
رضوی
पूरी दुनिया क़ुरआन की प्रामाणिकता को मानती हैः
अल्लाह का कलाम एक चमत्कारी कथन है। यह हर पहलू में एक चमत्कार है। इसकी हर आयत में, किसी न किसी रूप में, मुहम्मद और मुहम्मद के परिवार निहित है।
अल्लाह का कलाम एक चमत्कारी कथन है। यह हर पहलू में एक चमत्कार है। इसकी हर आयत में, किसी न किसी रूप में, मुहम्मद और मुहम्मद के परिवार निहित है। अमरोहा में मुसलमानों की एक सभा को संबोधित करते हुए विश्व प्रसिद्ध वक्ता, विचारक और कवि हुज्जतुल इस्लाम वा मुस्लेमीन अक़ीलुल ग़रवी ने कहा कि हर विचारधारा के विद्वान पवित्र कुरान की चमत्कारी प्रकृति को स्वीकार करते हैं।
हुज्जतुल इस्लाम अक़ीलुल ग़रवी ने अरबी भाषा की गहराई और उसके लाभों का वर्णन करते हुए कहा कि अरबी की क्षमता को समझने के लिए, यह पर्याप्त है कि अल्लाह तआला ने दुनिया भर के लोगों के मार्गदर्शन के लिए जो किताब उतारी है वह अरबी भाषा में है।
हुज्जतुल इस्लाम अक़ीलुल ग़रवी ने युवाओं को अरबी भाषा सीखने की सलाह दी तथा इसके सांसारिक और पारलौकिक लाभों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि अरबी दुनिया के लगभग तीस देशों की आधिकारिक भाषा है। अरबी भाषा जानने वालों के लिए तीस देशों में रोजगार के सुनहरे अवसर उपलब्ध हैं। उन्होंने बताया कि अरबी भाषा का परलोकिक लाभ यह है कि जो व्यक्ति अरबी जानता है, वह कठमुल्लाओं द्वारा समझाई गई कुरान की गलत तफ़सीर से गुमराह नहीं होता।
हुज्जतुल इस्लाम अक़ीलुल ग़रवी मोहल्ला जाफरी अज़ाखाने में आयोजित शोक सभा को संबोधित कर रहे थे। शोक समारोह का आयोजन शहर की जानी-मानी हस्ती स्वर्गीय मनाजिल हुसैन को उनकी बरसी के अवसर पर श्रद्धांजलि देने के लिए किया गया था। सोज़ खानी सय्यद सिब्ते सज्जाद और उनके साथियों ने की। शोक सभा में शहर से बड़ी संख्या में विश्वासी शामिल हुए।
नस्रुल्लाह और सफ़ीयुद्दीन ने इस्लामी राष्ट्र की शराफ़त व प्रतिष्ठा का बचाव किया
इस्लामी गणतंत्र ईरान के राष्ट्रपति मसऊद पिज़िश्कियान ने लेबनान के इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन हिज़्बुल्लाह के शहीद महासचिव के दफ़्न समारोह के अवसर पर कहा कि हम उस वचन व अहद पर क़ायेम हैं जो हमने किया है।
लेबनान के इस्लामी आंदोलन हिज़्बुल्लाह आंदोलन के पूर्व महासचिव शहीद सैय्यद हसन नस्रुल्लाह और हिज़्बुल्लाह की राजनीतिक परिषद के प्रमुख शहीद सैय्यद हाशिम सफ़ीयुद्दीन की शवयात्रा आज 23 फ़रवरी 2025 को बैरूत में निकाली जायेगी।
ईरान के राष्ट्रपति मसऊद पिज़िश्किया ने सोशल साइट X पर एक संदेश पोस्ट करके लिखा है कि महान लेबनानी राष्ट्र इस लाएक़ है कि वह अपने समस्त सपूतों विशेषकर इन दो महान सैय्यदों पर गर्व करे। यह वह शूरवीर थे जो अपने वचन के प्रति वफ़ादार थे और राष्ट्र की शराफ़त का बचाव किया यहां तक कि अल्लाह की राह में वे शहीद हो गये।
राष्ट्रपति के इस संदेश में आया है कि हम उस वचन के प्रति कटिबद्ध हैं जो हमने किया है।
क़ालीबाफ़ः नस्रुल्लाह इस्लामी राष्ट्र की इज़्ज़त और प्रतिरोध का मोर्चा हैं
