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सीतापुर में मदरसे पर चला बुलडोज़र, बीजेपी की शिकायत पर SDM ने उठाया कदम
सीतापुर मे 40 साल पुराने एक मदरेसे पर बीजेपी की शिकायत पर SDM ने कठोर कदम उठाते हुए बुलडोज़र चलवा दिया। प्राप्त जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश के सीतापुर में एक बार फिर मदरसे पर बुलडोजर की कार्रवाई की गई है। एसडीएम शिखा शुक्ला के आदेश पर मदरसे को ध्वस्त कर दिया गया है जिससे इलाके में हड़कंप मच गया। यह कार्रवाई बीजेपी नेता और सेक्टर प्रभारी आशीष चौधरी की शिकायत के बाद की गई।
आशीष चौधरी ने कुछ सप्ताह पहले एसडीएम महमूदाबाद को ज्ञापन देकर अवैध कब्जा हटवाने की मांग की थी। इसके बाद प्रशासन ने मामले की जांच की और बुलडोजर से मदरसे को ध्वस्त करा दिया।
मदारिस की बुनियाद मज़बूत करें
मौलाना सैयद रज़ा हैदर ज़ैदी ने मदारिस ए इल्मिया की मौजूदा स्थिति पर चर्चा करते हुए कहा,जैसा मेडिकल कॉलेज होगा वैसे ही डॉक्टर तैयार होंगे जैसे मदरसे होंगे वैसे ही उलमा निकलेंगे आज के तलबा कल के उलमा हैं अगर मदारिस की बुनियाद मज़बूत होगी तो बेहतरीन उलमा तैयार होंगे लेकिन अगर इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो लोग शिकायत और शिकवे करते रहेंगे।
एक रिपोर्ट के अनुसार, लखनऊ,शाही आसफी मस्जिद में 27 दिसंबर 2024 को जुमा की नमाज़ हुज्जतुल इस्लाम मौलाना सैयद रज़ा हैदर जैदी की इमामत में अदा की गई वह हौज़ा-ए-इल्मिया हज़रत ग़ुफ़रानमाब लखनऊ के प्रिंसिपल हैं।
तक़वा की नसीहत:
मौलाना रज़ा हैदर जैदी ने नमाज़ियों को तक़वा अपनाने की नसीहत करते हुए कहा,मैं खुद को और आप सभी को तक़वा अपनाने की सलाह देता हूं। तक़वा का होना बहुत ज़रूरी है तक़वा का मतलब है फरायज़ को अदा करना और हराम कामों से बचना अल्लाह से दुआ है कि वह हमें मोहम्मद और उनके अहले-बैत के सदके में तक़वा की नेमत अता करे।
ईद ए ग़दीर की फज़ीलत:
मौलाना ने ईद-ए-ग़दीर की अहमियत बताते हुए कहा,अल्लाह ने ईद-ए-ग़दीर के दिन नेकियों और सवाब के ज़रिये मोमिनों पर एहसान किया है। तमाम ईदों में सबसे ज़्यादा सवाब ईद-ए-ग़दीर पर है। इतना सवाब न ईद-उल-फितर पर है, न ईद-उल-अज़हा पर इसकी वजह यह है कि इसी दिन दीन मुकम्मल हुआ।
मौलाना ने अमीरुल मोमिनीन इमाम अली (अ.स.) के खुत्बा-ए-ग़दीर का ज़िक्र करते हुए कहा,ग़दीर के दिन नेक काम करने से उम्र और माल में बरकत होती है जो भी इस दिन नेक काम करेगा अल्लाह उसकी रोज़ी में इज़ाफ़ा करेगा और उसकी उम्र लंबी करेगा।
मदारिस-ए-इल्मिया की मौजूदा स्थिति:
मौलाना ने कहा,आजकल मदारिस तलबा से खाली हो रहे हैं। लोग अपने बच्चों को मदारिस में नहीं भेज रहे यह गंभीर मसला है अगर हम मदारिस की बुनियाद को मज़बूत करेंगे तो इल्म और दीन के बेहतरीन अलमबरदार तैयार होंगे। लेकिन अगर ऐसा नहीं किया गया तो उलमा की कमी होगी और दीनी समाज को नुकसान पहुंचेगा।
तलबा की इज़्ज़त करें:
