رضوی

رضوی

इमाम हुसैन  अ.स.  के रौज़े की तरफ से एक बार फिर ऐलान किया गया है कि इस बार लंदन की सड़कों पर 40000 से ज़्यादा अलम लहराएंगे जिस पर इमाम हुसैन अ.स.  के रौज़े के लोगो समेत मानवाधिकार और इमाम हुसैन अ.स. से संबंधित स्लोगन होंगे।

इमाम हुसैन रौज़े के उप प्रबंधक डॉ अला ज़ियाउद्दीन ने कहा: शेख अब्दुल महदी अल-करबलाई के समर्थन से इस साल आशूरा के दिन लंदन के केंद्र में ऑक्सफोर्ड स्ट्रीट पर 40,000 अलम फहराए जाएंगे।

 

ग़ज़्ज़ा में ज़ायोनी सेना की ओर से जारी फिलिस्तीनी बेगुनाहों का जनसंहार विकराल रूप लेने से एक कदम दूर है। हाल ही में ज़ायोनी सेना और हिज़्बुल्लाह के बीच बड़े तनाव ने पूरी दुनिया को संकट में डाल दिया है। हिज़्बुल्लाह ने साफ़ शब्दों में ऐलान किया है कि वह मक़बूज़ा फिलिस्तीन के संवेदनशील ठिकानो को निशाना बनाने की क्षमता रखता है। वहीं अमेरिका ने तनाव कम करने के लिए अपने दूत को लेबनान यात्रा पर भेजा है।

ज़ायोनी हमले मे हिज़्बुल्लाह कमांडर अबुतालिब की शहादत के बाद से ही मक़बूज़ा फिलिस्तीन के नॉर्दर्न बॉर्डर पर तनाव बढ़ गया है और किसी भी वक्त यह तनाव एक बड़ी जंग का रूप ले सकता है। अपने कमांडर की मौत के कुछ ही घंटों बाद हिज़्बुल्लाह ने ज़ायोनी शासन के खिलाफ कार्रवाई करते हुए करीब 200 रॉकेटों की बरसात की थी, जिसके बाद पूरे नॉर्दन इस्राईल में डर का माहौल बन गया। ज़ायोनी सेना ने 18 जून को कहा कि ‘लेबनान ऑपरेशन प्लान’ को IDF के नॉर्दन कमांड चीफ मेजर जनरल ओरी गॉर्डिन और ऑपरेशनल चीफ ओडेड बासियुक से मंजूरी मिल गई है, जिसके बाद हिज़्बुल्लाह के खिलाफ व्यापक युद्ध छेड़ा जा सकता है। लेकिन हिज़्बुल्लाह के इस एलान के बाद ज़ायोनी सेना, उसके एयर डिफेंस, इंटेलिजेंस और सर्विलांस यूनिट से लेकर सरकार की भी नींद उड़ गई है।

हिज़्बुल्लाह ने एक वीडियो जारी की है, जिसमें उसके ड्रोन को मक़बूज़ा फिलिस्तीन के आसमान पर उड़ता दिखाया गया है। 9 मिनट की इस फुटेज में टोही ड्रोन को किरयात शमोना, नहरिया, सफद, कारमील, अफुला कस्बों से लेकर हैफा पोर्ट तक उड़ते हुए दिखाया गया है। इन फुटेज में ज़ायोनी सेना की कई संवेदनशील साइट्स को भी मार्क किया गया है। ज़ायोनी शासन के लिए चिंता की बात यह भी है कि यह ड्रोन बिना उसकी रडार में आए वापस लेबनान भी लौट गया है। ड्रोन ने उस रडार को चकमा दिया है, जिसको इस्राईल दुनिया का सबसे अच्छा एयर डिफेंस सिस्टम बताता है।

 

 

अहले बैत वर्ल्ड इस्लामिक असेंबली के जनरल सेक्रेटरी आयतुल्लाह रज़ा रमज़ानी ने कहा कि हज का असली अर्थ और उसकी आत्मा तौहीद और शिर्क से बेज़ारी के साथ गूँधा हुआ है। अगर हम हज के रहस्यों पर घोर करें तो पाएंगे कि वह अंदरूनी और बाहरी शिर्क से मुक़ाबला करना है।

इस्राईल के अत्याचारी चेहरा एक बार फिर दुनियया के सामने बेनक़ाब हो चुका है। फिलिस्तीनी लोगों की मज़लूमियत और ज़ायोनी शासन के अत्याचारों के कारण इस साल का हज हज्जे बराअत के नाम से मशहूर हो गया।

