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ग़ज़्ज़ा में पिछले 7 महीने से भी अधिक समय से क़त्ले आम कर रहा इस्राईल अब रफह में भी बर्बरता की सभी हदों को पार करते हुए फिलिस्तीनी जनता का नस्लीय सफाया कर रहा है।

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरस ने इस्राईली सेना के रफह शहर में किए हमले की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि हमले में कई बेगुनाह नागरिक मारे गए, जो सिर्फ युद्ध से बचने के लिए शरण लिए हुए थे। उन्होंने कहा कि अब ये आतंक खत्म होना चाहिए। बता दें कि रफह पर ज़ायोनी सेना के ताज़े हमले में कम से कम 45 लोग मारे गए जबकि 200 से अधिक घायल हुए हैं।

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के प्रमुख वोल्कर टर्क ने भी रफह में इस्राईली हमले की निंदा की। उन्होंने एक बयान में कहा कि शरणार्थी कैंप से आ रहीं तस्वीरें भयावह हैं और इस्राईल के लड़ाई के तरीकों में कोई बदलाव नहीं आया है।

यूएन महासचिव एंटोनियो गुटेरस ने लिखा 'मैं इस्राईल की कार्रवाई की कड़ी निंदा करता हूं, जिसमें कई बेगुनाह आम नागरिक मारे गए, जो सिर्फ युद्ध के हालात में शरण लिए हुए थे। ग़ज़्ज़ा में अब कोई जगह सुरक्षित नहीं है और अब यह आतंक बंद होना चाहिए।

 

 

फिलिस्तीन में क़त्ले आम कर रही ज़ायोनी सेना ने ग़ज़्ज़ा के रफह में भी क़त्ले आम शुरू कर दिया है जिस पर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने गहरी चिंता जताते हुए ज़ायोनी शासन को इन हरकतों से बाज़ रहने को कहा है।

फिलिस्तीन दलों के खिलाफ सैन्य अभियान के नाम पर फिलिस्तीनी जनता का सफाया कर रहे ज़ायोनी शासन ने अब पडोसी देश मिस्र की सीमा पर भी उकसावे वाली कार्रवाई शुरू कर दी है।

रफह क्रॉसिंग पर मिस्र सेना ने ज़ायोनी सेना को चेताववनी देते हुए गोलीबारी की। मिस्र के सैनिकों ने रफ़ह क्रॉसिंग क्षेत्र में ज़ायोनी बलों पर गोलीबारी की।

ज़ायोनी शासन के चैनल 13 ने इस बारे में बताया कि यह घटना मिस्र और अवैध राष्ट्र इस्राईल के बीच तनाव के चरम का प्रतिनिधित्व करती है और इसके बहुत गंभीर राजनीतिक परिणाम हो सकते हैं।

रफह में क़त्ले आम कर रहे इस्राईल पर यूरोपीय यूनियन और जर्मनी, फ्रांस जैसे अपने सहयोगी देशों के शासकों की अपील भी कोई असर नहीं दिखा रही है और वह लगातार क़त्ले आम में लगा हुआ है।

रविवार शाम को रफह के उत्तर-पश्चिम में तल अल-सुल्तान इलाके में विस्थापित लोगों के तंबुओं पर बमबारी के दौरान 45 फिलिस्तीनी शहीद हो गए और दर्जनों लोग घायल हो गए, जिनमें ज्यादातर महिलाएं और बच्चे थे। यह बमबारी उन क्षेत्रों में हुई जिनके बारे में अतिक्रमणकारी ज़ायोनी शासन ने सुरक्षित होने का दावा किया था।

हमास के विनाश के नारे के साथ क़त्ले आम कर रहे ज़ायोनी शासन को 8 महीने बाद भी आम नागरिको के क़त्ले आम के अलावा कोई सफलता नहीं मिली, बल्कि हमास ने आमने सामने की मुठभेड़ में ज़ायोनी स्पेशल फ़ोर्स के 16 आतंकियों को मार गिराया जिसका बदला लेने के लिए ज़ायोनी सेना ने रफह में फिर क़त्ले आम किया।