मौलाना ने कहा,आप अपनी दौलत न दें लेकिन कम से कम तलबा को हकीर तो न समझें। उन्हें ज़लील न करें। उनकी इज़्ज़त करें तलबा का हौसला बढ़ाएं, ताकि वे इल्म हासिल करने में दिलचस्पी लें।
एक वाक़े का ज़िक्र:
मौलाना ने एक वाक़े का ज़िक्र करते हुए कहा, इस्लामी इंक़लाब से पहले एक बार एक बादशाह ने हौज़ा-ए-इल्मिया का दौरा किया उसने देखा कि तलबा की संख्या बहुत कम है।उसने मर्जा-ए-तकलीद से पूछा कि ऐसा क्यों है।
मर्जा ने जवाब दिया, इसकी वजह यह है कि तुम तलबा की इज़्ज़त नहीं करते बादशाह ने पूछा, 'हमें क्या करना चाहिए?' मर्जा ने कहा, 'कल मेरे पास आओ। मैं घोड़े पर सवार रहूंगा और तुम उसकी लगाम पकड़कर मदरसे तक ले जाओ। बादशाह दीनदार था, उसने ऐसा ही किया। जब लोगों ने यह मंज़र देखा, तो दूसरे दिन हौज़ा-ए-इल्मिया तलबा से भर गया।
मौलाना ने जोर देकर कहा कि हमें मदारिस को मज़बूत करने और तलबा की इज़्ज़त करने की ज़रूरत है, क्योंकि आज के तलबा ही कल के उलमा हैं।
पाराचिनार के मज़लूमों के समर्थन में एमडब्ल्यूएम और अन्य संगठनों द्वारा विरोध रैली
डेरा गाज़ी खान में मजलिस ए वहदत ए मुस्लिमीन सखी सरवर और अन्य राष्ट्रीय संगठनों के तहत पाराचिनार के पीड़ितों के समर्थन में विरोध रैली निकाली गई इस रैली में बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया।
एक रिपोर्ट के अनुसार , डेरा गाज़ी खान में मजलिस-ए-वहदत-ए-मुस्लिमीन सखी सरवर और अन्य राष्ट्रीय संगठनों के तहत पाराचिनार के पीड़ितों के समर्थन में विरोध रैली निकाली गई। इस रैली में बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया।
सरकार से मांग की कि पाराचिनार में चल रहे धरने के प्रतिभागियों की सभी मांगों को तुरंत स्वीकार किया जाए जिला कुर्रम में शांति बहाल की जाए और 80 दिनों से बंद सड़क को खोला जाए।
मजलिस-ए-वहदत-ए-मुस्लिमीन,शिया उलमा काउंसिल, अंजुमन जाफरिया, और मदरसा जामिया-तुल-हुसैन सखी सरवर ने सहयोग किया रैली जुमे की नमाज़ के बाद मरकज़ी इमामबारगाह हैदरिया से शुरू होकर कोइटा रोड तक निकाली गई।
रैली के प्रतिभागियों ने कोइटा रोड पर प्रतीकात्मक धरना दिया रैली को संबोधित करते हुए सदर जवार खाडिम हुसैन, प्रिंसिपल जामिया-तुल-हुसैन मौलाना ज़फ़र अब्बास मौलाना नियाज़ हुसैन, और मौलाना जाफर सरवर ने कहा,पाराचिनार के धरने में उठाई गई मांगों को तुरंत माना जाए।80 दिनों से बंद सड़क को खोलने के लिए कदम उठाए जाएं।
यदि देशभर के नेताओं ने प्रमुख सड़कों को बंद करने का निर्देश दिया तो सखी सरवर में भी इस अंतर्राज्यीय सड़क को धरना देकर स्थायी रूप से बंद कर दिया जाएगा जिससे पंजाब और बलूचिस्तान का संपर्क कट जाएगा।
दुनिया आराम की जगह नहीं, बल्कि तकलीफों की जगह
मौलाना सैयद अहमद अली आबदी ने जुमआ के खुत्बे में कहा कि इस दुनिया में हर तरफ तकलीफें ही तकलीफें हैं इंसान इस दुनिया में आता है तो तकलीफ के साथ आता है बड़ा होता है तो तकलीफें साथ चलती हैं मेहनत करता है तो भी तकलीफें रहती हैं। दो वक्त की रोटी कमाने के लिए सुबह से शाम तक मेहनत करनी पड़ती है तब जाकर हलाल की रोजी मिलती है।
