
رضوی
आज़रबाइजान के एक धर्मगुरू रूस में गिरफ़्तार
रूसी सरकार ने आज़रबाइजान गणराज्य के राष्ट्रपति इल्हाम अलीओफ़ के साथ सहयोग करते हुए ज़ायोनिज़्म विरोधी होने के आरोप में एक धर्मगुरू को गिरफ़्तार कर लिया है।
प्रकाशित ख़बरों के अनुसार आज़रबाइजान गणराज्य में ज़ायोनिज़्म विरोधी एक धर्मगुरू हाज ज़ुलफ़ेक़ार मीकाइलज़ादे को रूस में गिफ़्तार कर लिया गया।
अपनी गतिविधियों के कारण वर्षों से यह धर्मगुरू इल्हाम अलीओफ़ को वांटेड था और इस समय वह रूस में है। यह धर्मगुरू मा᳴स्को से रूस के एक नगर में भाषण देने के लिए गया था जहां उसे गिरफ़्तार कर लिया गया।
इस धर्मगुरू के निकट सूत्रों ने बताया है कि फ़र्ज़ी ओरोपों के आधार पर इस धर्मगुरू को गिरफ़्तार किया गया।
इससे पहले हाज ज़ुलफ़ेक़ार को दो बार आज़रबाइजान गणराज्य में गिरफ़्तार किया गया था। इसी प्रकार के निराधार और फ़र्ज़ी आरोपों के आधार पर उन्होंने लगभग 10 वर्षों तक बाकू के जेलों में बिताये हैं।
आशा है कि उन्हें आज़रबाइजान गणराज्य के हवाले किये जाने के बारे में रूसी अदालत निर्णय करेगी। अगर रूसी अदालत ने इस धर्मगुरू को आज़रबाइजान गणराज्य के हवाले करने का फ़ैसला किया तो इस संघर्षकर्ता धर्मगुरू को इल्हाम अलीओफ़ से संबंधित निकट अधिकारियों के हवाले किया जायेगा।
मीकाइलज़ादे को ऐसी स्थिति में गिरफ़्तार किया गया है जब अंतरराष्ट्रीय रिपोर्टों के अनुसार इस समय सात हज़ार से अधिक अहले बैत अलैहिमुस्सलाम के चाहने वाले और ज़ायोनी विरोधी धर्मगुरू आज़रबाइजान की जेलों में बंद हैं। जानकार हल्के और विशेषज्ञ इन गिरफ़्तारियों को धार्मिक और राजनीतिक विरोधियों के दमन पर आधारित इल्हाम अलीओफ़ की नीति का भाग मानते हैं।
विभिन्न सामाजिक और धार्मिक क्षेत्रों में इस गिरफ़्तारी पर प्रतिक्रिया जताई गयी है और अपेक्षा यह की जा रही है कि अगले दिनों में भी इस पर प्रतिक्रिया जारी रहेगी।
हिमाचल में संजौली मस्जिद के बाद नूरपुर मस्जिद को गिराने की मिली धमकी
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला की संजौली मस्जिद के बाद अब एक बार फिर हिन्दुत्वादी उपद्रवी संगठनों ने एक मस्जिद को निशाना बनाकर हंगामा शुरू कर दिया है।
एक रिपोर्ट के अनुसार,हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला की संजौली मस्जिद के बाद अब एक बार फिर हिन्दुत्वादी उपद्रवी संगठनों ने एक मस्जिद को निशाना बनाकर हंगामा शुरू कर दिया है।
हिमाचल प्रदेश में इन दिनों हिंदू संगठनों ने मस्जिदों के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है राज्य के संजौली मस्जिद, पालमपुर मस्जिद के बाद नूरपुर सिविल अस्पताल के सामने बनी मस्जिद को लेकर हिंदू संगठनों ने जमकर बवाल किया है।
इन संगठनों का दावा है कि सिविल अस्पताल नूरपुर के सामने बनी मस्जिद में अवैध निर्माण चल रहा है।
इस मस्जिद को अवैध बताते हुए हिंदू संगठनों ने तहसीलदार नूरपुर को ज्ञापन सौंपा है और मस्जिद निर्माण कार्यों को गिराने की मांग की है।
इसके साथ ही कई हिंदू संगठनों ने कहा कि अगर प्रशासन जल्द इस पर कार्रवाई नहीं करता है तो हिंदू समाज खुद कार्रवाई करने को मजबूर होगा जिसके परिणाम गंभीर होंगे।
हिमाचल प्रदेश, 100 साल पुरानी मस्जिद हिंदुत्ववादी संगठनों के निशाने पर
