وَهُوَ الَّذِي أَنزَلَ مِنَ السَّمَاءِ مَاءً فَأَخْرَ‌جْنَا بِهِ نَبَاتَ كُلِّ شَيْءٍ فَأَخْرَ‌جْنَا مِنْهُ خَضِرً‌ا نُّخْرِ‌جُ مِنْهُ حَبًّا مُّتَرَ‌اكِبًا

Rate this item
(0 votes)

और वही है जिसने आकाश से पानी बरसाया, फिर हमने उसके द्वारा हर प्रकार की वनस्पति उगाई; फिर उससे हमने हरी-भरी पत्तियाँ निकाली और तने विकसित किए, जिससे हम तले-ऊपर चढे हुए दान निकालते है - और खजूर के गाभे से झुके पड़ते गुच्छे भी - और अंगूर, ज़ैतून और अनार के बाग़ लगाए, जो एक-दूसरे से भिन्न भी होते है। उसके फल को देखा, जब वह फलता है और उसके पकने को भी देखो! निस्संदेह ईमान लानेवाले लोगों को लिए इनमें बड़ी निशानियाँ है [6:99]

Read 3175 times

क़ुरआन की शरण में

हज़रत ज़हेरा स.ल.का हक़ ग़स्ब करने वालों का अंजाम
हज़रत ज़हेरा स.ल.का हक़ ग़स्ब करने वालों का अंजाम
हज़रत रसूल अल्लाह स.ल.व.व. ने एक रिवायत में हज़रत ज़हेरा स.ल.का हक़ ग़स्ब करने वालों के अंजाम की ओर इशारा किया है इस रिवायत को…