एक रिपोर्ट के अनुसार ,मुंबई की शिया खोजा जामा मस्जिद में 27 दिसंबर 2024 को जुमा के खुत्बे के दौरान इमाम जुमा हुज्जतुल इस्लाम मौलाना सैयद अहमद अली आबदी ने नमाज़ियों को तक़वा अपनाने की नसीहत दी।
उन्होंने कहा कि हम दुनिया में बहुत सी चीज़ें ढूंढते हैं लेकिन वे हमें नहीं मिलतीं इसकी वजह यह है कि हर चीज़ वहीं मिलती है, जहां वह होती है। जैसे पानी वहीं मिलेगा जहां उसकी मौजूदगी हो। अगर गलत जगह खुदाई करेंगे, तो पानी नहीं मिलेगा। अल्लाह ने आराम को जन्नत में रखा है, लेकिन हम इसे दुनिया में खोजते हैं।
मौलाना ने एक हदीस-ए-कुदसी बयान की जिसमें अल्लाह कहता है,मैंने आराम को जन्नत में रखा है, लेकिन लोग उसे दुनिया में तलाश करते हैं। उन्होंने कहा कि यह दुनिया तकलीफों की जगह है, यहां कुछ भी बिना मेहनत के नहीं मिलता। एक गिलास पानी पीने के लिए भी मेहनत करनी पड़ती है उठना पड़ेगा, पानी लाना पड़ेगा, पैसे देने होंगे, टैक्स देना होगा, तब जाकर पानी मिलेगा। यह जन्नत नहीं है, जहां सिर्फ चाहने से पानी हाज़िर हो जाए।
इसी तरह, खाने-पीने की अच्छी चीज़ों के लिए भी मेहनत करनी पड़ती है। दुनिया की कोई भी चीज़ ऐसी नहीं है, जिसमें आराम के साथ नुकसान न हो। लेकिन जन्नत एक ऐसी जगह है, जहां सिर्फ फायदा ही फायदा है।
मौलाना ने कहा कि इंसान जब इस दुनिया में आता है, तो तकलीफ के साथ आता है। बड़ा होता है, तो और तकलीफें होती हैं। दो वक्त की रोटी के लिए सुबह से शाम तक मेहनत करनी पड़ती है, तब जाकर हलाल की रोज़ी मिलती है।
मौजूदा हालात पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा आजकल हमारे नौजवान न पढ़ाई करते हैं, न मेहनत। बस उम्मीद लगाते हैं कि उन्हें बैठे-बैठाए 56 करोड़ रुपये का हिस्सा मिल जाए। ऐसा नहीं होने वाला। अगर रात को सोते रहें और दिन को बर्बाद कर दें, तो कुछ हासिल नहीं होगा।
उन्होंने युवाओं से कहा कि उनकी जिंदगी का सबसे बेहतरीन दौर उनकी जवानी है। अगर इस समय को सही दिशा में मेहनत में लगाया जाए और बेवजह के कामों से बचा जाए तो सफलता के शिखर तक पहुंच सकते हैं।
मौलाना ने अफसोस जताया कि मुस्लिम इलाकों में रात को देर तक होटल और ढाबे खुले रहते हैं जहां नौजवान बेकार बैठे रहते हैं। जबकि गैर-मुस्लिम इलाकों में ऐसा नहीं होता वहां के नौजवान समय पर सोते हैं, सुबह जल्दी उठकर स्कूल-कॉलेज जाते हैं। उनका दिमाग फ्रेश रहता है, जिससे वे पढ़ाई में ध्यान देते हैं, प्रतियोगी परीक्षाओं में पास होते हैं और आगे बढ़ते हैं।
उन्होंने कहा कि हम अपनी किस्मत और हालात को कोसते रहते हैं, लेकिन यह नहीं सोचते कि गलती हमने कहां की हैं।
डब्ल्यूएचओ के प्रमुख ने हौसीयो के साथ किया
विश्व स्वास्थ्य संगठन डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अदनोम घेब्रेयेसस ने एक बयान में कहा यमनी राजधानी सना में हौसी समूह द्वारा गिरफ्तार किए गए 13 संयुक्त राष्ट्र कर्मचारियों की रिहाई की मांग की गई।
