
رضوی
ईसा मसीह आज होते तो साम्राज्यवाद के खिलाफ प्रतिरोध करते
क्रिसमस के मौके पर ईसाई समुदाय को बधाई देते हुए अपने संबोधन में ईरान की इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर हज़रत आयतुल्लाह खामेनेई ने ईसा मसीह के सभी अनुयायियों को अपने जीवन और कर्मों में उनके विचारों का पालन करने की नसीहत दी। आयतुल्लाह खामेनेई ने क्रिसमस पर हज़रत ईसा मसीह को याद करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा कि अगर हज़रत ईसा मसीह हमारे बीच होते तो विश्व इम्पीरियलिज्म और जुल्म के सरगनाओं के खिलाफ जंग में एक लम्हा भी देर न करते। उन्होंने आगे लिखा कि वह अरबों इंसानों की भूख और परेशानी को कभी बर्दाश्त न करते, जो बड़ी ताक़तों के शोषण, जंग, भ्रष्टाचार, और टकराव की भेंट चढ़ रहे हैं।
ईरान में व्हाट्सएप और गूगल प्ले पर से प्रतिबंध हटा लिया गया
ईरान आने वाले ज़ाएरीन के लिए अच्छी खबर है कि व्हाट्सएप और गूगल प्ले आज 25 दिसंबर 2024 से ईरान में उपयोगकर्ताओं के लिए उपलब्ध हो गए हैं।
ईरान की साइबरस्पेस सुप्रीम काउंसिल ने 24 दिसंबर, 2024 को सर्वसम्मति से व्हाट्सएप और Google Play पर प्रतिबंध हटाने के लिए मतदान किया।
रिपोर्ट के अनुसार, इस निर्णय के परिणामस्वरूप, दो इंटरनेट प्लेटफ़ॉर्म "व्हाट्सएप" और "Google Play" आज, बुधवार, 25 दिसंबर, 2024 को सुबह के शुरुआती घंटों से ईरानी उपयोगकर्ताओं के लिए उपलब्ध हो गए हैं।
कल, सुप्रीम नेशनल साइबरस्पेस काउंसिल ने बहुमत से इन दो इंटरनेट प्लेटफार्मों को अनफ़िल्टर करने के पहले चरण को मंजूरी दे दी।
इस निर्णय के अनुसार, ये दोनों एप्लिकेशन लगभग 27 महीनों के बाद ईरानी उपयोगकर्ताओं के लिए फिर से उपलब्ध हैं और प्रत्येक देश के सभी ऑपरेटरों पर यह फ़िल्टरिंग हटा दी गई है।
गौरतलब है कि व्हाट्सएप इस समय दुनिया की सबसे लोकप्रिय मोबाइल इंटरनेट मैसेजिंग सेवा है। जो स्मार्टफोन के साथ-साथ इंस्टेंट मैसेजिंग के लिए एक क्रॉस प्लेटफॉर्म प्रदान करता है। टेक्स्ट मैसेजिंग के अलावा, उपयोगकर्ता एक-दूसरे को फोटो, वीडियो और वॉयस मैसेज भी भेज सकते हैं। ईरान में दो साल से अधिक समय से व्हाट्सएप पर प्रतिबंध के कारण, दुनिया भर से, विशेष रूप से पाकिस्तान और भारत से ईरान आने वाले तीर्थयात्रियों को अपने प्रियजनों से संपर्क करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था, जो अब इस निर्णय के कारण हल हो गया है गया।
इसराइली आबादकारों ने मस्जिद ए अलअक्सा की पवित्रता का उल्लंघन किया
इसराइली आबादकारों ने पुलिस के समर्थन में मस्जिद ए अलअक्सा पर धावा बोलते हुए उसके परिसर में तालमूदी रीति रिवाज अदा किए यह इस पवित्र स्थान की पवित्रता का खुला उल्लंघन है।
एक रिपोर्ट के अनुसार , इसराइली आबादकारों ने पुलिस के समर्थन में मस्जिद अल-अक्सा पर धावा बोलते हुए उसके परिसर में तालमूदी रीति-रिवाज (धार्मिक अनुष्ठान) अदा किए। यह इस पवित्र स्थान की पवित्रता का खुला उल्लंघन है।
स्थानीय सूत्रों के मुताबिक दर्जनों इसराइली आबादकारों ने इसराइली पुलिस की निगरानी में मस्जिद अलअक्सा के प्रांगण में उत्तेजक दौरे किए और तालमूदी रीति-रिवाज किए। यह कदम उन फिलिस्तीनियों के अधिकारों का उल्लंघन है, जो इस स्थान को केवल नमाज के लिए पवित्र मानते हैं।
