पश्चिम में ज़ायोनी विरोधी प्रदर्शन व जमावड़ा, एलाही इरादे के ज़ाहिर होने का एक नमूना

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पश्चिम में ज़ायोनी विरोधी प्रदर्शन व जमावड़ा, एलाही इरादे के ज़ाहिर होने का एक नमूना

ईरान की इस्लामी क्रांति के नेता के साथ गुप्तचरमंत्री, उनके सहायकों, प्रबंधकों और कर्मचारियों की मुलाक़ात जो पहली इस्फ़ंद अर्थात 19 फ़रवरी को हुई थी आज शनिवार को उसे गुप्तचर मंत्रालय की स्थापना की चालिसवीं वर्षगांठ के अवसर पर प्रकाशित कर दिया गया।

ईरान की इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता ने गुप्तचरमंत्री, उनके सहायकों, प्रबंधकों और कर्मचारियों से मुलाक़ात में गुप्तचर मंत्रालय में क्रांतिकारी भावना की सुरक्षा को इस मंत्रालय की विशेषता बताया।

ईरान की इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता के कार्यालय के हवाले से बताया है कि इस्लामी क्रांति के नेता आयतुल्लाह सैय्यद अली ख़ामेनेई ने कहा है कि गुप्तचर मंत्रालय वास्तव में क्रांतिकारी और क्रांति के प्रति कटिबद्ध है और जिस तरह से इस मंत्रालय के पुराने अधिकारी व कर्मचारी क्रांतिकारी बाक़ी हैं उसी तरह से इस मंत्रालय के नये अधिकारी व कर्मचारी भी क्रांति के मार्ग में अग्रसर हैं और यह अल्लाह की बड़ी नेअमत है।

इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता ने इसी प्रकार गुप्तचर तंत्रों व सेवाओं के मध्य एक दूसरे से सहयोग व समन्वय पर बल दिया। इसी प्रकार उन्होंने गुप्तचर मंत्रालय के लिए नैतिक शुद्धता और तज़किये को भी महत्वपूर्ण और ज़रूरी बताया।

ईरान की इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता ने अपने बयान के एक अन्य भाग में इस्लामी क्रांति की सफ़लता की 46वीं वर्षगांठ पर अर्थात 22 बहमन को समूचे ईरान में निकाली जाने वाली भव्य रैलियों और उसमें इस्लामी क्रांति के मूल्यों की रक्षा के लिए जवानों और नौजवानों की उपस्थिति को इस्लाम की तरक्क़ी हेतु ईश्वरीय इरादा बताया और कहा कि पश्चिमी देशों यूरोप यहां तक कि अमेरिका में ज़ायोनी सरकार विरोधी प्रदर्शन और जमावड़े, ईश्वरीय इरादे के एक अन्य प्रतीक हैं और पूरी दुनिया में फ़िलिस्तीनी लोगों के प्रति समर्थन में ध्यानयोग्य वृद्धि हो गयी है।

इस मुलाक़ात के आरंभ में इंटेलीजेंस मंत्री हुज्जुल इस्लाम वल मुस्लेमीन ख़तीब ने एक रिपोर्ट में इस मंत्रालय के क्रियाकलापों और सुरक्षा चुनौतियों को निष्क्रिय बनाने वाले कार्यक्रमों की जानकारी दी।

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