एक रिपोर्ट के अनुसार ,विश्व स्वास्थ्य संगठन डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अदनोम घेब्रेयेसस ने एक बयान में कहा यमनी राजधानी सना में हौसी समूह द्वारा गिरफ्तार किए गए 13 संयुक्त राष्ट्र कर्मचारियों की रिहाई की मांग की गई।
संयुक्त राष्ट्र ने जून में पुष्टि की थी कि उसके 13 स्टाफ सदस्यों को सना में हौसी द्वारा हिरासत में लिया गया है उग्रवादी समूह ने गिरफ्तार किए गए संयुक्त राष्ट्र कर्मचारियों पर संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए जासूसी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया है।
इस बीच घेब्रेयेसस ने कहा कि जब वह और संयुक्त राष्ट्र और डब्ल्यूएचओ के कुछ अन्य अधिकारी यमन की राजधानी सना से अपनी उड़ान में सवार होने वाले थे तो सना अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डा हवाई बमबारी की चपेट में आ गया।
उन्होंने कहा,हमारे विमान के चालक दल का एक सदस्य घायल हो गया हवाईअड्डे पर कम से कम दो लोगों के मारे जाने की खबर है हवाई यातायात नियंत्रण टॉवर प्रस्थान लाउंज जहां हम थे वहां से कुछ ही मीटर की दूरी पर और रनवे क्षतिग्रस्त हो गए।
यह देखते हुए कि वह और उनके सहयोगी सुरक्षित हैं, डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने कहा कि उन्हें जाने से पहले हवाईअड्डे को हुए नुकसान की मरम्मत होने तक इंतजार करना होगा।
ईरान के कैलेंडर में 23 रबीउल अव्वल को यौम-ए-क़ुम के रूप में शामिल
ईरान के राष्ट्रपति और उच्च सांस्कृतिक क्रांति परिषद के प्रमुख डॉ. मसूद पज़ेश्कियान के आदेश से 23 रबीउल अव्वल को यौम-ए-क़ुम के रूप में देश के आधिकारिक कैलेंडर में शामिल किया गया है।
एक रिपोर्ट के अनुसार ,ईरान के राष्ट्रपति और उच्च सांस्कृतिक क्रांति परिषद के प्रमुख डॉ. मसूद पज़ेश्कियान के आदेश से 23 रबीउल अव्वल को यौम-ए-क़ुम के रूप में देश के आधिकारिक कैलेंडर में शामिल किया गया है।
यह निर्णय 13 दिसंबर 2024 को उच्च सांस्कृतिक क्रांति परिषद के 909वें सत्र में किया गया यह प्रस्ताव परिषद के 504वें उप सत्र और राष्ट्रीय सांस्कृतिक परिषद की सिफारिश पर आधारित था।
23 रबीउल अव्वल को क़ुम का दिन घोषित कर इसे आधिकारिक कैलेंडर के परिशिष्ट में शामिल किया जाए।
यह कदम क़ुम की ऐतिहासिक और धार्मिक महत्वता को उजागर करने और राष्ट्रीय स्तर पर उसके योगदान को मान्यता देने के उद्देश्य से उठाया गया है।
इस्लामी सहयोग संगठन ने क़माल अदवान अस्पताल पर हमले की निंदा की
इस्लामी सहयोग संगठन (OIC) ने एक बयान जारी कर उत्तरी ग़ाज़ा पट्टी में क़माल अदवान अस्पताल पर हमले और उसे आग के हवाले करने की कड़ी निंदा की है।
एक रिपोर्ट के अनुसार ,इस्लामी सहयोग संगठन (OIC) ने एक बयान जारी कर उत्तरी ग़ाज़ा पट्टी में क़माल अदवान अस्पताल पर हमले और उसे आग के हवाले करने की कड़ी निंदा की है।
OIC ने अपने बयान में कहा,ज़ायोनी सरकार द्वारा स्वास्थ्य सेवाओं पर हमले अस्पतालों को निशाना बनाना उनका घेराव करना, चिकित्सा कर्मियों, घायलों और मरीजों को गिरफ्तार करना अंतरराष्ट्रीय और मानवाधिकार कानूनों और संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों का खुला उल्लंघन है।