ईरान की संसद मजलिसे शुराये इस्लामी के संसद सभापति मोहम्मद बाक़िर क़ालीबाफ़ ने प्रतिरोध के नेताओं के दफ़्न समारोह में भाग लेने के लिए लेबनान जाने से पहले कहा था कि आज का दिन प्रतिरोध के मोर्चे, इस्लामी राष्ट्र और लेबनानी लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने बल देकर कहा था कि शहीद नस्रुल्लाह इस्लामी राष्ट्र, इस्लामी जगत और प्रतिरोध के मोर्चे के लिए इज़्ज़त हैं।
इराक़चीः सैय्यद हसन ने प्रतिरोध को एक स्ट्रैटेजिक समीकरण में परिवर्तित कर दिया
ईरान के विदेशमंत्री सैय्यद अब्बास इराक़ची सैय्यद शहीद हसन नस्रुल्लाह और सैय्यद शहीद हाशिम सफ़ीयुद्दीन के दफ़्न समारोह में भाग लेने के लिए लेबनान की राजधानी बैरूत गये हुए हैं। उन्होंने कहा कि आज का दफ़्न समारोह दुनिया को दिखा देगा कि प्रतिरोध और हिज़्बुल्लाह ज़िन्दा है और वह अपनी आकांक्षाओं के प्रति कटिबद्ध व वफ़ादार है।
ईरान के विदेशमंत्री ने बल देकर कहा कि सैय्यद हसन नस्रुल्लाह ने ऐसे समय में प्रतिरोध और इज़्ज़त से प्रतिरोध के विचार को क्षेत्र की सतह पर एक स्ट्रैटेजिक समीकरण में परिवर्तित कर दिया जब अरब दुनिया और इस्लामी जगत के बहुत से नेताओं ने विदेशी दबावों के सामने घुटने टेक दिये।
लारीजानीः सैय्यद हसन नस्रुल्लाह ने क्षेत्र के जवानों में होशियारी को बेदार व जागरुक बना दिया
ईरान की इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता के सलाहकार और ईरान की इस्लामी व्यवस्था की हित संरक्षक परिषद के सदस्य अली लारीजानी ने बल देकर कहा कि शहीद हसन नस्रुल्लाह ने क्षेत्र के जवानों में होशियारी पैदा कर दी और वह एक मुसलमान राजनेता थे।
ईरान में आसमानी धर्मों के नेताः हमें सैय्यद हसन नस्रुल्लाह की आवाज़ होना चाहिये।
ईरान में आसमानी धर्मों के नेताओं ने शहीद सैय्यद हसन नस्रुल्लाह के दफ़्न समारोह के अवसर पर तेहरान में हज़रत युसूफ़ गिरजाघर में एक बैठक की और उसमें उन्होंने बल देकर कहा कि सैय्यद हसन नस्रुल्लाह की बातों को संचार माध्यमों में कहना और हमें एकजुट रहना चाहिये। फ़िलिस्तीनी देश और लेबनान को समस्याओं से मुक्ति मिलनी चाहिये और गिरजाघर का दायित्व है कि वह लोगों की आवाज़ बने और फ़िलिस्तीन में जिन लोगों की आवाज़ नहीं सुनी जा रही है हमें उनकी आवाज़ को दुनिया तक पहुंचाना चाहिये।
ट्रम्प आजीवन राष्ट्रपति बने रहना चाहते हैं
प्रमुख अमेरिकी विश्लेषक थॉमस फ़्रीडमैन का कहना है कि अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प पूरी उम्र राष्ट्रपति पद पर बने रहना चाहते हैं और इस मार्ग में वह उन लोगों से भी आगे निकल गए हैं, जिन्हें पश्चिमी देश तानाशाह कहते हैं।
थॉमस फ़्रीडमैन न्यूयॉर्क टाइम्स में अपने एक आर्टिकल में लिखा है कि ट्रम्प ख़ुद को ईश्वरीय नेता समझते हैं और उन्होंने अपने चारो तरफ़ हां में हां मिलाने वाले लोगों की टोली इकट्ठा कर ली है। यह ऐसे लोग हैं, जिनके लिए कोई रेड लाइन नहीं है और पद से बर्ख़ास्त किए जाने के डर से ट्रम्प के अतार्किक फ़ैसलों का भी समर्थन करते हैं। ट्रम्प दुनिया को ट्रम्प टॉवर में स्थित किसी दुकान की तरह देखते हैं।
फ़्रीडमैन ने आगे लिखाः ट्रम्प यूरोप को एक व्यापारिक ब्लॉक के रूप में देखते हैं, जो अमरीका पर काफ़ी दबाव बना सकता है, इसलिए वह इस ब्लॉक को तोड़ना चाहते हैं, ताकि उसके बाद हर यूरोपीय देश से अलग से वार्ता कर सकें, लेकिन उन्हें अपने इस क़दम के परिणामों के बारे में कोई जानकारी नहीं है।
