हौज़ा ए इल्मिया आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के क्षेत्र में कई केंद्रों से आगे

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हौज़ा ए इल्मिया आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के क्षेत्र में कई केंद्रों से आगे

हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन खुसरूह पनाह ने कहा, हौज़ा ए इल्मिया आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के क्षेत्र में कई अन्य केंद्रों से आगे है और निश्चित रूप से छात्रों और शिक्षकों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की क्षमताओं से लाभ उठाना चाहिए।

इस्लामी क्रांति सुप्रीम काउंसिल के सचिव हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन अब्दुल हुसैन खुसरूह पनाह ने प्रतिनिधि से बातचीत के दौरान कहा,आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), जिसे एक ओपन-सोर्स के रूप में विकसित किया जाता है मुख्य रूप से एल्गोरिदम और कोडिंग पर आधारित होती है जो कुछ विशेष मूल्यों पर स्थापित होती है।

उन्होंने कहा,इन ओपन-सोर्स प्लेटफॉर्म्स को जो डेटा प्रदान किया जाता है, वह जानकारी में बदल जाता है। इसलिए यह समाज को गुमराही की ओर भी ले जा सकता है और साथ ही इसे सफलता और मार्गदर्शन की दिशा में भी निर्देशित कर सकता है। इसी तरह, AI कई समस्याओं के समाधान में भी सहायक सिद्ध हो सकता है।

संस्कृतिक क्रांति सुप्रीम काउंसिल के सचिव ने कहा,आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) एक ऐसा उपकरण है, जिसका उपयोग सही और गलत दोनों तरह से किया जा सकता है।

उन्होंने आगे कहा ,मेरे विचार में हौज़ा-ए-इल्मिया ने 'नूर कंप्यूटर सेंटर' और अन्य संस्थानों की स्थापना के माध्यम से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के क्षेत्र में काफी सफलता प्राप्त की है। इसने कई बेहतरीन उत्पाद विकसित किए हैं, जो वर्तमान में मदरसा, विश्वविद्यालयों, शोधकर्ताओं और विद्वानों के लिए उपलब्ध हैं।

हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन खुसरूह पनाह ने कहा,संस्कृतिक क्रांति सुप्रीम काउंसिल द्वारा स्वीकृत दस्तावेज़ के अनुसार, हौज़ा-ए-इल्मिया इस क्षेत्र में कई अन्य केंद्रों से आगे है निस्संदेह, इसे इस क्षेत्र में पीछे नहीं रहना चाहिए, बल्कि अपना मार्ग निर्धारित करना चाहिए और छात्रों व शिक्षकों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की क्षमताओं से लाभ उठाना चाहिए।

 

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