शहीद सैयद हसन नसरुल्लाह हमेशा हमारे दिलों, दिमागों और ज़मीरो में जिंदा रहेंगें

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शहीद सैयद हसन नसरुल्लाह हमेशा हमारे दिलों, दिमागों और ज़मीरो में जिंदा रहेंगें

लेबनान के शहर बअलाबक के दारुल हिक्मा अस्पताल में शहीद सैय्यद हसन नसरुल्लाह, सैय्यद हाशिम सफ़ीउद्दीन और उस अस्पताल के तीन कर्मचारियों की शहादत की बरसी मनाई गई।

लेबनान के शहर बअलाबक के दारुल हिक्मा अस्पताल में शहीद सैय्यद हसन नसरुल्लाह, सैय्यद हाशिम सफ़ीउद्दीन और उस अस्पताल के तीन कर्मचारियों की शहादत की बरसी मनाई गई।

रिपोर्ट के मुताबिक इस कार्यक्रम में "प्रतिरोध के प्रति निष्ठा" समूह और लेबनान की संसद के सदस्य अली मकदाद, अस्पताल के निदेशक और पूर्व प्रतिनिधि जमाल अलतकश तथा प्रशासनिक, चिकित्सा, नर्सिंग और तकनीकी कर्मचारियों और स्वास्थ्य व सामाजिक हस्तियों ने भाग लिया।

लेबनानी संसद के सदस्य ने अपने संबोधन में क्षेत्र की जनता को अस्पताल द्वारा प्रदान की जाने वाली महान सेवाओं की सराहना की और शहीद सैय्यद हसन नसरुल्लाह और सैय्यद हाशिम सफ़ीउद्दीन को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा, इन महान शहीदों ने अस्पताल का समर्थन करके इसे भौतिक और आध्यात्मिक सहायता प्रदान की ताकि यह संस्थान हमारी महान और वफादार जनता के ज़ख्मों पर मरहम बन सके।

उन्होंने कहा, शहीद सैय्यद नसरुल्लाह हमारे बीच से नहीं गए हैं बल्कि वह हमारे दिलों, दिमागों और अंतरात्मा में जिंदा हैं। वह असाधारण व्यक्तित्व न केवल हमारे लिए बल्कि पूरी दुनिया के स्वतंत्र लोगों के लिए एक प्रेरणादायक नेता थे और हैं।

आदरणीय अली मेकदाद ने आगे कहा, हम अल्लाह से वादा करते हैं, जैसा कि हमने सभी शहीदों से वादा किया है, कि इस प्रतिरोध को हमारी आत्मा, दिमाग और ज़मीन पर सुरक्षित, पाला-पोसा और फैलाया जाएगा। हम शहीदों के खून को भी सुरक्षित रखेंगे जिसे हम अपने ऊपर एक अमानत समझते हैं। यह एक नैतिक मानवीय और ईश्वरीय कर्तव्य भी है।

 

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