وَهُوَ الَّذِي أَنزَلَ مِنَ السَّمَاءِ مَاءً فَأَخْرَ‌جْنَا بِهِ نَبَاتَ كُلِّ شَيْءٍ فَأَخْرَ‌جْنَا مِنْهُ خَضِرً‌ا نُّخْرِ‌جُ مِنْهُ حَبًّا مُّتَرَ‌اكِبًا

Rate this item
(0 votes)

और वही है जिसने आकाश से पानी बरसाया, फिर हमने उसके द्वारा हर प्रकार की वनस्पति उगाई; फिर उससे हमने हरी-भरी पत्तियाँ निकाली और तने विकसित किए, जिससे हम तले-ऊपर चढे हुए दान निकालते है - और खजूर के गाभे से झुके पड़ते गुच्छे भी - और अंगूर, ज़ैतून और अनार के बाग़ लगाए, जो एक-दूसरे से भिन्न भी होते है। उसके फल को देखा, जब वह फलता है और उसके पकने को भी देखो! निस्संदेह ईमान लानेवाले लोगों को लिए इनमें बड़ी निशानियाँ है [6:99]

Read 3054 times

क़ुरआन की शरण में

ईश्वरीय आतिथ्य
ईश्वरीय आतिथ्य
रमज़ान के महीने में नमाज़ के बाद जिन दुआओं के पढ़ने की सिफ़ारिश की गई है, उनमें से एक दुआए फ़रज है। यह दुआ हर…