईरान के बीच व्यापारिक लेन-देन का स्तर प्रतिवर्ष 12 अरब 80 करोड़ डाॅलर है, आशा जताई है कि दोनों देशों के बीच रुपये और रियाल को आधार बनाए जाने जैसे क़दमों ईरान व भारत के बीच लेन-देन की दर निर्धारित लक्ष्य यानी तीस अरब डाॅलर प्रतिवर्ष तक पहुंच जाएगी। ज्ञात रहे कि शनिवार से तेहरान में भारत की विशेष प्रदर्शनी आरंभ हुई है जिसमें खाद्य पदार्थ, इंजीनियरिंग, सूचना प्रोद्योगिकी और मशीन उद्योग से संबंधित वस्तुएं पेश की गई हैं।
इस्राईलः तेलअबीव में नेतिन्याहू के खिलाफ विशाल प्रदर्शन...
अवैध अधिकृत फिलिस्तीन के हज़ारों लोगों ने शनिवार की रात तेलअबीव में इस्राईली प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतिन्याहू के भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रदर्शन किया।
इस्राईली प्रदर्शन कारियों ने नेतिन्याहू और उनके मंत्रिमंडल के सभी भ्रष्ट सदस्यों के त्यागपत्र की मांग की।
याद रहे नेतिन्याहू को पुलिस की ओर से हालिया हफ्तों में कई बार पूछताछ के लिए बुलाया जा चुका है।
इस्राईली पुलिस नेतिन्याहू के आर्थिक व सरकारी भ्रष्टाचार के तीन केस तैयार किये हैं
पहला मामला, धनवान व्यापारियों से उपहार लिए जाने के बारे में है। दूसरा केस नेतिन्याहू और " यदीऊत अहारोनोत" समाचार पत्र के मालिक के बीच होने वाले उस समझौते के बारे में जिसमें यह तय पाया था कि नेतिन्याहू की सरकर के बारे में " अच्छी- अच्छी" खबरें प्रकाशित किये जाने के बदले, इस्राईली सरकार, प्रतिस्पर्धी अखबार " इस्राईल ह्यूम" पर कुछ प्रतिबंध लगाएगी।
तीसरे मामले में नेतिन्याहू पर जर्मनी से परमाणु पनडुब्बी खरीदने के लिए जोड़-तोड़ का आरोप है वैसे नेतिन्याहू इस्राईल के पहले नेता नहीं हैं जिन पर आर्थिक भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं वास्तव में आर्थिक व नैतिक भ्रष्टाचार, इस्राईली नेताओं में आम है।
इस्राईल के भूतपूर्व प्रधानमंत्री " एहुद ओलमर्ट" को सन 2014 में रिश्वत लेने के आरोप सज़ा सुनायी जा चुकी है।
इस्राईल के एक अन्य पूर्व प्रधानमंत्री " एरियल शेरून" को प्रधानमंत्री काल में भी उसने रिश्तत के एक मामले में पूछताछ हो चुकी है।
भ्रष्टाचार के आरोप इस्राईली राष्ट्रपतियों पर भी लग चुके हैं।
इस्लामी क्रांति को समाप्त करने के लिए ईरान पर आठ वर्षीय युद्ध थोपा गया थाः इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता
इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने कहा है कि बड़ी शक्तियों ने इस्लामी क्रांति को समाप्त करने के उद्देश्य से आठ वर्षीय युद्ध ईरानी राष्ट्र पर थोपा था लेकिन युवाओं के त्याग, ईमान, युक्ति, साहस और दूरदर्शिता के कारण यह युद्ध ईरानी राष्ट्र के पक्ष में रहा और इस्लामी क्रांति पहले से अधिक मज़बूत हुई।
आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने शनिवार को युवाओं के एक समूह से मुलाक़ात में, पवित्र प्रतिरक्षा के काल को ईरान व इस्लामी क्रांति के इतिहास का एक स्वर्णिम व प्रकाशमान अध्याय बताया और कहा कि सम्मान, वैभव, सुरक्षा, स्वाधीनता, स्वतंत्रता और इस्लामी गणतंत्र ईरान व ईरानी राष्ट्र की आज की सुरक्षा, आठ वर्षीय पवित्र रक्षा के कारण है। उन्होंने इस बात पर बल देते हुए कि इस्लामी क्रांति की सफलता ने पूरब व पश्चिम की शक्तियों का तख़्त हिला दिया, कहा कि आरंभिक बरसों में ही क्षेत्र और मुस्लिम राष्ट्रों में इस्लामी क्रांति की संस्कृति के प्रसार से वर्चस्ववादी शक्तियां अत्यधिक चिंतित हो गईं और उन्होंने किसी भी मूल्य पर इस क्रांति को समाप्त करने की कोशिश की और इसी लिए उन्होंने अत्याचारी और स्वार्थी व्यक्ति था, युद्ध शुरू करने और ईरान पर हमला करने के लिए उकसाया।
इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने अमरीका व यूरोप विशेष कर ब्रिटेन, फ़्रान्स, जर्मनी और इसी तरह सोवियत संघ की ओर से सद्दाम शासन की व्यापक आर्थिक, सामरिक व गुप्तचर मदद की ओर इशारा करते हुए कहा कि युद्ध के दौरान फ़्रान्स ने अपने विकसित विमान और हेलीकाॅप्टर और जर्मनी ने औपचारिक रूप से और खुल कर रासायनिक पदार्थ सद्दाम को दिए और युद्ध को समाप्त हुए तीस साल गुज़रने के बावजूद अब भी बहुत से लोग उनके कुप्रभावों में ग्रस्त हैं जबकि बड़ी संख्या में लोग उन्हीं विषैले पदार्थों के कारण शहीद हो गए।
आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने कहा कि सद्दाम शासन के वैश्विक समर्थन के मुक़ाबले में इस्लामी गणतंत्र ईरान के पास जो एकमात्र चीज़ थी, वह ईमान वाला राष्ट्र और इमाम ख़ुमैनी जैसा सशक्त नेता था जिसके परिणाम स्वरूप दुनिया की शैतानी ताक़तों की सभी कोशिशें, विफल रहीं और ईरानी राष्ट्र पवित्र प्रतिरक्षा में सभी बड़ी शक्तियों पर विजयी हुआ।
क्षेत्र में ईरान की उपस्थिति का अमरीका और यूरोप से कोई लेना देना नहीं हैः वरिष्ठ नेता
इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़मेनेई ने कहा कि जबकि अमरीका हर जगह अपनी अशांति, हिंसा और अराजकता से भरी उपस्थित दर्ज किए हुए है वह निरंतर क्षेत्र में ईरान की उपस्थिति के बारे में शंका फैला रहा है।
गुरुवार को पैग़म्बरे इस्लाम की सुपुत्री हज़रत फ़ातेमा ज़हरा सलामुल्लाह अलैहा के शुम जन्म दिवस के अवसर पर हज़ारों की संख्या में शायरों, कवियों और कवियत्रियों ने इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता से मुलाक़ात की।
इस मुलाक़ात में वरिष्ठ नेता ने क्षेत्र में अमरीकी और यूरोपीय अधिकारियों द्वारा ईरान की उपस्थिति के बारे में दिए गये बयानों पर जवाब देते हुए कहा कि क्या हमको क्षेत्र में उपस्थित होने के लिए अमरीका से अनुमति लेना होगा?
वरिष्ठ नेता ने कहा कि इस्लामी गणतंत्र ईरान को क्षेत्र में अपनी उपस्थिति के लिए क्षेत्रीय सरकारों से बात करनी चाहिए न कि अमरीकियों से? जब हम अमरीका में उपस्थिति दर्ज करेंगे तो आपसे वार्ता करेंगे।
इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने क्षेत्र में उपस्थिति के बारे में ईरान से वार्ता करने के रूझान पर आधारित यूरोपीय अधिकारियों के बयान पर कहा कि इसी बात पर मैं फिर बल देता हूं और कहता हूं कि इस बात से तुम्हें क्या लेना देना है।
इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने बल दिया कि ईरान, क्षेत्रीय राष्ट्रों से वार्ता करता है, समझौता करता है और आगे भी वार्ता करता रहेगा।
उन्होंने कहा कि ईरान के दुश्मन कुछ महीने पहले एक थिंक टैंक में बैठे और अगले तीन महीने के लिए योजना बना कि अपनी सोच में अगले तीन महीने में ईरान का काम तमाम कर देंगे।
किसी भी शक्ति को हस्तक्षेप की अनुमति नहीं दी जाएगी
तेहरान की केन्द्रीय नमाज़े जुमा के इमाम ने कहा कि क्षेत्र में ईरान की उपस्थिति का किसी भी बाहरी ताक़त कोई लेना देना नहीं है और ईरान किसी भी बाहरी ताक़त को हस्तक्षेप की अनुमति नहीं देगा।
तेहरान की केन्द्रीय नमाज़े जुमा के इमाम हुज्जतुल इस्लाम काज़िम सिद्दीक़ी ने नमाज़े जुमा के ख़ुतबों में कहा कि यह बात कदापि स्वीकार्य नहीं है कि कोई यूरोपीय देश अमरीका का दल्लाल बनकर आए और हमसे यह कहे कि इस इलाक़े में आपको कुछ करने के लिए हमसे अनुमति लेनी होगी। उन्होंने कहा कि ईरान ने आज तक किसी भी बाहरी शक्ति को हस्तक्षेप की अनुमति नहीं दी है और भविष्य में भी किसी ताक़त को हस्तक्षेप की इजाज़ नहीं दी जाएगी।
तेहरान की केन्द्रीय नमाज़े जुमा के इमाम ने कहा कि इलाक़े में ईरान की उपस्थिति और प्रभाव अमरीका के हिंसा और फ़ितना फैलाने वाले तत्वों पर अंकुश लगाने के लिए है।
हुज्जतुल इस्लाम काज़िम सिद्दीक़ी ने ईरान को नुक़सान पहुंचाने में विश्व सम्राज्यवाद की विफलता का हवाला देते हुए कहा कि सारी साज़िशें ईरान में उपद्रव और अराजकता पैदा करने के लिए थीं जिन्हें जनता की दूरदर्शता और ईश्वर की कृपा तथा इस्लामी क्रान्ति के वरिष्ठ नेता के विवेकपूर्ण नेतृत्व की मदद से नाकाम बना दिया गया।
तेहरान की केन्द्रीय नमाज़े जुमा के इमाम ने पैग़म्बरे इस्लाम की सुपुत्री हज़रत फ़ातेमा ज़हरा सलामुल्लाह अलैहा के शुभ जन्म दिवस की बधाई दी और महिला दिवस या माता दिवस का हवाला देते हुए हज़रत फ़ातेमा ज़हरा सलामुल्लाह अलैहा को सारी दुनिया के एकेश्वरवादियों और इस्लामी जगत तथा ईरानी जनता के लिए आदर्श बताया। उन्होंने कहा कि हज़रत फ़ातेमा ज़हरा उन सभी इंसानों के लिए संपूर्ण मानवीय आदर्श हैं जो मानवीय मूल्यों पर आस्था रखते हैं।