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लेबनान की जमीयत उलमा ए मुस्लिमीन के प्रमुख शेख ग़ाज़ी यूसुफ़ हनीना ने क़ुम अल मुक़द्देसा में क़ुरानी केंद्रों के सम्मेलन में कहा कि दुनिया भर के मुसलमानों का कर्तव्य है कि वे इज़राईली राज्य के खिलाफ एकजुट हों और फ़िलिस्तीन का रक्षा करें।

,एक रिपोर्ट के अनुसार लेबनान की जमीयत उलमा ए मुस्लिमीन के प्रमुख शेख ग़ाज़ी यूसुफ़ हनीना ने क़ुम अल मुक़द्देसा में क़ुरानी केंद्रों के सम्मेलन में कहा कि दुनिया भर के मुसलमानों का कर्तव्य है कि वे इज़राईली राज्य के खिलाफ एकजुट हों और फ़िलिस्तीन की रक्षा करें।

उन्होंने फ़िलिस्तीन को पश्चिमी एशिया और मुसलमानों का केंद्रीय मुद्दा करार दिया और कहा कि दुश्मनों के सभी हमलों के बावजूद, फ़िलिस्तीन और लेबनान के लोग अपने अधिकारों से पीछे नहीं हटेंगे।

शेख हनीना ने अरब देशों द्वारा इस्राइल के साथ संबंध सामान्य बनाने के प्रयासों की निंदा की और कहा कि उनकी निष्क्रिय नीतियों ने इस्राइल को क्षेत्र में अपने उद्देश्यों को आगे बढ़ाने की अनुमति दी है।

उन्होंने फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध के समर्थन को जारी रखने के महत्व पर ज़ोर दिया और कहा कि प्रतिरोध ही इस्राइल के विनाश का कारण बनेगा।

हुज्जतुल इस्लाम सैय्यद मुस्तफा हुसैनी निशाबूरी ने कहा कि क़ुरान के वैश्विक संदेश को पहुँचाने के लिए "रसालतुल्लाह" परियोजना कई इस्लामी देशों में सफलतापूर्वक जारी है और इस वर्ष 6 देशों ने इस परियोजना की मेज़बानी का अनुरोध किया है।

इस परियोजना का उद्देश्य क़ुरान के संदेशों को विभिन्न भाषाओं में प्रसारित करना है जिसमें आधुनिक मीडिया जैसे एनीमेशन ऑडियो प्रोग्राम और सोशल मीडिया का उपयोग किया जा रहा है।

हुज्जतुल इस्लाम मोहम्मद अली रेजाई इस्फहानी ने इस सम्मेलन का उद्देश्य क़ुम के क़ुरानी केंद्रों के बीच समन्वय स्थापित करना और गैर आवश्यक गतिविधियों से बचना बताया उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर "क़ुरान संसद" बनाने की परियोजना पर भी प्रकाश डाला।

 

ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड ने पाकिस्तान के ख़ुर्रम में 21 नवंबर को तकफीरीयों द्वारा 100 शिया मुसलमानों की निर्मम हत्या की कड़ी निंदा की है। बोर्ड के महासचिव और शिया धर्मगुरु मौलाना यासूब अब्बास ने शुक्रवार को लखनऊ में एक प्रेसवार्ता के दौरान कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद का गढ़ बन चुका है जहां शिया मुसलमानों का लगातार नरसंहार हो रहा है।

एक रिपोर्ट के अनुसार,ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड ने पाकिस्तान के ख़ुर्रम में 21 नवंबर को तकफीरीयों द्वारा 100 शिया मुसलमानों की निर्मम हत्या की कड़ी निंदा की है। बोर्ड के महासचिव और शिया धर्मगुरु मौलाना यासूब अब्बास ने शुक्रवार को लखनऊ में एक प्रेसवार्ता के दौरान कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद का गढ़ बन चुका है जहां शिया मुसलमानों का लगातार नरसंहार हो रहा है।