हिमाचल प्रदेश में एक के बाद एक लगातार किए मस्जिदे हिंदुत्ववादी संगठनों के निशाने पर हैं। शिमला की संजौली मस्जिद के बाद अब मंडी में हिंदू संगठन मस्जिद को लेकर प्रोटेस्ट करने वाले हैं।
13 सितंबर को नगर निगम आयुक्त मंडी ने आदेश दिया था कि मस्जिद के तथाकथित अवैध हिस्से को 1 महीने के अंदर तोड़ दिया जाए जिसके बाद मुस्लिम पक्ष प्रधान सचिव के पास गया और इस मामले में स्टे ले लिया। तब से मस्जिद तोड़ने का काम रुका हुआ है।
प्रधान सचिव कोर्ट में सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष का कहना था कि मस्जिद का अवैध निर्माण नहीं हुआ है और 2013 में बारिश के दौरान मस्जिद का अहम हिस्सा गिर गया था। जिसे 2023 अगस्त में बनवाया गया था।
इस सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष ने इल्जाम लगाया कि आयुक्त कोर्ट ने उनका पक्ष नहीं सुना और फैसला सुना दिया. मुस्लिम पक्ष ने दलील दी कि 1936 से मस्जिद 478 नंबर खसरा में मौजूद थी। 1962 में राजस्व रिकॉर्ड में बदलाव के बाद मस्जिद खसरा नंबर 1280, 2216 व 2117 में 300.53 स्कवेयर मीटर और खसरा नंबर 2218 से 2221 तक 85.6 वर्ग मीटर पर है। जो कुल 386.19 मीटर बनता है।
सरकार को जल्द से जल्द लोगों की आर्थिक समस्याओं का समाधान करना चाहिए
हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा नूरी हमदानी ने कहा: सरकार को मौजूदा समस्याओं, विशेषकर लोगों की आर्थिक समस्याओं को हल करने के लिए जल्द से जल्द बिल और कार्यक्रम तैयार करना चाहिए।
हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा नूरी हमदानी ने शहराम दबीरी के साथ एक बैठक में, अय्यामे फ़ातमिया के लिए अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए, मौजूदा समस्याओं को हल करने में अधिकारियों के बीच समन्वय और सहानुभूति की आवश्यकता पर जोर दिया। और कहा: "आपको, संसद और सरकार के बीच संबंध के रूप में, अपने सभी प्रयासों का उपयोग करना चाहिए ताकि सरकार और संसद के बीच एकता और सहानुभूति की छाया में, योजनाओं और विधेयकों को देश और जनता के लाभ के लिए लागू और कार्यान्वित किया जा सके।
मरजा ए तकलीद ने आगे कहा कि लोगों आर्थिक समस्याओं और महंगाई को हल करना आवश्यक है: सरकार को मौजूदा समस्याओं, विशेष रूप से लोगों की आर्थिक समस्याओं को हल करने के लिए बिलों और कार्यक्रमों को जल्द से जल्द तैयार और समायोजित करना चाहिए। सबसे महत्वपूर्ण चीजें लोगों की समस्याओं को हल करना और लोगों की देखभाल करना है, इसलिए अपने सभी प्रयास इसी तरह से करें।
लोगों को शीघ्र सेवाएँ प्रदान करने की आवश्यकता पर बल देते हुए, मरजा ए तकलीद ने कहा: इसमें कोई संदेह नहीं है कि आप संसद की स्वीकृतियों को शीघ्रता से सरकार तक पहुँचाते हैं, लोगों की सेवा करने और लोगों के कल्याण के लिए कदम उठाने में गति और निर्माण कार्यों का कार्यान्वयन बहुत महत्वपूर्ण और मूल्यवान है।
ज़ायोनी आक्रमणकारी शासन के अपराधों का उल्लेख करते हुए, हज़रत आयतुल्लाह नूरी हमदानी ने कहा : हर दिन समाचार एजेंसियां बड़ी संख्या में उत्पीड़ित मुसलमानों की शहादत की घोषणा करती हैं, और इस्लाम की शिक्षाओं और कुरान के अनुसार, यदि दुनिया मे कही भी किसी मुसलमान का अन्यायपूर्वक खून बहाया जाता है; तो इसके लिए सभी मुसलमान ज़िम्मेदार हैं और उन्हें इस अत्याचार के ख़िलाफ़ खड़ा होना होगा।