अहले बैतियन एक्टिविस्ट ने हज कांग्रेस के नाम आयतुल्लाह ख़ामेनेई के पैग़ाम और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उसके प्रभाव के शीर्षक से अहले बैत वर्ल्ड इस्लामिक असेंबली की सहायता से अबना में एक वेबिनार का आयोजन किया गया।

अहले बैत वर्ल्ड इस्लामिक असेंबली के जनरल सेक्रेटरी आयतुल्लाह रज़ा रमज़ानी ने कहा कि हज एक तरह से अल्लाह की बंदगी का अभ्यास है। हज एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मलेन है जिसमे हर साल दुनियाभर से अलग अलग नस्ल और समाज के मुसलमान शामिल होते हैं। यह बेहतरीन अवसर हैं जहाँ हम अपने मामलात और दुनिया के बारे में फैसला ले सकते हैं।

आयतुल्लाह रज़ा रमज़ानी ने कहा कि हज में शिर्क और मुशरेकीन से बराअत, प्रभुत्ववाद, साम्राज्यवाद और उपनिवेशवाद से बेज़ारी का रंग गहरा होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि हज का एक बेहतरीन तोहफा उम्मते इस्लामी का इत्तेहाद है। अगर मुसलमानों के बीच सही अर्थों में एकजुटता और इत्तेहाद हो जाए तो दुनिया में सबसे बड़ी आर्थिक, राजनीतिक, सुरक्षा, सांस्कृतिक और सामाजिक स्थिति मुसलमानों की होगी, जो हम सभी की इच्छाओं और आशाओं का हिस्सा है।

रूसी लोगों ने आयतुल्लाह ख़ामेनेई के बयान का स्वागत किया

रूस के दागेस्तान स्टेट यूनिवर्सिटी के सहायक प्रोफेसर डॉ. नूरी मोहम्मदज़ादेह ने भी कहा: हज तौहीद का प्रतीक है और शिर्क और उत्पीड़न से मुक्ति का प्रतीक भी। इसलिए, इस वर्ष के हज संदेश में आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने बराअत पर इतना ज़ोर दिया। उन्होंने कहा कि हमने रूसी ज़बान में आयतुल्लाह ख़ामेनेई के पैग़ाम को सोशल मीडिया की सहारे वायरल करने की भरपूर कोशिश की है। जिसका सकारात्मक जवाब भी मिला।

हाजियों पर जमी हैं फिलिस्तीनी लोगों की निगाहें

अर्जेंटीना के ब्यूनस आयर्स मस्जिद के इमाम शेख अब्दुलकरीम पाज़ ने हज कांग्रेस को एक महत्वपूर्ण अवसर बताते हुए कहा कि हज सभी मुसलमानों के लिए ईश्वर की ओर से एक महत्वपूर्ण कर्तव्य है और यह एक महान अवसर भी है जिसका हमें लाभ उठाना चाहिए।

उन्होंने इस साल के हज सीज़न में शिर्क से बराअत के मुद्दे को अतीत से अलग माना और कहा कि आज ग़ज़्ज़ा में बहुत बड़ा और भयानक नरसंहार हो रहा है। पिछले वर्षों में हज के दौरान सऊदी अरब में फ़िलिस्तीन की आज़ादी के नारे पर प्रतिबंध लगा दिया गया था, लेकिन इस साल वह चाह कर भी ऐसा नही कर सकते और हाजियों को चुप रहने पर मजबूर नहीं कर पाएंगे।

 

लेबनान के लोकप्रिय जनांदोलन और देश के प्रभावी राजनैतिक दल हिज़्बुल्लाह के चीफ सय्यद हसन नसरुल्लाह ने यूरोपीय द्वीप देश साइप्रस को साफ़ सन्देश देते हुए कहा कि अगर लेबनान इस्राईल युद्ध के बीच उसने अपने अड्डे इस्राईल को दिए तो हम उस पर भी जवाबी कार्रवाई करेंगे।

बता दें कि साइप्रस यूरोपीय संघ का सदस्य है और लेबनान की सीमा से लगभग 200 किलोमीटर दूर है। ज़ायोनी शासन और हिज़्बुल्लाह के बीच तनाव बढ़ता ही जा रहा है। ज़ायोनी सेना के मुताबिक उसने लेबनान में बड़े ऑपरेशन शुरू करने के लिए प्लान तैयार कर लिया और इसको ज़ायोनी प्रशासन की ओर से मंजूरी भी मिल गई है।

हसन नसरुल्लाह ने अपने बयान में कहा, “साइप्रस ने अगर अपने हवाई अड्डे और सैन्य ठिकानों को ज़ायोनी बलों के लिए खोला, तो वह भी इस युद्ध का हिस्सा होगा। हम साइप्रस पर भी हमला करेंगे।” हिज़बुल्लाह चीफ का यह बयान अवैध राष्ट्र की चेतावनी के ठीक एक दिन बाद आया है। इस बयान के बाद क्षेत्र में जंग फैलने के आसार बढ़ गए हैं।

