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लखनऊ में हसन नसरुल्लाह के चालीसवें के मौके पर मजलिस का आयोजन
लखनऊ के हुसैनाबाद में सैयद हसन नसरुल्लाह के चालीसवें की मजलिस ए अज़ा का आयोजन किया गया जिसमें हैदरी टास्क फोर्स द्वारा किया गया जिसमें विभिन्न विचारधाराओं से जुड़े हुए उलेमा शायर ज़ाकिरीन और मोमनिन बड़ी संख्या में उपस्थित हुए।
भारत, बांग्लादेश, म्यांमार को तोड़ कर ईसाई देश बनाना चाहता है अमेरिका ?
बांग्लादेश में तख्तापलट और मणिपुर के संघर्ष के बीच अब मिजोरम के मुख्यमंत्री के बयान के बाद अमेरिका की कुख्यात ख़ुफ़िया एजेंसी सीआईए को लेकर एक बार चर्चा का बाजार गर्म है। क्या अमेरिका की खुफिया एजेंसियां भारत, बांग्लादेश और म्यांमार के कुछ हिस्सों को अलग करके एक अलग ईसाई देश बनाने की योजना पर काम कर रही है
इस संबंध में मिजोरम के मुख्यमंत्री के बयान ने दुनिया भर में फिर से हलचल मचा दी है। मिजोरम के सीएम के भाषण के बाद अलगाववादी एजेंडे को लेकर चिताएं बढ़ गई हैं। अमेरिका में दिए अपने भाषण में मुख्यमंत्री ने भारत के साथ-साथ बांग्लादेश और म्यांमार का भी जिक्र किया। उन्होंने चिन-कुकी-जो की एकजुटता और एक देश का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि चिन-कुकी-जो समुदाय को लेकर कहा कि हम सब एक है. हमे बंटने का जोखिम नहीं ले सकते। हमे तीन देशों में अन्यायपूर्ण बांटा गया है।
इस संबंध में बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने भी दावा किया था कि एक अमेरिकी अधिकारी ने भारत, बांग्लादेश और म्यांमार के कुछ क्षेत्रों को मिलाकर एक नया ईसाई देश बनाने की योजना के बारे में बात की थी।
दुनिया की सबसे बड़ी एयरलाइन्स ने तल अवीव के लिए अपनी सेवाएं बंद की
दुनिया की सबसे बड़ी एयर लाइन्स ने तल अवीव के लिए अपनी सेवाओं को अगले वर्ष की गर्मियों तक लिए बंद कर दिया है। ज़ायोनी समाचार पत्र "इज़राइल ह्यूम" ने लिखा कि अमेरिकन एयरलाइंस ने इलेक्ट्रॉनिक डेटाबेस से अवैध राष्ट्र के तल अवीव के लिए अपनी सभी सेवाओं को अगले साल गर्मियों तक के लिए बंद कर दिया है।
अमेरिकन एयरलाइंस एक अमेरिकी एयरलाइन है जो 970 से अधिक विमानों के साथ दुनिया की सबसे बड़ी एयरलाइन के रूप में जानी जाती है।
इससे पहले, ब्रिटिश एयरवेज ने भी घोषणा की थी कि उसने तल अवीव के लिए अपनी उड़ानें अगले साल मार्च के अंत तक अगले पांच महीनों के लिए निलंबित कर दी हैं।
इसी क्रम में ज़ायोनी रेडियो और टेलीविजन विभाग ने खबर देते हुए कहा कि तल अवीव के लिए विदेशी कंपनियों की उड़ानें निलंबित होने के कारण बेन गुरियन हवाई अड्डे की मुख्य इमारत अगले पांच महीने के लिए बंद रहेगी।
इस्राईल का क्या होगा, ईरान की नेशनल सिक्योरिटी कौंसिल ने हमले की मंज़ूरी दी