समाचार एजेंसी वफ़ा की रिपोर्ट के अनुसार, युद्ध की शुरुआत से ही इसराइली बलों ने मस्जिद अल-अक्सा के दरवाजों और पुराने शहर के प्रवेश द्वारों पर अपनी सख्ती और अधिक बढ़ा दी है।
अमेरिका का ऐलान, रूस के खिलाफ यूक्रेन को हथियारों की आपूर्ति जारी रखेंगे
अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने रूसी हवाई हमले के बाद रूस के खिलाफ यूक्रेन को सैन्य रूप से मजबूत करने का संकल्प व्यक्त किया है।
विदेश विभाग के एक बयान के अनुसार, राष्ट्रपति बाइडन ने कहा कि मैंने रक्षा विभाग को यूक्रेन को हथियारों की आपूर्ति बढ़ाना जारी रखने का निर्देश दिया है, और संयुक्त राज्य अमेरिका रूसी सेनाओं के खिलाफ रक्षा में यूक्रेन की स्थिति को मजबूत करने के लिए अथक प्रयास करना जारी रखेगा।
अमेरिकी राष्ट्रपति की टिप्पणी तब आई जब यूक्रेन ने रूस पर देश भर में "अमानवीय" हवाई हमले करने का आरोप लगाया, जिसमें कम से कम छह लोग घायल हुए हैं।
बाइडन ने क्रिसमस की सुबह कहा कि रूस ने यूक्रेनी शहरों और प्रमुख ऊर्जा बुनियादी ढांचे पर मिसाइलों और ड्रोनों की बारिश की है।
अजमेर, उर्स की तैयारियों के बीच दरगाह के पास गरजा बुलडोज़र
उत्तर प्रदेश समेत भाजपा शासित प्रदेशों की बुलडोज़र नीति पर देश भर मे हंगामा मचता रहा है। ताज़ा मामला राजस्थान का हैं जहां ख़्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के सालाना उर्स की तैयारियां ज़ोरों पर हैं।
इस साल भी 813वें उर्स की तैयारियां चल रही हैं, इस बीच दरगाह क्षेत्र में उस वक्त हड़कंप मच गया, जब नगर निगम की टीम ने दरगाह थाना पुलिस के साथ मिलकर अवैध अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चलाया।
नगर निगम के अधिकारियों ने कहा कि, "सार्वजनिक स्थानों पर अवैध अतिक्रमण की वजह से आम लोगों को काफी परेशानी हो रही थी। इस दौरान, जिन इलाकों में कार्रवाई की गई, उनमें दरगाह क्षेत्र के अंदरकोट, अढ़ाई दिन का झोपड़ा, दिल्ली गेट और दूसरे प्रमुख इलाके शामिल थे। हालांकि, इस अभियान के दौरान कई दुकानदारों और स्थानीय लोगों ने विरोध किया, जिसके चलते पुलिस और लोगों के बीच झड़प भी हुई।
सीरिया पर एक बार फिर अमेरिका ने हवाई हमला किया
अमेरिकी सेना के दावे के अनुसार ISIS (आईएसआईएस) के लड़ाके हथियारों की खेप को स्थानांतरित कर रहे थे जिसे इस हवाई हमले में नष्ट कर दिया।
एक रिपोर्ट के अनुसार ,अमेरिकी सेना ने दावा किया है कि उसने एक हवाई हमले में सीरिया में ISI के लड़ाकों को निशाना बनाया है।
अमेरिकी सेना की केंद्रीय कमान सेंटकॉम जिसे आतंकवादी संगठन भी कहा जाता है ने एक बयान जारी करते हुए कहा 24 दिसंबर को केंद्रीय कमान (सेंटकॉम) के सैनिकों ने सीरिया के दैरअल-ज़ोर प्रांत में एक सटीक हवाई हमला किया जिसमें ISIS के दो लड़ाके मारे गए और एक घायल हुआ।
अमेरिकी सेना के दावे के अनुसार, ISIS (आईएसआईएस) के लड़ाके हथियारों की खेप को स्थानांतरित कर रहे थे जिसे इस हवाई हमले में नष्ट कर दिया गया।
सीरिया पर फिर से अमेरिका का हमला