शिया पर्सनल ला बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना सय्यद साएम मेहंदी नक़वी ने कहा कि इस मुल्क का नाम पाकिस्तान नहीं बल्कि पापिस्तान होना चाहिए है मौलाना ने कहा कि इससे पहले भी पाकिस्तान में चेहल्लुम ए इमाम हुसैन के मौके पर शियों का नरसंहार किया गया था तब भी दुनिया का मुस्लमान खामोश था क्या वहां शहीद होने वाले नौजवान,बुजुर्ग, बच्चे, औरतें इंसान नहीं है जिनके हक़ में कोई आवाज़ नहीं उठा रहा है।

मौलाना यासूब अब्बास ने कहा,यह अत्यंत दुखद है कि जब फ़िलीस्तीन में मुसलमानों पर इस्राइल के अत्याचार होते हैं, तो पूरी मुस्लिम दुनिया उनकी निंदा करती है। लेकिन जब पाकिस्तान या दुनिया के किसी हिस्से में शिया मुसलमानों का क़त्लेआम होता है तो मुस्लिम समुदाय चुप्पी साध लेती है अन्याय कहीं भी हो उसकी निंदा होनी चाहिए।

उन्होंने बताया कि आतंकवादियों ने पाकिस्तान में 15 से अधिक बच्चों और कई महिलाओं को भी अपनी क्रूरता का निशाना बनाया। उन्होंने सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो का हवाला देते हुए कहा कि गोलीबारी में घायल व्यक्तियों को एम्बुलेंस से बाहर निकालकर उनकी हत्या कर दी गई।

उन्होंने कहा,पाकिस्तान में मारे गए शिया मुसलमान शहीद हैं पाकिस्तान की सरकार आतंकवाद पर लगाम लगाने में विफल हो चुकी है। सऊदी अरब के पेट्रो डॉलर से पाकिस्तान में आतंकवाद को बढ़ावा मिल रहा है मस्जिदों और इमामबाड़ों में इबादत कर रहे लोगों पर हमले यह दिखाते हैं कि ये आतंकवादी इस्लाम के भेष में पाखंडी हैं।

मौलाना यासूब अब्बास ने संयुक्त राष्ट्र और मानवाधिकार संगठनों से पाकिस्तान के शिया मुसलमानों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाने की अपील की। उन्होंने कहा कि शिया मुसलमान पिछले 1400 वर्षों से आतंकवाद का शिकार हो रहे हैं और अब इस नरसंहार को रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप आवश्यक है।

शिया धर्मगुरु मौलाना जाफ़र अब्बास ने कहा कि ऐसी दर्दनाक वारदात को अंजाम देने वाले आतंकवादी संगठन या तंज़ीमे जानवरों से भी बदतर हैं उनके लिए मेरे पास कोई लफ्ज़ नहीं है कि उनकी तुलना किससे की जाए जिनकी नज़रों में इंसानियत की कोई अहमियत नहीं ऐसे लोग पूरी दुनिया के लिए ख़तरा है।

शिया हुसैनी फंड के सेक्रेटरी हसन मेहंदी ने कहा कि हम पिछले कई वर्षों से पाकिस्तान में आतंकवाद के खिलाफ़ आवाज उठा रहे हैं और बराबर इसके लिए यूएनओ और भारत देश के प्रधानमंत्री को पत्र लिखते रहते हैं कि पाकिस्तान में शिया समुदाय पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ़ सख़्त कार्रवाई की जाए लेकिन वहां अत्याचार बढ़ तो रहा है मगर काम नहीं हो रहा।

 

 

 

 

 

 

आयतुल्लाहिल उज़्मा नूरी हमदानी ने पाकिस्तान के पाराचिनार क्षेत्र में शियाओं के नरसंहार की कड़ी निंदा की और पाकिस्तान सरकार से मांग की है कि वह पाकिस्तान के शियाओं की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाए।