 

तमिलनाडु में छात्र तिलक लगाकर और हाथ में बैंड पहनकर स्कूल नहीं जा सकेंगे। न ही कोई छात्र अपने नाम के साथ अपनी जाति जोड़ सकेगा। अगर ऐसा करते हुए कोई छात्र पाया जाएगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। सरकार इन नियमों पर जल्द ही अपनी मुहर लगाने जा रही है।

मुख्यमंत्री एमके स्टालिन राज्य के स्कूलों में जाति विवाद को लेकर सख्त नियम बनाने जा रहे हैं। इसकी तैयारी पूरी की जा चुकी है। इस मामले को लेकर एक वर्ष पहले गठित की गई समिति ने अपनी जांच रिपोर्ट पूरी कर ली है।

 बीते वर्ष अगस्त के महीने में नांगुनेरी, तिरुनेलवेली के एक स्कूल में अनुसूचित जाति समुदाय के भाई-बहन की जोड़ी को जाति भेदभाव के कारण स्कूल के दूसरी जाति के छात्रों ने हमला कर दिया था। इस मामले के बाद समिति का गठन किया गया था और इसके समाधान पर योजना बनाने को कहा था।

समिति ने अपनी सिफारिशों में स्कूल परिसर में छात्रों को जाति सूचक कलाई में बैंड, अंगूठी, माथे के निशान (तिलक) करने पर रोक लगाने का प्रस्ताव रखा है। समिति ने जाति संबंधी चित्र छपी साइकिलों पर प्रतिबंध करने की सिफारिश की है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर छात्र इन नियमों का पालन नहीं करते हैं तो उनके खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जाए और उनके मां-बाप या अभिभावकों को इसकी जानकारी दी जाए।

शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे ने यूजीसी-नेट को रद्द करने को लेकर केंद्र सरकार पर कटाक्ष करते हुए पूछा कि क्या छात्रों के साथ 'परीक्षा पे चर्चा' का सत्र आयोजित किया जाएगा, जिन्हें फिर से परीक्षा देनी होगी।

इन दिनों देश में नीट में धांधली को लेकर विवाद चल रहा है। इसी बीच केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने बुधवार को यूजीसी-नेट को रद्द करने का आदेश दिया, क्योंकि उन्हें इस बात की जानकारी मिली थी कि परीक्षा की सत्यनिष्ठा से समझौता किया गया है, और मामले की जांच के लिए सीबीआई को सौंप दिया।

शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे ने एक्स पर पोस्ट किया। उन्होंने कहा कि केंद्र द्वारा खुद को बचाने के लिए उठाए गए कदम से लगभग नौ लाख छात्रों को नुकसान होगा। इन छात्रों के प्रयास और पैसे बर्बाद हो गए। इन छात्रों को अब जिन्हें फिर से परीक्षा देनी होगी। उन्होंने इस बात को लेकर पीएम मोदी पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि "इससे बड़ी विडंबना क्या हो सकती है कि 'परीक्षा पे चर्चा' आयोजित करने वाले लोग बिना गड़बड़ी किए परीक्षा आयोजित नहीं कर सकते।"

ईरान की सिपाहान तेल कंपनी के निर्यात में पिछले साल की अपेक्षा इस वर्ष लगभग 695 अरब तूमान की वृद्धि हुई है।

 Industrial Oil के उत्पादन के क्षेत्र में ईरान की तेल कंपनियों ने हालिया वर्षों में असाधारण प्रगति की है इस प्रकार से कि ये कंपनियां देश की ज़रूरतों को पूरा करने के अलावा बाहरी बाज़ारों की ज़रूरतों को भी पूरा कर रही हैं।

 पार्सटुडे की रिपोर्ट के अलावा जो वित्तीय आंकड़े प्रकाशित हुए हैं वे इस बात के सूचक हैं कि वित्तीय वर्ष के आरंभ से लेकर फ़ार्सी महीने उर्दीबहिश्त की समाप्ति तक अर्थात 20 जून तक ईरान की सिपाहान तेल कंपनी का निर्यात लगभग दो हज़ार 153 अरब तूमान था जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 695 अरब तूमान की वृद्धि का सूचक है।

  देश से बाहर निर्यात के साथ देश के अंदर भी सिपाहान तेल कंपनी की बिक्री अधिक हो गयी है।