फ़्रीडमैन का मानना है कि ट्रम्प की नीतियों से रूस जैसी शक्तियों की ताक़त में वृद्धि होगी। उनका मानन है कि ट्रम्प ने मूर्खता और जिहालत की वजह से यह नीतियां अपनाई हैं। इसके अलावा, फ़्रीडमैन का मानना है कि अगर पुतिन जैसा कोई व्यक्ति अमेरिकी राजनेता होता, तो वह निस्संदेह डेमोक्रेटिक पार्टी की तुलना में ट्रम्प के विचारों के अधिक क़रीब होता। इसलिए, ट्रम्प पुतिन को एक ऐसे व्यक्ति के रूप में देखते हैं, जो उनके समर्थकों में से एक हो सकता था और जो 6 जनवरी 2021 को यूएस कैपिटल पर हमला करने वालों में शामिल होता। ज़ेलेंस्की के विपरीत, ट्रम्प पुतिन के साथ सांस्कृतिक आत्मीयता महसूस करते हैं।
उनका कहना है कि अमेरिकी सांसदों को अमेरिका के मध्यावधि चुनावों में वांछित परिणाम प्राप्त करने के लिए ट्रम्प के समर्थन की ज़रूरत है। इसीलिए मैंने राजनीतिक दुनिया के तंत्रों के साथ ट्रम्प का मुक़ाबला करने का प्रयास छोड़ दिया है, क्योंकि कम से कम मध्यावधि चुनावों तक, उन्हें नियंत्रित करने के लिए कोई तंत्र नहीं है। तब तक, सीनेट पूरी तरह से उनके पीछे है। प्रतिनिधि सभा पूरी तरह से उनके समर्थन में है, सर्वोच्च न्यायालय उनके पीछे है, मीडिया तंत्र भी पूरी तरह से उनके साथ है। बाद हर यूरोपीय देश से अलग से वार्ता कर सकें, लेकिन उन्हें इस्किक फ़ैसलों का भी समर्थन करते
फ़्रीडमैन का कहना है कि अमेरिकी सीनेट और प्रतिनिधि सभा के रिपब्लिकन सदस्य, अपने निरीक्षण कर्तव्यों में पूरी तरह विफल हो गए हैं और लगातार ट्रम्प की चापलूसी कर रहे हैं। अगर मैं इस स्तर की चापलूसी और ख़ुशामद करूं, तो मैं आईने में भी ख़ुद का सामना नहीं कर पाऊंगा... मैं अपने जीवन में ऐसे किसी व्यक्ति को नहीं जानता, जो इतना अनियंत्रित व्यवहार करता हो।
ज़ेलेंस्कीः मैं इस्तीफ़ा देने के लिए तैयार हूं
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने कहा है कि वह देश में शांति की स्थापना के लिए राष्ट्रपति पद छोड़ने के लिए तैयार हैं।
रविवार को एक प्रेस कांफ़्रेंस में इस सवाल कि जवाब में कि क्या वह अपने पद से इस्तीफ़ा देने के लिए तैयार हैं या नहीं, ज़ेलेंस्की ने ग़ुस्से में कहाः अगर इससे यूक्रेन में शांति स्थापित होती है और वास्तव में अगर ज़रूरी हुआ तो वह अपना पद छोड़ने के लिए तैयार हैं।
पार्सटुडे की रिपोर्ट के मुताबिक़, यूक्रेन युद्ध को शुरू हुए तीन साल पूरे होने वाले हैं और स्थिति ज़ेलेंस्की और यूक्रेन के लिए की गई भविष्यवाणियों की विपरीत दिशा में आगे बढ़ रही है। व्हाइट हाउस में डोनल्ड ट्रम्प के प्रवेश के बाद से यूक्रेन के सबसे बड़े समर्थक अमरीका के साथ उसके संबंध ख़राब हुए हैं।
ईरान में तेल उद्योग आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस का छठा उपयोगकर्ता
ईरानी प्रौद्योगिकी प्रबंधन संघ के प्रमुख मेहदी मोहम्मदी ने कहा है कि तेल उद्योग, ईरान में आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस का छठा उपयोगकर्ता है और इस क्षेत्र में बड़े निवेश की योजना है। दूसरी ओर, ईरानी सूचना विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान के प्रमुख मोहम्मद हसनज़ादेह ने विश्व में आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस के प्रकाशनों में इस्लामी गणराज्य ईरान की स्थिति में विकास की घोषणा की है।
