जूलानी की चुप्पी और सीरिया में अमेरिकन और तुर्क सैनिकों में वृद्धि

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जूलानी की चुप्पी और सीरिया में अमेरिकन और तुर्क सैनिकों में वृद्धि

सीरियाई सूत्रों के अनुसार, वाशिंगटन ने सीरिया के रक़्क़ा में एक उन्नत और विकसित सैन्य अड्डा बनाने के लिए पहला क़दम उठा लिया और उसे जूलानी की कमान में काम करने वाले तत्वों के किसी भी हमले या विरोध का सामना तक नहीं करना पड़ा ।

सीरियाई सूत्रों ने जूलानी के इशारे पर सीरिया के रक़्क़ा में पहले अमेरिकी सैन्य अड्डे के निर्माण की शुरुआत की सूचना दी है।

सीरियाई सूत्रों ने एलान किया है कि तीन हफ़्ते पहले से, अमेरिकी सेनाएं सीरिया में 10 सैन्य ठिकानों में अपने रैंकों को पुनर्गठित कर रही हैं और सैनिकों और सैन्य उपकरणों को इराक़ से सीरिया पहुंचा रही हैं।

इस रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी विशेष बलों को रक़्क़ा के बाहरी इलाक़े में सीरियाई सेना से संबद्ध एक सैन्य अड्डे पर तैनात किया गया है और इसके प्रवेश द्वार बंद कर दिए हैं।

कुछ दिनों पहले, यह बताया गया था कि अमेरिकी स्पेशल फ़ोर्स जिन्हें डेल्टा के नाम से जाना जाता है, खुद को एक ब्रांच-बेस पर तैनात करने के लिए, इराक़ के अल-वलीद बार्डर से सीरिया के रक़्क़ा पहुंची।

इस बीच, सीरियाई कुर्द डेमोक्रेटिक फ़ोर्सेज़ (एसडीएफ) ने उत्तरी सीरिया में अलेप्पो के उपनगरीय इलाक़े में स्थित तिशरीन बांध के आसपास के इलाकों में एक पहाड़ी पर एक सैन्य अड्डा बनाने के तुर्किए के प्रयास की सूचना दी है।

इस ख़बर का एलान करते हुए सीरियाई कुर्दिश डेमोक्रेटिक फ़ोर्सेज़ (एसडीएफ) ने पुष्टि की कि उन्होंने बनाए जा रहे तुर्किए के बेस पर हमला किया है।

अमेरिका समर्थित एसडीएफ ग्रुप पूर्वोत्तर सीरिया को नियंत्रित करता है, हालांकि, सीरिया में तुर्किये और उसके सहयोगी एसडीएफ़ के ख़िलाफ हैं और उक्त क्षेत्रों को उसके नियंत्रण से निकालने की कोशिश कर रहे हैं।

सीरिया पर अबू मोहम्मद अल-जोलानी के नेतृत्व में तुर्किए के क़रीबी सशस्त्र विपक्षी गुटों के नियंत्रण और अमेरिका, जर्मनी और फ्रांस सहित दूसरे पश्चिमी देशों के प्रतिनिधियों के साथ इस ग्रुप के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठकों से दबाव बढ़ने की वजह से एसडीएफ़ पर दबाव बढ़ने की उम्मीदें ज़्यसासदा हो गयी हैं।

ठीक उसी समय जब अमेरिका और तुर्किए ने सीरिया में अपनी सैन्य उपस्थिति बढ़ाने की कोशिशें तेज़ कर दी हैं, रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने जर्मन विदेश मंत्री से सीरिया में रूस के सैन्य ठिकाने के बारे में अटकलें लगाने के बजाय अपने देश में अमेरिकी अड्डों के भविष्य पर बातचीत करने की अपील की है।

रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता "मारिया ज़खारोवा" ने जर्मन विदेश मंत्री के हालिया बयानों के बारे में जिसमें उन्होंने कहा कि रूस को सीरिया में सैन्य अड्डों से वंचित कर दिया चाहिए, कहा कि यह बयान अमेरिकी सैन्य बेस की मेजबानी करने वाले देश की विदेशमंत्री द्वारा दिए जा रहे हैं।

यहां पर मेरा एक सवाल है: क्या जर्मन विदेश मंत्री वाशिंगटन से ऐसा अनुरोध करने के लिए तैयार हैं?

ज़ाखारोवा के अनुसार, जर्मन विदेश मंत्री एनालेना बेयरबॉक सीरिया में रूसी ठिकानों के बारे में अटकलें लगाने के बजाय अपने देश में अमेरिकी ठिकानों के भविष्य के बारे में बात करना पसंद करेंगी?

बश्शार असद" को सत्ता से हटाने के मक़सद से 27 नवम्बर 2024 की सुबह तक सीरिया में सशस्त्र विरोधियों ने देश के उत्तरी क्षेत्रों से अपना अभियान शुरू किया और अंततः 11 दिनों के बाद रविवार 8 दिसम्बर 2024 को दमिश्क शहर पर अपना नियंत्रण स्थापित कर लिया जिसके बाद राष्ट्रपति बश्शार असद रूस भाग गये।

सीरिया में हालिया घटनाक्रम और इस देश पर विरोधियों का नियंत्रण तेज़ होने के बाद, रूस ने उत्तरी सीरिया से और इस देश के तटों पर स्थित ठिकानों से अपनी सेनाएं वापस बुला ली हैं लेकिन उसने अपने दो मुख्य ठिकानों, लाज़ेकिया के हमीमीम एयर बेस और तरतूस के नौसैनिक केंद्र को नहीं छोड़ा है।

बश्शार अल-असद की सरकार गिरने से पहले ईरान ने सीरिया से अपनी सलाहकार सेनाएं भी वापस बुला ली थीं। आईएसआईएस और अन्य आतंकवादी गुटों के हमले के बाद सीरियाई सरकार के सरकारी निमंत्रण पर ईरानी सलाहकार बलों को इस देश में भेजा गया था।

 

 

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