अवैध राष्ट्र इस्राईल में इस समय ईरान की जवाबी कार्रवाई को लेकर भय का माहौल है। ईरान ज़ायोनी हमले का जवाब ज़रूर देगा इस बात पर सुप्रीम लीडर के बयान से भी मोहर लग गयी है। अब ईरान के एक सांसद ने कहा है कि ईरान की सर्वोच्च राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद जवाबी कार्रवाई को मंज़ूरी दे दी है। अमेरिका और ज़ायोनी अवैध राष्ट्र हालाँकि ईरान को जवाब न देने के लिए चेतावनी दे चुके हैं, लेकिन ईरान के सैन्याधिकारी इस्माइल कौसरी के मुताबिक ईरान की सर्वोच्च राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (SNSC) ने अवैध राष्ट्र के खिलाफ जवाबी हमले को मंजूरी दे दी है।
ईरानी अधिकारी के इस बयान के बाद एक बार फिर तनाव बढ़ गया है, मध्य पूर्व के साथ-साथ पूरी दुनिया में चिंता है कि ईरान के तीसरे हमले के इस्राईल का क्या होगा। कौसरी ने कहा कि यह जवाब 1 अक्टूबर के मिसाइल हमले से कहीं ज्यादा खतरनाक होगा।
आयतुल्लाह ख़ामेनई से मिलने पहुंचा ज़ायोनी हमलों में शहीद सैनिकों के परिवार
ईरान पर इस्राईल के आतंकी हमलों में शहीद होने वाले ईरान के सैनिकों के परिवारजनों ने ईरान की इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर हज़रत इमाम ख़ामेनेई से मुलाक़ात की।
50 से ज़्यादा फिलिस्तनी बच्चे सिर्फ दो दिन में शहीद
फिलिस्तीन में पीछले एक साल से भी अधिक समय से जनसंहार कर रहे अवैध राष्ट्र इस्राईल ने सिर्फ दो दिन में एक बार फिर 50 से अधिक बच्चों को शहीद कर डाला।
संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) के नए कार्यकारी निदेशक ने कहा कि उत्तरी ग़ज़्ज़ा पट्टी पर ज़ायोनी शासन के क्रूर हमलों के नतीजे में हम घातक समय देख रहे हैं।
फ़िलिस्तीन सूचना केंद्र के अनुसार, इस अधिकारी ने कहा कि पिछले दो दिनों में ही जबालिया में 50 से अधिक फ़िलिस्तीनी बच्चे शहीद हो गए हैं। यूनिसेफ ने नागरिकों और मानवीय कार्यकर्ताओं के खिलाफ हमलों को तत्काल रोकने का आह्वान किया।
यूनिसेफ के कार्यकारी निदेशक ने कहा कि हम चाहते हैं कि ज़ायोनी शासन हमारे एक कर्मचारी को निशाना बनाने के संबंध में भी तत्काल जांच करे।
हजरत अब्बास अ.स. के हरम की ओर से राहत कार्य जारी
हज़रत अब्बास अ.स. के हरम की ओर से कब्ज़ा करने वाले यहूदी अत्याचार के कारण सीरिया में शरण लेने वाले लेबनानी परिवारों की मदद के लिए 19 कंटेनरों पर आधारित पांचवीं राहत खेप सीरिया भेजी गई है।
एक रिपोर्ट के अनुसार , हज़रत अब्बास अ.स. के हरम की ओर से ज़ायोनी आक्रामकता के परिणामस्वरूप सीरिया में शरण लेने वाले लेबनानी परिवारों की मदद के लिए 19 कंटेनरों पर आधारित पांचवीं राहत खेप सीरिया भेजी गई है।
हजरत अब्बास अ.स. की राहत समिति के प्रमुख, सैयद अशिकर ने बताया कि समिति ने सीरिया में शरण लेने वाले बेघर लेबनानी परिवारों की मदद के लिए एक राहत खेप भेजी है जिसमें 19 कंटेनरों में करीब 8000 राशन पैक, 16000 कंबल, मांस और विभिन्न खाद्य सामग्री शामिल हैं।