लगातार 8 महीने से नेतन्याहू मानवता के खिलाफ अपराध और ग़ज़्ज़ा में युद्ध अपराध करने के कारण अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय में वांछित हैं, लेकिन वह अंतरराष्ट्रीय कानूनों के उल्लंघन और अंतरराष्ट्रीय समुदाय और उसके गुस्से की थोड़ी सी भी चिंता किए बिना लापरवाही से क़त्ले आम जारी रखे है बल्कि खुल्लम खुल्ला इस अभियान को जारी रखने की बात कर रहा है।

यही नहीं बल्कि ज़ायोनी शासन यूरोपीय यूनियन, जर्मनी और फ्रांस जैसे अपने सहयोगी देशों के शासकों की अपील पर भी कान नहीं धर रहा , सवाल यह है कि नेतन्याहू किस के भरोसे पर यूरोप समेत पूरी दुनिया को आँखें दिखा रहा है ? जवाब एक दम साफ़ है अमेरिका !

 

मध्य प्रदेश सरकार ने खुले में नमाज़ और मांस पर रोक लगाने के साथ ही धार्मिक स्थलों से लाउड स्पीकर उतारने के आदेश दिए हैं। हालाँकि सप्रीम कोर्ट की तरफ से लाउडस्पीकर पर आवाज का डेसिबल तय करने के बाद मध्य प्रदेश की मोहन यादव के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के शपथ ग्राहण के तुरंत बाद यह आदेश जारी किया गया था, जिस पर अमल भी शुरू हो गया था, लेकिन लोकसभा चुनाव के के दौरान फिर से धार्मिक स्थलों पर ज्यादा आवाज में लाउडस्पीकर बजने शुरू हो गए थे।

पुलिस और प्रशासन ने छतरपुर जिले में पिछले दो दिनों में 120 धामिर्क स्थलों से लाउडस्पीकर पर हटाने की कारवाई की है, जबकि राजधानी भोपाल में एक ही दिन में 2527 धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटाए गए हैं। वहीं, पुलिस ने जबलपुर जोन में 750 लाउडस्पीकर हटाने की कार्रवाई की है।

मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को कानून व्यवस्था की समीक्षा बैठक की थी। इस बैठक में धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर, खुले में नमाज, डीजे, खुले में मांस बिक्री के खिलाफ दोबारा अभियान चलाने के आदेश दिए थे।

 

 

पापुआ न्यू गिनी में विनाशकारी भूस्खलन अब तक कम से कम 2000 लोगों की जान ले चुका है। पापुआ न्यू गिनी सरकार ने स्पष्ट किया है कि शनिवार को पहाड़ी पर हुए भूस्खलन में 2,000 से अधिक लोग जिंदा दफन हो गए हैं। सरकार ने राहत कार्यों के लिए अंतरराष्ट्रीय मदद मांगी है।

सरकार ने बताया कि उसने राहत कार्यों के लिए औपचारिक रूप से अंतरराष्ट्रीय मदद मांगी है। राजधानी पोर्ट मोरेस्बी से 600 किमी दूर उत्तर-पश्चिम में एंगा प्रांत में यह भूस्खलन हुआ था।

इससे पहले अंतरराष्ट्रीय प्रवासन संगठन ने पापुआ न्यू गिनी में 670 लोगों की मौत होने की आशंका जताई थी। सरकार का आंकड़ा संयुक्त राष्ट्र की इस एजेंसी के आंकड़ों से करीब तिगुना है। संयुक्त राष्ट्र को लिखे गए एक पत्र में राष्ट्रीय आपदा केंद्र के कार्यवाहक निदेशक ने कहा, भूस्खलन में 2000 से अधिक लोग जिंदा दफन हो गए और ‘बड़ा विनाश’ हुआ।

 

 