एक रिपोर्ट के अनुसार,आयतुल्लाहिल उज़्मा नूरी हमदानी ने पाकिस्तान के पाराचिनार क्षेत्र में शियाओं के नरसंहार की कड़ी निंदा की और पाकिस्तान सरकार से मांग की है कि वह देश के शियाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए।

संदेश का पाठ निम्नलिखित है:

बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम

पाकिस्तान के पाराचिनार में घटित घटनाएं जो दुर्भाग्य से पहले भी हो चुकी हैं अत्यंत दुःखद हैं।

आवश्यक है कि पाकिस्तान सरकार उन तत्वों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करे जो देश की सुरक्षा और एकता को नुकसान पहुंचा रहे हैं।

 

मुसलमानों विशेष रूप से शिया समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए और उन दर्दनाक घटनाओं को रोका जाए जिनके पीछे इस्लाम के दुश्मनों के एजेंट शामिल हैं।

मैं इस दुखद अत्याचार की निंदा करते हुए दुआ करता हूं कि परमेश्वर क्षेत्र के सभी प्रियजनों और शिया समुदाय को अपनी सुरक्षा और शांति में रखे।

हुसैन नूरी हमदानी

 

 

 

 

 

पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के आह्वान पर देश बंद को असफल करने के लियए सरकार पूरे देश को बंद करने पर तुली हुई नजर आ रही है। पाकिस्तान मे इंटरनेट बंद करते हुए शिपिंग कंटेनर लगाकर सड़कें बंद कर दी गई हैं। इस्लामाबाद स्थित संसद भवन, सभी सरकारी प्रतिष्ठान, दूतावास और विदेशी संस्थानों के कार्यालय के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

 कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सरकार ने इस्लामाबाद में लॉकडाउन लगा दिया है। यहां सेना और पुलिस ने शहर की अधिकांश प्रमुख सड़कों को शिपिंग कंटेनरों खड़े कर बंद कर दिया है। सड़कों पर दंगा रोधी उपकरणों के साथ पुलिस और अर्धसैनिक बलों की दर्जनों टुकड़ियां तैनात हैं।

एक तरफ जहां पीटीआई इस विरोध प्रदर्शन को करने के लिए मीटिंग कर रही है वहीं, दूसरी तरफ इस प्रदर्शन को कुचलने के लिए शहबाज शरीफ सरकार दमन पर उतर आई है। PTI कार्यकर्ताओं को आगे बढ़ने से रोकने के लिए इस्लामाबाद की 37 सड़कों पर बड़े-बड़े कंटेनर रख दिए गए हैं। साथ ही बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है।  संसद, सुप्रीम कोर्ट समेत सभी महत्वपूर्ण सरकारी इमारतों की सुरक्षा के लिए खास इंतजाम गए हैं। शहर में धारा 144 लागू कर दी गई है और दो महीने के लिए सार्वजनिक समारोहों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। सावधानी बरतते हुए इस्लामाबाद और रावलपिंडी में इंटरनेट, मोबाइल सेवाओं और पब्लिक ट्रांसपोर्ट ठप कर दिया

17 दिसंबर तक जवाब दाखिल करने का निर्देश पानी की टंकी में 'शिवलिंग' होने के दावे के बाद सुप्रीम कोर्ट ने खुद ही पानी की टंकी को सील करने का आदेश दिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने ज्ञान वापी मस्जिद में 'चिह्नित स्थान' का भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण से सर्वेक्षण कराने की हिंदू पक्ष की मांग पर मस्जिद प्रबंधन समिति से जवाब मांगा है। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति अजल भुइयां की पीठ ने हिंदू वकील श्याम दीवान और विष्णु शंकर जैन की याचिका पर मस्जिद प्रबंधन समिति को नोटिस जारी किया और उन्हें 17 दिसंबर तक जवाब देने का निर्देश दिया। हिंदू पक्ष ने ज्ञान वापी मस्जिद से संबंधित सभी मामलों को एक साथ मिलाने का भी अनुरोध किया, लेकिन इसे आज सुनवाई के लिए सूचीबद्ध नहीं किया गया, इस पर भी 17 दिसंबर को सुनवाई होगी।

