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हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन सैयद सदरुद्दीन कबांची ने कहा,ईरानी राष्ट्रपति अपने इराक दौरे के दौरान इराकी जनता, ज़ियारत ए अरबईन के दौरान हुसैनी मोकिबों के संस्थापकों और इराकी सरकार के लिए रहबर ए मोज़्ज़म इंकेलाबे इस्लामी का शुक्रिया का संदेश साथ लेकर आए थे।

नजफ अशरफ के इमामे जुमआ हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन सैयद सदरुद्दीन कबांची ने हुसैनिया ए अज़म फातिमिया में जुमे की नमाज़ के खुत्बों के दौरान जम्हूरिया इस्लामी ईरान के राष्ट्रपति के दौरे पर बात करते हुए कहा,ईरानी राष्ट्रपति,ईरानी राष्ट्रपति अपने इराक दौरे के दौरान इराकी जनता, ज़ियारत ए अरबईन के दौरान हुसैनी मोकिबों के संस्थापकों और इराकी सरकार के लिए रहबर ए मोज़्ज़म इंकेलाबे इस्लामी का शुक्रिया का संदेश साथ लेकर आए थे।

उन्होंने आगे कहा,हम भी ईरान की हिमायत खासतौर पर दाइश के खिलाफ जंग में उनके सहयोग पर अपने भाइयों का शुक्रिया अदा करते हैं।

नजफ अशरफ के इमामे जुमआ ने ईरान और इराकी अवाम के बीच मोहब्बत भरे रिश्तों, साझा मफादात और दीनी वहदत पर जोर देते हुए कहा, हम आलमी इस्तेक्बार के मुकाबले में एक साझा करते हैं। इराक और ईरान आलमी इस्तेक्बार के खिलाफ मुत्तहिद हैं और एक ही मोर्चे पर हैं।

उन्होंने क़ौमों की बेदारी, इसराइल के अंदरूनी ज़ुल्म और अरब मुल्कों की कोताही व गफलत को बयान करते हुए कहा,ग़ाज़ा की जंग बारहवें महीने में दाखिल हो चुकी है अमेरिका और मगरीबी दुनिया, फिलस्तीन में तमाम बेगुनाह हत्याओं को देखने के बावजूद इसराइली हुकूमत की हिमायत कर रहे हैं।

हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन कबांची ने आगे कहा, खुद अमेरिका के अंदर जंग का ढोल बज चुका है, जहां गृहयुद्ध, प्रदर्शन और हिंसक हमले जारी है अमेरिका कमजोर हो चुका है और ट्रंप अपनी दीवानगी से उसे और गहरी खाई में धकेल देंगा।

 

ग़ज़्ज़ा में पिछले लगभग एक साल से जनसंहार मचा रहे इस्राईल को आर्थिक, सैनिक और राजनैतिक संरक्षण दे रहे अमेरिका के विदेश मंत्री एक बार फिर मध्यपूर्व के दौरे पर है।

ग़ज़्ज़ा में ज़ायोनी सेना की ओर से जारी क़त्ले आम अपने 11 वे महीने में है और हर दिन वीभत्स होता जा रहा है अब देखना होगा कि क्या ब्लिंकन की यह यात्रा इसे रोक पाती है या नहीं।

सीज़फायर के नाम पर उनका यह मिडिल ईस्ट का दसवां दौरा है। विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने सोमवार को प्रेस ब्रीफिंग में कहा, “हम मध्य पूर्व में अपने साझेदारों, खासकर मिस्र और कतर के साथ इस बारे में बातचीत जारी रखेंगे कि प्रस्ताव में क्या-क्या शामिल होगा और यह सुनिश्चित करने की कोशिश करेंगे कि ऐसा प्रस्ताव तैयार किया जाए जिस पर दोना पक्ष राजी हो।