आतंकवादी संगठन सेंटकॉम ने एक बयान जारी कर बताया कि अमेरिकी लड़ाकू विमानों ने एक बार फिर सीरिया के दैरअल-ज़ोर क्षेत्र को निशाना बनाया।अंतरराष्ट्रीय समाचार अमेरिकी सेना ने दावा किया है कि उसने एक हवाई हमले में ISIS के लड़ाकों को निशाना बनाया है।
अमेरिकी सेना की केंद्रीय कमान सेंटकॉम ने बयान में कहा,23 दिसंबर को केंद्रीय कमान सेंटकॉम के सैनिकों ने सीरिया के दैरअल-ज़ोर प्रांत में एक सटीक हवाई हमला किया जिसमें ISIS के दो लड़ाके मारे गए और एक घायल हुआ।
अमेरिकी सेना का दावा है कि ISIS आईएसआईएस के लड़ाके हथियारों की खेप को स्थानांतरित कर रहे थे जिसे इस हवाई हमले में नष्ट कर दिया गया।
इससे पहले भी सेंटकॉम ने दावा किया था कि उसने पिछले शुक्रवार को दैरअल ज़ोर में ISIS आईएसआईएस के नेता अबू यूसुफ को एक हवाई हमले में निशाना बनाकर मार गिराया।
सीरियाई राष्ट्रपति बशरअल असद के पतन राजनीतिक अस्थिरता और सत्ता परिवर्तन के बीच अमेरिका ने इस देश में कई हवाई हमले किए हैं।
ग़ाज़ा पर इज़रायली हमलों में दर्जनों नागरिक शहीद
ग़ाज़ा पट्टी में जारी इज़रायल के हमलों ने एक बार फिर निर्दोष नागरिकों को अपनी चपेट में ले लिया है फिलिस्तीनी मीडिया के अनुसार, बुधवार तड़के इज़रायली सेना ने ग़ाज़ा के विभिन्न इलाकों में बमबारी जारी रखी।
एक रिपोर्ट के अनुसार ,ग़ाज़ा पट्टी में जारी इज़रायल के हमलों ने एक बार फिर निर्दोष नागरिकों को अपनी चपेट में ले लिया है फिलिस्तीनी मीडिया के अनुसार, बुधवार तड़के इज़रायली सेना ने ग़ाज़ा के विभिन्न इलाकों में बमबारी जारी रखी इन हमलों में बड़ी संख्या में लोग शहीद और घायल हो गए हैं।
अलजज़ीरा नेटवर्क ने ग़ाज़ा पट्टी के अस्पताल सूत्रों के हवाले से जानकारी दी कि बुधवार सुबह से ग़ाज़ा पट्टी के विभिन्न क्षेत्रों में बमबारी के कारण शहीदों की संख्या 32 हो चुकी है इसके अलावा दर्जनों लोग गंभीर रूप से घायल हैं जिनमें से कई की हालत नाजुक बताई जा रही है।
ग़ाज़ा शहर में सोने के बाज़ार के पास स्थित एक रिहायशी अपार्टमेंट पर इज़रायली हमले में चार लोग शहीद हो गए इनमें दो महिलाएं एक बच्चा और एक अन्य व्यक्ति शामिल हैं इस हमले में कई अन्य लोग घायल हुए हैं, जिनका इलाज अस्पताल में चल रहा है।
अलजज़ीरा के संवाददाता ने बताया कि इज़रायली तोपखाने ने उत्तरी ग़ाज़ा पट्टी के बैत लाहिया शहर को निशाना बनाया इसके साथ ही दक्षिण-पूर्वी गज़ा शहर के अल-ज़ैतून इलाके में स्थित एक घर पर इज़रायली विमानों ने बमबारी की इस हमले में भी कई फिलिस्तीनी शहीद और घायल हो गए।
इन हमलों में रिहायशी इलाकों बाजारों और घरों को खास तौर पर निशाना बनाया जा रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह हमले न केवल उनके घरों और संपत्तियों को तबाह कर रहे हैं बल्कि उनके जीवन के लिए भी गंभीर खतरा बने हुए हैं।
इन हमलों के कारण ग़ाज़ा पट्टी में मानवीय संकट और गहरा गया है। घायलों को पर्याप्त चिकित्सा सुविधा नहीं मिल पा रही है क्योंकि अस्पताल पहले से ही संसाधनों की कमी और दवाईयों की कमी का सामना कर रहे हैं। इसके अलावा बिजली और पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं भी प्रभावित हो रही हैं।
कतर में इजरायली नेताओं और हमास के बीच संभावित युद्धविराम वार्ता समाप्त
इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने घोषणा की है कि इजरायली वार्ता दल एक सप्ताह की महत्वपूर्ण वार्ता के बाद हमास के साथ संभावित युद्धविराम और कैदियों के आदान प्रदान पर आंतरिक परामर्श के लिए कतर से वापस हुए।
एक रिपोर्ट के अनुसार , नेतन्याहू ने अपने कार्यालय से जारी एक बयान में कहा कि यह टीम जिसमें मोसाद, शिन बेट इजरायली सुरक्षा एजेंसी और इजरायली सेना के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं,
मंगलवार रात को इजरायल वापस लौटी। बयान में कहा गया है कि यह दल आंतरिक परामर्श के लिए लौटा है ताकि युद्धविराम वार्ता और इजरायली कैदियों की रिहाई पर विचार किया जा सके।
कैदियों की स्थिति:
रिपोर्ट्स के अनुसार, इजरायल ने 10,300 से अधिक फिलिस्तीनी कैदियों को जेल में रखा है, जबकि हमास के कब्जे में लगभग 100 इजरायली कैदी गाजा में मौजूद हैं हमास का दावा है कि इजरायली हवाई हमलों में कई इजरायली कैदी मारे गए हैं।
वार्ता के परिणाम और प्रगति:
इजरायली अखबार येदिओत अहारोनोत ने रिपोर्ट किया है कि इजरायल और हमास के बीच मतभेद कम हो रहे हैं और एक समझौते की संभावना बढ़ रही है। रिपोर्ट के अनुसार दक्षिण और मध्य गाजा के प्रमुख मुद्दों पर प्रगति हुई है, हालांकि अधिक जानकारी साझा नहीं की गई।
हमास ने कई बार समझौते पर सहमति जताई है और यहां तक कि मई में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन द्वारा समर्थित प्रस्ताव को भी स्वीकार किया था। लेकिन नेतन्याहू ने इस समझौते से पीछे हटते हुए गाजा पर सैन्य कार्रवाई जारी रखने और सेना वापस न बुलाने की शर्तें रखीं जबकि हमास पूर्ण युद्धविराम और इजरायली सेना की पूरी तरह से वापसी की मांग कर रहा है।
नेतन्याहू की आलोचना और आंतरिक दबाव:
नेतन्याहू को इजरायल के भीतर तीखी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है विपक्षी दलों और कैदियों के परिजनों ने उन पर आरोप लगाया है कि वे अपनी सरकार बचाने के लिए वार्ता को विलंबित कर रहे हैं।
दूसरी ओर कट्टरपंथी मंत्री जिनमें इतामार बेन-गवीर और बेज़लाल स्मोट्रिच शामिल हैं ने चेतावनी दी है कि यदि नेतन्याहू गाजा पर हमले रोकने पर सहमत होते हैं तो वे सरकार से अलग हो जाएंगे।
कतर और ईरान के साथ द्विपक्षीय संबंधों पर हमें गर्व है
कतर के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माजिद बिन मोहम्मद अलअंसारी ने मंगलवार शाम एक साप्ताहिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि हमें इस्लामी गणराज्य ईरान के साथ अपने द्विपक्षीय संबंधों पर गर्व है और क्षेत्रीय घटनाक्रमों पर हमारी बातचीत जारी है।
एक रिपोर्ट के अनुसार , कतर की आधिकारिक समाचार एजेंसी (QNA) ने बताया कि माजिद बिन मोहम्मद अलअंसारी ने साप्ताहिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, कि कतर और ईरान के संबंध सुदृढ़ और सिद्धांतों पर आधारित हैं उन्होंने यह भी बताया कि दोनों देश कुछ गैस परियोजनाओं में सहयोग कर रहे हैं।
उन्होंने कहा,हम क्षेत्रीय मुद्दों और निरंतर सहयोग पर बातचीत कर रहे हैं हमें इस्लामी गणराज्य ईरान के साथ अपने संबंधों पर गर्व है।