हसन नसरुल्लाह के अंतिम संस्कार में लाखों लोगों ने लिया भाग
लेबनान के टीवी चैनल की रिपोर्ट के मुताबिक़, शहीद सैयद हनस नसरुल्लाह की शव यात्रा में 14 लाख लोगों ने भाग लिया है।
इज़राइल, ज़ायोनी शासन के पूर्व प्रवक्ताः मीडिया वॉर में हम हार गए हैं
ज़ायोनी शासन के पूर्व प्रवक्ता एलन लवी ने मारियो के साथ विशेष बातचीत में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ज़ायोनी शासन की पराजय का ख़ुलासा करते हुए कहा है कि दुनिया में जनमत ज़ायोनी शासन के पक्ष में नहीं है।
उज़्बेकिस्तान में अफ़ग़ान प्रवासियों ने अपने देश में निवेश की इच्छा जताई है
तालिबान की अंतरिम सरकार के उप आर्थिक प्रमुख अब्दुल ग़नी बरादर ने कहा है कि उज़्बेकिस्तान में अफ़ग़ान प्रवासियों ने अफ़ग़ानिस्तान में 100 मिलियन डॉलर तक निवेश की इच्छा व्यक्त की है।
मिस्र, इज़राइली सैनिक लेबनान की सीमा से बाहर निकल जाएं
मिस्र के विदेश मंत्री बदर अब्दुल आती ने कहा हैः यूएन सुरक्षा परिषद के 1701 प्रस्ताव के आधार पर इज़राइली सैनिकों को पूर्ण रूप से लेबनान से बाहर निकल जाना चाहिए। अल-आती ने फ़िलिस्तीनियों के उनके वतन में रहने और ग़ज़ा पट्टी के पुनर्निर्माण के महत्व पर भी ज़ोर दिया।
म्यांमार संकट के समाधान पर मलेशिया का बल
दक्षिण-पूर्व एशियाई राष्ट्रों के संगठन आसियान के अध्यक्ष देश मलेशिया के विदेश मंत्री मोहम्मद हसन ने कहा है कि उनका देश म्यांमार संकट के समाधान और इस देश में शांति की स्थापना के लिए प्रतिबद्ध है।
पाकिस्तान ने ग़ज़ा को 100 टन सहायता सामग्री भेजी
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ के आदेश पर, ग़ज़ा के उत्पीड़ित लोगों के लिए 100 टन मानवीय सहायता लेकर एक मालवाहक विमान कराची अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से मिस्र के अल-अरीश शहर के लिए रवाना हुआ।
क़ुरआन समस्त संदेहों का जवाब देता है जवाद आमूलीः
पवित्र क़ुरआन के महान व्याख्याकार ने कहा है कि क़ुरआन ज्ञान व माअरत का कौसर है और उसने समस्त संदेहों का जवाब दिया है।
पवित्र क़ुरआन के महान व्याख्याकार आयतुल्लाहिल उज़्मा अब्दुल्लाह जवादी आमूली ने पवित्र क़ुरआन के महान स्थान की ओर संकेत करते हुए कहा कि पवित्र क़ुरआन पूरी तरह शिफ़ा है।
आयतुल्लाहिल उज़्मा जवादी आमूली ने कहा कि क़ुरआन और अहलेबैत कौसर हैं और वे सोते की तरह उबल रहे हैं और अपनी बरकतों से लोगों और समाजों को लाभांवित कर रहे हैं।
जवाद आमूली कहते हैं कि पवित्र क़ुरआन समस्त संदेहों का जवाब देता है चाहे उन संदेहों का संबंध ज्ञान से हो या अमल से। वह कहते हैं कि क़ुरआन और अहलेबैत अलै. के होने की वजह से मुसलमानों को अपनी क़द्र और पहचान को जानना व समझना चाहिये।
आयतुल्लाह सीस्तानी के प्रतिनिधि ने इराक़ के पवित्र नगर कर्बला में अहलेबैत के क़ुरआनी ज्ञानकोष की प्रशंसा की।
इराक़ के पवित्र नगर कर्बला में आयतुल्लाह सीस्तानी के प्रतिनिधि शैख़ अब्दुल मेहदी कर्बलाई ने अहलेबैत के क़ुरआनी ज्ञानकोष के लिखने की क़द्रदानी और प्रशंसा की। उन्होंने इस ज्ञानकोष को अद्वितीय उपलब्धि बताया और 14 वर्षों तक इसके लिखने में लगाये गये समय व प्रयास की सराहना की।