दूसरी ओर, मस्जिद समिति के वरिष्ठ वकील हुजैफा अहमदी ने अपनी लंबे समय से चली आ रही मांग को दोहराते हुए कहा कि समिति द्वारा दायर एसएलपी को प्राथमिकता के आधार पर सुना जाना चाहिए, उन्होंने कहा कि ये याचिकाएं पूजा स्थलों के संरक्षण अधिनियम के तहत अस्वीकार्य हैं। 1991सुप्रीम कोर्ट ने बाबरी मस्जिद फैसले में कई बार इस कानून का हवाला दिया है और इस पर मुहर लगाई है. गौरतलब है कि लंबे समय तक ज्ञान वापी मस्जिद का एएसआई द्वारा अलग-अलग एंगल से सर्वे करने के बाद हिंदू पक्ष ने कोर्ट में मस्जिद की खुदाई कर सर्वे कराने की अपील की थी, जिसे कोर्ट ने आदेशों का हवाला देते हुए खारिज कर दिया था. उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय द्वारा खारिज कर दिया गया खुदाई की मांग पूरी न होने के बाद अब हिंदू पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट के सामने नई मांग रखी है।

हिंदू पक्ष द्वारा वॉशरूम के फव्वारे को 'शिवलिंग' कहने पर हुए विवाद के बाद सुप्रीम कोर्ट ने वॉशरूम को सील करने का अंतरिम आदेश दिया है, जो अभी भी लागू है. हिंदू पक्ष का दावा है कि “सील किए गए हिस्से में महत्वपूर्ण सबूत और वस्तुएं हैं जो इंगित करती हैं कि वहां एक मंदिर था। "

 

 

 

 

 

इस्राईल के लिए अरब शील्ड के रूप में पहचान बना चुके जॉर्डन ने एक बार फिर इस्राईल को खुश करते हुए जॉर्डन में ज़ायोनी दूतावास पर हमले के आरोपी को गोलियों से भून डाला।

जॉर्डन के अधिकारियों ने ज़ायोनी दूतावास के पास पुलिस दल पर गोलीबारी करने के आरोपी को ढेर कर दिया है। जॉर्डन अधिकारियों ने यह जानकारी दी। दूतावास के पास गोलीबारी की घटना में तीन पुलिस अधिकारी घायल हो गए थे।

गोलीबारी की यह घटना रविवार तड़के जॉर्डन की राजधानी अम्मान के रबियाह इलाके में हुई। जॉर्डन के सार्वजनिक सुरक्षा निदेशालय ने एक बयान में कहा कि एक व्यक्ति ने क्षेत्र में गोलीबारी की,  सुरक्षा बलों ने सूचना मिलने पर हमलावर का पीछा किया। और उसे घेरे में लेकर गोलियां चलानी शुरू कर दीं। सुरक्षा बलों की कार्रवाई में हमलावर मारा गया। अभी तक हमलावर की शिनाख्त नहीं हो पाई है।

उत्तर प्रदेश के संभल में जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर हंगामा मच गया हालात खराब होने की सूरत में पुलिस फोर्स ने आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठी चार्ज की, इस हालत में कई लोग घायल हो गए हैं।

उत्तर प्रदेश के संभल में जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर हंगामा मच गया हालात खराब होने की सूरत में पुलिस फोर्स ने आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठी चार्ज की, इस हालत में कई लोग घायल हो गए हैं।