हजरत अब्बास अ.स. के हरम की ओर से राहत कार्य जारी,19 और कंटेनर सीरिया रवाना
उन्होंने यह भी बताया कि यह सामान सीरिया में हजरत अब्बास अ.स. के सेवक विभिन्न क्षेत्रों में जरूरतमंदों और प्रभावित लेबनानी परिवारों में वितरित करेंगे।
सैयद अशिकर ने बताया कि लेबनानी जनता की कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए उनकी मानवीय आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए, उच्च धार्मिक नेतृत्व और नजफ अशरफ में निवास करने वाले मरजा-ए-तक़लीद की अपील और हरम के प्रमुख अल्लामा सैयद अहमद साफ़ी के निर्देश पर राहत का बड़ा हिस्सा हजरत अब्बास अ.स. की ओर से प्रदान किया गया है जिसमें जनता और हुसैनी मौकिब की ओर से दिए गए दान भी शामिल हैं।
हजरत अब्बास अ.स. के हरम की ओर से राहत कार्य जारी,19 और कंटेनर सीरिया रवाना
यह भी उल्लेखनीय है कि हजरत अब्बास अ.स.ने ज़ायोनी सरकार के आक्रामकता से प्रभावित लेबनानी जनता की मदद के लिए एक व्यापक अभियान शुरू किया है, जिसमें इराक आने वाले प्रभावित और बेघर परिवारों (इराक के मेहमानों) के लिए आवास की सुविधा भी शामिल है।
इसके अलावा लेबनान पर ज़ायोनी आक्रामकता के बाद से अब तक हजरत अब्बास अ.स. ने हजारों टन राहत सामग्री के चार काफिले सीरिया भेजे हैं और सीरिया में एक स्थायी मेडिकल कैंप और एक स्थायी अस्पताल भी स्थापित किया है।
हजरत अब्बास अ.स. के हरम की ओर से राहत कार्य जारी,19 और कंटेनर सीरिया रवाना
याद रहे कि हज़रत अब्बास अ.स. की ओर से विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीमें भी सीरिया भेजी गई हैं, और दवाओं और खाद्य पदार्थों से भरे दर्जनों कंटेनर लगातार भेजे जा रहे हैं इसी तरह शिविरों में रहने वाले लेबनानी परिवारों को भोजन प्रदान करने के लिए हजरत अब्बास अ.स.ने एक केंद्रीय रसोई भी स्थापित की है।
यूक्रेन युद्ध पर अमेरिका ने चीन से मदद मांगी
यूक्रेन रूस युद्ध में जमकर आग भड़काने वाले अमेरिका को अब तक अपने किसी भी उद्देश्य में सफलता नहीं मिली अब थक हार कर अमेरिका ने इस मुद्दे पर चीन से मदद मांगी है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका ने चीन से मांगते हुए शी जिनपिंग से पुतिन को समझाने का आग्रह किया है।
नाटो की भरपूर मदद के बाद भी यूक्रेन रूस के आगे बेबस नज़र आ रहा है। संघर्ष अब भी जारी है। अब उत्तर कारिया भी रूस का साथ दे रहा है। इसे देख अमेरिका ने चीन से मदद मांगी है। अमेरिका और दक्षिण कोरिया ने चीन से मॉस्को और प्योंगयांग पर अपने प्रभाव का इस्तेमाल करने का अनुरोध किया है
पाकिस्तान में आतंकी हमले में 198 लोगों की मौत 120 घायल
अक्टूबर से अब तक पाकिस्तान में अलग अलग आतंकी हमलों में कुल 198 लोग मारे गए और 111 अन्य घायल हुए हैं।