उल्लेखनीय है कि क़ुरआनी अहलेबैत ज्ञानकोष 60 खंडों पर आधारित है। उसमें पवित्र क़ुरआन की आयतों की तफ़सीर और अहलेबैत की हदीसों के आधार पर बहुत से ज्ञानों की व्याख्या की गयी है।
ईरान के क़ज़्वीन शहर में क़ुरआन का राष्ट्रीय फ़ेस्टिवल आरंभ
शुक्रवार की शाम को क़ज़्वीन शहर की मेज़बानी में पवित्र क़ुरआन की तिलावत का राष्ट्रीय फ़ेस्टिवल आरंभ हुआ और वह रविवार तक चलेगा।
अफ़ग़ानिस्तान के बल्ख़ और जौज़जान प्रांतों में इमाम महदी अलैहिस्सलाम के जन्म दिवस का जश्न मनाया गया।
अफ़ग़ानिस्तान के बल्ख़ प्रांत में इमाम ज़मान अलैहिस्सलाम के जन्म दिवस के संबंध में एक जश्न मनाया गया। इस जश्न का शीर्षक था" यह घर ज़हरा के महदी की प्रतीक्षा में है" इसी प्रकार अफ़ग़ानिस्तान के जौज़जान प्रांत के शबरग़ान शहर के धार्मिक मदरसे में इमाम महदी अलैहिस्सलाम के जन्म दिवस के संबंध में जश्न मनाया गया। इस जश्न का शीर्षक था" उम्मते वाहिदा दर अस्रे इंतेज़ार" अर्थात एक राष्ट्र व उम्मत प्रतीक्षा के काल में
ईरान के पवित्र नगर मशहद में क़ुरआन और अहलेबैत की अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी
क़ुरआन और इतरत नाम की 18वीं अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी रमज़ान का पवित्र महीना आरंभ होने के साथ इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम के रौज़े में आयोजित होगी।
ऐतिहासिक छोटा इमामबाड़ा में सय्यद हसन नसरुल्लाह के लिए शोक सभा का आयोजन
लखनऊ के ऐतिहासिक छोटा इमामबाड़ा में लेबनान के प्रभावी राजनैतिक दल और लोकप्रिय जनांदोलन हिज़्बुल्लाह के पूर्व प्रमुख शहीद सय्यद हसन नसरुल्लाह और शहीद हाशिम सफीउद्दीन के सम्मान में एक शोक सभा का आयोजन किया गया।
शहीद सय्यद हसन नसरुल्लाह और शहीद हाशिम सफीउद्दीन ने फिलिस्तीन के खिलाफ ज़ायोनी संघर्ष में मज़लूम फिलिस्तीनियों के समर्थन में अपनी शहादत पेश करते हुए इस्लाम और मानवता की रक्षा के लिए अमर बलिदान दिया। उनकी शहादत ने पूरे विश्व के सामने साहस, समर्पण और बलिदान की मिसाल कायम की है।
सभा का संचालन मौलाना सय्यद सकलैन बाकरी ने किया। मौलाना सय्यद मंज़र सादिक ज़ैदी ने अपने बयान में कहा कि शहीद हसन नसरुल्लाह और हाशिम सफीउद्दीन ने अपने हितों के लिए शहादत नहीं दी, बल्कि इमाम हुसैन (अ.स.) के बताए रास्ते पर चलते हुए मानवता की रक्षा की और यही कारण है कि दुनिया भर से लोग उनके जनाज़े में शामिल हो रहे हैं।
मौलाना सय्यद हसनैन बाक़री ने अपने बयान में शहीदों और शहादतों का ज़िक्र करते हुए कहा कि जो लोग इंसानियत की खातिर अल्लाह की राह में अपनी जान कुर्बान कर देते हैं, उन्हें शहीद कहा जाता है। इन्हीं शख्सियतों में से एक हैं सय्यद हसन नसरुल्लाह, जिन्होंने अपनी पूरी ज़िंदगी देश, क़ौम और इंसानियत की सेवा में बिता दी और ज़ालिम और झूठी ताक़तों के ख़िलाफ़ लड़ते रहे और उनका रास्ता आज भी ज़िंदा
ईरान के विदेश मंत्री की संयुक्त राष्ट्र के महासचिव से मुलाकात
ईरान के विदेश मंत्री सैयद अब्बास अराक़ची ने आज सोमवार को संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस से मुलाकात की और विचार विमर्श किया।