प्रिंसिपल हौज़ा ए इल्मिया खोवाहारान और हौज़ा ए इल्मिया ज़हेरा स.ल के तमाम अध्यापको की मौजूदगी में प्रिंसिपल ने कहा कि छात्रों की सहनशीलता को बढ़ाना शिक्षकों का कर्तव्य है और यह एक महत्वपूर्ण कार्य है कि वे छात्रों का धैर्य और संयम के साथ मार्गदर्शन करें।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,अराक में स्थित अलज़हरा स.अ. मदरसे में आज 1403/1404 के पहले शैक्षणिक सेमेस्टर के शिक्षकों की बैठक आयोजित की गई।

इसमें हज़रत हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन गुदरज़ी और इस्लामिक विज्ञान केंद्र की महिला शाखा के शैक्षिक और शोध विभागों के उपाध्यक्ष उपस्थित थे।

इस बैठक का उद्देश्य शैक्षिक सांस्कृतिक और शोध कार्यों को संगठित रूप से संचालित करना और इस्लामिक विज्ञान के क्षेत्र में उन्नति और प्रगति के लक्ष्यों को स्पष्ट और निर्धारित करना था।

हुज्जतुल इस्लाम गुदरज़ी ने शिक्षकों से यह आग्रह किया कि वे छात्रों के आध्यात्मिक पहलुओं को मजबूत करने पर विशेष ध्यान दें। इसके बाद उन्होंने हज़रत अली अ.स. से संबंधित एक हदीस का वर्णन किया जिसमें हज़रत अली ने अपने साथियों से कहा,मुझे नसीहत दो।उनके साथियों ने आश्चर्यचकित होकर कहा, हम? इस पर हज़रत अली ने फरमाया,सुनने में वह भलाई है जो जानने में नहीं है।

केंद्रीय प्रांत के महिला इस्लामी विज्ञान केंद्र की प्रमुख ने कहा कि शिक्षकों का यह कर्तव्य है कि वे छात्रों को सहनशीलता और धैर्य के साथ मार्गदर्शन करें।

उन्होंने यह भी कहा कि जैसे शहीद मुताहरी ने कहा,यह छात्र नहीं है जो शिक्षक को ढूंढता है, बल्कि शिक्षक है जो छात्र को ढूंढता है।

बैठक में अलज़हेरा स.अ.मदरसे की प्रबंधक सुश्री हाजी मोहम्मद हुसैनी ने आगामी शैक्षणिक वर्ष की योजनाओं को प्रस्तुत किया और छात्रों के आध्यात्मिक विकास के लिए संभावित उपायों पर जोर दिया।

अंत में महिला इस्लामी विज्ञान केंद्र के शैक्षिक और शोध उपाध्यक्षों ने अपने अपने सुझाव प्रस्तुत किए।

 

जापान के कानागाव नगर में होने वाली ड्राइंग की प्रतियोगिता में ईरानी बच्चों ने 20 पुरस्कार हासिल किया।

जापान के कानागाव नगर में होने वाली बच्चों की 22वीं अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता "आज़ादी" शीर्षक के अंतर्गत आयोजित हुई जिसमें 60 देशों की 11 हज़ार से अधिक ड्राइंग पेश की गयी।

ईरान के आठ वर्षीय बालक बारान एहतरामी, 14 वर्षीय पुरहाम गुदर्ज़ी और 12 वर्षीय ईरानी बच्ची मरयम रहीमी को विशेष अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

इसी प्रकार 17 ईरानी बच्चों को भी जापान के कानागावा में आयोजित होने वाली प्रतियोगिता में पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

ग़ज़ा के मज़लूमों का सपोर्ट करना, निश्चित तौर पर अनिवार्य कामों में से एक है और इस फ़रीज़े से पीछे हटने पर अल्लाह के सामने जवाब देना होगा

इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने सोमवार 16 सितम्बर को एकता हफ़्ते के आग़ाज़ और ईदे मीलादुन्नबी के मौक़े पर, सुन्नी धर्मगुरुओं, सुन्नी मदरसों के प्रिंसपलों और जुमे के इमामों से मुलाक़ात की। इस मुलाक़ात में उन्होंने इस्लामी उम्मत जैसी क़ीमती पहचान की रक्षा को ज़रूरी बताया और इस्लामी एकता की अहमियत पर बल दिया और इसे नुक़सान पहुंचाने की दुश्मनों की कोशिशों की ओर इशारा करते हुए कहाः "इस्लामी उम्मत" का विषय किसी भी स्थिति में भुलाया न जाए।

ईरान की इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता से सुन्नी धर्मगुरुओं और हस्तियों की मुलाक़ात

आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनेई ने इस मुलाक़ात में कहा कि इस्लामी उम्मत की पहचान का विषय बुनियादी व राष्ट्रीयता से ऊपर का विषय है और भौगोलिक सीमाएं इस्लामी जगत की हक़ीक़त व पहचान को नहीं बदल सकतीं।

उन्होंने दुश्मन की मुसलमानों को उनकी इस्लामी पहचान की ओर से उदासीन करने की कोशिशों की ओर इशारा करते हुए कहा कि यह इस्लामी शिक्षाओं के ख़िलाफ़ है कि एक मुसलमान को ग़ज़ा सहित दूसरी जगहों के दूसरे मुसलमानों के दुख दर्द की कोई फ़िक्र न हो।

ईरान की इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता ने सुन्नी धर्मगुरुओं से इस्लामी पहचान और इस्लामी उम्मत को आधार बनाने की अपील की और इस्लामी जगत ख़ास तौर पर ईरान में धार्मिक मतभेदों को हवा देने की दुश्मनों की पुरानी गतिविधियों व चालों की ओर इशारा किया और कहा कि

वे हमारे मुल्क सहित दूसरे इस्लामी क्षेत्रों में वैचारिक, प्रचारिक व आर्थिक हथकंडों से शिया और सुन्नी समुदाय में फूट डालना चाहते हैं और दोनों ओर के कुछ लोगों को एक दूसरे की बुराई के लिए उकसा कर मतभेद व दुश्मनी को हवा देते हैं।

आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनेई ने एकता को इन साज़िशों से निपटने का रास्ता बताया और बल दिया कि एकता का विषय टैक्टिक नहीं बल्कि क़ुरआनी उसूल व सिद्धांत है।

उन्होंने शिया-सुन्नी एकता को प्रभावित करने के लिए जान बूझकर या अनजाने में होने वाली कुछ हरकतों पर खेद जताते हुए कहाः

इतनी सारी साज़िशों के बावजूद, हमारे सुन्नी समाज ने इन दुश्मनी भरी हरकतों का गंभीरता से मुक़ाबला किया है जिसका सुबूत पवित्र रक्षा और दूसरे मौक़ों पर सुन्नी संप्रदाय के 15 हज़ार शहीद और हक़ और इंक़ेलाब की राह में बड़ी संख्या में सुन्नी धर्मगुरुओं की शहादत है।

इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने एकता को इस्लामी जगत के सम्मान जैसे अहम लक्ष्य को हासिल करने का एकमात्र मार्ग बताया और कहा कि

आज ग़ज़ा और फ़िलिस्तीन के मज़लूमों का सपोर्ट निश्चित तौर पर अनिवार्य कामों में से एक है और अगर कोई इस फ़रीज़े से पीछे हटता है तो उसे अल्लाह के सामने जवाब देना होगा।