संगठन ने वैश्विक समुदाय से मांग की हैं युद्धविराम को स्थायी रूप से लागू किया जाए।ज़ायोनी सरकार की सैन्य कार्रवाइयों को तुरंत रोका जाए। अस्पतालों के बुनियादी ढांचे और चिकित्सा कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।मरीजों और घायलों के अधिकारों की गारंटी दी जाए।
संगठन ने ग़ज़ा पट्टी में मानवीय और चिकित्सा सहायता की आपूर्ति को बिना किसी बाधा के सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर भी बल दिया।
फ़िलिस्तीन के स्वास्थ्य मंत्रालय के निदेशक मुनीर अलबरश ने शुक्रवार शाम बताया कि ज़ायोनी सरकार ने क़माल अदवान अस्पताल को जबरन खाली करवाने के बाद उसे आग के हवाले कर दिया।ज़ायोनी सैनिकों ने अस्पताल के आसपास गंभीर अपराध किया हैं।
50 फ़िलिस्तीनियों को शहीद कर दिया जिनमें पांच चिकित्सा कर्मी भी शामिल थे।इस अमानवीय कृत्य की OIC ने निंदा की और इसे मानवता के खिलाफ अपराध बताया।
अमेरिका हर 6 घंटे में एक भारतीय को कर रहा है निष्कासित
अमेरिका मे ट्रम्प की ताजपोशी से पहले ही भारत के लिए कड़े रुख के संकेत मिलने लगे हैं। अमेरिका मे हर दिन कम से कम 4 भारतीयों को देश से निकाला जा रहा है।
भारतीयों को अमेरिका से वापस स्वदेश भेजने का सिलसिला लगातार जारी है। एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका में अप्रवासी लोगों को बाहर निकालने की यह स्पीड इतनी तेज़ है कि 2024 में हर 6 घंटे में एक भारतीय को अमेरिका से भारत के लिए निर्वासित किया गया।
यूएस इमिग्रेशन एंड कस्टम इन्फोर्समेंट (ICE) की ओर से 19 दिसंबर को जारी वित्तीय वर्ष 2024 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, इस साल हर 6 घंटे में एक भारतीय को अमेरिका से भारत भेजा गया। खास बात यह रही कि इस मामले में संख्या में कोई गिरावट नहीं आई, बल्कि बेतहाशा इजाफा ही हुआ है।
हिज़्बुल्लाह लेबनान और हमास ने यमन पर इज़राईली सेना के हमले की कड़ी निंदा की
हमास और हिज़्बुल्लाह लेबनान ने गुरुवार रात एक बयान में ज़ायोनी सेना द्वारा यमन पर किए गए हमले की कड़ी निंदा करते हुए इस से यमन की संप्रभुता पर सीधा हमला बताया है।
एक रिपोर्ट के अनुसार , हमास और हिज़्बुल्लाह लेबनान ने गुरुवार रात एक बयान में ज़ायोनी सेना द्वारा यमन पर किए गए हमले की कड़ी निंदा करते हुए इसे यमन की संप्रभुता पर सीधा हमला बताया है।
हमास और हिज़्बुल्लाह लेबनान ने अपने संयुक्त बयान में कहा कि यह हमला यमन की स्वायत्तता पर स्पष्ट आक्रमण है।
हमास ने अपने बयान में अरब और इस्लामी देशों से अपील की कि वे इस कब्ज़ा करने वाली सरकार पर नियंत्रण करें और क्षेत्र में इसके हमलों के खिलाफ एकजुटता दिखाएं।
हमास ने आगे कहा,हम अंसारुल्लाह के उस रुख़ की सराहना करते हैं जिसमें उन्होंने कहा कि यमन पर यह हमला हमें फिलिस्तीनी जनता का समर्थन जारी रखने से नहीं रोक पाएगा।
