इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम की शहादत के तीसरे दिन बनी असद कबीले की महिलाएं हमेशा की तरह फिर कर्बला पहुंची और इमाम हुसैन के साथ अपने कबीले के वादे को फिर से दोहराया और सांकेतिक रूप से वही काम अंजाम दिया जो इमाम की शहादत के बाद किया था ।
इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम की शहादत के तीसरे दिन बनी असद कबीले की महिलाएं हमेशा की तरह फिर कर्बला पहुंची और इमाम हुसैन के साथ अपने कबीले के वादे को फिर से दोहराया और सांकेतिक रूप से वही काम अंजाम दिया जो इमाम की शहादत के बाद किया था ।