अमेरिकी सीनेट ने हाल ही में स्वीकार किया कि 600 प्रतिबंध लगाए जाने के बावजूद ईरान का तेल निर्यात 20 लाख बैरल प्रतिदिन से ज़्यादा हो गया है।

वर्ल्ड स्टील एसोसिएशन ने एक रिपोर्ट में यह भी एलान किया है कि कुल वैश्विक उत्पादन में कमी के बावजूद, जनवरी 2024 की शुरुआत से अप्रैल 2024 तक ईरान के कच्चे इस्पात उत्पादन में 7.2 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई।

ईरान की बारहवीं संसद की गतिविधियां शुरु

ईरान की संसद मजलिसे शूराए इस्लामी का बारहवां सत्र निर्वाचित प्रतिनिधियों और राष्ट्रीय और सैन्य अधिकारियों की उपस्थिति में शुरू हुआ।

उद्घाटन समारोह में इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई का संदेश पढ़ा गया, जिसमें अन्य पालिकाओं के साथ संसद की सहानुभूतिपूर्ण चर्चा पर ज़ोर दिया गया।

ईरान की संसद मजलिसे शूराए इस्लामी में उपस्थित निर्वाचित सदस्यों ने संविधान के अनुच्छेद 67 के आधार पर प्रतिनिधित्व, ज़िम्मेदारियों, अमानतों की अदाएगी और धर्मपरायणता के कर्तव्यों का पालन करने की शपथ ली।

ईरान में राष्ट्रपति चुनाव प्रक्रिया शुरु

पूरे ईरान के राज्यपालों और गवर्नर्स को संबोधित करते हुए एक पत्र में, ईरान के गृहमंत्री अहमद वाहिदी ने 14वें राष्ट्रपति पद के चुनाव की प्रक्रिया शुरू करने का आदेश जारी किया।

ईरान के राष्ट्रपति की शहादत के बाद, 28 जून 2024 को मध्यावधि राष्ट्रपति चुनाव होंगे।

ईरान के रास्ते विदेशी पारगमन में 56.5 प्रतिशत की वृद्धि

ईरान कस्टम विभाग का कहना है: पिछले 2 महीनों में ईरान के रास्ते विदेशी पारगमन 56.5 प्रतिशत बढ़कर 3.641 मिलियन टन हो गया।

इस अवधि के दौरान, विदेशी पारगमन की सबसे बड़ी मात्रा ईरान के पश्चिम में परवेज़खान कस्टम सीमा से थी जिसकी मात्रा 17 लाख 1 हज़ार टन थी।तेहरान में विदेशी राजदूतों ने शहीदों की स्मारक पुस्तिका पर हस्ताक्षर किए

ईरान में रहने वाले विदेशी मिशनों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के कार्यालयों के राजदूतों और प्रमुखों ने विदेश मंत्रालय में हाज़िर होकर ईरान के राष्ट्रपति शहीद सैयद इब्राहीम रईसी, विदेशमंत्री शहीद हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियान और उनके शहीद साथियों को श्रद्धांजलि अर्पित किया और ईरान के राष्ट्रपि और विदेशमंत्री के साथ अपनी ख़ास मुलाक़ातों और यादों का ज़िक्र किया और उनको भावभीनी श्रद्धांजलि पेश की।

यूरोप के लिए ईरानी पिस्तों के निर्यात में 17 प्रतिशत का इज़ाफ़ा

यूरोपीयन स्टैटिसटिकल सेन्टर (European Statistical Center) ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि इस वर्ष की पहली तिमाही में यूरोपीय संघ को ईरानी पिस्ता निर्यात में 17 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई और अब यह 34 मिलियन यूरो तक पहुंच गया है। जर्मनी ईरानी पिस्ते का सबसे बड़ा ख़रीदार है।

क्षेत्रीय स्थिरता और सुरक्षा के लिए ईरान की कोशिशें

ईरान के कार्यवाहक विदेशमंत्री अली बाक़िरी ने विदेशमंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियान की शहादत के बाद कहा कि ईरान क्षेत्र में स्थिरता और सुरक्षा की कोशिशें जारी रखेगा और अपने पड़ोसियों के साथ आर्थिक सहयोग और व्यापक बातचीत का दायरा बढ़ाएगा।