हिज़्बुल्लाह ने भी इस हमले की निंदा करते हुए अपने बयान में कहा,हिज़्बुल्लाह आंदोलन अमेरिका और ब्रिटेन की भागीदारी से किए गए इस्राइली सेना के इस व्यापक हमले की कड़ी निंदा करता है, जिसमें यमन के नागरिक आर्थिक और बुनियादी ढांचे को निशाना बनाया गया।
बयान में आगे कहा गया कि यह हमला अंतरराष्ट्रीय कानूनों का खुला उल्लंघन है और इस्राइली आक्रामकता का सिलसिला जारी है जो अरब और इस्लामी देशों, विशेष रूप से फिलिस्तीन, लेबनान और सीरिया की जनता के खिलाफ हो रही है।
इस्राइली सेना ने दावा किया कि उन्होंने यमन के हवाई अड्डे के साथसाथ हुदैदा, सलीफ और रस कतीब के तटीय क्षेत्रों में सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया है। साथ ही उन्होंने हजिज़ और रस कतीब के बिजली संयंत्रों पर भी हमला किया है।
अंसारुल्लाह ने कहा कि इस्राइली हमले में सना हवाई अड्डे पर कम से कम तीन लोग शहीद हो गए और 11 अन्य घायल हुए हैं।
हम मज़लूम ज़रूर हैं लेकिन कमज़ोर नहीं
उपाध्यक्ष एमडब्ल्यूएम ने कहा कि उन्हें अभी भी इस क्रूरता के खिलाफ आपराधिक चुप्पी रखकर पाकिस्तान की सड़कों को अवरुद्ध करने के लिए मजबूर किया जा रहा है, शुक्रवार की सभा के बाद पूरे पाकिस्तान में विरोध प्रदर्शनों का सिलसिला शुरू हो सकता है, इसलिए सरकार को तुरंत मांगों को पूरा करना चाहिए।
पारा चिनार के उत्पीड़ित लोगों के पक्ष में मजलिस वहदत मुस्लिमीन और आईएसओ लाहौर डिवीजन द्वारा आयोजित लाहौर प्रेस क्लब के सामने एक विरोध धरना चल रहा है, जिसमें बड़ी संख्या में नागरिक भाग ले रहे हैं। धरने में शामिल लोग पीड़ित लोगों के प्रति एकजुटता व्यक्त कर रहे हैं और सरकार से तत्काल कदम उठाने की मांग कर रहे हैं।
धरने को संबोधित करते हुए मजलिस वहदत मुस्लिमीन पाकिस्तान के उपाध्यक्ष अल्लामा अहमद इकबाल रिजवी ने कहा कि पारा चिनार के लोग चारों तरफ से घेराबंदी में हैं और बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं। उन्होंने विरोध प्रदर्शनों पर प्रतिक्रिया नहीं देने के लिए सरकार की आलोचना की।
अल्लामा अहमद इकबाल रिजवी ने कहा कि सरकार की देरी से कार्यकर्ताओं और जनता का मनोबल बढ़ रहा है और अगर यही स्थिति रही तो पूरे पाकिस्तान में हर मंडल मुख्यालय पर धरना शुरू कर दिया जाएगा. उन्होंने स्पष्ट किया कि उत्पीड़ित निश्चित रूप से कमजोर नहीं हैं, और अगर पारा चिनार के लोगों की मांगें पूरी नहीं की गईं, तो शुक्रवार की सभा के बाद देशव्यापी विरोध प्रदर्शन की श्रृंखला शुरू हो सकती है।
उपाध्यक्ष ने कहा कि हेलीकॉप्टर के माध्यम से कुछ दवाएं भेजना समस्या का समाधान नहीं है, लेकिन इन समस्याओं को स्थायी आधार पर हल करने की आवश्यकता है। उन्होंने सरकार से कर्मा की सड़कों को तुरंत खोलने की मांग की ताकि घिरे लोग अपनी जिम्मेदारियों पर और छात्र अपनी शैक्षणिक गतिविधियों पर वापस जा सकें।
यह विरोध प्रदर्शन पारा चिनार के लोगों और सरकार की उदासीनता के पक्ष में एक मजबूत आवाज उठाने का एक प्रयास है। प्रतिभागियों का कहना है कि जब तक मांगें पूरी नहीं हो जातीं, यह धरना जारी रहेगा।