इस मुलाक़ात में मौलवी अब्दुर्रहमान चाबहारी ने जो सीस्तान व बलोचिस्तान प्रांत के धर्मगुरू और चाबहार के इमामे जुमा हैं, हुर्मुज़गान प्रांत के सुन्नी धर्मगुरू व क़िश्म के इमामे जुमा मौलवी अब्दुर्रहीम ख़तीबी और महाबाद के इमामे जुमा व पश्चिमी आज़रबाइजान के सुन्नी धर्मगुरू मामोस्ता अब्दुस्सलाम इमामी ने इस्लामी इंक़ेलाब के नेता और इस्लामी गणराज्य के एकता को मज़बूत करने और सुन्नी समुदाय के प्रति सपोर्ट करने पर आधारित रवैये की सराहना की और एकता को बढ़ावा देने वाली पृष्ठिभूमि को मज़बूत करने और मुल्क की तरक़्क़ी के लिए सुन्नी बाहुल इलाक़े की क्षमताओं को ख़ास तौर पर उपयोग करने पर बल दिया और साथ ही तकफ़ीरी और चरमपंथी प्रक्रियाओं से निपटने को ज़रूरी बताया।

कर्नाटक से ईदे मिलादुन नबी के अवसर पर हिंसा की ख़बरें आ रही है इसी बीच बजरंग दल और VHP जैसे कट्टर हिंदुत्ववादी संगठनों के लोग सड़कों पर उतरे हुए हैं। सोशल मीडिया पर वायरल ऑडियो संदेश के बाद बवाल हुआ, जिसके बाद बीसी रोड पर विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के लोगों ने प्रदर्शन किया।

 ईदे मिलादुन नबी को देखते हुए पहले से ही सुरक्षा के इंतजाम किए गए थे और पुलिस बल को तैनात किया गया था। विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के लोग बीसी रोड पर उतर आए और पुलिस के बैरिकेड हटा दिए, पुलिस बल और दल के बीच संघर्ष देखा गया।

 

 

 

रूस और ईरान की के गहराते संबंधों से अमेरिका काफी चिंतित है। अमेरिका के लगाए प्रतिबंधों की परवाह किए बगैर रूस और ईरान एक-दूसरे का सहयोग बढ़ा रहे हैं।

अमेरिकी मीडिया सीएनएन और वॉल स्ट्रीट जर्नल ने अपने सूत्रों का हवाला देते हुए दावा किया कि ईरान ने रूस को कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलें दी हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ईरान ने 200 बैलिस्टिक मिसाइलें रूस को दी हैं।

यूक्रेन के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि वह रूस को ईरानी बैलिस्टिक मिसाइलों के मिलने की खबरों से बेहद चिंतित है। मंत्रालय ने कहा कि तेहरान और मॉस्को के बीच गहराता सैन्य सहयोग यूक्रेन, यूरोप और मध्य पूर्व के लिए खतरा है, यूक्रेन ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से ईरान और रूस पर दबाव बढ़ाने की अपील की है।

फतह-360 फतह बैलिस्टिक मिसाइल सीरीज़ का हिस्सा है। यह अपने टारगेट को 3704 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हिट कर सकती है। जमीन से जमीन तक मार करने वाली इस बैलिस्टिक मिसाइल की अधिकतम रेंज 120 किलोमीटर है। यह 150 किलोग्राम वॉरहेड ले जाने में सक्षम है। यह क्लोज रेंज बैलिस्टिक मिसाइल है, जिसे इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प (IRGC) को 2021 में सौंपा गया था। यह 4 मीटर लंबी और करीब 850 किलोग्राम वजनी है। ईरान की इस मिसाइल की तुलना अमेरिका के HIMARS से की जाती है, जिसे US ने यूक्रेन को मुहैया कराया है।

 

 अवैध राष्ट्र इस्राईल में एक बार नेतन्याहू के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का सिलसिला तेज़ हो गया है। एक बार फिर सीजफायर और बंधकों की रिहाई को लेकर नेतन्याहू के खिलाफ प्रदर्शन तेज हो गए। इस कड़ी में सरकार के खिलाफ हजारों प्रदर्शनकारी तल अवीव में इकट्ठा हुए और ज़ायोनी बंधकों की रिहाई के लिए बड़े प्रयासों की मांग की।