ईरान के साथ अपने भाईचारे के रिश्ते को कमजोर नहीं होने देगें: जनरल आसिम मुनीर

इस्लामी गणतंत्र ईरान के चीफ़ आफ़ आर्मी स्टाफ़ मेजर जनरल मुहम्मद बाक़िरी से टेलीफ़ोनी बातचीत में पाकिस्तानी सेना के कमांडर जनरल आसिम मुनीर ने कहा: पाकिस्तान सरकार, सशस्त्र बल और जनता, हमेशा दोनों देशों के बीच बातचीत को बढ़ावा देने की दिशा में आगे बढ़ रही है और हर स्तर पर ईरान की सरकार, राष्ट्र और सेना के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं और बाहरी लोगों को कभी भी आपसी संबंधों और भाईचारे के नाते को ख़राब करने की इजाज़त नहीं देंगे।

प्रतिबंधों के बावजूद ईरान के तेल निर्यात में बढ़ोत्तरी

ईरान के पेट्रोलियम मंत्री जवाद औजी का कहना है: अमेरिकी सीनेट ने हाल ही में स्वीकार किया है कि ईरान के तेल निर्यात के ख़िलाफ़ 600 प्रतिबंध लगाने के बावजूद, तेल उत्पाद का निर्यात 3 लाख बैरल प्रति दिन से बढ़कर 20 लाख बैरल प्रति दिन से अधिक हो गया है।

इस बारे में ब्रिटिश अखबार फाइनेंशियल टाइम्स ने एक रिपोर्ट में लिखा: ईरान का तेल निर्यात पिछले 6 वर्षों में उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है और इस उत्पादन से ईरान को 35 अरब डॉलर की इनकम हुई।

वैश्विक उत्पादन में कमी के बावजूद ईरान के इस्पात उत्पादन में 7 प्रतिशत का इज़ाफ़ा

वर्ल्ड स्टील एसोसिएशन ने एक रिपोर्ट में यह भी एलान किया है कि कुल वैश्विक उत्पादन में कमी के बावजूद, जनवरी 2024 की शुरुआत से अप्रैल 2024 तक ईरान के कच्चे इस्पात उत्पादन में 7.2 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई।

ईरान ने लगभग 1 करोड़ 3 लाख टन कच्चे इस्पात का उत्पादन किया है जो दुनिया के 71 वैश्विक इस्पात उत्पादक देशों में टॉप 10 देशों में शामिल है।

भारत में आम चुनाव के अंतिम चरण से ठीक पहले मुंबई के ताज होटल और एयरपोर्ट को बम से उड़ाने की धमकी मिली तो पुलिस के हाथ पाँव फूल गए आनन् फानन में बताई गयी जगह पर जाँच अभियान चलाया गया और सुरक्षा व्यवस्था का जाएज़ा लिया गया।

मुंबई पुलिस को ताज होटल और छत्रपति शिवाजी महाराज इंटरनेशनल एयरपोर्ट को बम से उड़ाने की धमकी मिली है। पुलिस ने कहा कि मुंबई पुलिस कंट्रोल रूम को एक धमकी भरा कॉल आया। इसमें फोन करने वाले ने कहा कि मुंबई के ताज होटल और मुंबई एयरपोर्ट पर बम रखे गए हैं। घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने बताई गई जगह की तलाशी ली लेकिन, कहीं कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला।

पुलिस कॉल करने वाले शख्स की तलाश कर रही है। पुलिस ने बताया कि मुंबई पुलिस नियंत्रण कक्ष को एक कॉल मिली कि शहर के ताज होटल और छत्रपति शिवाजी महाराज अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर बम रखे गए हैं। जानकारी के मुताबिक सुबह करीब 11 बजे पुलिस को कॉल आई। इसके बाद पुलिस ने ठिकानों पर तलाशी ली लेकिन कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला। हालांकि मामले में एफआईआर दर्ज कर ली गई है।