वेस्ट बैंक में इज़रायली हमले में कई फ़िलिस्तीनीयों की मौत
फ़िलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि उत्तरी वेस्ट बैंक के नब्लस शहर में इज़रायली सेना की गोलीबारी में कई लोगो की मौत हो गई
एक रिपोर्ट के अनुसार,फ़िलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि उत्तरी वेस्ट बैंक के नब्लस शहर में इज़रायली सेना की गोलीबारी में कई लोगो की मौत हो गई।
मंत्रालय ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि 18 वर्षीय नूर अराफात की नब्लस के अल-मसाकेन अल-शाबिया पड़ोस में गोली लगने के बाद उसकी छाती, पेट और कंधे पर गोली लगने से मौत हो गई।
स्थानीय सूत्रों और प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि इजरायली सैन्य बलों द्वारा पूर्वी नब्लस में पड़ोस पर छापा मारने के बाद झड़पें हुईं, इस दौरान सैनिकों ने गोला बारूद से गोलीबारी की।
सूत्रों ने बताया कि झड़प में गंभीर रूप से घायल अराफात को बाद में अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।
फ़िलिस्तीनी शिक्षा और उच्च शिक्षा मंत्रालय ने सोमवार को एक बयान जारी कर अराफ़ात पर शोक व्यक्त किया, जो हाई स्कूल का छात्र था।
फ़िलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, 7 अक्टूबर, 2023 से वेस्ट बैंक में इज़रायली गोलीबारी और बमबारी में 770 से अधिक फ़िलिस्तीनी मारे गए हैं।
लेबनान का संयुक्त राष्ट्र में इजराइल के खिलाफ शिकायत का ऐलान
लेबनान ने घोषणा की है कि वह अपने सशस्त्र बलों पर इज़राइल के लगातार हमलों के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में शिकायत दर्ज करेगा।
हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, लेबनान ने घोषणा की है कि वह अपने सशस्त्र बलों पर इज़राइल के लगातार हमलों के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में शिकायत दर्ज करेगा।
लेबनानी विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र में उसके राजदूत को इजराइल के हमलों की निंदा करने और उनके खिलाफ शिकायत दर्ज करने का निर्देश दिया गया है।
बयान के मुताबिक, हाल ही में दक्षिण लेबनान की हस्बिया बस्ती में हुए इजरायली हमले में दो लेबनानी सैनिक शहीद हो गए और तीन घायल हो गए. इस तरह 8 अक्टूबर 2023 से अब तक इजरायली हमलों में शहीद हुए लेबनानी सैनिकों की संख्या 36 हो गई है।
विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि ये इजरायली हमले सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 1701 को लागू करने के वैश्विक प्रयासों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। प्रस्ताव में लेबनान और इज़राइल के बीच पूर्ण युद्धविराम और ब्लू लाइन लेबनान और कब्जे वाले क्षेत्रों के बीच सीमांकन और दक्षिणी लेबनान में लितानी नदी के बीच एक असैन्यीकृत क्षेत्र की स्थापना का आह्वान किया गया है।
प्रस्ताव के तहत, क्षेत्र में लेबनानी सेना और संयुक्त राष्ट्र संक्रमणकालीन बल यूएनआईएफआईएल की उपस्थिति की अनुमति है।
