लखनऊ के अकबरनगर को जमींदोज करने के बाद कुकरैल रिवर फ्रंट के रास्ते में आ रहे रहीमनगर, खुर्रमनगर, इंद्रप्रस्थ नगर, पंतनगर, अबरारनगर के अवैध निर्माण गिराने के लिए प्रशासन की संयुक्त टीम ने सोमवार से सर्वे शुरू कर दिया।
पहले दिन 20 मकानों में लाल निशान लगाया गया। यह देख इनमें रहने वाले परिवार बिलख उठे।
सुबह 11:30 बजे भारी पुलिस बल के साथ अपर जिला मजिस्ट्रेट राकेश कुमार एवं सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता मुकेश वैश्य के संयुक्त नेतृत्व में सिंचाई विभाग की टीम ने रहीमनगर बंधे के पास कुकरैल से 50 मीटर के दायरे की नापजोख शुरू की। टीम ने लगभग एक किमी तक सर्वे किया और कुकरैल रिवर फ्रंट के दायरे में आने वाली जमीन पर लाल निशान लगाया।
टीम जैसे ही रहीमनगर में दाखिल हुई, घरों से पुरुष, महिलाएं व बच्चे निकल आए। मकानों पर लाल निशान लगना शुरू हुए तो महिलाएं रोने लगीं। बिलखते हुए टीम से कहा, जब मकान बन रहे थे तो कोई रोकने क्यों नहीं आया? 40 साल से इन मकानों में रहकर हाउस टैक्स, वाटर टैक्स चुका रहे हैं। कुकरैल रिवर फ्रंट के नाम पर उन्हें उजाड़ने की कोशिश शुरू की गई है। पहले दिन टीम ने जिन 20 घरों में लाल निशान लगाए वे काफी बड़े हैं। दोपहर 2:30 बजे तक सर्वे कर टीम लौट गई। इसमें एलडीए की ओर से अपर सचिव ज्ञानेंद्र वर्मा व अधिशासी अभियंता राजकुमार आदि थे।
अफसरों ने बताया कि जिन मकानों पर लाल निशान लग रहा है, उनके मालिकों को एलडीए नोटिस देगा। उन्हें घर खाली करने का अल्टीमेटम दिया जाएगा। ऐसा न करने पर बुलडोजर चलेगा।
संकरी गलियों में सर्वे करने में परेशानी हुई तो सिंचाई विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों ने घरों की छतों पर चढ़कर जायजा लिया। आधा घंटे तक यहां से ही कुकरैल के बंधे के मिलान का आकलन हुआ। टीम को छतों पर चढ़ने के दौरान लोगों के गुस्से का भी सामना करना पड़ा।
दो खाली प्लॉट के सर्वे के दौरान सुनील नाम के व्यक्ति ने अपर जिला मजिस्ट्रेट राकेश कुमार को दस्तावेज दिखाते हुए कहा कि यह मेरी है। बोले- महानगर की मेरी पुश्तैनी जमीन पर पीएसी मुख्यालय बना है। इसके बदले यह जमीन दी गई थी। वर्ष 1962 में तत्कालीन मंडलायुक्त ने रहीमनगर के इन दोनों प्लॉट की रजिस्ट्री उनके बाबा गिरजा शंकर के नाम कराई थी।