ईरान के विदेश मंत्री सैयद अब्बास अराक़ची ने आज सोमवार को संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस से मुलाकात की और विचार विमर्श किया।
अराक़ची ने जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद की बैठक के दौरान इस मुलाकात को अंजाम दिया इससे पहले उन्होंने बहरैन और आर्मेनिया के विदेश मंत्रियों से भी वार्ता की थी।
अराक़ची आज सुबह जिनेवा पहुंचे थे और उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के निरस्त्रीकरण सम्मेलन और मानवाधिकार परिषद की उच्च स्तरीय बैठक में भाग लेने के साथ-साथ ईरान की नीतियों और दृष्टिकोण को स्पष्ट करने की योजना बनाई थी।
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद की 58वीं बैठक 24 फरवरी से 4 अप्रैल 2025 तक जिनेवा के पैलेस ऑफ नेशंस में आयोजित की जाएगी जिसमें उच्च स्तरीय सत्र 24 से 26 फरवरी 6 से 8 इस्फ़ंद) तक चलेगा।
23 साल बाद जेनिन शरणार्थी कैम्प पर इज़राइली टैंकों का हमला
ज़ायोनी सेना के टैंकों ने जेनिन में फ़िलिस्तीनी शरणार्थियों के शिविर पर धावा बोल दिया है।
2002 के बाद से पहली बार रविवार की रात इज़राइली सेना के टैंकों ने वेस्ट बैंक के उत्तर में स्थित जेनिन शिविर पर हमला कर दिया। रविवार को ही इससे पहले इज़राइली प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतनयाहू ने तेल अवीव के पास होलोन शहर में ज़ायोनी शासन के अधिकारियों के स्नातक समारोह में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि इज़रायली सेना वेस्ट बैंक और लेबनानी क्षेत्रों में लड़ाई जारी रखेगी।
इज़राइली सेना ने 21 जनवरी 2025 से वेस्ट बैंक के कई इलाक़ों में आयरन वॉल नाम से ऑप्रेशन को विस्तृत कर दिया है। फ़िलिस्तीनी अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि यह ऑप्रेशन नेतनयाहू कैबिनेट की वेस्ट बैंक के विलय की योजना का एक हिस्सा है।
इस बीच, इज़राइल के युद्ध मंत्री येसराइल कैट्ज़ ने कहा है कि इज़राइली सैनिक सीरियाई इलाक़े में अनिश्चित काल तक तैनात रहेंगे। कैट्ज़ का कहना था कि वेस्ट बैंक के जिन कैम्पों में हमने प्रवेश किया है, उनमें फ़िलिस्तीनी शरणार्थियों को वापस लौटने की अनुमति नहीं देंगे। युद्ध दो लक्ष्यों को हासिल किए बिना समाप्त नहीं हो सकता, पहला हमारे सभी बंधकों की वापसी और दूसरा ग़ज़ा पर हमास के शासन की समाप्ति।
फ़िलिस्तीनी क़ैदियों की रिहाई के लिए सुरक्षा एजेंसियों की आज़ादी की सिफ़ारिश का नेतनयाहू ने किया विरोध
रविवार को अमरीकी न्यूज़ वेबसाइट एक्सेस ने इज़राइल के कुछ अधिकारियों के हवाले से लिखा कि सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारियों की सिफ़ारिश के बावजूद, इज़राइली प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतनयाहू ने 600 फ़िलिस्तीनी क़ैदियों की रिहाई को रोक दिया है। हालांकि इज़राइली सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारियों ने नेतनयाहू से कहा था कि युद्ध विराम के दूसरे चरण की वार्ता के समापन के लिए भरपूर प्रयास करें।
फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध और ज़ायोनी शासन के बीच युद्ध विराम के लिए होने वाले समझौते के मुताबिक़, शनिवार को 6 इज़राइली बंधकों के बदले 600 फ़िलिस्तीनी क़ैदी रिहा होने थे, लेकिन ज़ायोनी शासन ने समझौते का उल्लंघन किया और फ़िलिस्तीनी क़ैदियों को आज़ाद नहीं किया।