मोहम्मद अलअंसारी ने रूस के साथ कतर के संबंधों का भी उल्लेख करते हुए कहा कि कतर और रूस के बीच संबंध सकारात्मक हैं और जारी हैं।
उन्होंने रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष के कारण प्रभावित बच्चों को उनके परिवारों तक वापस पहुंचाने के प्रयासों में दोहा की मध्यस्थता की भूमिका पर जोर दिया।
इस्राइल द्वारा सीरियाई कब्जे वाले गोलन हाइट्स में बस्तियों के विस्तार की कोशिशों के बारे में उन्होंने कहा,कतर पहले भी ऐसे किसी भी कदम की कड़ी निंदा कर चुका है हमें एकजुटता दिखानी चाहिए ताकि इस्राइल की अवसरवादी योजनाओं का मुकाबला किया जा सके।
कतर के विदेश मंत्रालय ने सीरिया की संप्रभुता, स्वतंत्रता और क्षेत्रीय अखंडता के समर्थन में दोहा के स्थायी रुख पर जोर दिया और सीरिया में सुरक्षा और स्थिरता लाने के लिए क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रयासों का समर्थन किया हैं।
गाजा युद्धविराम वार्ता पर उन्होंने कहा,हालांकि दोहा और काहिरा में संभावित युद्धविराम पर बातचीत जारी है गाजा में स्थिति बिल्कुल भी सुधर नहीं है और मानवीय संकट और गंभीर हो गया है।
कतर के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा फिलिस्तीनी शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र राहत और कार्य एजेंसी (UNRWA) की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने के फैसले को अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में ले जाने के लिए प्रस्ताव पारित करने का स्वागत किया।
उन्होंने कहा कि इस प्रस्ताव को 137 मतों से मंजूरी मिली जो इस्राइल के UNRWA की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने के निर्णय को व्यापक रूप से खारिज करता है।
इस्राईल ने हमास नेता हनिया की हत्या में शामिल होना स्वीकार किया
इस साल जुलाई के अंत में, फिलिस्तीनी प्रतिरोध समूह हमास के राजनीतिक नेता इस्माईल हनिया की तेहरान में हत्या कर दी गई थी, जिसके लिए इस्राईल को जिम्मेदार ठहराया गया था।
इज़राइल के रक्षा मंत्री, इज़राइल काट्ज़ ने पहली बार सार्वजनिक रूप से इस्माइल हनिया की हत्या में इज़राइल के हाथ होने का स्वीकार किया। उन्होंने कहा कि हनिया की हत्या तेहरान में इज़राइल ने की थी। इसके साथ ही काट्ज़ ने यमन के हूथी नेताओं को भी "सज़ा" देने का संकेत दिया और कहा कि इज़राइल की सेना हूथी नेताओं का सिर कलम करेगी, जैसा कि उसने हनिया, याह्या सिनवार और हसन नसरुल्लाह के साथ किया। जुलाई में हनिया की हत्या का आरोप इज़राइल पर था, लेकिन तब इज़राइल ने इसे स्वीकार नहीं किया था। हनिया कतर में रहकर हमास की अंतरराष्ट्रीय कूटनीति का नेतृत्व कर रहे थे और ग़ज़्ज़ा संघर्ष के लिए बातचीत में शामिल थे।
इसके बाद, 27 सितंबर को हिज़बुल्लाह के नेता हसन नसरुल्लाह की हत्या और 16 अक्टूबर को याह्या सिनवार की हत्या हुई। इन घटनाओं ने क्षेत्र में युद्ध फैलने का खतरा बढ़ा दिया। 7 अक्टूबर 2023 से ग़ज़्ज़ा में इज़राइल के हमलों में 45,300 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए, जिनमें ज्यादातर महिलाएं और बच्चे हैं। ग़ज़्ज़ा में बुनियादी आवश्यकताएं घातक रूप से कम हो गईं, और लगभग पूरी आबादी बेघर हो गई।