ईरान के ख़िलाफ़ धमकियां बेअसर हैं: ईसाई प्रतिनिधि

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ईरान के ख़िलाफ़ धमकियां बेअसर हैं:  ईसाई प्रतिनिधि

ईरान की संसद मजलिसे शूराए इस्लामी में पारसी समुदाय की प्रतिनिधि ने हिज़्बुल्लाह के शहीद महासचिवसय्यद हसन नसरुल्लाह को श्रद्धांजलि देते हुए कहा: अमेरिकी सरकार पर भरोसा नहीं किया जा सकता।

बेहशीद बरख़ुरदार ने जो ईरान की मजलिस में पारसी समुदायकी प्रतिनिधि हैं तेहरान में इस सप्ताह आयोजित एकेश्वरवादी धर्मों के नेताओं की बैठक में शहीद सय्यद हसन नसरुल्लाह को श्रद्धांजलि देते हुए कहा: ईरान सभी ज़ालिमों के ख़िलाफ़ रेज़िस्टेंस औरदृढ़ता का प्रतीक है। बरख़ुरदार ने आगे कहा: सभी देशों और सरकारों को यह समझना चाहिए कि अमेरिका की मुजरेमाना साज़िश इस तरह की है कि पश्चिमी एशिया का कोई भी देश जाली रेजीम इजरायल औरउसके द्वारा प्रशिक्षित आतंकवादियों की दुष्टता से सुरक्षित नहीं रहेगा।

उन्होंने कहा कि अमेरिकी सरकार पर भरोसा नहीं किया जा सकता, यह आवश्यक है कि सभी एकेश्वरवादी धर्म और दुनियाके सभी स्वतंत्रता प्रेमी वैश्विक साम्राज्यवाद के आतंकी एजेंटों के इन अमानवीय और क्रूर अपराधों के खिलाफ खड़े हों और शांति, सुरक्षा और शांतिपूर्ण जीवनको बहाल करने के लिए मज़लूमों के अधिकारों की रक्षा करें।

ईरान की संसद में ईसाई प्रतिनिधि:

ईरान के खिलाफ धमकियां बेअसर हैं। रॉबर्ट बेगलरियान ने इस बैठकमें कहा कि ईरान का 5000 साल पुराना इतिहास इस बहादुर राष्ट्र की ताक़त और महानता की गवाही देता है। बेगलरियान ने कहा कि ईरान के खिलाफ धमकियां बेअसर हैं, और हम पूरी तरह से अन्याय, साम्राज्यवाद, आक्रमण और दबाव के ख़िलाफ़डटे हुए हैं, और 8 साल का तक चलने वाला युद्ध इसका सबूत है। ईरान की मजलिस में आर्मेनियाई ईसाई समुदाय के प्रतिनिधि ने हिज़्बुल्लाहके शहीद महासचिव "सय्यद हसन नसरुल्लाह" के व्यक्तित्व की प्रशंसा करते हुए कहा: शहीद नसरुल्लाह सभी धर्मों,जातियों और विचारधाराओं के साथ, चाहे वे शिया हों, सुन्नी हों, ईसाई हों या अन्य धर्मों के लोग हों,दयालुता, सौहार्द और रचनात्मक संवादमें शामिल रहे और उनके ध्यान का केंद्र थे। उन्होंने आगे कहा: यक़ीनन सय्यद हसन नसरुल्लाह का नाम दुनिया के महापुरुषों और स्वतंत्रता प्रेमियों में लिखा जाएगा।

 

 

 

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