रविवार को नेतनयाहू के कार्यालय ने इज़राइली बंधकों की रिहाई के तरीक़े पर नाराज़गी जताते हुए दावा किया कि हमास ने जानबूझकर उनके सम्मान को ठेस पहुंचाई है और राजनीतिक और प्रचारिक उद्देश्यों के लिए उनका इस्तेमाल किया है।
इस दौरान, हमास के एक नेता बासिम नईम ने रॉयटर्ज़ से बात करते हुए कहाः 6 इज़राइली बंधकों के बदले आज़ाद होने वाले 600 फ़िलिस्तीनियों की आज़ादी से पहले, हमास मध्यस्थता द्वारा दुशमन से युद्ध विराम के बाद वाले चरण के लिए किसी तरह की कोई वार्ता नहीं करेगा।
प्रतिरोध अब पहले से कहीं ज़्यादा शक्तिशाली हो गया
लेबनान के हिज़्बुल्लाह महासचिव शेख़ नईम क़ासिम ने शहीद सैयद हसन नसरुल्लाह और सैयद हाशिम सफ़ीउद्दीन के जनाज़े की आधिकारिक रस्मों के दौरान भाषण दिया उन्होंने इस ऐतिहासिक अवसर पर दुनिया भर से आए मेहमानों और सभी प्रतिभागियों को सलाम पेश किया और कहा कि आज हम एक महान अरब और इस्लामी नेता को विदाई दे रहे हैं, जो दुनिया के स्वतंत्र लोगों का प्रतिनिधित्व करते था।
,लेबनान के हिज़्बुल्लाह महासचिव शेख़ नईम क़ासिम ने शहीद सैयद हसन नसरुल्लाह और सैयद हाशिम सफ़ीउद्दीन के जनाज़े की आधिकारिक रस्मों के दौरान भाषण दिया उन्होंने इस ऐतिहासिक अवसर पर दुनिया भर से आए मेहमानों और सभी प्रतिभागियों को सलाम पेश किया और कहा कि आज हम एक महान अरब और इस्लामी नेता को विदाई दे रहे हैं, जो दुनिया के स्वतंत्र लोगों का प्रतिनिधित्व करते था।
शेख़ नईम क़ासिम ने शहीद सैयद हसन नसरुल्लाह की सराहना करते हुए कहा कि, उन्होंने प्रतिरोध को उम्मत से जोड़ा और उम्मत को प्रतिरोध से जोड़ा। वे 1989 में हिज़्बुल्लाह के कार्यकारी परिषद के अध्यक्ष बने और 1992 में महासचिव का पद संभाला, जहां वे अपनी शहादत तक बने रहे।
उन्होंने प्रतिज्ञा करते हुए कहा कि हम शहीद नसरुल्लाह के वचन पर कायम रहेंगे, चाहे हमें कितनी भी कुर्बानियां देनी पड़ें। उन्होंने ज़ोर दिया कि फ़िलिस्तीन और बैतुल मुकद्दस हमेशा उनके मिशन का केंद्र रहा और हम भी इस पवित्र उद्देश्य को आगे बढ़ाएंगे।
शेख़ क़ासिम ने इज़रायली क़ैदियों के समर्थन में कहा कि हम अपने क़ैदियों को दुश्मन के पास नहीं छोड़ेंगे और उनकी रिहाई के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि ग़ाज़ा के समर्थन की लड़ाई फ़िलिस्तीन की आज़ादी के प्रति हमारे विश्वास का हिस्सा है और हम इज़रायल तथा अमेरिका की नीतियों का डटकर सामना करेंगे।
शेख़ नईम क़ासिम ने ज़ोर देकर कहा कि प्रतिरोध एक नए चरण में प्रवेश कर चुका है और अब इसकी रणनीति, तरीके और कार्यशैली पहले से अलग होगी। उन्होंने अमेरिका को चेतावनी दी कि, युद्ध में जो हासिल नहीं कर सके, उसे साज़िशों से भी नहीं पा सकेंगे। अमेरिका और उसके सहयोगियों को यह समझ लेना चाहिए कि हिज़्बुल्लाह कभी भी उनके दबाव में नहीं आएगा।
अंत में उन्होंने कहा,हम विलायत के अनुयायी हैं हम आयतुल्लाह ख़ुमैनी, आयतुल्लाह ख़ामेनेई, आयतुल्लाह मूसा सद्र, सैयद अब्बास मूसवी, इमाद मुग़निया, सैयद हसन नसरुल्लाह, शेख़ सफ़ीउद्दीन और जनरल क़ासिम सुलेमानी के रास्ते के राही हैं।
शहीद सफ़ीयुद्दीन कौन थे?