लेबनानी विदेश मंत्रालय ने सेना की सुरक्षा सुनिश्चित करने और अपनी पूरी ज़िम्मेदारियाँ निभाने के लिए अपने समर्थन को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि यह सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा को मजबूत करने के लिए अपरिहार्य है।
लेबनानी स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, अक्टूबर से अब तक इज़रायली हमलों में 3,500 से अधिक लोग मारे गए हैं, लगभग 15,000 घायल हुए हैं और दस लाख से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं।
ब्रिटेन में इस्लामो फोबिया की लहर में तेज़ी
ब्रिटेन में नस्लीय समानता पर अग्रणी थिंक टैंक के प्रमुख ने कहा कि तेज़ी से बढ़ता इस्लामोफोबिया ब्रिटेन में बड़े पैमाने पर विभाजन का कारण बन रहा है।
ब्रिटेन में नस्लीय समानता पर अग्रणी थिंक टैंक की प्रमुख शबाना बेगम ने कहा कि ब्रिटेन में इस्लामोफोबिया का मूल समाधान प्रदान करने में विफलता अधिक नस्लवादी दंगों का कारण है। उन्होंने आगे कहा कि लेबर और कंजर्वेटिव दोनों पार्टियां ब्रिटिश मुसलमानों के लिए शत्रुतापूर्ण माहौल बनाने की दोषी हैं।
गौरतलब है कि, धार्मिक घृणा के कारण होने वाले लगभग हर पांच अपराधों में से दो मामले मुसलमानों के खिलाफ होते हैं, जो अन्य धार्मिक समुदायों के मुक़ाबले सबसे अधिक है।
ब्रिटेन के विदेशमंत्री का बयान लज्जाजनक
ईरान के विदेशमंत्रालय के प्रवक्ता ने ग़ज़ा में नस्ली सफ़ाये के इंकार पर आधारित ब्रिटेन के विदेशमंत्री के बयान को अत्यंत शोचनीय व अमानवीय बताया।
इस्लामी गणतंत्र ईरान के विदेशमंत्रालय के प्रवक्ता इस्माईल बक़ाई ने बल देकर कहा कि ग़ज़ा पट्टी में नस्ली सफ़ाये के इंकार पर आधारित ब्रिटेन के विदेशमंत्री का बयान भी नस्ली सफ़ाया करने वाले इस्राईल के लिए हथियार भेजने वाले ब्रिटेन की नीति के परिप्रेक्ष्य में है और ब्रिटेन को अपराधों के भागीदार में परिवर्तित कर दिया है।
ब्रिटेन के विदेशमंत्री का बयान व दृष्टिकोण एक प्रकार से नस्ली सफ़ाये के प्रति सहमति का सूचक है, यह बात बहुत ही अमानवीय है और साम्राज्यवादी मानसिकता की याद दिलाता है कि इस बार वे यूरोप में फ़िलिस्तीनियों और इस्लामोफ़ोबिया के ख़िलाफ़ सुव्यवस्थित ढंग से ज़ाहिर हुए हैं।
इस्माईल बक़ाई ने इसी प्रकार रविवार को इसी संबंध में एक्स पर लिखा कि आज फ़िलिस्तीन में जांच कमेटी का यह नतीजा निकालना कि वहां पर नस्ली सफ़ाया हो रहा है वही चीज़ है जो इससे पहले राष्ट्रसंघ के विशेष रिपोर्टर और अंतरराष्ट्रीय अदालत की ओर से बारमबार दोहराई जा चुकी है या उसके संबंध में चेतावनी दी गयी थी परंतु जो चीज़ लज्जाजनक है वह ब्रिटेन द्वारा खुल्लम- खुल्ला नस्ली सफ़ाये का इंकार किया जाना है।
उन्होंने मार्च 2024 को फ़िलिस्तीन के बारे में राष्ट्रसंघ की उस विशेष रिपोर्ट की ओर संकेत किया जिसमें कहा गया है कि इस्राईल की ओर से फ़िलिस्तीनियों का नस्ली सफ़ाया साम्राज्यवादी योजना के परिप्रेक्ष्य में जारी है। विदेशमंत्रालय के प्रवक्ता ने कह कि जिस हालत में विश्व पहले साम्राज्यवादी नस्ली सफ़ाये का साक्षी है केवल न्याय लागू करने से इस पर विराम लग सकता है।
ब्रिटेन के विदेशमंत्री David lemy ने अभी हाल ही में कहा था कि ज़ायोनी सरकार ग़ज़्ज़ा पट्टी में नस्ली सफ़ाया नहीं कर रही है क्योंकि जो लोग इस सरकार के हमलों में शहीद हुए हैं उनकी संख्या लाखों में नहीं पहुंचती है!
