माहे रमज़ान के दसवें दिन की दुआ (10)

Rate this item
(0 votes)
माहे रमज़ान के दसवें दिन की दुआ (10)

हज़रत रसूल अल्लाह स.ल.व.व.ने यह दुआ बयान फ़रमाई हैं।

माहे रमज़ानुल मुबारक की दुआ जो हज़रत रसूल अल्लाह स.ल.व.व.ने बयान फ़रमाया हैं।

اَللّهُمَّ اجْعَلني فيہ مِنَ المُتَوَكِلينَ عَلَيْكَ وَاجْعَلني فيہ مِنَ الفائِزينَ لَدَيْكَ وَاجعَلني فيه مِنَ المُقَرَّبينَ اِليكَ بِاِحْسانِكَ يا غايَةَ الطّالبينَ...

अल्लाह हुम्मज अल नी फ़ीहि मिनल मुतवक्किलीना अलैक, वज अलनी फ़ीहि मिनल फ़ाएज़ीना लदैक, वज अलनी फ़ीहि मिनल मुक़र्रिबीना इलैक, बे एहसानिका या ग़ायतल तालिबीन (अल बलदुल अमीन, पेज 220, इब्राहिम बिन अली )

ख़ुदाया! मुझे आज उन लोगों में क़रार दे जो तुझ पर भरोसा करें, तेरी बारगाह में कामयाब हों और तेरे मुक़र्रब बन्दे हों, अपने एहसान से, ऐ तलबगारों की इंतहा...

अल्लाह हुम्मा स्वल्ले अला मुहम्मद व आले मुहम्मद व अज्जील फ़रजहुम..

Read 129 times