पुलिस के मुताबिक, धमकी भरा कॉल उत्तर प्रदेश से आया था। मुंबई ट्रैफिक पुलिस के व्हाट्सएप हेल्पलाइन नंबर पर जिस मोबाइल नंबर पर संदेश पोस्ट किया गया था वह आगरा का है। अब पुलिस ने मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है और कॉल करने वाले शख्स की तलाश कर रही है।

फिलिस्तीन में पिछले 7 महीने से अधिक समय से जनसंहार करने के बाद भी ज़ायोनी सेना को अपने किसी मिशन में कामयाबी नहीं मिली है। ग़ज़्ज़ा से ज़ायोनी सेना की वापसी की बढ़ती मांग के बीच ज़ायोनी सेना में बग़ावत की आहट से सत्ताधारियों समेत आईडीएफ भी सकते में है।

ग़ज़्ज़ा में जनसंहार के बावजूद किसी भी मक़सद को हासिल करने में नाकाम रहे इस्राईल में सत्ता विरोधी प्रदर्शन बढ़ते जा रहे हैं तथा सेना को वापस बुलाने और हमास से समझौते की मांग ज़ोर पकड़ रही है। ऐसे में ज़ायोनी सेना के एक रिजर्व सैनिक ने विद्रोह करने की धमकी देते हुए कहा है कि ग़ज़्ज़ा में 'पूर्ण विजय' से पहले अगर लड़ाई खत्म की गई और उनको वापस आने के लिए कहा गया तो यह ठीक नहीं होगा। ऐसी स्थिति में वह अपने अफसरों और रक्षा मंत्री गैलेंट के आदेशों को नहीं मानेगा और जंग जारी रखेगा। वीडियो में इस सैनिक ने ये भी कहा कि वह फिलिस्तीनियों को पूरी तरह खत्म कर देना चाहता है और इस मिशन में हम 1 लाख सैनिक साथ साथ हैं।

वीडियो में कहा गया है कि 'मैं और एक लाख दूसरे रिजर्व सैनिक ग़ज़्ज़ा और दूसरे हिस्सों को फिलिस्तीनियों को वापस सौंपने की योजना को अस्वीकार करते हैं। हम इसके लिए लड़ाई लड़ेंगे। अगर गैलेंट युद्ध नहीं जीत सकते तो इस्तीफा दे दें।

 

पाकिस्तान सऊदी अरब की मदद से अपनी स्थिति सुधारने और वैश्विक स्तर पर नया ठेका हासिल करने के लिए ज़ोर लगा रहा है। पाकिस्तान इन दिनों अपनी फौज को ग़ज़्ज़ा पट्टी में तैनात करने के प्लान पर काम कर रहा है। इस काम के लिए पाकिस्तानी सत्ताधारी सऊदी अरब की शरण में हैं। पाकिस्तान को उम्मीद है कि ग़ज़्ज़ा में पाक फौज की तैनाती से उसे एक और अंतरराष्ट्रीय ठेका मिलेगा, जिससे वैश्विक उपस्थिति मजबूत होगी।

पाकिस्तानी फौज संयुक्त राष्ट्र शांति सेना में पहले से ही योगदान देती रही है। पाकिस्तानी फौज इन दिनों यूक्रेन को भी बड़ी मात्रा में गोला-बारूद सप्लाई कर रही है। ये गोला-बारूद ब्रिटेन के रास्ते यूक्रेन जा रहे हैं। इसके लिए पाकिस्तानी सेना के अंतर्गत काम करने वाली ऑर्डिनेंस फैक्ट्रियां दिन-रात काम कर रही हैं।