लेमी ने ब्रिटेन की संसद में कहा था कि नस्ली सफ़ाया जैसे शब्दों का प्रयोग आम तौर पर वहां पर प्रयोग किया जाता है जहां दसियों लाख लोग अपनी जान से हाथ धो बैठते हैं जैसे रोवांडा संकट और द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान मारे जाने वाले इंसान और इस समय जो तरीका अपनाया जा रहा है वह उसके गम्भीर होने को कम करता है।
औरतों के बारे में पश्चिमी मीडिया का नज़रीया
मीडिया शोधकर्ता और व्याख्याता ने कहा, पश्चिमी सभ्यता में मीडिया का काम केवल अपने योजनाबद्ध लक्ष्यों को अपने तरीके से प्रस्तुत करना है।
एक रिपोर्ट के अनुसार,हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के संवाददाता के साथ इंटरव्यू में मीडिया शोधकर्ता और व्याख्याता डॉक्टर मासूमा नसिरी ने इस्लाम में महिलाओं के ऊँचे दर्जे और पश्चिमी मीडिया में उनके किरदार के बीच के अंतर पर चर्चा की।
उन्होंने मीडिया की वर्तमान स्थिति पर बात करते हुए कहा:पश्चिमी सभ्यता में मीडिया का काम केवल उनके अपने योजनाबद्ध लक्ष्यों को अपने तरीके से प्रस्तुत करना है जो सिर्फ इंसान की इच्छाओं और सुख को प्राथमिकता देता है।
डॉक्टर नसिरी ने आगे कहा:पश्चिमी मीडिया का मुख्य उद्देश्य भौतिकवाद स्वार्थ और आत्मकेंद्रितता को बढ़ावा देना है यह मैं उपभोग करता हूँ इसलिए मैं हूँ' जैसी सोच को मजबूत करता है।
उन्होंने कहा:आज की दुनिया में मीडिया युद्ध की रणनीतियों को समझना और इसके माध्यम से जनता को जागरूक करना बेहद ज़रूरी है। यह मीडिया साक्षरता आंदोलन के मुख्य लाभों में से एक है जो लोगों को सही और गलत खबरों में फर्क करने और मनोवैज्ञानिक रणनीतियों को समझने में सक्षम बनाता है।
डॉक्टर नसिरी ने पश्चिमी मीडिया और महिलाओं की भूमिका पर चर्चा करते हुए कहा,पश्चिमी मीडिया अक्सर महिलाओं का उपयोग उपभोक्तावाद को बढ़ावा देने और आर्थिक उद्देश्यों को हासिल करने के लिए करता है। ऐसे में महिलाओं को अपनी जानकारी का समझदारी से उपयोग करते हुए शिक्षा और प्रभाव के माध्यम से अपने किरदार को सकारात्मक रूप से बदलना चाहिए।
इस्लामी दृष्टिकोण में महिलाओं के स्थान को समझाते हुए उन्होंने कहा,इस्लाम में महिलाओं को ऊँचा दर्जा प्राप्त है उन्हें सामाजिक और पारिवारिक व्यवस्था में मार्गदर्शन और प्रशिक्षण की महत्वपूर्ण जिम्मेदारियाँ सौंपी गई हैं धार्मिक शिक्षाएँ महिलाओं को उन कृत्रिम भावनाओं, अनियंत्रित इच्छाओं और अवास्तविक अपेक्षाओं से बचने की शिक्षा देती हैं जो उन्हें गुमराह कर सकती हैं।
डॉक्टर नसिरी ने कहा:अगर महिलाएँ मीडिया के गलत प्रभावों को पहचानकर आत्मनिर्भरता के साथ समाज में सकारात्मक भूमिका निभाएँ तो एक संतुलित स्थायी, और नैतिक समाज का निर्माण किया जा सकता है। इस्लामी दृष्टिकोण इस बात पर बल देता है कि महिलाएँ जागरूकता और दूरदर्शिता के साथ सामाजिक व्यवस्था का नेतृत्व करें।
उन्होंने यह भी कहा:इस्लामी दृष्टिकोण के अनुसार महिलाओं की भूमिका केवल उनकी अपनी सीमाओं तक सीमित नहीं है बल्कि पूरे समाज के निर्माण में उनकी केंद्रीय भूमिका होती है।
इस्राईल के बर्बर हमले, हिज़्बुल्लाह के 4 मीडियाधिकारी शहीद
हिज़्बुल्लाह ने अवैध राष्ट्र इस्राईल के बर्बर हमलों में अपने मीडिया प्रमुख शहीद अफीफ समेत चार लोगों की शहादत की पुष्टि कर दी है।
हिज़्बुल्लाह के मीडिया और आम जनसंपर्क कार्यालय के बयान में कहा गया है कि ज़ायोनी सेना के लक्षित हमलों में हमारे मीडिया प्रमुख शहीद अफीफ नाबुलसी अपने तीन अन्य साथियों के साथ शहीद हो गए हैं।
हम ऐलान करते हैं कि इन शहीदों का पाको पाकीज़ा खून जिहाद और प्रतिरोध की राह में चिराग बनकर उजाला करेगा और प्रतिरोधी मीडिया अपने मक़सद में पहले से ज़्यादा मज़बूती और निडरता से अपना काम जारी रखेगा औरज़ायोनि शस्सन के अत्याचारों तथा झूट की पोल खोलता रहेगा।