सैय्यद हाशिम सफ़ीयुद्दीन लेबनान के इस्लामी आंदोलन हिज़्बुल्लाह की कार्यकारी परिषद के प्रमुख थे और इस बात की प्रबल संभावना यह थी कि शहीद सैय्यद हसन नस्रुल्लाह के बाद उनको उनका उत्तराधिकारी बनाया जायेगा परंतु इस्राईल ने तीन अक्तूबर 2024 को बैरूत पर हवाई हमला करके उन्हें शहीद कर दिया।
हिज़्बुल्लाह के शहीद महासचिव सैय्यद हसन नस्रुल्लाह और हिज़्बुल्लाह की कार्यकारी परिषद के प्रमुख शहीद सैय्यद हाशिम सफ़ीयुद्दीन का दफ़्न समारोह आज रविवार 23 फ़रवरी 2025 को बैरूत में हो रहा है। इस बात के दृष्टिगत पार्सटुडे ने शहीद सैय्यद हाशिम सफ़ीयुद्दीन की ज़िन्दगी पर संक्षिप्त नज़र डाली है।
सैय्यद हाशिम सफ़ीयुद्दीन शहीद सैय्यद हसन नस्रुल्लाह के ख़ालाज़ाद भाई थे और वर्ष 1964 में लेबनान के दक्षिण में एक जाने माने परिवार में जन्में थे। वर्ष 1980 के दशक में सैय्यद हसन नस्रुल्लाह के साथ धार्मिक शिक्षा ग्रहण करने के लिए ईरान के पवित्र नगर क़ुम आये थे और वर्ष 1983 में लेबनान में शिया परिषद के एक सदस्य मोहम्मद अली अलअमीन की बेटी से विवाह किया। वर्ष 1994 में सैय्यद हसन नस्रुल्लाह ने सैय्यद हाशिम सफ़ीयुद्दीन को बैरूत क्षेत्र में हिज़्बुल्लाह का अध्यक्ष बना दिया। इसके बाद वर्ष 1995 में वह हिज़्बुल्लाह की जेहाद परिषद के प्रमुख बन गये और वर्ष 1998 में सैय्यद हाशिम सफ़ीयुद्दीन को हिज़्बुल्लाह की कार्यकारी परिषद का ज़िम्मेदार बना दिया गया।
सैय्यद हाशिम सफ़ीयुद्दीन पश्चिम एशिया में आतंकवाद से मुक़ाबला करने के महानायक ईरानी कमांडर शहीद जनरल क़ासिम सुलैमानी से विशेष लगाव रखते थे और वह शहीद जनरल क़ासिम सुलैमानी के बारे में कहते थे" उनकी( शहीद जनरल क़ासिम की) उपस्थिति से ताक़त मिलती थी। जिस आदमी को हम पहचानते थे वह रणक्षेत्र का योद्धा था। रणक्षेत्र का योद्धा, फ़ैसला लेने वाला और समाधान करने वाला आदमी था। वह जो ज़िम्मेदारी निभा रहे थे कोई दूसरा उस ज़िम्मेदारी को नहीं निभा सकता था।
अमेरिका ने वर्ष 2008 से सैय्यद हाशिम सफ़ीयुद्दीन पर प्रतिबंध लगा दिया और वर्ष 2017 से उसने सैय्यद हाशिम सफ़ीयुद्दीन नाम ब्लैक लिस्ट लोगों में शामिल कर दिया।
मई 2023 में लेबनान में उनकी हत्या की अफ़वाह फ़ैल गयी जिसके बाद उसका खंडन किया गया। लेबनान पर 27 सितंबर 2024 को इस्राईल द्वारा हमला किये जाने के बाद संचार माध्यमों ने कहा कि इस हमले का लक्ष्य सैय्यद हाशिम सफ़ीयुद्दीन हैं। रोयटर्ज़ के अनुसार वह इस्राईल के हमले में बच गये परंतु अंततः तीन अक्तूबर वर्ष 2024 को बैरूत पर इस्राईल के हवाई हमले में वह शहीद हो गये।
सैय्यद हाशिम सफ़ीयुद्दीन ने शहादत से पहले महामुक्तिदाता इमाम महदी अलैहिस्सलाम को संबोधित करते हुए लिखा था कि मेरी उम्र का कुछ समय बचा नहीं है क्या आप पसंद करते हैं कि आपका दर्शन किये बिना मैं परलोक सिधार जाऊं?। .