 जारी आंकड़े इस बात के सूचक हैं कि इस तेल कंपनी ने वित्तीय वर्ष के आरंभ से 20 जून तक एक हज़ार 682 अरब तूमान का तेल देश के अंदर बेचा है जबकि यह बिक्री पिछले वर्ष मात्र एक हज़ार 286 अरब तूमान रही है।

गाज़ा में फ़िलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय ने कल घोषणा कि की इज़राइल ने पिछले 24 घंटों में 200 अन्य फ़िलिस्तीनियों को शहीद कर दिया हैं।

एक रिपोर्ट के अनुसार , फ़िलिस्तीन के स्वास्थ्य मंत्रालय ने घोषणा की है कि इज़राइल सरकार ने पिछले 24 घंटों में 4 नए हमले किए हैं।

जिसमें 35 लोग शहीद हो गए और 130 लोग घायल हो गए, इस प्रकार अब तक 37 हज़ार 431 लोग मारे गए हैं कई लोग शहीद हुए और 85 हजार 653 लोग घायल हुए।

लगातार 258वें दिन इज़रायली सेना ने गाजा पट्टी के विभिन्न इलाकों पर हवाई, जमीनी और हमले जारी रखे हैं और पिछले 24 घंटों के दौरान उसने शहर के उत्तर में अलशुजाइया पड़ोस पर बमबारी की है।

बुधवार की रात कब्ज़ा करने वाले ज़ायोनी सैनिकों ने रफ़ा के पूर्व में सलाहुद्दीन स्ट्रीट पर मानवीय सहायता की प्रतीक्षा कर रहे फ़िलिस्तीनियों की एक सभा को भी निशाना बनाया जिसमें दस नागरिक मारे गए।

 

ईरान के ज़ंजान प्रांत में इस्लामिक प्रचार संस्थान के महानिदेशक ने कहा: ग़दीर खुम और उसके फ़लसफ़े को अधिक से अधिक समझाया जाना चाहिए ताकि मुस्लिम दुनिया "विलायत" की वास्तविकता को अच्छी तरह से जान सके।

ज़ंजान के एक रिपोर्टर के अनुसार, ईरान के ज़ंजान प्रांत में इस्लामिक प्रचार संस्थान के महानिदेशक हुज्जतुल इस्लाम अली यूसुफी ने कहा: ग़दीर की वास्तविकता को बढ़ावा देने और इसे और अधिक समझाने की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा: ईद अल-अज़्हा से ईदे ग़दीर खुम तक के दशक को इमामत और विलायत का दशक कहा जाता है और इसका एक विशेष फ़लसफ़ा भी है।

ज़ंजान प्रांत में इस्लामिक प्रचार संस्थान के महानिदेशक ने कहा: निकटता में दो ईदों की उपस्थिति और समन्वय की कई मांगें हैं। इसके महत्व और स्थान पर विशेष ध्यान देना चाहिए।

 

हुज्जतुल इस्लाम यूसुफी ने कहा: इमामत और विलायत के मुद्दे पर अहले-बैत और इमामिया ने बहुत जोर दिया है और यह हम सभी का कर्तव्य है कि हम पैगंबर (स) के संदेश और ग़दीर खुम घटना का प्रकाशन को पूरी दुनिया तक पहुंचाएं।

उन्होंने आगे कहा: ग़दीरे खुम और उनके फ़लसफ़े को यथासंभव समझाया जाना चाहिए ताकि इस्लामी विद्वान "विलायत" की वास्तविकता को अच्छी तरह से जान सकें।

 

 

 

 

 

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन वियतनाम दौरे पर हैं। उत्तर कोरिया का दौरा समाप्त कर गुरुवार को राष्ट्रपति पुतिन हनोई के नोई बाई एयरपोर्ट पर पहुंचे। रूसी राष्ट्रपति के स्वागत के लिए रेड कार्पेट बिछाया गया। वियतनाम के उप प्रधानमंत्री ट्रान हॉन्ग हा, अंतर्राष्ट्रीय मामलों के विभाग सीपीवी केंद्रीय समिति के प्रमुख ली होआई ट्रंग और वियतनाम के डिप्टी विदेश मंत्री ले थी थू हैंग ने रूसी राष्ट्रपति से मुलाकात की।

इस दौरे के दौरान राष्ट्रपति पुतिन ने वियतनाम के चार नेताओं से मुलाकात की, जिसमें राष्ट्रपति, देश की कम्युनिस्ट पार्टी की केंद्रीय समिति के महासचिव, प्रधानमंत्री और नेशनल असेंबली के चेयरमैन का नाम शामिल हैं। वह सोवियत और रूसी यूनिवर्सिटी के स्नातकों से भी मिलेंगे। वियतनाम आने से पहले पुतिन उत्तर कोरिया के दौरे पर थे।