पुलिस और प्रशासन के बड़े अधिकारी मौके पर हैं। हिंसक झड़प तब हुई जब एक सर्वे टीम मस्जिद का सर्वेक्षण करने पहुँची। एक शिकायत पर अदालत के आदेश के बाद टीम सर्वे करने पहुँची थी। शिकायत में दावा किया गया है कि संरचना मूल रूप से एक मंदिर थी।

यहां पर हिंदू पक्ष दावा कर रहा है कि यह जामा मस्जिद नहीं, बल्कि हरिहर मंदिर है। इसको लेकर कोर्ट में याचिका लगी जिसपर सुनवाई का आदेश दिया गया। आज रविवार की सुबह साढ़े 7 बजे से यहां सर्वे किया जाना था। सुप्रीम कोर्ट के वकील विष्णु शंकर जैन द्वारा दायर की गई शिकायत में दावा किया गया है कि मस्जिद के स्थान पर कभी हरिहर मंदिर नामक मंदिर हुआ करता था और मुगल सम्राट बाबर ने 1529 में इसे आंशिक रूप से ध्वस्त कर दिया था।

रविवार को जब सर्वेक्षण दल पहुंचा तो इस कदम का विरोध करने के लिए सैकड़ों की संख्या में प्रदर्शनकारी शाही जामा मस्जिद के पास जुटे। इसी बीच धक्का मुक्की शुरू हो गयी। झड़प के बाद पथराव की घटना हुई एक रिपोर्ट के अनुसार आक्रोशित भीड़ को भगाने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े गए।

 

 

 

 

मिडिल ईस्ट में एक साल से अधिक समय से इस्राईल की ओर से जारी क़त्लेआम और अतिक्रमण के बीच सीरिया लेबनान समेत इराक पर हमलों के बीच अब इराक पार्लियामेंट ने आपातकालीन बैठक बुलाई है ताकि अवैध राष्ट्र के संभावित हमलों के बारे में चर्चा की जा सके।

इराकी संसद के अध्यक्ष महमूद अल-मशहदानी ने इस बैठक के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि इस बैठक का एक हिस्सा सार्वजनिक होगा और दूसरा हिस्सा गोपनीय होगा।

इराकी विदेश मंत्री फुआद हुसैन ने शुक्रवार को कहा कि इराक के खिलाफ ज़ायोनी शासन से स्पष्ट खतरे हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इराकी सरकार युद्ध नहीं चाह रही है और पूर्व-परीक्षित नीतियों के साथ युद्ध से बचने की कोशिश कर रही है।

इराक के विदेश मंत्री ने अमेरिकन यूनिवर्सिटी ऑफ दोहुक में आयोजित "मध्य पूर्व" के पांचवें शांति सुरक्षा सम्मेलन में कहा कि इराक क्षेत्र की स्थिति से चिंतित है और बगदाद सरकार ने ज़ायोनी खतरों से निपटने के लिए आंतरिक और बाहरी उपाय किए हैं।

 

 

हमास के सैन्य विंग कातिब इज़्ज़ुद्दीन अल-क़स्साम ने आज दोपहर शुक्रवार को प्रतिरोधी बलों ने दक्षिणी ग़ाज़ा के रफ़ह क्षेत्र में बर्ज अवद चौराहे के पास एक संयुक्त अभियान में इज़राइली सैनिकों और वाहनों को निशाना बनाया।

एक रिपोर्ट के अनुसार, हमास के सैन्य विंग "कातिब इज़्ज़ुद्दीन अलक़स्साम" ने आज दोपहर शुक्रवार को घोषणा किया हैं कि प्रतिरोधी बलों ने दक्षिणी ग़ाज़ा के रफ़ह क्षेत्र में बर्ज अवद चौराहे के पास एक संयुक्त अभियान में इज़राइली सैनिकों और वाहनों को निशाना बनाया।

घोषणा के अनुसार, हमास के युद्धकर्मियों ने इज़राइली सैनिकों को उनकी उपस्थिति की जगह पर निशाना बनाया और दो सैनिकों को मार गिराया।