पाकिस्तानी आर्मी चीफ जनरल असीम मुनीर गाजा पट्टी में अपनी सेना की तैनाती को लेकर सीधे सऊदी अरब से बात कर रहे हैं। पाकिस्तान सऊदी अरब के साथ ग़ज़्ज़ा में पीसकीपिंग मिशन के लिए जाने का इरादा रखता है, हालांकि, पाकिस्तान का फौजी ऑपरेशन सिर्फ फूड, सप्लाई तक ही सीमित रहेगा।

ईरान की संसद मजलिस शूरा-ए-इस्लामी के बारहवें कार्यकाल की शुरुआत के अवसर पर इस्लामी क्रांति के नेता आयतुल्लाह खामेनेई ने एक संदेश जारी किया, जो 27 मई 2024 को सदन के अंदर पढ़ा जाएगा।

ईरान की संसद मजलिस शूरा-ए-इस्लामी के बारहवें कार्यकाल की शुरुआत के अवसर पर इस्लामी क्रांति के नेता आयतुल्लाह खामेनेई ने एक संदेश जारी किया, जो 27 मई 2024 को सदन के अंदर पढ़ा जाएगा।

बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम

सारी तारीफ़ पूरी कायनात के मालिक के लिए और दुरूद हो हमारे सरदार मोहम्मद मुस्तफ़ा और उनकी पाक नस्ल ख़ास तौर पर ज़मीन पर अल्लाह की आख़िरी हुज्जत इमाम महदी पर।

इस वक़्त जब संसद का बारहवां कार्यकाल अपने निर्धारित वक़्त पर बिना विलंब शुरू हो रहा है, मैं हकीम व अज़ीज़ ख़ुदा की बारगाह में विनम्रता के साथ सजदा करता हूँ और धार्मिक गणराज्य के जारी रहने और इसकी मज़बूती पर, जो ईरानी क़ौम के लिए अल्लाह का एक बड़ा तोहफ़ा है, शुक्र अदा करता हूँ।

हर नई संसद मुल्क के रौशन क्षितिज पर एक नई रौशनी बिखेर सकती है और क़ौम की उम्मीद और जज़्बे को बढ़ा सकती है। आज़माए हुए व अनुभवी निर्वाचित सांसदों के साथ नए सांसदों का एक प्लेटफ़ार्म पर आना यह पैग़ाम देता है कि संसद, संविधान की ओर से मिले अधिकारों को इस्तेमाल करते हुए और मुल्क के अहम स्तंभों के साथ अपनी भारी ज़िम्मेदारियों पर अमल करते हुए, मौजूदा समय की विशेषताओं और इनोवेटिव शैली के साथ परिपक्वता और गंभीरता को जोड़ देगी और क़ानून बनाने और निगरानी के काम को टकराव, उथल पुथल, स्थिरता व गतिहीनता से दूर रखेगी।

इस बात में शक नहीं कि कार्यपालिका और न्यायपालिका के साथ सुव्यवस्थित तरीक़े और लगाव के साथ सहयोग और इसी तरह विधिपालिका के भीतर सही व धैर्यपूर्ण रवैया, एक आइडियल संसद की सभी ख़ुसूसियतों को व्यवहारिक बनाने में मदद करेगा और सांसदों की अच्छी यादों को अमर बना देगा।

एक बिन्दु जिस पर मैं हमेशा बल देता हूं, यह है कि संसद को मुल्क के आम माहौल को सुकून देने वाला, उम्मीद पैदा करने वाला, हौसला उभारने वाला, लगाव व भाईचारे की दावत देने वाला होना चाहिए। ख़ुद संसद के भीतर ज़िम्मेदारी का मुख़्तसर वक़्त और उम्र, बेफ़ायदा प्रचारिक प्रतिस्पर्धा और नुक़ासनदेह राजनैतिक बहसों में न गुज़र जाए वरना इस ऊंचे मक़ाम पर सांसदों की मौजूदगी की मूल्यवान सलाहियत व क्षमता, बेकार चली जाएगी।