शानिवार को एक बार फिर ज़ायोनी प्रदर्शनकारी सेना मुख्यालय और अन्य सरकारी भवनों पर जुटे और जमकर प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के खिलाफ नारे लगाए गए साथ ही युद्धग्रस्त क्षेत्र में अभी भी बंद 100 से अधिक कैदियों की रिहाई के लिए हमास के साथ शांति को लेकर दबाव डाला।

 

म्यांमार की राज्य प्रशासन परिषद की सूचना के अनुसार, म्यांमार में व्यापक बाढ़ से 113 लोगों की मौत हो गई और 64 लोग लापता हो गए।

एक रिपोर्ट के अनुसार जारी की गई जानकारी के अनुसार बाढ़ ने ताव, काया राज्य, कायिन राज्य, बागो क्षेत्र, मैगवे क्षेत्र, मांडले क्षेत्र, मोन राज्य, शान राज्य और अय्यारवाडी क्षेत्र को प्रभावित किया है।

इसमें कहा गया है कि 14 सितंबर की शाम तक 72,900 से अधिक घर और 78,000 से अधिक घर प्रभावित हुए हैं, जिससे देश भर में 320,000 से अधिक लोगों को अस्थायी आश्रयों में विस्थापित होना पड़ा है।

सूचना टीम ने कहा कि सरकार प्रभावित क्षेत्रों में पुनर्वास प्रयासों और बचाव अभियान चलाने के लिए काम कर रही है, और बाढ़ से प्रभावित लोगों को सर्वोत्तम संभव सहायता प्रदान करने का प्रयास कर रही है।

 

सिन्हुआ ने टाटमाडॉ (म्यांमार सेना) ट्रू न्यूज इंफॉर्मेशन टीम के हवाले से बताया कि शुक्रवार तक तूफान के कारण आई बाढ़ में 33 लोगों की मौत हो गई और 230,000 से अधिक लोग विस्थापित हुए।

रिपोर्ट में कहा गया है कि ने पई ताव सहित देश भर में कुल 34 टाउनशिप बाढ़ से प्रभावित हुए हैं, 59,413 घरों के 236,649 लोग विस्थापित हुए हैं।

 

 

 

 

 

यमन के हौसी नेता अब्दुलमलिक अलहौसी ने कहा है कि इजरायल के खिलाफ समूह का सैन्य अभियान जारी रहेगा और तेज होगा।

यमन के हौसी नेता अब्दुलमलिक अलहौसी ने कहा है कि इजरायल के खिलाफ समूह का सैन्य अभियान जारी रहेगा और तेज होगा।

एक रिपोर्ट के अनुसार, हौसी नेता ने रविवार को मध्य इज़राइल पर समूह द्वारा किए गए मिसाइल हमले के मद्देनजर धमकी जारी की हैं।

अलहौसी ने समूह के अलमसीरा चैनल के माध्यम से प्रसारित एक टेलीविज़न संबोधन में कहा,जब तक गाजा पट्टी पर आक्रामकता और घेराबंदी जारी रहेगी हमारा अभियान जारी रहेगा।

हौसी नेता ने अपनी सैन्य क्षमताओं में तकनीकी प्रगति पर प्रकाश डाला, विशेष रूप से इज़राइल पर हाल के हमले में कथित तौर पर इस्तेमाल की गई एक नई बैलिस्टिक मिसाइल का उल्लेख किया।

अलहौसी के अनुसार, मिसाइल ने साढ़े ग्यारह मिनट में लगभग 2,040 किमी की दूरी तय करते हुए इज़राइल की रक्षा प्रणाली के सभी सुरक्षात्मक बेल्टों को भेद दिया।

हौथी सैन्य प्रवक्ता याह्या सारेया ने कहा कि समूह की सेना ने नई हाइपरसोनिक बैलिस्टिक मिसाइल का उपयोग करके जाफ़ा क्षेत्र में इजरायली दुश्मन के एक सैन्य लक्ष्य को निशाना बनाया।