एक रिपोर्ट के अनुसार , पाकिस्तान इंस्टीट्यूट फॉर कॉन्फ्लिक्ट एंड सिक्योरिटी स्टडीज (PICSS) ने शनिवार को बताया कि अक्टूबर में पाकिस्तान में अलग-अलग आतंकी हमलों में कुल 198 लोग मारे गए और 120 अन्य घायल हुए।
PICSS द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, आतंकी हमलों की कुल संख्या में मामूली कमी के बावजूद यह महीना साल का दूसरा सबसे घातक महीना रहा जबकि अगस्त में 254 लोग मारे गए और 150 अन्य घायल हुए।
मारे गए लोगों में 89 आतंकी, 62 सुरक्षाकर्मी और 38 नागरिक शामिल हैं जबकि हमलों में 56 नागरिक, 44 सुरक्षाकर्मी और 11 आतंकी घायल हुए।
थिंक टैंक ने बताया कि पिछले महीने आतंकियों और सुरक्षा बलों की सबसे अधिक मौतें भी दर्ज की गईं जिसमें लड़ाकों की हिस्सेदारी कुल मौतों में 81 प्रतिशत थी।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि 87 प्रतिशत हमले देश के उत्तर पश्चिमी खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में केंद्रित थे इसके बाद दक्षिण-पश्चिमी बलूचिस्तान प्रांत में 24 घटनाएं हुईं जबकि शेष हमले दक्षिण एशियाई देश के अन्य क्षेत्रों में हुए।
पाकिस्तान ने 2024 के पहले 10 महीनों के दौरान कुल 785 आतंकवादी हमलों का सामना किया है, जिसके परिणामस्वरूप 951 मौतें और 966 घायल हुए हैं, जो देश भर में हिंसा के लगातार उच्च स्तर को दर्शाता है
"ईरान ताइशी" नामक किताब प्रकाशित ईरानी विदेशमंत्री का संदेश
विदेशमंत्री चार वर्षों तक जापान में ईरान के राजदूत रह चुके हैं और जापान में अपनी यादों के संबंध में उन्होंने एक किताब लिखी है जिसका जापानी भाषा में अनुवाद हुआ है और विदेशमंत्री ने इस किताब के पढ़ने वाले जापानियों का स्वागत व सराहना की है।
अब्बास इराक़ची ने "ईरान ताइशी" अर्थात "ईरानी राजदूत" नामक किताब पढ़ने वालों के लिए जापानी भाषा में लिखा" जापानी भाषा में इस किताब के पढ़ने वालों का मैं आभारी हूं कि मैं चार वर्षों तक जापान में ईरान का राजदूत था।
इर्ना के हवाले से रिपोर्ट दी है कि ईरान के विदेशमंत्री ने बल देकर कहा है कि गर्व की बात है कि आपने इस किताब को अध्ययन के लिए चुना है।
विदेशमंत्री ने "ताकाहीरो ईनामी" की भी प्रशंसा की है कि उन्होंने इस किताब का बहुत अच्छे से अनुवाद किया है।
टोक्यो में ईरानी दूतावास ने " ईरान ताइशी" नामक किताब के प्रकाशित होने को ईरान-जापान राष्ट्रों के मध्य दोस्ती का प्रतीक बताया है।
विदेशमंत्री अब्बास इराक़ची की जापान में मौजूदगी के दौरान इस किताब में इस देश की राजनीति, संस्कृति और समाज को परिचित कराने का प्रयास किया गया है ताकि इस किताब के पढ़ने वाले नये आयाम से जापान को देख सकें।
ईरान के विदेशमंत्री सैयद अब्बास इराक़ची वर्ष 2008 से 2011 तक जापान में ईरान के राजदूत थे और जापान में अपनी यादों के संबंध में उन्होंने एक किताब लिखी थी जिसे वर्ष 2022 में प्रकाशित किया गया।
ज्ञात रहे कि ताइशी का अर्थ जापानी भाषा में राजदूत है।