अलक़स्साम ने बताया कि सैनिकों पर हमले के बाद, एक इज़राइली टैंक उनकी मदद के लिए आया, जिसे प्रतिरोधी बलों ने यासीन 105 रॉकेट से निशाना बनाया जिससे टैंक में आग लग गई।

इसके बाद जलते हुए टैंक को हटाने के लिए एक इज़राइली बुलडोजर भेजा गया जिसे भी अलक़स्साम के युद्धकर्मियों ने यासीन 105 रॉकेट से नष्ट कर दिया।

बयान के अनुसार, आखिरकार इज़राइली सैनिक मृतकों को निकालने के लिए एक हेलिकॉप्टर लेकर आए जो मौके पर उतर आया।

 

 

 

 

लखनऊ की मशहूर शाही आसिफी मस्जिद में जुममा की नमाज़ हज़्जतुल इस्लाम वल मुसलमीन मौलाना सैयद रज़ा हैदर ज़ैदी साहब क़िब्ला की इमामत में अदा की गई।

एक रिपोर्ट के अनुसार ,मौलाना सैयद रज़ा हैदर ज़ैदी के जुमा के खुत्बे का सारांश,तक़वा,भाईचारा और सैयदा फातिमा ज़हेरा स.ल. की सीरत का संदेश

मौलाना सैयद रज़ा हैदर ज़ैदी ने जुमा के खुत्बे में नमाज़ियों को तक़वा-ए-इलाही की नसीहत करते हुए कहा,तक़वा हमेशा हमारे सामने रहना चाहिए क्योंकि तक़वा के जरिए ही अमल कबूल होते हैं।

मौलाना ज़ैदी ने अमीरुल मोमिनीन इमाम अली अ.स.के खुत्बा-ए-ग़दीर के मशहूर जुमले अपने भाई के साथ नेकी करो की व्याख्या करते हुए कहा कि रिवायतों की रौशनी में भाई तीन प्रकार के होते हैं:

  1. सगा भाई
  2. दिनी भाई (धार्मिक भाई)
  3. खुद दीन, जो भाई की तरह है

उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि हमें इन तीनों के साथ नेकी और अच्छे सुलूक पर ध्यान देना चाहिए

मौलाना ने "बिर" (नेकी) शब्द की व्याख्या करते हुए कहा कि अगर यह अल्लाह के लिए इस्तेमाल हो तो इसका मतलब रहमत (दया) होता है, और अगर यह बंदों के लिए इस्तेमाल हो तो इसका मतलब इताअत है।

मौलाना ज़ैदी ने रसूल अल्लाह स.ल.की हदीस का हवाला देते हुए कहा,अगर हम अपने भाई या दोस्त से मोहब्बत करते हैं तो हमें यह ज़ाहिर भी करना चाहिए कि हम उनसे मोहब्बत करते हैं।

उन्होंने एक हदीस का ज़िक्र किया कि भाई का नुकसान इंसानी शरीर में कमी के बराबर है।

इमाम हुसैन (अ.) की वह मशहूर बात जो उन्होंने हज़रत अब्बास (अ.) की शहादत पर कही थी

मेरी कमर टूट गई,का हवाला देते हुए मौलाना ने भाई की अहमियत पर रौशनी डाली।

मौलाना ने आखिर में कहा,जैसे-जैसे वक्त गुज़रता जाएगा अज़ा-ए-फातिमा स.ल. का दायरा बढ़ता जाएगा। लेकिन यह याद रखना चाहिए कि सैयदा फातिमा ज़हरा स.ल. की सीरत को फैलाना और इसे पूरी दुनिया तक पहुंचाना हम सबकी जिम्मेदारी है।

यह खुत्बा इंसानियत को तक़वा, भाईचारे और अहल-ए-बैत (अ.) की मुबारक ज़िंदगी से सबक लेने की दावत देता है।