एक दूसरा बिंदु, सांसदों के शपथ लेने के बारे में है। यह शपथ लेना दिखावटी और नुमाइशी नहीं होना चाहिए, एक क़ानूनी व ज़िम्मेदारी तय करने वाली शपथ है वरना यह इस दुनिया और परलोक में कठिनाइयों में डाल देगा। आदरणीय सासंदों को इस ओहदे के दौरान अपने पूरे वक़्त, शरीअत पर आधारित इस शपथ के एक एक बिन्दु को मद्देनज़र रखना चाहिए और इसकी पाबंदी को, अपने प्रदर्शन के बारे में फ़ैसले की कसौटी समझना चाहिए।

अगला बिन्दु नैतिकता पर अमल के बारे में। इस्लामी जीवन शैली, जिसका एक अहम हिस्सा नैतिक महानताओं पर आधारित है, राजनैतिक चुनौती और वैध प्रतिस्पर्धा में ज़्यादा अहम हो जाता है। यहीं पर तक़वा, क्षमा, इंसाफ़, सच्चाई, ज़िम्मेदारी को अदा करने और बिना जताए काम करने की अस्ल क़ीमत सामने आती है। 19 मई 2024 की हवाई दुर्घटना के शहीदों (1) की, जिनके लिए आज पूरा मुल्क शोकाकुल है, एक अहम ख़ुसूसियत, नैतिकता पर अमल था। इस मसले में अपनी सख़्त निगरानी को गंभीरता से लें।

आख़िरी बात इस हक़ीक़त को याद दिलाना है कि हर सांसद पूरी ईरानी क़ौम का प्रतिनिधि है, इसका मतलब यह है कि सांसद का अस्ल काम, पूरी क़ौम के हितों को पूरा करना है। चुनावी हल्क़े से संबंधित मसलों पर काम, मुल्क के मसलों पर भरपूर नज़र रखते हुए किया जाना चाहिए और विकास परियोजनाओं को अति के साथ और विकास बजट की ताक़त से बाहर मंज़ूर करने से परहेज़ किया जाना चाहिए।

प्यारे भाइयो और बहनो! अवाम की सेवा की नीयत से किया जाने वाला काम, सदकर्म और अल्लाह की ओर से अज्र हासिल करने वाली भलाई है और शाकिर व सर्वज्ञानी अल्लाह लोक आख़ेरत में इसका बदला देगा। लोगों का दिल आपकी ओर मायल होना और उनकी ओर से बिना लालच का शुक्रिया, दुनिया में अल्लाह की ओर से मिलने वाला अज्र है और मरहूम राष्ट्रपति और उनके अज़ीज़ साथियों की शवयात्रा में दसियों लाख लोगों की शिरकत, अल्लाह की ओर से मिलने वाले इस अज्र का नमूना है। मुख़्तलिफ़ शहरों में वफ़ादार और बसीरत रखने वाले अवाम ने इन पाकीज़ा जिस्मों पर फूल और आंसूओं की बारिश करके मुल्क की नई नस्ल के लिए सन 80 के दशक के शहीदों की याद ताज़ा कर दी और हज़ारों झूठ, इल्ज़ाम, अफ़वाहों का अमली रूप से जवाब दिया। उन पर अल्लाह की रहमत व दुरूद हो।

आख़िर में ग्यारहवीं संसद के आदरणीय सांसदों ख़ास तौर पर कर्मठ स्पीकर (2) और प्रीज़ाइडिंग बोर्ड के कर्मठ सदस्यों का शुक्रिया अदा करना ज़रूरी समझता हूं।

आप सब पर सलाम और अल्लाह की रहमत हो।

सैयद अली ख़ामेनेई

27 मई 2024

मरहूम राष्ट्रपति हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन सैयद इब्राहीम रईसी और उनके साथियों की हेलीकॉप्टर दुर्घटना की ओर इशारा जो 19 मई 2024 को पूर्वी आज़रबाइजान प्रांत के वर्ज़क़ान के क़रीब घटी, जिसमें सभी लोगों की शहादत हुयी।

जनाब मोहम्मद बाक़िर क़ालीबाफ़